Personal finance kya hai | पर्सनल फाइनेंस क्या है
By Javed / 17 October, 2023:
पर्सनल फाइनेंस का मतलब है एक व्यक्ति अपने रुपए का मैनेजमेंट किस प्रकार कर रहा है। पर्सनल फाइनेंस में बजट बनाना, बचत करना, फिर उसे अपने गोल्स के अनुसार निवेश करना, और खर्च शामिल हैं।
हमारे जीवन में पर्सनल फाइनेंस एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है। आप देखते ही होंगे कि अगर आप हर महीने सैलरी पाने वाले इंसान हैं तो रोजमर्रा में किए जाने वाले खर्च से जुड़े फैसले लेने के लिए आपको बजट बनाकर चलना पड़ता है, जिससे आपकी सैलरी महीने भर चल सके, इसलिए आपके धन से जुड़े फैसले लेने में, आपके फाइनेंशियल गोल्स को हासिल करने में और आपके बेहतर भविष्य के लिए प्लानिंग करने में पर्सनल फाइनेंस मदद करता है।
आज इस लेख में हम पर्सनल फाइनेंस से जुड़े अलग अलग पहलुओं पर बात करेंगे की कैसे आप अपने रूपए का बेहतर तरीक़े से मैनेजमेंट कर अपनी जिंदगी को बेहतर बना सकते हैं साथ ही अपने लक्ष्यों को पूरा कर सकते हैं।
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| शीर्षक | Personal finance kya hai | पर्सनल फाइनेंस क्या है |
| श्रेणी | इंवेस्टमेंट |
| विवरण | पर्सनल फाइनेंस क्या है, पर्सनल फाइनेंस के 5 मुख्य घटक, पर्सनल फाइनेंस के फ़ायदे, आदि। |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
पर्सनल फाइनेंस क्या है
पर्सनल फाइनेंस एक बहुत ही महत्वपूर्ण सब्जेक्ट है, हर व्यक्ति के लिए, जो अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहता है, अपने जीवन को एक बेहतर ढंग से जीने के लिए, बिना रुपए की समस्या को झेले, उसे पर्सनल फाइनेंस के बारे में जरूर जानकारी होना चाहिए।
पर्सनल फाइनेंस धन से जुड़ा विषय है और धन हर व्यक्ति की जिंदगी से जुड़ा होता है। धन के बारे में व्यक्ति की सोच क्या है और व्यक्ति धन को कैसे मैनेज करता है, यह बहुत महत्वपूर्ण है।
अगर कोई व्यक्ति अपने कमाए धन को सही से मैनेज करना नही सीखे तो वह कभी आर्थिक रूप से मजबूत नही बन सकता है, इसलिए उसे पर्सनल फाइनेंस के बारे में जरूरी जानकारी होनी चाहिए।
पर्सनल फाइनेंस मतलब अपने लिए वित्तीय योजना बनाकर अपने कमाए गए धन से कुछ बचत करना, उसे निवेश करना अपने फाइनेंशियल फ्री होने के लिए, रिटायरमेंट प्लान के लिए, इमर्जेंसी फंड के लिए।
यह सब व्यक्ति अपने महीने की कमाई का एक बजट तैयार कर के आराम से कर सकता है, अपनी फाइनेंशियल सिक्योरिटी के लिए। पर्सनल फाइनेंस में महत्वपूर्ण चीज यही होती है और भी बहुत कुछ है अगर आपकी रुचि पर्सनल फाइनेंस में है तो।
ज्यादा जानकारी के लिए अच्छी किताबें पढ़ें जैसे रिच डैड पूअर डैड, साइकोलॉजी ऑफ मनी, कॉफी कैन इन्वेस्टिंग, कंपाउंड इफैक्ट जैसी बहुत सी किताबें हैं जो आपके लिए पढ़ना बहुत अच्छा हो सकता है। आप अच्छे ब्लॉग पढ़ें जैसे अभी आप moneyindex.in पर यह लेख पढ़ रहे हैं।
पर्सनल फाइनेंस के 5 क्षेत्र कौनसे हैं?
पर्सनल फाइनेंस की पांच मुख्य शाखा होती हैं, जिसमें बजट बनाना, बचत करना, फिर बचत किए हुए धन को निवेश करना, खुदको कर्ज़ मुक्त बनाना और अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करना शामिल है।
बजट
पर्सनल फाइनेंस में सबसे पहले आपको अपने लिए एक बजट बनाना होता है, जिससे आपको आपके इनकम कहां से और कितनी हो रही है और कहां कहां, कितना खर्च आप कर रहे हैं, यह जानकारी मिलती है।
इससे आपको आपके जरूरी खर्चे और फालतू खर्च का पता चलता है जिन्हें आप अगली बार से अवॉइड कर सकते हैं। यह बहुत जरूरी है की आप अपनी कमाई के अंदर ही खर्च करें और धीरे धीरे बचत भी करें।
एक अच्छा बजट बनाने के लिए आपको अपनी इनकम के सोर्सेस और महीने भर के खर्चों को लिखना होता है। महीने भर के खर्चों में आपके सभी बिल शामिल होते हैं जैसे आपका घर का किराया, बिजली का बिल, किराने का सामान, ट्रांसपोर्ट, मनोरंजन, आदि में किया गया खर्चा जो आप हर महीने करते हों।
ऐसा करने से आपको पता चलेगा की आपकी कमाई कितनी हो रही है, आप किन किन जगहों पर खर्च कर रहे हैं, कौनसे खर्च जरूरी हैं और आप किन खर्चों को रोक कर पैसों की बचत कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, आप अपने एक्स्ट्रा इंटरनेट चार्जेस, नेटफ्लिक्स, टीवी के रिचार्ज की कटौती कर सकते हैं,या खुद की कार या स्पोर्ट्स बाइक की जगह एवरेज बाइक का इस्तेमाल कर सकते हैं। आप चाहे तो कभी कभी पब्लिक ट्रांसपोर्ट का भी इस्तेमाल कर सकते हैं अपनी सहूलियत को देखते हुए।
बजट बनाना, पर्सनल फाइनेंस में पहला कदम है इसलिए आपको न सिर्फ बजट बनाना है बल्कि उसपर टिके रहना जरूरी है जिससे आप अपने फालतू खर्चों की पहचान कर, पैसे बचा सकेंगे और यदि आप पर कर्ज है, तो उन बचत किए गए पैसों से आप जल्दी कर्ज चुकाकर, कर्ज़ मुक्त हो सकते हैं।
पर्सनल फाइनेंस में बजट बनाना इसकी नींव होती है। बजट एक प्लान है जिसे एक तय समय सीमा के लिए बनाया जाता है जो एक महीना या एक वर्ष हो सकता है। बजट प्लान में आपको इस तय समय में आने वाली इनकम और होने वाले खर्चों को लिखना होता है।
1.एक अच्छे बजट के लिए आपकी इनकम और खर्चों को ध्यान में रखना चाहिए, और अपने खर्च को जानना और कम करना चाहिए।
2.बजट बनाने के लिए, एक महीने के लिए अपने खर्चों को ट्रैक करना शुरू करें।
3.आप जिन भी चीजों पर खर्च करते हैं जैसे घर का किराया या सिक्योरिटी, बिजली बिल, किराने का सामान, एंटरटेनमेंट, ट्रांसपोर्ट आदि इन सब खर्चों को लिखें।
4.अपने खर्चों को अलग अलग भाग में बांटें और उनको चेक करें। फिर अपने कुल खर्चों को अपनी आय से कंपेयर करें।
5.अगर आप अपनी आय से ज्यादा खर्च करते हैं तो आपको अपने खर्चों को कम करना होगा।
6. अपने फिजूल खर्च की पहचान कर तुरंत कम करने की कोशिश करें। फिजूल खर्च कुछ भी हो सकते हैं जैसे, हर बार महंगे होटल में खाना खाने जाना।
7. बजट बनाते समय आपको उसमें अपनी बचत के लक्ष्य को भी लिखना चाहिए की आप हर महीने कितने रुपए बचाएंगे और उसे पूरा करने की कोशिश करें।
8. आपके पास एक इमर्जेंसी फंड का होना बहुत जरूरी है, जिसमें आपके तीन से छह महीने के सारे जरूरत के खर्चों को कवर करने का फंड हो। अधिक जानकारी के लिए आप इमर्जेंसी फंड क्या है, लेख इस ब्लॉग पर पढ़ सकते हैं।
9. अब इमर्जेंसी फंड तैयार होने के बाद आपको अपने लिए दूसरे बचत के गोल्स बनाने चाहिए जैसे अगर आपको नया घर लेना हो तो उसका डाउन पेमेंट या अपने रिटायरमेंट के लिए सेविंग्स।
बचत
बचत करना आपके पर्सनल फाइनेंस में दूसरा स्टेप है।
इमर्जेंसी फंड बनाने, अपने फाइनेंशियल गोल्स को हासिल करने और अपने रिटायरमेंट की प्लानिंग करने के लिए पैसे बचाना बहुत जरूरी है।
पैसे बचाने के लिए आपको जरूरत है अपने फाइनेंशियल गोल्स को तय कर अपनी सेविंग प्लान करने की, जिसमें शामिल है, एक तय राशि और उसे हासिल करने के लिए समय सीमा, जिसमें यह राशि हासिल हो जाए।
पैसे बचाने के तरीकों में से कुछ यहां दिए गए हैं:
आपको अपने लिए बचत करने का लक्ष्य बनाना होगा, की आप किस काम के लिए बचत कर रहे हैं और आपको हर महीने कितनी बचत करनी होगी।
अपनी बचत का ट्रैक रखें और जब आप अपना पहला लक्ष्य हासिल करलें तो इसकी खुशी जरूर मनाएं।
अपने खर्चों को कम करने के तरीके ढूंढें, जैसे कि महंगे होटल में खाने के बजाय ऑनलाइन ऑर्डर करना जिसमें डिस्काउंट भी होता है या फालतू सर्विसेस को बंद करना।
यदि आप बोनस या टैक्स रिफंड प्राप्त करते हैं, तो इसे अपने फाइनेंशियल गोल्स में डालें।
आप अपने चेकिंग खाते से अपने बचत खाते में ऑटोमेटिक ट्रांसफर सेट कर सकते हैं। अपनी बचत को ऑटोमेटिक करके, आप बिना किसी मेंटल स्ट्रेस के बचत कर रहे हैं।
निवेश
अब बचत के बाद, निवेश करना पर्सनल फाइनेंस का अगला महत्वपूर्ण कदम है। निवेश में आपको आपके बचत किए हुए धन को ऐसी एसेट्स में निवेश करना होता है, जिनकी समय बढ़ने के साथ साथ कीमत बढ़ती रहे, जिससे आपके निवेश किए हुए रुपए भी बढ़ेंगे। ऐसी एसेट्स में स्टॉक, बॉन्ड्स, रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड्स, और बहुत से विकल्प शामिल हैं।
निवेश करने से पहले आपको अपने जोखिम को सहन करने की क्षमता और अपने लिए निवेश लक्ष्य बनाना समझना चाहिए।
अगर आप ज्यादा जोखिम नहीं उठा सकते हैं तो आपको सरकारी बॉन्ड्स और सिक्योरिटीज़ में निवेश कर सकते हैं जिनमें सरकार सुरक्षा आपके निवेश की सुरक्षा देती है।
अगर आप ज्यादा जोखिम उठा सकते हैं, तो आप स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं।
यहां आप निवेश से कैसे फायदे उठा सकते हैं इसके लिए कुछ सुझाव दिए हैं :
आपको जल्द से जल्द निवेश करने की शुरुआत करनी चाहिए। निवेश में अच्छा रिटर्न हासिल करने के लिए समय बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, क्योंकि कंपाउंडिंग लंबे समय में अपना जादू दिखाती है।
निवेश जल्दी शुरू करने से आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को भी जल्दी हासिल कर सकेंगे।
निवेश करने से पहले सभी इंस्ट्रूमेंट्स को अच्छे से समझ लें फिर ही निवेश करें। किसी एक एसेट में अपना सारा पैसा निवेश ना करें बल्कि अपने पोर्टफोलियो में अलग अलग निवेश इंस्ट्रूमेंट्स को शामिल करें, जिससे आपके पोटेंशियल रिटर्न की कीमत बढ़ेगी और जोखिम कम होगा।
निवेश कोई भी हो, उसमें थोड़ा या ज्यादा जोखिम होता ही है। आपको निवेश करने से पहले, समझना होगा की आप कितना जोखिम उठा सकते हैं, आप जिन असेट्स में निवेश कर रहे हैं उनमें कितना जोखिम है, तभी निवेश करें।
आपको अपने लिए निवेश इंस्ट्रूमेंट्स चुनते समय उनमें लगने वाली लागत, फीस, टैक्स आदि की जानकारी ले लेनी चाहिए। जैसे आप इंडेक्स फंड्स में निवेश कर सकते हैं जिनमें कॉस्ट कम है।
आपको निवेश लंबे समय के लिए करते रहना चाहिए, बाजार के उतार चढ़ाव से डरना नहीं चाहिए।
खबरों को सुनकर या किसी और के कहने पर अपने निवेश को डर कर खत्म न करें बल्कि अपने लक्ष्यों को ध्यान में रखकर निवेश करते रहें।
अपने जोखिम को कम करने के लिए अपने निवेश में अलग अलग इंस्ट्रूमेंट्स को शामिल करना जरूरी है। अलग अलग एसेट सेक्टर और धंधों में अपने निवेश को फैलाकर, आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं और अपने निवेश पर हाई रिटर्न पाने की संभावनाओं को बढ़ा सकते हैं।
डेट मैनेजमेंट (Debt Management)
पर्सनल फाइनेंस में अपने कर्ज़ को सही ढंग से मैनेज करना भी एक बहुत ही जरूरी कदम है, जैसे कि घर खरीदने के लिए लोन लेना या हायर स्टडीज के लिए स्टूडेंट लोन लेना। हालांकि, अगर आप अपने कर्ज़ को सही ढंग से मैनेज नही करते हैं तो यह आपके लिए फाइनेंशियल टेंशन बढ़ा सकता है साथ ही इसका असर आपके क्रेडिट स्कोर पर भी पड़ता है।
आपको अपने कर्ज़ को मैनेज करने के लिए, कर्ज़ चुकाने के लिए प्लान बनाने की जरूरत होगी।
आपके डेट-पे-ऑफ प्लान में एक बजट और आपके कर्ज़ को चुकाने के लिए एक टाइमलाइन शामिल होनी चाहिए। सबसे पहले आप अपने ज्यादा ब्याज दर वाले कर्ज़ को पे ऑफ करके अपने ऊपर से बड़ी मुसीबत को कम कर सकते हैं, अधिक जानकारी के लिए लेख पढ़े।
नया कर्ज लेने से बचें और अपने रोजमर्रा के खर्चों के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल ना करते हुए, कैश या फिर डेबिट कार्ड, यू पी आई (UPI) से तुरंत पेमेंट करें।
1.आपको अपने ऊपर कितना कर्ज़ है, कितनी ब्याज दरों पर कौन सा कर्ज है और किसकी किश्त कितनी जाती है, यह सब लिखना होगा।
2.पहले उच्च ब्याज वाले कर्ज़, जैसे क्रेडिट कार्ड का भुगतान करें।
3.अपने कर्ज़ को तेजी से चुकाने के लिए हर महीने बंधी हुई किश्त की रकम से अधिक भुगतान करने की कोशिश करें।
4.कम ब्याज दर वाले लोन की मदद से अपने अलग अलग, ज्यादा ब्याज दर वाले कर्जों को पे ऑफ करने पर विचार करें।
5.आपको जरूरत पड़ने पर किसी फाइनेंशियल एडवाइजर से मदद लेनी चाहिए।
सेवानिवृत्ति योजना (रिटायरमेंट प्लानिंग)
पर्सनल फाइनेंस में अगला महत्वपूर्ण कदम है अपने लिए रिटायरमेंट की प्लानिंग करना। इसके लिए आपको अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स प्लान बनाना होगा। जिसकी मदद से आप अपने रिटायरमेंट के समय का आनंद ले सकेंगे।
आप चाहें अभी करियर की शुरुआत कर रहे हों या अपने रिटायरमेंट के पास हों, आपको अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग करना बहुत जरूरी है। आपको यह ज़रूर तय कर लेना चाहिए की रिटायरमेंट के बाद आपकी जरूरतों की पूर्ति के लिए और स्वास्थ्य से जुड़ी जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त धन मौजूद हो।
1. सेवानिवृत्ति के दौरान अपनी जरूरत के खर्चों को कवर करने के लिए आपको कितने रुपयों की जरूरत होगी। आपको अपनी हेल्थ केयर से जुड़े खर्चों को ध्यान में रखना होगा।
2.एक बार जब आप अपने रिटायरमेंट गोल्स को तय कर लें, फिर आपको उन गोल्स को हासिल करने के लिए एक प्लान बनाना होगा।
अगर आप किसी भी फाइनेंशियल एडवाइजर से रिटायरमेंट की सेविंग्स के लिए सलाह लें, तो वे आपको हर साल अपनी आय का कम से कम 10-15% बचाने की सलाह देंगे।
3.आपको अपने निवेश के पोर्टफोलियो में विभिन्न निवेश इंस्ट्रूमेंट्स शामिल करने चाहिए, जिससे आप अपने जोखिम को कर सकें और पोटेंशियल रिटर्न को बढ़ा सकें।
4.आपको अपने रिटायरमेंट के लिए हेल्थ इंश्योरेंस, और अपने एसेट्स को ऐसे मैनेज करना चाहिए की भविष्य में आपके निवेश किए हुए धन से मिलने वाला रिटर्न ज्यादा प्रभावित ना हो।
5.आपको अपनी संपत्ति की वसीयत बनाना पर भी विचार करना चाहिए, जिसमें आप अपने संपत्ति के लिए नॉमिनीज को नामित करना शामिल होता है।
अगर आपकी आयु ज्यादा हो गई है तो आपको अपनी संपत्ति की वसीयत अपने वकील द्वारा लिखवा लेना चाहिए । आपके बाद आपकी संपत्ति का कानूनी रूप से कौन हकदार होगा।
आप अपनी संपत्ति का कितना हिस्सा किसे देंगे।
आप की वसीयत में सारी संपत्तियों का विवरण होता है, आप की संपत्ति सही नॉमिनीज के नाम आसानी से ट्रांसफर हो जाती है।
6. रिटायरमेंट की प्लानिंग करने के लिए आप किसी फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह से अपने लिए रिटायरमेंट प्लान बना सकते हैं।
पर्सनल फाइनेंस के क्या फायदे हैं ?
आप अपने पैसे को प्रभावी ढंग से कैसे मैनेज कर सकते हैं।
यदि आप अपने पैसों को एक अच्छी पर्सनल फाइनेंस प्लानिंग से खर्च करते हैं तो आप अपने फाइनेंशियल गोल्स को जल्द ही हासिल कर सकते हैं।
आपके पास अपने स्वास्थ्य, घर और अन्य संपत्तियों के लिए खर्चे के हिसाब से पर्याप्त पैसा होता है आप एक आर्थिक सुरक्षा में होते है।
आपको अपने धन को सही तरह से सोच समझ कर निवेश करना चाहिए और जोखिम से बचा कर रखना चाहिए।
आपको खुदको फाइनेंशियल फ्रीडम मतलब आर्थिक रूप से आजाद बनाने के लिए काम करना चाहिए जिससे आपको जिंदगी भर पैसों के लिए काम ना करना पड़े और आप अपने रिटायरमेंट के समय का आनंद ले सकते हैं।
पर्सनल फाइनेंस क्यों महत्त्वपूर्ण है?
हमारे जीवन में पर्सनल फाइनेंस एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है, जिसमें आपको अपने भविष्य की प्लानिंग करना और फाइनेंशियल गोल्स को सेट करना फिर उनको हासिल करना सीख सकते हैं।
पर्सनल फाइनेंस का मुख्य उद्देश्य क्या है?
पर्सनल फाइनेंस हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण पहलू है जिसे हम सभी को गंभीरता से लेना चाहिए। बजट बनाकर, पैसे बचाकर, अपने पैसों का सही निवेश कर, ऋण का प्रबंधन कर, और अपने लिए उचित सेवानिवृत्ति योजना बनाकर , हम अपने जीवन का आनंद ले सकते हैं ,चिंतामुक्त होकर।
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