Shares meaning in Hindi | शेयर क्या होते है

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Shares meaning in Hindi। शेयर क्या होते हैं?


By Javed / 19 September, 2023:


Shares किसी भी कंपनी की इक्विटी का एक हिस्सा होता है जो कि कंपनी IPO के माध्यम से शेयर बाजार में लिस्ट होती है, और अपने भविष्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए या कंपनी अपने कर्ज को खत्म करने के लिए अपनी इक्विटी को आम लोगों को शेयर बाजार के माध्यम से बेचती है, और प्रति शेयर के हिसाब से उसकी कीमत तय होती है। शेयर बाजार में हमेशा उतार चढ़ाव होता है, जिससे शेयर्स के प्राइस ऊपर नीचे होती है, जिसे मार्केट प्राइस कहा जाता है। कंपनी के शेयर की बुक वैल्यू होती है जिसे वैल्यू इन्वेस्टिंग में महत्व दिया जाता है। बुक वैल्यू कंपनी की टोटल इक्विटी के टोटल शेयर के हिसाब से होती है।


हमारे देश भारत में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, NSE और BSE, जिनपर कंपनी अपने स्टॉक को लिस्ट करती है, जिससे आम लोगों को भी किसी कंपनी में निवेश का मौका मिलता है। आम लोगों को निवेश के लिए एक डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत होती है। यह अकाउंट ब्रोकर के माध्यम से खोला जा सकता है। ब्रोकर भी अलग प्रकार के होते हैं, आज कल डिस्काउंट ब्रोकर के पास लोग ज्यादा डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करते हैं। हमारे देश में जिरोधा, एंजल वन जैसे बहुत सारे ब्रोकर हैं, जहां कोई भी भारतीय नागरिक आसानी से अपना डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट खोल कर शेयर्स को खरीद और बेच सकता है। हमने लेख के माध्यम से शेयर्स से जुड़ी जानकारी आपके लिए लिखी है।


Shares meaning in Hindi | शेयर क्या होते है

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| शीर्षक | Shares meaning in Hindi | शेयर क्या होते है  |


| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |


| विवरण | Shares meaning in Hindi, शेयर क्या होता है, कंपनी शेयर क्यों जारी करती है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, कोई भी व्यक्ति कैसे किसी भी कंपनी के शेयर खरीद और बेच सकता है, आदि । |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत | 


कंपनी क्यों शेयर जारी करती है:


कंपनी अपने शेयर ipo के माध्यम से जारी करती है, उनका मकसद होता है अपने लिए कुछ फंड जुटाना, जिससे कंपनी अपना आर्थिक विकास कर सके।

3 शेयर जारी करने के कारण क्या होता है:


जब कोई कंपनी अपना कारोबार बढ़ाना चाहती है तब वह अपना कैपिटल बढ़ाने के लिए अपनी इक्विटी बेचती है।

जब कंपनी अपने साथ नए निवेशक जोड़ना चाहती है, जिसे वह अपनी इक्विटी के बदले मिले धन का कंपनी के विकास के लिए कर सके, जिस कंपनी के शेयर होल्डिंग में ओनर का दायरा बढ़ाया जाए।

कंपनी के शेयर की लायबिलिटी को बढ़ाने के लिए जैसे कोई भी निवेशक बाजार से कंपनी के स्टॉक को आसानी से खरीद सके।
Shares meaning in Hindi।शेयर क्या होते है?





कंपनी कैसे शेयर को जारी करती है:


जब कोई कंपनी IPO लाती है तो उसका मकसद खुद को एक ब्रांड के रूप में लोगों के सामने लाने का मकसद होता है, जिससे लोग कंपनी के इक्विटी शेयर को खरीदकर, कंपनी में निवेश करें और कंपनी के पास अच्छा कैपिटल आए। जिससे वह अपने कर्ज को कम कर सके, अपने मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ा सके, अच्छी मार्केटिंग कर सके, जिससे कंपनी ज्यादा उत्पादन करे और ज्यादा सेल करे जिससे ज्यादा रेवेन्यू कमाए और अच्छा प्रॉफिट बनाकर खुदको बेहतर कंपनी के रूप में स्थापित कर सके। IPO क्या होता है लेख में आईपीओ से जुड़े हर सवाल का जवाब है, आप लिंक से जाकर ipo लेख पढ़ सकते हैं।



शेयर कितने प्रकार के होते हैं


एक कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स के लिए कई प्रकार के शेयर्स इश्यू करती है। हर तरह के शेयर की अपनी विशेषता, अधिकार और फायदे होते हैं।



शेयर्स निम्न प्रकार के हैं:



इक्विटी शेयर क्या होते है?



इक्विटी शेयर सबसे ज्यादा प्रचलित और ज्यादा मात्रा में कंपनी द्वारा इश्यू किए जाते हैं। इक्विटी शेयर कंपनी का मालिकाना हक़ देते हैं और शेयर होल्डर को कंपनी के डायरेक्टर के चुनाव में वोट का अधिकार देते हैं साथ ही बड़े फैसलों में राय लेते हैं। इक्विटी शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड में हिस्सेदारी मिलती है।



प्रेफरेंस शेयर क्या होता है? 


प्रेफरेंस शेयर में फिक्स्ड डिविडेंड होता है और प्रेफरेंस शेयरहोल्डर्स को इक्विटी शेयरहोल्डर्स से पहले डिविडेंड पे आउट किया जाता है। 

प्रेफरेंस शेयरहोल्डर्स के पास वोटिंग का अधिकार नहीं होते हैं, लेकिन लिक्विडेशन के वक्त इन्हे इक्विटी शेयरहोल्डर्स से पहले पे आउट किया जाता है।


प्रेफरेंस शेयर्स  दो तरह के होते हैं।



कम्युलेटिव प्रेफरेंस शेयर क्या होता है? 



कम्युलेटिव शेयरहोल्डर्स को पुराने अनपेड डिविडेंड्स सबसे पहले दिए जाते हैं।



नॉन कम्युलेटिव प्रेफरेंस शेयर क्या होता है? 



नॉन कम्युलेटिव शेयरहोल्डर्स को पुराने डिविडेंड्स नहीं दिए जाते हैं।



कन्वर्टिबल या रिडीमेबल शेयर क्या होता है? 



ये शेयर्स निर्धारित प्राइस पर किसी निर्धारित तारीख को  कंपनी द्वारा वापस खरीद लिए जाते हैं।

ये शेयर्स इक्विटी शेयर या प्रेफरेंस शेयर्स दोनों ही हो सकते हैं।



स्वेट इक्विटी शेयर क्या होता है? 



ये शेयर्स किसी भी कंपनी द्वारा उसके कर्मचारियों के लिए कंपनसेशन के रूप में जारी किए जाते हैं।

ये शेयर्स डिस्काउंट के साथ इश्यू किए जाते हैं, ये शेयर्स एक निर्धारित समय सीमा तक ना ही बेचे जा सकते हैं और ना ही ट्रांसफर किए जा सकते हैं।



बोनस शेयर्स क्या होता है? 



ये शेयर्स कंपनी के वर्तमान शेयरहोल्डर्स को उनके कंपनी के प्रति ईमानदार रहने के लिए बोनस के रूप में जारी किए जाते हैं। बोनस शेयर्स पर किसी तरह का चार्ज नहीं लगता है और न ही इसके लिए शेयरहोल्डर्स द्वारा पेमेंट ली जाती है।



राइट्स शेयर्स क्या होता है? 



ये शेयर्स कंपनी के वर्तमान शेयरहोल्डर्स को डिस्काउंट प्राइस में दिए जाते हैं। राइट्स शेयर्स किसी शेयरहोल्डर को उसके अंतर्निहित शेयर्स के अनुपात में मिलते हैं।



शेयर बाजार काम कैसे करता है:



भारत देश में शेयर बाजार को सेबी SEBI नामक सरकारी संस्था रेगूलेट करती है,

देश में 23 स्टॉक एक्सचेंज हैं, जहां स्टॉक की खरीद और बिक्री का काम किया जाता है, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर, सिर्फ  NSE नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, BSE बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज, पर ज्यादा काम होता है, इन दोनों को भी सेबी संचालित करती है।



भारत देश में दो स्टॉक डिपोजिटरी है NSDL, और CDSL,

निवेशक अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं, जिसके माध्यम से शेयर बाजार में ट्रेडिंग कर सकते हैं, दोनों डिपोजिटरी में डीमैट खाता खोला जा सकता है, दोनों के बीच ज्यादा अंतर नही होता, दोनों ही डिपोजिटरी द्वारा एक समान सेवाएं प्रदान की जाती है।



NSDL   नेशनल सिक्योरिटी डिपोजिटरी लिमिटेड 

CDSL   सेंट्रल डिपोजिटरी सर्विस लिमिटेड 


दोनों डिपोजिटरी के माध्यम से निवेशक द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रूप से खरीदे गए शेयर, बॉन्ड, डिबेंचर, म्यूचुअल फंड, सरकारी प्रतिभूतियों को रखा जाता है।



डीमैट अकाउंट के माध्यम से शेयर को खरीदा और बेचा जाता है, NSDL, CDSL खाता धारक को सेवा प्रदान करती हैं।



स्टॉक ब्रोकर की सहायता से आप अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं, हमारे देश में बहुत अच्छे और भरोसेमंद स्टॉक ब्रोकर जैसे जिरोधा, एंजल वन, अप स्टॉक जैसे अन्य और भी ब्रोकर अपने कस्टमर्स को अच्छी सर्विस प्रदान करते हैं।



इन ब्रोकर्स के ऑनलाइन  प्लेटफॉर्म पर जाकर अपना डीमैट अकाउंट आसानी से खोल सकते हैं, आपको पैनकार्ड, आधारकार्ड, और एक बैंक खाते की जरूरत होगी अपने लिए एक डीमैट अकाउंट खोलने के लिए।



आप शेयर बाजार में पैसा निवेश करना चाहते हैं, तो क्या करें?



शेयर बाजार में पैसा निवेश करने के लिए आप को सही शेयर को चुनना आना चाहिए, सही स्टॉक चुनकर आप सही निवेश कर सकते हैं, अपने पैसों को गलत जगह निवेश से बचाकर अच्छा रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं।



लार्ज कैप / मिड कैप / स्मॉल कैप क्या है:


शेयर बाजार में तीन तरह की कम्पनियां होती हैं जिनकी पहचान उनके मार्केट कैपिटल से की जाती है। मार्केट कैपिटल कहते हैं, कंपनी का मार्केट कैपिटल कितना है, ₹100 करोड़ या ₹30 हजार करोड़। उन्हें तीन भागों में बांट जाता है। लार्ज कैप मतलब बड़ी कंपनी, मिड कैप मतलब ना छोटी ना बड़ी, स्मॉल कैप का मतलब छोटी कंपनी होता है। हमने तीनों तरह की कंपनी के बारे में हेल्पफुल आर्टिकल लिखे हैं, लिंक से जाकर आप पढ़ सकते हैं।


स्टॉक कैसे चुने जाते हैं:



हर निवेशक जो शेयर बाजार में निवेश करना चाहता है, उसको अपने लिए किसी अच्छी कंपनी का शेयर चुनना, बहुत ही जटिल काम लगता है निवेश करने से पहले। शेयर बाजार में निवेश करना बहुत जोखिम वाला काम है, शेयर के प्राइस हर दिन बदलते हैं, बाजार हमेशा ऊपर नीचे होता रहता है, जिससे स्टॉक के प्राइस बहुत प्रभावित होते हैं। अगर कोई गलत स्टॉक में बगैर जानकारी के निवेश करे तो वह बहुत नुकसान कर सकता है। 


एक आम इंसान, स्टॉक में न्यूज या किसी की बात सुनकर या किसी और व्यक्ति को देखकर निवेश करता है, को उसके नुकसान का कारण होता है।


एक प्रोफेशनल व्यक्ति के पास पूरी शिक्षा होती है। उसे बाजार, बिजनेस और फाइनेंस सभी तरह की चीज़ों की हर छोटी बड़ी बात की समझ होती है, जिसे रिसर्च कहा जाता है या फंडामेंटल एनालिसिस जो किसी भी स्टॉक के बारे में अच्छी रिसर्च करने के लिए जरूरी है।


कैसे स्टॉक रिसर्च होती है:


एनालिटिक्स सबसे पहले कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझता है, कंपनी जो प्रोडक्ट या सर्विस बेच रही है, वह लोगों के कितने काम की है, लोग कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस पसंद करते हैं, कंपनी के मैनेजमेंट को समझता है, जिससे कंपनी के भविष्य का अनुमान लगाया जा सके।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट को अच्छे से पढ़ा जाता है जिससे कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति का पता लगाया जाए।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट में कंपनी से जुड़ी हर फाइनेंशियल जानकारी होती है।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट में एनालिटिक उसकी बैलेंस शीट पढ़ता है, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, कैशफलो स्टेटमेंट जिसमें कंपनी की कमाई, खर्च, फायदे और नुकसान के साथ कंपनी के ऊपर कितना कर्ज़ है, इस तरह की सभी फाइनेंशियल जानकारी होती है।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट में कुछ महत्वपूर्ण अनुपात होते हैं, जिन्हें बहुत अच्छे से समझा जा सकता है जैसे pe ratio, pb ratio, EPS, ROE, ROCE, debt to equity ratio जैसे अनुपात होते हैं, जिनके समझे बिना एक अच्छे स्टॉक की पहचान नहीं हो सकती है।


आप अभी जो ब्लॉग पढ़ रहे हैं, moneyindex.in ब्लॉग में निवेश और स्टॉक मार्केट लेबल में आपको इन सभी विषय पर डिटेल में आर्टिकल मिल जायेंगे जिनमें अच्छी और सही जानकारी उपलब्ध है। आप अगर किताबें पढ़ने के शौकीन हैं तो आप इंटेलिजेंट इन्वेस्टर किताब पढ़ सकते हैं जो निवेश पर लिखी दुनिया की सबसे अच्छी किताब है।


शेयर में किन तरीकों से निवेश किया जा सकता है, शेयर बाजार में निवेश के विकल्प होते हैं जिनके माध्यम से स्टॉक में निवेश किया जा सकता है जैसे PPF खाता, NPS खाता, म्यूचुअल फंड, ETF के माध्यम से शेयर बाज़ार में निवेश किया जा सकता है। ब्लॉग में सभी विकल्प की महत्वपूर्ण जानकारी आसान हिंदी भाषा में लिखी गई है, आप लिंक से जाकर हर विकल्प के बारे में पढ़ सकते हैं।



शेयर बाजार में निवेश के लिए बाजार में 4 प्रकार के स्टॉक होते है,

  1. ग्रोथ स्टॉक 
  2. वैल्यू स्टॉक 
  3. डिविडेंड स्टॉक 
  4. साइक्लिक स्टॉक 


ग्रोथ स्टॉक क्या होता है? 



ग्रोथ स्टॉक वह होते हैं ,जिनकी और दूसरे स्टॉक की तुलना में बढ़ने की उम्मीद ज्यादा होती है, यह समय के साथ अच्छी ग्रोथ करते हैं, जिस के कारण निवेशक को लाभ होता है, उनके द्वारा निवेश किया गया धन भी समय के साथ बढ़ता रहता है।



वैल्यू स्टॉक क्या होता है? 



वैल्यू स्टॉक वह होते हैं, जो अपनी सही कीमत से नीचे ट्रेड करते हैं, हर स्टॉक की एक वैल्यू कीमत होती है, जो मूलभूत सिद्धांत के आधार पर स्टॉक की वैल्यू निकाली जाती है, लेकिन बाजार के उतार चढ़ाव और कोई कारण से स्टॉक की प्राइस ऊपर नीचे होती रहती है, कभी स्टॉक ओवर वैल्यूड होता है, कभी अपनी सही वैल्यू से भी कम कीमत पर ट्रेड करता होता है, अपनी सही कीमत से कम पर ट्रेड कर रहे स्टॉक को वैल्यू स्टॉक कहा जाता है।

 


डिविडेंड स्टॉक क्या होता है? 



डिविडेंड स्टॉक अपने शेयर होल्डर को कंपनी के प्रॉफिट का कुछ हिस्सा डिविडेंड के रुप में देता है, कंपनी लाभ कमाने पर अपने सारे शेयर होल्डर को देती है, जिससे इन्वेस्टर को पैसिव इनकम प्राप्त होती है।



साइक्लिक स्टॉक क्या होता है? 



साइक्लिक स्टॉक जिसकी कीमत बाजार के और देश की इकोनॉमी के उतर चढ़ाव से बहुत ज्यादा प्रभावित होती है।



जरूरी बात:


स्टॉक क्या होता है, stock meaning in hindi लेख से आपको स्टॉक से जुड़ी जानकारी प्राप्त हुई होगी। हम आम आदमी को आसान भाषा में शेयर से जुड़ी जानकारी देने की कोशिश की है और शेयर से जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी जिससे लोगों की जानकारी बढ़ सके।


हर एक कंपनी का स्टॉक होता है, जिससे सभी कंपनियों के स्टॉक मिलकर शेयर बाजार बनता है, जो किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को चलाता है। जिस देश की कंपनी अच्छा काम करती हैं और धन कमाती हैं, उस देश की अर्थव्यवस्था बहुत अच्छी होती है। स्टॉक मार्केट को समझने के लिए और ज्यादा जानकारी प्राप्त करने के लिए आप moneyindex.in के स्टॉक मार्केट लेबल में जाकर इक्विटी क्या होती है, डिविडेंड यील्ड क्या होता है, शेयर कैपिटल क्या होता है, पोर्टफोलियो क्या होता है, स्टॉक ब्रोकर कैसे चुनें, डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट, फेस वैल्यू, इंटरेस्ट कवरेज, ipo, शेयर स्प्लिट, शेयर होल्डिंग पैटर्न जैसे आर्टिकल पढ़ सकते हैं, जो आपकी सहायता करेंगे, शेयर से जुड़ी जानकारी बढ़ाने के लिए व्हाट्सएप चैनल को तुरंत ज्वॉइन करें और लेख को शेयर भी करें सोशल मीडिया शेयर बटन के माध्यम से।


लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद
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