Retirement planning kaise kare| रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे

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Retirement planning kaise kare| रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे

By Javed / 08 October, 2023:

रिटायरमेंट प्लानिंग जिंदगी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हर व्यक्ति बचपन में अच्छी शिक्षा इसलिए लेता है जिससे उसका जीवन अच्छा रहे। शिक्षा लेकर व्यक्ति डॉक्टर, एडवोकेट या कोई और प्रोफेशन में काम करता है, रूपये कमाने के लिए और काम करना अक्सर लोग अपनी सारी जिंदगी करते रहते हैं। कुछ लोग तो अपनी 60 साल की उम्र के बाद भी काम करते हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्होंने अपनी जिंदगी में कोई फाइनेंशियल प्लानिंग नहीं की होती है और वह अपना रिटायरमेंट भी प्लान नहीं करते हैं।


रिटायरमेंट प्लानिंग आपको आर्थिक आजादी देता है। ज़रूरी नहीं है कि आप 60 की उम्र में ही रिटायरमेंट लें , आप 40 की उम्र में भी रिटायरमेंट ले सकते हैं। रिटायरमेंट लेने का मतलब बैठना नहीं होता है, रिटायरमेंट फाइनेंशियल फ्री होने को कहा जाता है। एक फाइनेंशियली फ्री व्यक्ति को दिन भर रुपए कमाने के लिए काम नहीं करना पड़ता है। उसके पास अपने सोर्स आफ इनकम होते हैं जिससे उसके पास हमेशा धन आता है, वह काम करे या नहीं।


ऐसे व्यक्ति जो फाइनेंशियली फ्री हैं, वह अपनी पसंद का काम कर सकते हैं, जिसमें उनकी रुचि हो। वह जब चाहे काम करें या नहीं करें, यह उनके ऊपर निर्भर करता है। कुछ लोग रिटायरमेंट के बाद दुनिया की सैर करते हैं, कुछ लोग अपना बिजनेस बनाते हैं, कुछ लोग एक शांतिपूर्ण जगह पर अपना घर बना कर सुकून से अपनी जिंदगी जीते हैं, हर व्यक्ति अपने हिसाब से रिटायरमेंट प्लान कर सकता है और अपनी मनचाही जिंदगी जी सकता है।


रिटायरमेंट प्लान करने से पहले आपको अपने पैसों की साइकोलॉजी के बारे में समझना चाहिए। अपने अंदर वित्तीय समझ विकसित करना चाहिए और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी हर एक चीज के बारे में पढ़कर, उसे समझना चाहिए, फिर अपना रिटायरमेंट प्लान करना चाहिए। रिटायरमेंट प्लान के बाद आपको बचत करना होगा और उसे सही जगह निवेश करना होगा। बचत के लिए बचत के उपाय लेख पढ़े और निवेश के लिए, निवेश क्या है और निवेश के विकल्प लेख पढ़े यह लेख ब्लॉग में उपलब्ध है।


How to do Retirement planning in india | रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे

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| शीर्षक | How to do Retirement planning in india | रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे |


| श्रेणी | सेविंग्स |


| विवरण | रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे , रिटायरमेंट प्लानिंग के फ़ायदे, रिटायरमेंट प्लानिंग क्यों जरूरी है, आदि। |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत | 


रिटायरमेंट प्लानिंग के फ़ायदे:

1. आराम के साथ व्यवस्थित जीवन जीने का मौका:

अगर आप अपने जवानी के दिन में सही समय पर रिटायरमेंट प्लानिंग करते हैं तो आपको अपने रिटायरमेंट के बाद पैसे कमाने की चिंता नहीं होती, क्योंकि आपने पहले ही अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग की थी, रिटायरमेंट के बाद आपको एक आरामदायक जीवन जीने का अवसर प्राप्त होता है। आप अपने समय को, अपनी हॉबीज को और अपने पसंद के काम में और अपने परिवार के साथ अच्छे से बिता सकते हैं।

2. स्वास्थ्य और इलाज:

अगर आप एक बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग करते हैं तो आपको अपनी बढ़ती उम्र में कोई बीमारी होती है, तो आपको उसका उपचार करने की भी चिंता नहीं होगी क्योंकि आपके पास अच्छा हेल्थ प्लान होगा जो आप के सभी मेडिकल खर्च के लिए सुरक्षा प्रदान कर सकता है। प्लानिंग में हेल्थ इंश्योरेंस भी शामिल होगा जो आगे लेख में दिया गया है।

3. पैसों की समस्या से छुटकारा: 

आज के युग में ज्यादा लोग पैसों की समस्या झेलते हैं, पैसों की समस्या कम कमाना नहीं होती, पैसों की समस्या का सबसे बड़ा कारण है पैसों की समझ की कमी और अपने कमाए पैसों को गलत तरीके से खर्च करना होता है। अगर कोई व्यक्ति एक मामूली सैलरी पर काम करता है और वह अपने कमाए गए पैसों को सही से मैनेज करता है तो वह पैसों की समस्या से बाहर निकल सकता है, और कोई व्यक्ति लाखों की सैलरी कमा रहा हो और वह अपने कमाए गए पैसों को सही तरीके से मैनेज नही करता तो उसकी पैसों की समस्या समय के साथ बढ़ती जाएगी। इसलिए पैसों के प्रति हर इंसान को अवेयर होना चाहिए, अपनी मेहनत की कमाई को सही से मैनेज करना चाहिए, जिससे पैसों की समस्या ना हो एक अच्छा जीवन जीने के लिए।


क्या होती है रिटायरमेंट प्लानिंग:

रिटायरमेंट प्लानिंग की एक प्रक्रिया है, अगर आप अपने लिए रिटायरमेंट प्लान बना रहे हैं तो आपको एक बेहतर प्लान और एक निर्धारित समय के साथ एक तय राशि जिससे आप अपने रिटायरमेंट के बाद का जीवन बेहतर ढंग से जी सकें, आपको पैसों से जुड़ी कोई भी समस्या ना हो, इन सब के हिसाब से आपको अपनी कमाई, उम्र और अपने रिटायरमेंट होने के बाद के जीवन के हिसाब से एक बेहतर प्लानिंग करनी होगी। प्लान के हिसाब से बचत और निवेश की प्रक्रिया बनाकर उसे प्रक्रिया को फ़ॉलो करना होगा अपने बनाए हुए लक्ष्य तक पहुंचने के लिए।

1. स्मार्ट गोल सेटिंग

अगर आप जीवन में कुछ भी करना चाहते हैं, आपको अपना लक्ष्य पता होना चाहिए। आपके मन में आपका लक्ष्य क्लियर होना चाहिए आप क्या करना चाहते हैं। किसी महान लेखक ने लिखा है, अगर आपको पता नही आपको कहां जाना है, तो आप लगातार चलने के बाद भी कहीं नहीं पहुंचेंगे, जब तक अपने लिए एक लक्ष्य तय नहीं करते तब तक आप सफल नहीं हो सकते हैं।

आप अपने लिए वह राशि का लक्ष्य तय करें, जिससे आप अपनी जरूरत के हिसाब से रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी अच्छे से बिता सकें,आपके पास पर्याप्त राशी हो जिससे आप अपने सारे खर्च बगैर काम किए पूरे कर सकें।

2. बेहतर प्लान बनाना 

प्लानिंग सबसे महत्वपूर्ण होती है, प्लानिंग के माध्यम से ही आप अपने गोल तक आसानी से पहुंच सकते हैं। एक बेहतर प्लानिंग बड़े से बड़े लक्ष्य को पाना आसान कर सकती है।

हर व्यक्ति की जरूरत, कमाई और लाइफस्टाइल अलग होती है, इसलिए रिटायरमेंट प्लानिंग भी व्यक्ति की कमाई, जरूरतों और लाइफस्टाइल के हिसाब से ही होगी।

रिटायरमेंट प्लान करते समय आपको अपनी कमाई और जरूरत के हिसाब से एक रिटायरमेंट प्लान बनाना चाहिए की आप कितना बचत कर पाएंगे और बचत किए पैसों को कहां और कैसे निवेश करेंगे और आप कितने समय के बाद कितनी उम्र में रिटायरमेंट लेना चाहते हैं, आपको कितने पैसों की जरूरत होगी रिटायरमेंट फंड के लिए और आप कितने समय में अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं, अपनी बचत राशि और निवेश रणनीति के हिसाब से।

3. पेंशन और इन्वेस्टमेंट:

रिटायरमेंट के लिए जो पैसे आप बचा रहे हैं उसे सही जगह निवेश नहीं करेंगे तो आप अपने लक्ष्य तक नहीं पहुंच सकते। आपको रिटायरमेंट प्लानिंग करते समय अपना इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो क्रिएट करना होगा, बचत की राशि आप कहां और कितनी निवेश करेंगे।

आप बचत करके अपने पैसों को सेविंग अकाउंट में रखते हैं, तो आपको अच्छे रिटर्न नहीं मिलेंगे और आपको अपने निर्धारित गोल तक पहुंचने में बहुत मुश्किल होगी।

आपको अपने बचत के पैसों को ऐसी जगह निवेश करना होगा जहां कंपाउंडिंग इफेक्ट काम करता हो। कंपाउंडिंग की सहायता से आप अपने बचत किए पैसों को निवेश करके समय के साथ एक बड़ी धन राशि में बदल सकते हैं।

4. निवेश के विकल्प:

रिटायरमेंट प्लान व्यक्ति को अपने जवानी में ही प्लान कर लेना चाहिए, अपने द्वारा कमाए गए पैसों का कुछ परसेंट एक अच्छी स्कीम को चुन के निवेश करना चाहिए।


आप के पास एक अच्छा रिटायरमेंट प्लान चुनने के लिए बहुत सारे विकल्प उपलब्ध है।

एलआईसी और एसबीआई जैसी कंपनी अपने कस्टमर के लिए टर्म बीमा , यूलिप प्लान, मनी बैक ,जैसे प्लान जरूरत के हिसाब से रिटायरमेंट प्लान बना कर उन्हें अच्छी सर्विस देती है, कस्टमर को अपने रिटायरमेंट गोल को हासिल करने में मदद करती है।


कुछ प्लान जो इन कंपनी के बहुत पॉपुलर हैं 

1.एसबीआई का SBI Life Retirement Saver, यह प्लान आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

2.एलआईसी का प्लान जो लोगो में पॉपुलर है

Lic New Jeevan Shanti Plan आप अपने लिए चुन सकते है।


आप के पास नेशनल पेंशन स्कीम भी एक अच्छा विकल्प है।


1.एनपीएस अकाउंट

आप अपने बैंक में जहां भी आपका सेविंग अकाउंट है ऑनलाइन या ऑफलाइन एनपीएस अकाउंट खोल सकते हैं। एनपीएस अकाउंट खोलकर आप अपना रिटायरमेंट फंड एनपीएस में धीरे धीरे छोटी राशि निवेश कर के अपने रिटायरमेंट फंड को बहुत बड़ा कर सकते हैं, कंपाउंडिंग की मदद से।


2.पीपीएफ अकाउंट भी एक विकल्प है

आप अपने बैंक शाखा में पीपीएफ अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं, सालाना 500 रुपए से लाकर 150000 लाख रुपए की धन राशि आप अपने पीपीएफ अकाउंट में निवेश कर सकते हैं, अपने रिटायरमेंट फंड के लिए।


यह सभी स्कीम आप के अपने हिसाब से एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं, सब के अपने अलग फायदे हैं, और इनमें निवेश करने में कोई बड़ा रिस्क भी नही होता। इस तरह की स्कीम में निवेश करने पर आप को टैक्स बेनिफिट भी बहुत मिलता है।


5. हेल्थ इंश्योरेंस :

हेल्थ इंश्योरेंस फाइनेंशियल प्लानिंग में बहुत जरूरी पार्ट है। अगर कोई व्यक्ति अपने लिए फाइनेंशियल प्लानिंग कर रहा है तो उसे अपने लिए एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत ही जरूरी होता है। हेल्थ हमारे जीवन का बहुत ही जरूरी पार्ट है, हेल्थ से जुड़ी समस्याएं हर इंसान के साथ होती है और उपचार के लिए पैसे ना होना या अपनी जिंदगी भर की कमाई बचत राशि का बीमारी पर खर्च हो जाना, ऐसा आप अक्सर देखते और सुनते हैं। इसलिए आपको एक बेहतरीन हेल्थ इंश्योरेंस लेना बहुत्भी जरूरी होता है, जो आपकी सारी स्वास्थ्य संबंधित खर्चों को सुरक्षा प्रदान करता है, जिससे आपको बीमारी के इलाज की चिंता से मुक्ति मिल जाती है। आप अपनी जरूरत के हिसाब से एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनना चाहिए जो आपको और आपके परिवार को सुरक्षा प्रदान करता है।


6. इमर्जेंसी फंड:

आपके पास सबसे पहले इमर्जेंसी फंड होना चाहिए। इस फंड में आपके महीने के कुल खर्च को जोड़ कर 6 या 12 महीने के खर्च को जोड़ कर अपने पास रखना। इमर्जेंसी फंड आपके जब काम आयेगा जब आप किसी कारण अपनी नौकरी छूट जाए, या किसी और समस्या के कारण आपके पास आपके 6 या 12 महीने के खर्च के लिए इमर्जेंसी फंड की सहायता से निकल सकें, जिससे आपकी निवेश की राशि भी सुरक्षित रहेगी और पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड, या अन्य किसी प्रकार के लोन या कर्ज से भी आप बच सकते हैं।

इस समय में आप नई नौकरी तलाश कर सकते हैं या अपनी समस्या का समाधान करके अपनी जिंदगी को फिर से ट्रैक पर लाकर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ सकते हैं।

7. बजटिंग:

पैसों की समस्या, पैसों के सही मैनेजमेंट से दूर होगी। सही मैनेजमेंट के लिए आपको बजटिंग करना बहुत जरूरी है, जिससे आप अपने खर्च और कमाई को ट्रैक कर, अपने लिए मंथली बजट बनाए। बजट में आपके जरूरत के खर्च, आपकी बचत, और निवेश करना शामिल होगा। आप अपनी जरूरत के अनुसार खर्च कर सकते हैं। 

बजट में शामिल होगा की आप कितना, कहां और कैसे अपनी कमाई को खर्च करेंगे और कितना बचाकर किस तरह से निवेश करेंगे, जिससे आपको एक बेहतर जीवन मिल सके।

रिटायरमेंट के बाद के जीवन की बजटिंग : आपको अभी ही रिटायरमेंट के बाद की बजटिंग कर लेना चाहिए जिससे आपको बाद में कोई समस्या ना हो। अभी आप जो भी कार्य कर रहे हैं नौकरी या स्मॉल बिजनेस, रिटायरमेंट के बाद आपको काम करने की जरूरत नहीं होती। अभी आप काम करके, गोल सेट करके एक बेहतरीन प्लान के अनुसार जब बचत कर निवेश करेंगे तो आप को निश्चित राशि प्राप्त होती है, उसका इस्तेमाल आप कैसे करेंगे, आपके पास आमदनी के क्या साधन होंगे, ऐसा आप क्या कर सकते हैं जिससे सुरक्षित निवेश के माध्यम से आपको अपनी जरूरत के लिए हर महीने एक निश्चित राशि प्राप्त हो जिससे आपके सारे खर्च पूरे हो जाएं और आपका रिटायरमेंट फंड भी सुरक्षित हो और वह आपकी संपत्ति बन जाए। आपके बाद आपके बच्चे भी उस राशि के वारिस हों और उनका जीवन भी अच्छा हो।


8. प्रोफेशनल एडवाइस :


रिटायरमेंट प्लानिंग एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्लानिंग है और यहां सवाल पैसों का है इसलिए आपको बहुत सोच समझकर अपने लिए एक बेहतरीन प्लान बनाना चाहिए। रिटायरमेंट प्लानिंग पैसों से जुड़ी है, आप अपनी मेहनत की कमाई बचत कर निवेश के विकल्प चुन रहे हैं, हर तरह के निवेश में अपने अलग अलग तरह के रिस्क और पॉलिसी होती हैं, जिसे आम आदमी इतना नहीं समझता। एक प्रोफेशनल हर किस्म के इन्वेस्टमेंट प्लान का अध्ययन करता है, उसे विकल्प के बारे में, उसमें शामिल जोखिम और रिटर्न की ज्यादा जानकारी होती है।

जो निवेशक अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षा के साथ निवेश करना चाहता है, उसे अपनी कैपिटल की सुरक्षा की चिंता होती है, वह अपने निवेश में जोखिम कम हो और अच्छे रिटर्न भी प्राप्त हों तो आपको अच्छे सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार की सहायता लेना चाहिए जिससे आपको अपने भविष्य को बेहतर बनाना आसान हो जाए।


रिटायरमेंट प्लान एक लंबी अवधि की प्रक्रिया है, इसे एक बार प्लान कर छोड़ा नहीं जा सकता इसलिए इसको आपको लगातार ट्रैक करने की जरूरत होती है। जरूरत के अनुसार इसमें बदलाव भी करने होते हैं, आपकी कमाई और खर्च समय के साथ बदलते हैं, इसलिए आपको समय के साथ अपनी प्लानिंग में बदलाव करने होते हैं।


9. मुद्रास्फीति (inflation):


समय के साथ इनफ्लेशन भी बढ़ता है जिसे कहते हैं महंगाई दर। जिससे आपके खर्च बढ़ते हैं इनफ्लेशन की वजह से हमेशा रुपए की वैल्यू घटती जाती है और जो चीजें आपको आज एक हजार में मिल रही हैं वह महंगाई बढ़ने की वजह से अगले वक्त दस हजार से ज्यादा में मिलेंगी, या इसके उलट, क्योंकि महंगाई दर बढ़ गई होगी, बढ़े हुए महंगाई दर के हिसाब से आप चीज़ों का भुगतान कम कर दें ।

आप रिटायरमेंट प्लान बना रहे हैं, इस वक्त जितने पैसों से आपके खर्च पूरे होते हैं, वह महंगाई दर की वजह से पैसों की वैल्यू कम होने के कारण आपके रिटायरमेंट के वक्त की जरूरत के लिए पर्याप्त नहीं हो सकते।

इनफ्लेशन से बचाव:

पर्याप्त धन पाने के लिए आपको अपनी राशि ऐसी जगह निवेश करनी होगी, जहां इनफ्लेशन की मार से आपके पैसे बच सकें और आप हर महीने या साल में जो राशि निवेश कर रहे हैं, उसे 10% से हर साल बढ़ाते रहें जिससे आपको अपने लिए एक बेहतर रिटायरमेंट फंड प्राप्त हो और आपकी जरूरत को पूरा कर सकें।


रिटायरमेंट सेविंग्स कैसे करे,जाने कुछ जरूरी बातें


आसान भाषा में, रिटायरमेंट प्लानिंग आपके काम करने की क्षमता खत्म हो जाने पर आपके जीवन को पहले की ही तरह सुचारू रूप से चलाते रहने की तैयारी है।


इसमें फाइनेंशियल और नॉन फाइनेंशियल दोनों पहलुओं को शामिल किया जाता है ।


जैसे आपको रिटायरमेंट के बाद भी पैसों के लिए किसी पर निर्भर ना रहना पड़े और आप कैसे अपना समय 

बिताना चाहेंगे, कहां रहना चाहेंगे, यहां तक की आप अपने काम से भी हमेशा के लिए छुट्टी ले सकते हैं, जब आप चाहें।



रिटायरमेंट प्लानिंग जिंदगी के हर पड़ाव पर अलग अलग नजरिया लिए होता है।


उदाहरण के लिए,


नौकरी या काम के शुरुआती दौर में, कुछ पैसा आप अपने रिटायरमेंट फंड में रेगुलर डालते रहते हैं।


फिर जब आप अपने करियर के बीच पड़ाव में होते हैं तो आपको अपनी और संपत्तियों के बनाने और नए नए आय के स्त्रोतों को बनाने में जुटना पड़ता है।


जब एक बार आप रिटायरमेंट की उम्र को पहुंच जाते हैं, तब आप अपने बोए हुई फसल का आनंद लेने के लिए तैयार हैं।




आपको आपके रिटायरमेंट के लिए कितने पैसों की जरूरत होगी?


रिटायरमेंट की प्लानिंग जितनी जल्दी शुरु कर ली जाए उतना बेहतर रहता है। क्योंकि सभी सभी अपने अपने हिसाब से या अलग अलग उम्र में अपनी व्यवस्था के मुताबिक प्लान करते हैं, तो सबके लिए ये अलग नम्बर होगा। 


रिटायरमेंट के लिए आपको कितना पैसों की जरूरत है, ये इस बात पर निर्भर करता है की आप किस से पूछ रहे हैं?


उदाहरण के लिए


अगर आप लोगों से पूछें तो वो कहेंगे  की 1करोड़ हों तो जीवन अच्छे से बीतेगा।


हालांकि अगर आप प्रोफेशनल्स की बात करें तो वे 80% रूल का इस्तेमाल करते हैं, जो की ये कहता है की आपको आपकी इनकम का 80% फंड आपके रिटायरमेंट की जिंदगी में काफी होता है।


तो अगर आपकी सालाना आय 3,60,000 रुपए है, तो आपकी सेविंग्स और रिटायरमेंट प्लान से आपके पास कम से कम 72,00,000रुपए होने चाहिए जो की 20 साल के लिए काफी होंगे।


हालांकि, हमारे देश में आम लोगों के पास इसके आसपास का फंड भी नही होता है, जिस वजह से वे अपनी जिंदगी को जो है उसी में एडजस्ट करते रहते हैं।


इस बात का खास ख्याल रखना होगा की आप आपके सारे खर्चों का जैसे , घर का, हेल्थ इंश्योरेंस, खाना, कपड़े और आपके ट्रांसपोर्ट या व्हीकल से जुड़े आदि का हिसाब लगाएं और आपके ट्रैवल और मोबाइल बिल्स को भी जोड़ें।


आपको जल्द से जल्द अपने रिटायरमेंट के सेविंग्स की कैलकुलेशन करके उस पर काम करना शुरू कर देना चाहिए।




रिटायरमेंट प्लानिंग का प्रोसेस:



आप चाहे कहीं भी रहते हों, कुछ जरूरी काम जो सभी को करने पड़ते हैं अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए वो हैं:


1 प्लान बनाएं 


इसमें शामिल है आप कबसे सेविंग शुरू करेंगे, आप कब रिटायर होंगे और अपने रिटायरमेंट के लिए आपको कितना पैसा सेव करना है।


2 हर महीने किश्त निकालना


इसके लिए आप आपके सेविंग अकाउंट में ऑटोमेटिक पे मैंडेट शुरू कर सकते हैं जिससे हर महीने किश्त आपके अकाउंट से खुद ब खुद चली जाएगी।


3 सही रिटायरमेंट प्लान का कैसे चुनाव करना


आपको आपके रिटायरमेंट के लिए सही प्लान चुनना बहुत ही जरूरी है, उससे पहले आपके पास आपका इमर्जेंसी फंड जरूर होना चाहिए।


4 समय समय पर चेक करना


अपने इन्वेस्टमेंट को बीच बीच में चेक कर लेना चाहिए जिससे की आपको पता चल सके की क्या प्रोग्रेस है, और साथ ही आप अपने इनकम के सोर्स के मुताबिक उसमे कुछ और पैसे जोड़ सकते हैं जिससे आप आपके लक्ष्य को जल्दी पाने में सफल हो जाएं।



रिटायरमेंट प्लानिंग किस उम्र से शुरू करें?


रिटायरमेंट प्लानिंग युवा अवस्था (उम्र 21-35)


जब हम अपनी पहली नौकरी में लगते हैं, तो हमारे पास जोश की कमी नही होती, पर पैसे जरूर कम होते हैं।

पर ये सोच के आपको रुकना नही है क्योंकि यहां आपके पास वो चीज होती है जिसके आगे पैसा भी झुकता है। वो चीज है - समय। 


अगर आप अभी से सिर्फ 1000 रुपए हर महीने अपने फाइनेंशियल प्लानिंग के अनुसार निवेश करते हैं तो यह तीन गुना अधिक  होगा यदि आप इसे 25 साल की उम्र में निवेश करते हैं। कंपाउंडिंग आपको इंटरेस्ट पर भी इंटरेस्ट कमाने की ताकत देता है और आपके पास जितना अधिक समय होगा, उतना ही अधिक ब्याज आप कमाएंगे।


अगर आप 45 साल की उम्र तक निवेश शुरू करने का इंतजार करते हैं, आप भविष्य में अधिक पैसा निवेश करने में सक्षम हो सकते हैं, लेकिन आप कभी भी खोए हुए समय की भरपाई नहीं कर पाएंगे।



शुरुआती मिडलाइफ (उम्र 36-50)


मिडलाइफ में आपके ऊपर बहुत सी फाइनेंशियल जिम्मेदारियां होती हैं। हालांकि अपने फाइनेंशियल प्लानिंग के अनुसार आपको अपने रिटायरमेंट प्लान की सेविंग्स जारी रखनी चाहिए। अगर कभी किसी सोर्स से आपके पास ज्यादा पैसा आता है, तो आप पैसे कमाने की प्लानिंग से और निवेश से इस समय अवधि को ज्यादा जोखिम सहन करने और बचत को बढ़ाने के लिए अच्छा बनाता है।



मिडलाइफ के बाद (उम्र 50-65)


जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, आपके निवेश खाते भी पुराने होते जाते हैं। इस समय में आपके बहुत से खर्चे अब खत्म हो चुके होंगे, जैसे बच्चों की पढ़ाई का खर्चा , घर का लोन , या कोई अन्य कर्ज, सभी का भुगतान हो जाने से अब आपके पास अधिक इनकम होगी निवेश करने के लिए।


जिससे आप जमा प्रमाणपत्र (सीडी), ब्लू-चिप स्टॉक, या रियल एस्टेट में निवेश कर सकते हैं।

और इस समय में आपको अपने हेल्थ इंश्योरेंस को भी चेक कर लेना चाहिए। क्योंकि अगर आप स्वास्थ्य संबंधी खर्चों के लिए सही प्लानिंग नहीं करते हैं तो ये खर्चे आपकी सारी सेविंग्स को खत्म कर सकते हैं।



रिटायरमेंट से जुड़े दूसरे पहलू:


1.आपका घर


ज्यादातर भारतीयों के लिए उनकी सबसे बड़ी और खास संपत्ति होती है उनका घर।

पहले के वक्त में घर को संपत्ति माना जाता था, लेकिन आज के समय में जब इंसान घर को लेने के लिए कर्ज के चक्कर में पड़ जाता है, तो अपनी जिंदगी के 20से 25 साल लिए गए लोन की किश्तों को अदा करने में गुजारता है, जिस कारण वह अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग नही कर पाता। और किसी कारण यदि नौकरी छूट जाए या मंथली इनकम बंद हो जाए तो तो समय पर किश्त न चुकाने पर जिसको वो संपत्ति समझते हैं वो संपत्ति भी को सकते हैं और शेष कुछ नही होता है। इसलिए फाइनेंशियल समझ का होना बहुत जरूरी है।


2.टैक्स एफिशिएंसी


जब आप रिटायर होते हैं, और अपने निवेशित अकाउंट्स , पॉलिसीज को क्लेम करते हैं तो ज्यादातर अकाउंट्स में इनकमटैक्स की ही तरह टैक्स लगता है।


3.इंश्योरेंस


आपको अपने और अपने परिवारजनों के लिए सही वक्त पर इंश्योरेंस जैसे हेल्थ इंश्योरेंस, टर्म प्लान और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में जरूर निवेश करना चाहिए।

बढ़ती उम्र के साथ हमारा शरीर अपनी इम्यूनिटी कम होने की वजह से जल्दी ही बीमारियां पकड़ लेता है, जिसके चलते हमें बड़े बड़े मेडिकल बिल्स भी देखने पड़ते हैं। अगर आपने अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस में निवेश किया होता है, पूरी जानकारी के साथ , तो आपकी ये टेंशन खत्म हो जाती है।


इंश्योरेंस कंपनीज़ टर्म प्लान्स भी इंट्रोड्यूस करती रहती हैं, जैसे एलआईसी की जीवन शांति स्कीम, जिसमें आपको आपके डिपॉजिट किए हुए पैसों से हर महीना इनकम होगी और आपके बाद आपके नॉमिनी की, और आपका पैसा भी सुरक्षित।


रिटायरमेंट प्लानिंग कैसे करे FAQs:



रिटायरमेंट के लिए पैसा कैसे निवेश करें?


आप अपने लिए रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत अपने रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को समझकर एक साफ, सीधा और सटीक प्लान बनाने से शुरू करें,

जिसे आप गूगल पर रिटायरमेंट कैलकुलेटर की मदद से तैयार कर सकते हैं।आप की आयु, इनकम, और खर्च की जानकारी रिटायरमेंट कैलकुलेटर में डाल कर अपने लिए एक प्लान बना सकते हैं।


कैलकुलेटर की मदद से आप जान पाएंगे आप को अपने रिटायरमेंट के लिए महीने में कितने पैसों को निवेश करने की जरूरत होगी, कितने साल तक, आप को कितने पैसों की जरूरत होगी की आप रिटायर हो सकें, और आप की सारी जरूरतें बिना काम किए पूरी हो सकें।


उसके बाद आपको अपने लिए एक निवेश प्लान चुनना होगा जिससे जुड़े विकल्प आपको ऊपर बताए गए हैं, आप चाहें तो उनमें से चुन सकते हैं या फिर आप किसी प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं।

जैसे ही आपका निवेश प्लान तैयार होता है, वैसे ही आप लग जाइए अपने लक्ष्य को पूरा करने में।



रिटायरमेंट प्लानिंग की क्या जरूरत है?


अपने नौकरी की उम्र में इंसान का शरीर एक दम स्वस्थ होता है और इंसान आत्मनिर्भर होता है,वो अपने सारे खर्च खुद कमा कर चलाता है। वक्त के साथ इंसान की उम्र बढ़ती है और शरीर कमजोर होता है,वो काम नहीं करने की अवस्था में होता है,जो लोग अपने कमाने की उम्र में अपना रिटायरमेंट प्लान बना लेते हैं, उनका जीवन बहुत अच्छा गुजरता है,वह अपने खर्च के लिए अपने बच्चों पर निर्भर नहीं होते,उनके खर्च उनके रिटायरमेंट प्लान के द्वारा जमा की गई राशी की मदद से पूरे  होते हैं।




मुझे सेवानिवृत्ति के लिए बचत कब शुरू करनी चाहिए?


रिटायरमेंट लोगों को लगता है की 60 साल उमर होती जब कोई व्यक्ति कुछ भी काम नहीं कर पाता।


लेकिन,दोस्तों रिटायरमेंट का सही मतलब है आर्थिक आज़ादी। यहां आज़ादी की उम्र कुछ भी हो सकती है, आप खुद 40 की उम्र में भी रिटायरमेंट ले सकते हैं और अपने जीवन को अपने हिसाब से जी सकते हैं।


हर कोई जिंदगी अपने हिसाब से जीना चाहता है,लेकिन जिम्मेदारियों की वजह से वो अपने काम में व्यस्त रहता है, उसे वो काम पसंद हो या ना हो वो रोज अपनी नौकरी करता रहता है इसलिए क्योंकी वो आर्थिक  रूप से आजाद नहीं होता।



रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है?


1.जब आप रिटायरमेंट लेना चाहते हैं , उससे कुछ समय पहले ही आपको आपके इक्विटी इन्वेस्टमेंट को एक सिक्योर debt फंड में ट्रांसफर कर लेना चाहिए जिसमें इतनी लिक्विडिटी हो जिससे आपको आपका पैसा निकालने में सुविधा रहे।


2. एक अच्छे हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें। अगर आप  रिटायरमेंट लेने वाले हैं तो आप किसी ऐसे इंश्योरेंस प्लान को चुनें जिसमें आम बीमारियां, चेकअप बिल्स, डॉक्टर्स विजिट्स कवर होते हों।



3.जब आप रिटायरमेंट की स्थिति में आते हैं तो आप जोखिम उठाने से दूर रहते हैं, इसलिए ये जरूरी है की आप अपना निवेश सुरक्षित प्लान में करें जिसमें लिक्विडिटी अच्छी हो।


4.आखिर में, सबसे महत्वपूर्ण है अपने आपको कर्जमुक्त रखना, इसलिए जितना जल्दी हो सके अपने सारे दायित्वों से मुक्त हो जाएं, रिटायर होने से पहले।



जरूरी बात:

रिटायरमेंट प्लान कैसे किया जाए, इस लेख में हमने आप को एक बेहतर रिटायरमेंट प्लान के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी है, जो आप की रिटायरमेंट प्लानिंग को समझने में सहायता करेगी और आप अपने लिए एक बेहतरीन रिटायरमेंट प्लान कर सकेंगे। हमारा उद्देश्य है लोगों को बेहतर जानकारी देना। हम इस ब्लॉग पर बचत और निवेश से जुड़ी जानकारी आपके साथ लगातार सांझा करेंगे। आप भी हमारे इस ब्लॉग को पुश नोटिफिकेशन बेल को दबाकर जल्दी फॉलो करलें और गूगल न्यूज़ और इंस्टाग्राम पर भी जिससे ज्यादा लोगों को हमारे द्वारा लिखी जानकारी प्राप्त हो, जिससे उनके अंदर वित्तीय समझ विकसित हो और वह पैसों की समस्या से छुटकारा पा सकें और एक बेहतर जीवन जीने का आनंद ले सकें। तो आप अभी नोटिफिकेशन बेल दबाकर एक जागरूक इंसान होने का परिचय दें, जिससे हमें मोटिवेशन मिले और हम इस ब्लॉग के माध्यम से आपके साथ ऐसे ही पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी जानकारी सांझा करते रहें।

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