निवेश क्या है | निवेश क्या होता है

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निवेश क्या है | निवेश क्या होता है

By Javed / 5 May, 2023:

निवेश क्या है: निवेश कहते हैं अपने धन को किसी ऐसी जगह निवेश करना जहां वक्त के साथ उसकी कीमत बढ़ती रहे, निवेश का मक़सद है, आप अपने धन को अपने लिए और धन कमाने के लिए निवेश करते हैं, समय के साथ आप का धन बढ़ता रहे और वक्त के साथ आप ज्यादा धनवान बन सकें।


निवेश क्या होता है: निवेश कहते हैं, अपने लिए कोई भी संपत्ति खरीदना, जिसकी वैल्यू समय के साथ बढ़ती हो। निवेश का उद्देश्य अपने धन से कोई संपत्ति खरीदना और उसे कुछ साल अपने पास रखकर उसे ज्यादा कीमत पर बेचकर लाभ कमाना हो सकता है।


निवेश के विकल्प बहुत सारे होते हैं, एक निवेशक अपनी जरूरत के और गोल के हिसाब से अपने लिए निवेश का विकल्प चुन सकता है जैसे कोई रियल एस्टेट, गोल्ड, शेयर आदि जिसे जिस निवेश की ज्यादा समझ हो वह अपने लिए कोई विकल्प का चुनाव करता है।


हर तरह के निवेश के विकल्प एक दूसरे से बिल्कुल अलग होते है और उनमें अपने जोखिम और रिटर्न होते हैं। एक प्रोफेशनल निवेशक अपनी फील्ड के निवेश की बहुत ज्यादा जानकारी रखता है और अपने कैपिटल को, बहुत अच्छी रिसर्च करने के बाद, अपने रिस्क और रिटर्न दोनों का एक मैनेजमेंट बनाता है, उसके पास अपनी निवेश की रणनीति होती है। वह पूरी प्लानिंग के साथ अपने लिए एक लक्ष्य निर्धारित करके, निवेश में एंट्री और एग्जिट पूरी तय करके, कब खरीदना है, कब बेचना है, कितने में खरीदना है, कितने में बेचना है, यह सब निवेश का हिस्सा है।


निवेश क्या है | निवेश क्या होता है

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निवेश का उद्देश्य क्या होता है:

निवेश का उद्देश्य अपने लिए संपत्ति (एसेट) खरीदना होता है, निवेश के माध्यम से अपने लिए कोई भी संपत्ति खरीदी जाए और उसे कुछ समय के बाद ज्यादा दाम पर बेचना और प्रॉफिट कमाना, एक निवेशक का उद्देश्य होता है। लेकिन हर व्यक्ति का अपना अलग उद्देश्य भी हो सकता है जैसे वह अपनी संपत्ति बढ़ा सकता है, अपने बच्चों और परिवार के भविष्य को फाइनेंशियल सिक्योरिटी देने के उद्देश्य से भी निवेश कर सकता है।


निवेश करने से पहले क्या जरूरी है:

शिक्षा: निवेश करने से पहले, व्यक्ति को उस निवेश के बारे में अच्छी समझ और जानकारी होना चाहिए जहां वह निवेश करना चाहता है। निवेश करने से पहले एक अच्छा निवेशक बनना बहुत ही जरूरी है। निवेश धन से जुड़ा है और निवेश में जोखिम भी होते हैं। अगर आप कोई गलती करते हैं तो आपको रुपए का नुकसान हो सकता है।


आप किसी भी तरह का निवेश करें लेकिन पहले आपको सही शिक्षा की जरूरत होगी। सही शिक्षा हासिल करने के लिए आपको हर चीज के बारे में पूरी सही जानकारी होना चाहिए। जैसे आपको अपने लिए कोई एसेट के बारे में रिसर्च करना, एसेट से जुड़े देश में क्या नियम कानून लागू हैं जिनका पालन किया जाता है, निवेश करने के लिए आपको किन लोगों की सहायता लेनी पड़ेगी, एक अच्छे निवेश के विकल्प को चुनने के लिए या एक अच्छे सेक्टर की पहचान करने के लिए जिसका भविष्य अच्छा हो।


निवेश करने से पहले जिस भी एसेट में निवेश करना है उसकी सही वैल्यू कैसे निकलते हैं, निवेश में क्या जोखिम हैं, निवेश से आपको कितना रिटर्न प्राप्त हो सकता है, एक निवेशक को यह सब जानकारी हासिल करना आना चाहिए। निवेश से जुड़ी छोटी से छोटी चीज के बारे में जानकारी का होना बहुत जरूरी है एक निवेशक के लिए। 


आपको निवेश को सीखने के लिए अच्छी किताबें और अच्छे ब्लॉग के आर्टिकल पढ़ना चाहिए, जो उस फील्ड के एक्सपर्ट द्वारा लिखे गए हों। हर फील्ड में एक्सपर्ट होते हैं जो अपना ज्ञान किताबों के माध्यम से और ब्लॉग के माध्यम से लोगों के साथ शेयर करते हैं। 


किसी भी फील्ड में वही सक्सेस होता है जिसके पास ज्यादा ज्ञान और एक्सपीरियंस है वह उस फील्ड के जोखिम को और गलतियों को बारीकी से समझता है और वह नए व्यक्ति के मुकाबले में कम गलतियां करता है। जब कोई व्यक्ति के पास अच्छी नॉलेज है तो वह अपने लिए बेहतर प्लानिंग कर सकता है। अपने लिए चुने गए विकल्प को अच्छे से रिसर्च करके उसके जोखिम को समझकर अपने लिए एक बेहतरीन स्टारटेजी बनाता है। 


निवेश के सही विकल्प का चुनाव कैसे किया जाता है:

अगर किसी व्यक्ति के पास किसी भी निवेश के विकल्प की जानकारी है, उसे निवेश से जुड़ी हर चीज बहुत अच्छे से समझ आती है तो वह व्यक्ति अपने लिए अच्छी रिसर्च कर सकता है। वह एसेट की सही वैल्यू का अनुमान लगा सकता है, जोखिम को समझ कर उसे कम कर सकता है, सभी कानूनी नियमों का पालन करते हुए, अपने धन की सुरक्षा के लिए, खरीदे जा रहे एसेट की बारीकी से जांच कर सकता है। निवेश में शिक्षा के बाद सही विकल्प का चुनाव करना बहुत आवश्यक है। 


निवेश में अपने धन की सुरक्षा कैसे की जाती है:

निवेश में अपने धन की सुरक्षा : निवेश करना मतलब अपने धन से किसी एसेट को खरीदना होता है चाहे वह रियल एस्टेट हो या गोल्ड, शेयर, म्यूचुअल फंड या कोई और विकल्प हो सकता है, यह सब एसेट हैं जिसमें एक निवेशक अपना धन निवेश करता है। हर निवेश में अपने अलग जोखिम होते हैं, एक गलती से निवेशक को धन का नुकसान हो सकता है इसलिए निवेश करने से पहले निवेश किए जा रहे धन की सुरक्षा बहुत जरूरी है। 

एक समझदार निवेशक अपने धन की सुरक्षा पर बहुत ज़ोर देता है। उसके पास पर्याप्त जानकारी होती है। जब उसे कुछ समझ नहीं आता है तो वह उस फील्ड के एक्सपर्ट से भी सलाह लेता है जिससे उसके धन की सुरक्षा की जा सके।

एक अच्छा निवेशक कभी भी जल्दबाजी नहीं करता है वह अपनी रिसर्च पर बहुत समय देता है। वह किसी की बात सुनकर या किसी अन्य व्यक्ति को देखकर कभी निवेश नहीं करता है। 

एक प्रोफेशनल निवेशक लालच और डर की भावना को अच्छे से कंट्रोल कर सकता है, अपने नॉलेज की वजह से। उसे अपने फ़ैसले लेने में भावनाओं का इतना असर नहीं पड़ता है। वह अपने डिसीजन बहुत होशियारी से अपने अनुभव और डाटा के आधार पर लेता है। 


निवेश करने के लिए क्या विकल्प होते हैं:

निवेश के विकल्प विभिन्न प्रकार के होते हैं, हमारे देश भारत में ज्यादा लोग रियल एस्टेट, गोल्ड, बैंक एफडी, आरडी जैसे विकल्पों में निवेश करते हैं। लेकिन इनके अलावा भी बहुत सारे विकल्प हैं।


निवेश के विकल्प की लिस्ट:

  • रियल एस्टेट
  • गोल्ड
  • बॉन्ड
  • स्टॉक्स
  • एलआईसी स्कीम्स
  • पीपीएफ
  • एनपीएस
  • म्यूचुअल फंड
  • ईटीएफ
  • Reit

निवेशक के लिए यह विकल्प हो सकते हैं निवेश के।

निवेश के विकल्प के बारे में ब्लॉग पर लेख में ज्यादा जानकारी उपलब्ध है हर विकल्प से जुड़ी जरूरी जानकारियां आपको मिलेंगी।


नौकरी के साथ निवेश कैसे किया जाता है:

नौकरी के साथ भी निवेश किया जा सकता है, अपने हर महीने की सैलरी में से बचत करके। छोटी छोटी राशी की बचत करके SIP के माध्यम से PPF खाता, NPS खाता, म्यूचुअल फंड, इंडेक्स फंड जैसे विकल्पों को अपने हिसाब से चुनकर कोई भी आम व्यक्ति निवेश कर सकता है।  

अगर आप बचत नही कर पाते हैं तो आपको बचत के उपाय सीखकर अपने लिए बचत करना चाहिए। अपने लिए एक बेहतर निवेश के विकल्प का चुनाव करना चाहिए और लक्ष्य बनाकर अपने लिए लॉन्ग टर्म इंवेस्टमेंट स्ट्रैटजी के साथ निवेश करना चाहिए। आपका लक्ष्य रिटायरमेंट प्लान या फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल करना हो सकता है। 


निवेश के लिए लक्ष्य को कैसे निर्धारित किया जाए:

अपने किसी भी काम को पूरा करने के लिए गोल सेटिंग बहुत जरूरी है जिसके माध्यम से कोई भी अपने लक्ष्य को पूरा कर सकता है। स्मार्ट गोल सेटिंग के बारे में ब्लॉग पर आर्टिकल है, उसे ज़रूर पढ़ें, आपको गोल सेटिंग कैसे करना है, आपके हर सवाल का जवाब लेख में उपलब्ध है।


निवेश को कैसे प्लान किया जाए:

किसी भी काम को बेहतर प्लानिंग के साथ किया जाए तो वह काम में सफल होने के बहुत ज्यादा चांस होते हैं। निवेश को प्लानिंग करने के लिए आप फाइनेंशियल प्लान लेख को पढ़ सकते हैं जो ब्लॉग में उपलब्ध है। आपको लेख में फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़े हर सवाल का जवाब मिल जायेगा।


निवेश के लिए माइंडसेट कैसा होना चाहिए:

माइंडसेट ही हर व्यक्ति की सफलता का सबसे बड़ा कारण होता है। जब तक आपका माइंडसेट अमीरों और प्रोफेशनल निवेशक जैसा नहीं होगा आप कैसे खुदको सफल बना सकते हैं। आपको मनी माइंडसेट और साइकोलॉजी ऑफ मनी लेख को भी इस ब्लॉग में पढ़ना चाहिए। ब्लू शब्द पर क्लिक करकर आप लेख पर जा सकते हैं।


निवेश से पैसों की समस्या का समाधान कैसे किया जाता है:

  • धन के बारे में सही समझ विकसित करके
  • अपने रुपए को सही मैनेज करके 
  • फिजूल खर्च से बचकर
  • बचत से अच्छे एसेट खरीदकर
  • अपनी आय के साधन बढ़ाकर 
  • अच्छी फाइनेंशियल किताबें पढ़कर
  • जल्दी फाइनेंशियल फ्रीडम प्राप्त करके

इन सभी बातों को अच्छे से सीख और समझकर और इनका सही से पालन करके आप अपनी पैसों से जुड़ी सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं।



निवेश कैसे काम करता है


प्रॉपर्टी में निवेश


अगर आप अपने शहर में आज 1000 स्क्वेयर फीट का 1 प्लॉट खरीदें,

जिसकी कीमत 500 रुपए प्रति स्क्वायर फीट हो तो,


प्लॉट की कीमत 1000*500 = 5लाख होगी


अगर अगले 5 वर्ष बाद वह प्लॉट की कीमत बाद कर 1000 रुपए स्क्वायर फीट हो जाती है तो,

प्लॉट की कीमत 1000*1000 = 10 लाख हो जायेगी।


इस तरह से समय के साथ आप अपने रुपए शेयर, बॉन्ड, और भी तरह से निवेश कर के समय के साथ बढ़ा सकते है।

अगर आप अमीर बनना चाहते हैं, तो आप को निवेश करना ही होगा, निवेश ही ऐसा विकल्प है जो समय के साथ आप को और ज्यादा अमीर बना सकता है।


ऑनलाइन इन्वेस्ट कैसे करें?


आज के दौर में दुनिया डिजिटल हो गई है, समय के साथ हर चीज डिजिटल होती जा रही है। इसी तरह इन्वेस्टिंग भी ऑनलाइन की जा सकती है। आज के समय में आप शेयर , म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड, रियल एस्टेट और गोल्ड में ऑनलाइन निवेश कर सकते हैं।

ऑनलाइन निवेश करने के लिए डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट की आवश्यकता होती है, जो आसानी से आधार कार्ड, पैनकार्ड, बैंक पासबुक की सहायता से ऑनलाइन ही खोला जा सकता है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन इन्वेस्ट किया जाता है।

निवेश में क्या रिस्क होते हैं?

जैसे की निवेश कई तरह के होते हैं , उसी तरह  निवेश के हर क्षेत्र के अलग फायदे और नुकसान होते हैं। किसी भी जगह निवेश करने से पहले आपको निवेश में रिस्क और रिटर्न दोनों पहलुओं को अच्छे से समझने की जरूरत होती है,
जहां आप निवेश कर रहे हैं उसमें रिस्क कितना है,आप को रिटर्न कितना मिल सकता है,आपके द्वारा निवेश राशि की सिक्योरिटी क्या है। सिक्योर इन्वेस्टमेंट एफडी, बांड्स, एनपीएफ़ स्कीम, पीपीएफ स्कीम हैं।

निवेश में जोखिम के प्रकार?


निवेश में दो प्रकार के जोखिम होते हैं:


1.पहले सुरक्षित निवेश:


सुरक्षित निवेश वो होते हैं, जिनमें आप के द्वारा निवेश राशि एक सुरक्षित जगह निवेश होती है, इस तरह के निवेश में रिस्क फैक्टर बहुत ही कम होता है, लेकिन इस तरह की निवेश में रिटर्न या तो फिक्स्ड होते हैं ,या फिर 10% से 15% की सालाना दरों के बीच में इनका रिटर्न होता है।


2.दूसरा असुरक्षित निवेश:


कुछ निवेश जैसे पैनी शेयर, स्माल कैप फंड में हाई रिस्क, और हाई रिवार्ड होता है। यह निवेश में निवेशक अपने धन पर रिस्क लेकर निवेश करते है, कभी इस तरह के निवेश छोटी सी रकम को हजारों गुणा बढ़ा देते हैं, तो कभी नुकसान झेलना पड़ता है, लेकिन ज्यादा जोखिम वाले निवेश से लोगों को बचना चाहिए।



निवेश में तीन प्रकार की समय अवधी:


1 Short term "शॉर्ट टर्म",

2 Medium term"मध्यम अवधि",

3 Long term "दीर्घकालिक

 


Short term investment अल्पावधि थोड़ी अवधि के लिए : 

यह आमतौर पर हफ्तों, महीनों या एक वर्ष तक की समय सीमा को संदर्भित करता है। इसका आम तौर  पर ध्यान तत्काल या निकट अवधि के लक्ष्यों को प्राप्त करने का होता  है, जैसे कि एक परियोजना को पूरा करना, एक समय सीमा को पूरा करना, या वर्तमान चुनौती को संबोधित करना।


Medium term investment मध्यम अवधि: 

यह आमतौर पर एक से पांच साल की समय सीमा को संदर्भित करता है। इसका आम तौर पर ध्यान  मध्यम अवधि के लक्ष्यों को प्राप्त करने पर होता है, Medium term: यह आमतौर पर पांच साल से अधिक की समय सीमा को संदर्भित करता है, अक्सर एक दशक या उससे अधिक तक।


 Long term investment"लम्बी अवधि" 10 साल या उससे अधिक की अवधि को संदर्भित कर सकता है। 


अंततः, "अल्पकालिक"(short term), "मध्यम अवधि"(Medium term) और "दीर्घकालिक"(Long term) को परिभाषित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले समय सीमा व्यक्तिपरक हैं और विशिष्ट स्थिति या संदर्भ पर निर्भर कर सकते हैं।


जरूरी बात:

हमारे ब्लॉग moneyindex.in निवेश पर लिखे बहुत महत्वपूर्ण लेख इन्वेस्टमेंट के लेबल में मौजूद हैं जिनमें निवेश से जुड़ी अच्छी जानकारी है जो आपकी सहायता करेगी आपकी जानकारी बढ़ने के लिए। आप पुश नोटिफिकेशन बेल को दबाकर ब्लॉग को फ़ॉलो करें। व्हाट्सएप चैनल को तुरंत ज्वॉइन करलें जिसके माध्यम से आपको हेल्पफुल आर्टिकल समय पर मिलते रहेंगे।

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लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद!


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