SMART Goal Setting in Hindi: स्मार्ट गोल सेटिंग क्या है और कैसे करते हैं?

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SMART Goal Setting in Hindi: स्मार्ट गोल सेटिंग क्या है और कैसे करते हैं गोल सेट?


जानें कैसे आप अपने लक्ष्य को SMART Goal Setting प्रक्रिया से हासिल कर सकते हैं।

SMART Goal Setting In Hindi



स्मार्ट गोल सेटिंग क्या है?What is SMART Goal Setting?

जब कोई कंपनी या इंडिविजुअल अपने लिए कोई लक्ष्य निर्धारित करती है, सबसे पहला स्टेप होता है, एक प्लान बनाना की लक्ष्य को कैसे हासिल करना है, इसी प्रक्रिया को गोल सेटिंग कहा जाता है।


गोल सेटिंग प्रक्रिया है जिसमें व्यक्ति अपने लक्ष्य को SMART तरीके से हासिल कर सकता है।


SMART तरीके में अपने गोल को छोटे भाग में बांट दिया जाता है, इस लक्ष्य तक पहुंचने  में आसानी होती है।


जब भी आप अपने लक्ष्य के लिए प्लान बनाते हैं, तो

आप को इन बातों को ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है,जैसे आपका लक्ष्य Specific, Measurable, Achievable, Relevant, Timebound होना चाहिए।



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Smart Goals in Hindi 


असरदार गोल सेटिंग के लिए आपको अपनी जिंदगी के लक्ष्य को छोटे छोटे लक्ष्य में विभाजित कर लेना चाहिए, इससे आप को उन्हें मैनेज करने में आसानी होती है, उनमें आने वाली समस्याओं को हल करना और उन्हें हासिल करना एक तय समय सीमा पर आसान हो जाता है।


इसे उदाहरण से समझते हैं:

अगर आपका एक लंबे समय (लॉन्ग टर्म )गोल है,

आप फाइनेंशियल फ्रीडम हासिल करना चाहते हैं, तो आपको सबसे पहले अपने गोल को अलग हिस्सों में बांटना होगा, जैसे इससे इमर्जेंसी फंड मेंटेन करना, कर्ज मुक्त जीवन जीना, आदि,फिर एक के बाद दूसरा स्टेप के हिसाब से आगे बढ़ना होगा।


गोल सेटिंग जिन्दगी के हर दिन और हर काम में इस्तेमाल में आने वाली प्रक्रिया है।

आप का अपना अगले दिन करने वाले काम हो या फिर अच्छी हैल्थ, एजुकेशन, करियर, बिजनेस प्लानिंग, पर्सनल डेवलपमेंट, पर्सनल फाइनेंस, रिटायरमेंट प्लान ऐसा कुछ भी जो आप अपने लिए करना चाहते हों।


अगर आप के पास एक विजन है और एक अच्छी प्लानिंग के साथ आप अपने लिए एक लक्ष्य बनाते हैं,

साथ ही आप के पास एक माइंड मैप है, तो आप किसी भी लक्ष्य को आसानी से पूरा करने में कामयाब हो जाएंगे।


Smart Goals in Hindi: Specific/ स्पष्ट :


SMART Goal Setting में स्पेसिफिक, 


आपको यह सुनिश्चित करना होगा की आपने अपने लक्ष्य की एक स्पष्ट रूपरेखा बनाई हो जिसमे आपके लक्ष्य को बेहतरीन ढंग से समझाया गया हो की क्या करने की जरूरत है, कैसे करना है और किसे या किसके द्वारा किया जाना है।


उदाहरण के लिए, अगर आपने आपका लक्ष्य तय किया है "फिट होना", तो यह एक साधारण सी बात है, जिसमें कोई स्पष्टता नही है।


अगर आप अपना लक्ष्य को स्पष्ट बनाएं जैसे, " 2 महीने में 10 पाउंड्स वजन कम करना है, एक्सरसाइज और वर्कआउट प्लान और खाने में हेल्थी डाइट की प्लान चार्ट को शामिल करके" यह गोल स्पष्ट और समय की मैपिंग के साथ है, जो आपको आपके लक्ष्य के साफ दिशा निर्देश देता है। 

इसमें आप अपनी प्रोग्रेस को आसानी से ट्रैक भी कर सकते हैं और जरूरत पड़ने पर अपने वर्कआउट प्लान या डाइट प्लान में बदलाव भी कर सकते हैं।



Smart Goal in Hindi: Measurable/नापने योग्य:


यह बहुत जरूरी है की आप अपने लक्ष्य को किसी तरह से नापने योग्य बनाएं। जिससे आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के कितने पास हैं, यह नापा जा सके ।


अपने लक्ष्य को नापने योग्य बनाने के लिए आप उससे जुड़े कुछ क्राइटेरिया तय कर सकते हैं, जैसे, 


मान लीजिए, अगर आपका लक्ष्य आपके बिजनेस प्रोडक्ट की सेल बढ़ाना है, तो आपको अपने लक्ष्य के हासिल होने या ना होने के क्राइटेरिया के रूप में यह देखना होगा:


आपके प्रोडक्ट का सेल्स फिगर,

आपके कस्टमर्स की सेटिस्फेक्शन रेटिंग्स, 

या ऐसे मैट्रिक्स जिनकी मदद से आपकी प्रोग्रेस को देखा जा सके जैसे एक सेल्स फनल बनाना ।


आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं या नहीं यह तय करने के लिए, आपके लक्ष्य का नापने योग्य होना बहुत जरूरी है। 


Smart Goal Setting in Hindi: Achievable/ प्राप्त करने योग्य:


जब आप अपने लिए कोई लक्ष्य तय करते हैं, तो यह सुनिश्चित करना चाहिए की यह प्राप्त करने योग्य है मतलब इस लक्ष्य को एक तय मात्रा में संसाधन के उपयोग और एफर्ट्स के साथ हासिल किया जा सकता है।


हकीकत से दूर, अनरियलिस्टिक गोल्स जिन्हें हासिल करना नामुमकिन हो, वो आपको निराशा, दुख, और नाकामी देते हैं जो आपको हताश कर देती है।


कुछ जरूरी फैक्टर्स, यह देखने के लिए की गोल अचीवेबल है, :


संसाधन: लक्ष्य को हासिल करने के लिए जिन संसाधनों की जरूरत है, क्या वह उस कंपनी या इंडिविजुअल के पास हैं? जिनमें शामिल हो सकते हैं, फाइनेंशियल रिसोर्सेज, टेक्नोलॉजी, मैनपावर, और दूसरे जरूरी टूल्स और इक्विपमेंट्स। 


स्किल्स: क्या इस टीम को लक्ष्य को हासिल करने से जुड़ी सारी जरूरी स्किल्स और नॉलेज है? अगर नही, तो क्या उनके पास इन स्किल्स को सीखने के कोई तरीके हैं?


समय: लक्ष्य को हासिल करने की समयसीमा रीजनेबल है या नहीं? सारे जरूरी कामों को करने में जल्दीबाजी तो नही की जा रही या प्रोडक्ट या सर्विस की क्वालिटी में कमी तो नहीं की जा रही? 


इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए , किसी भी कंपनी या इंडिविजुअल को अपने लक्ष्य के अचीवेबल होना या न होना तय करना चाहिए।


Smart Goal Setting in Hindi: Relevant/ सटीक:


जब कोई कंपनी या इंडिविजुअल अपने लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो यह जानना बहुत जरूरी है की लक्ष्य और परिणाम आपस में उपयुक्त हों, रेलेवंत हों।


उदाहरण के लिए, अगर एक कंपनी का लक्ष्य सेल्स को बढ़ाना है, और वह कस्टमर सर्विस को सुधारने की दिशा में काम कर रही है, तो इसका परिणाम कस्टमर की संतुष्टि होगा जिससे आगे चलकर कंपनी की सेल में अपने आप बढ़ोतरी होगी। जबकि कंपनी का बुक क्लब ऑर्गेनाइज करना, सेल्स बढ़ाने से रेलेवंत नही है।


Smart Goal Setting in Hindi:Time Bound/ समय में सीमित:


आप जब भी अपने लिए कोई लक्ष्य तय करें, तो उसके हासिल करने के लिए एक समयसीमा का होना बहुत आवश्यक है।

बिना किसी समय सीमा तय किए, लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब नहीं हुआ जा सकता क्योंकि लक्ष्य की समयसीमा से उसकी प्रोग्रेस का पता किया जा सकता है।


जब आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक समयसीमा निर्धारित करते हैं, तो इससे आप अपने लक्ष्य से और कितनी स्टेप्स दूर हैं, सही दिशा में हैं या नहीं, और किस वक्त आप अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे, यह सब आपकी जानकारी में होगा। जिससे आपको अपने गोल को अचीव करने का मोटिवेशन मिलेगा।


उदाहरण से समझते हैं, आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए समयसीमा तय करते हैं जैसे, " मैं 10 पाउंड्स वजन 1 जुलाई 2023 तक कम कर लूंगा या लूंगी।"

इससे आपको अपने गोल को अचीव करने के लिए जरूरी काम करने और अपनी प्रोग्रेस ट्रैक करने में आसानी होगी।


समय सीमा को मैनेज करना स्मार्ट गोल्स का एक महत्वपूर्ण अंग है, यह आपको आपके लक्ष्य के प्रति सजग रखता है और उसे हासिल करने के लिए मोटिवेट करता है।



Goal Setting meaning in hindi : गोल सेटिंग के प्रकार /Types of Goal Setting:

1.शॉर्ट टर्म गोल सेटिंग 

2. लॉन्ग टर्म गोल सेटिंग।

Goal setting आप दो तरीके से कर सकते हैं


1.छोटी अवधि के लक्ष्य (शॉर्ट टर्म गोल सेटिंग) :


शॉर्ट टर्म गोल्स में कुछ दिन, हफ्तों, या महीनों में      लक्ष्य को हासिल करने का प्लान किया जाता है,

हर छोटा स्टेप लॉन्ग टर्म गोल का हिस्सा होता है

जैसे आप को कोई काम एक माह में करना है, तो आप इसे 4 छोटे भाग में बांटकर हर हफ्ते एक स्टेप पूरा करेंगे, जिससे आप का एक महीने का गोल पूरा हो जाएगा।


आप यह टेक्निक अपने दूसरे काम में भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे, नई स्किल सीखना, अपना ऑफिस वर्क, हेल्थ, फिटनेस, पैसा, पर्सनल फाइनेंस, जैसे और भी जरूरी काम हो सकते हैं।


2.लंबी अवधि के लक्ष्य (लॉन्ग टर्म गोल सेटिंग) :


लॉन्ग टर्म गोल्स, शॉर्ट टर्म गोल्स के मुकाबले में काफी हद तक कॉम्प्लेक्स प्रोसेस होती है,

लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने में कई साल लंबे समय तक लगातार प्रयास करना पड़ता है।


लॉन्ग टर्म गोल्स,अगले 10 साल या उससे अधिक समय बाद पूरा होने वाले कार्य शामिल होते हैं,

जिस तरह शॉर्ट टर्म गोल्स को हफ्ते या महीनों में आसानी से पूरा किया जा सकता है यह वैसा नहीं है।


लॉन्ग टर्म गोल्स को हासिल करने के लिए आप को सालों का इंतजार करना पड़ता है, और अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए लगातार हर दिन प्रयास करने की जरूरत होती है।


लॉन्ग टर्म गोल्स, में कॉलेज से डिग्री लेना, नया बिजनेस शुरू करना, या रिटायरमेंट प्लान, फाइनेंशियल फ्रीडम, या आप जीवन में जो भी करना या बनना चाहते हैं वह शामिल हैं।


लॉन्ग टर्म गोल्स, शॉर्ट टर्म गोल्स दोनों का अपना एक अलग महत्व होता है, यह दोनों एक दूसरे का हिस्सा होते हैं, शॉर्ट टर्म गोल्स उत्साह बढ़ाने और सकारात्मक प्रभाव बनाने का काम करते हैं, लॉन्ग टर्म गोल्स जीवन में लक्ष्य और सही दिशा प्रदान करता है, और 

लॉन्ग टर्म गोल्स और शॉर्ट टर्म गोल्स दोनों मिलकर व्यक्ति के जीवन को सफल बनाते हैं।


Goal Setting in Hindi : गोल सेटिंग कैसे करते हैं? How to do Goal Setting?


गोल सेटिंग, अपने लिए एक लक्ष्य का तय करना और फिर प्लान बनाकर, उसे हासिल करने की प्रक्रिया है ।


Goal Setting प्रक्रिया में शामिल हैं :


1. लक्ष्य की पहचान करना : आप क्या हासिल करना चाहते हैं, उसकी स्पष्ट रूप से पहचान करना( माइंड में क्लियर्टी होना की क्या करना है और कैसे करना  हैं)।


2.समय सीमा तय करना : अपने लक्ष्य को कब हासिल करना है और कितने समय में, यह निर्धारित करना।


3.प्लान बनाना: अपने लक्ष्य को छोटे छोटे लक्ष्य में बांटना और इसके लिए प्लान बनाना, जिससे लक्ष्य को हासिल करने में आसानी हो जाएगी।


4.अपनी प्रगति को चेक करते रहना: अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए बनाए गए प्लान के अनुसार सब चीजें देखकर आगे बढ़ते रहना, अगर कुछ बदलाव की जरूरत हो तो प्लान में बदलाव करें।


5.अपनी सफलता का जश्न मनाएं: अपने छोटे छोटे लक्ष्य को हासिल करने पर खुशियां मनाएं, इससे आपका उत्साह बढ़ेगा और आप अपने लक्ष्य को हासिल करने की तरफ और सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।


गोल सेटिंग जीवन के पर्सनल, प्रोफेशनल कामों में 

एक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, हर सफल व्यक्ति इसके महत्व को समझता है, गोल सेटिंग 

आप को भी  सफल बनाने में मदद कर सकती है।



Smart Goal Setting in Hindi : अपना लक्ष्य कैसे बनाएं? How to set goal?


गोल सेटिंग एक महत्वपूर्ण कला/ Goal Setting Skill:

गोल सेटिंग एक महत्वपूर्ण कला है जो किसी भी व्यक्ति को उसके सपनों को हासिल करने और उसके जीवन में सुधार करने में मददगार साबित होती है। 

आप कैसे गोल सेटिंग कला विकसित कर सकते हैं, इससे जुड़े कुछ टिप्स :


1.गोल स्पष्ट रखें: अपने लिए साफ और स्पष्ट गोल्स सेट करें। ऐसे गोल्स को नजरंदाज करें जिन्हें हासिल करना और मापना बहुत मुश्किल हो।


2.गोल रियलिस्टिक होना चाहिए: आप के गोल्स रियलिस्टिक होना चाहिए और क्या आप का गोल प्राप्त करने योग्य है, यह सुनिश्चित करें।


3. समयसीमा तय करें: अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए खुद के लिए एक समयसीमा निश्चित करें, यह आपको फोकस्ड और मोटिवेटेड रहने में मदद करेगा।


4.अपने गोल्स को लिखें: अपने गोल्स को लिखना, आपके थॉट्स को क्लियर रखने में मदद करेगा और आप आसानी से उन्हें हासिल कर सकेंगे।


5.अपने गोल्स को छोटे छोटे भाग में बांटें: अपने गोल्स को छोटे और मैनेज करने योग्य टास्क में बांटे, इससे उन्हें अचीव करना और प्रोग्रेस ट्रैक करना आसान हो जाएगा।


6. एक्शन प्लान तैयार करें: आपको अपने गोल को अचीव करने में किन बातों की जरूरत होगी, इसकी आउटलाइन तैयार करें। यह आपको डिस्ट्रेक्शंस को अवॉइड करने और ट्रैक पर रहने में मदद करेगा।


7. अपने गोल्स को रिव्यू और रिवाइज करें: अपनी प्रोग्रेस को हर दिन रिव्यू करें और जरूरत पड़ने पर अपने गोल्स को एडजस्ट करें। यह आपकी मोटिवेटेड रहने में और प्लान में जरूरी बदलाव करने में मददगार रहेगा।

गोल सेटिंग स्किल,आप को जीवन में बहुत ज्यादा सफल बना देंगी, अगर आप यह स्किल सीखकर फ़ॉलो करें तो हमेशा अपने टारगेट के लिए उत्साहित रहेंगे, आप अपना ध्यान लक्ष्य पर  हमेशा केंद्रित कर सकते हैं।


Smart Goal Setting in Hindi : स्मार्ट गोल्स क्या है? What is SMART Goal setting?

स्मार्ट गोल के फॉर्मूले को फॉलो कर सकते हैं,जैसे आप का गोल specific, measurable, achievable, relevant, and time-bound हैं।


स्मार्ट टेक्निक आप को अपने गोल की तरफ बढ़ने में सही दिशा देगी और आप को हर दिन उत्साहित और फोकस्ड रखेंगी।

अगर आप किसी भी लक्ष्य को नापना,निर्धारित करना सीख जाते हैं,तो आप किसी भी चीज में मन चाहा रिजल्ट पा सकते हैं।


स्मार्ट गोल में क्लियर होना चाहिए की आप क्या पाना चाहते हैं, आप को कितना समय, और किन चीजों की जरूरत होगी, अपने लक्ष्य तक पहुंचने में यह सब जान लेने के बाद ही आप अपना गोल हासिल कर सकते हैं। 


आप को अपने गोल के प्रति जागरूक रहना होगा, और अपना ध्यान केंद्रित करके प्रयास करने में लगना होगा, और लक्ष्य में आगे बढ़ने में मदद करने वाली चीज को जानकर उसे करना होगा, और आने वाली प्रॉब्लम को सॉल्व करते रहना होगा, प्रॉब्लम से आप डिस्ट्रैक्ट हो सकते हैं, इस लिए आप अपना ध्यान प्रॉब्लम पर नहीं सॉल्यूशन पर रखें।


आप अपने लक्ष्य को मेजर करें, और अपनी प्रोग्रेस को चेक करते रहें, अपनी गलतियां ढूंढ़ कर उनमें सुधार करे। आप को क्या करना है और क्या नहीं यह जानना बहुत ही जरूरी हैं, जैसे आप अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए सही स्टेप ले सकेंगे।


Unclear goal और खयाली पुलाव,

आप को जीवन में कंफ्यूज कर सकते हैं, जिस के कारण आप डिस्ट्रेक्ट हो सकते है, इस लिए आप अपने लिए क्लियर गोल बनाए जिसे आप कर सकते हो।


स्मार्ट गोल सेटिंग कैसे करें/ How to do SMART Goal Setting in hindi? 


आप अपने लिए ऐसा गोल निर्धारित करे जिसे करने में आप को कोई परेशानी न हो, लक्ष्य को पूरा करने के लिए वह काम अपने लिए चुने जो आप को करना पसन्द हो जिससे आप अपने लक्ष्य को हासिल करने में बहुत मदद मिलेगी और लक्ष्य आसानी से पूरा होगा,

अपने लक्षय को पाने के लिए जल्दी एक्शन ले।


लक्ष्य इतना क्लियर होना चाहिए की आप के मन में अभी उसकी एक पिक्चर क्लियर होना चाहिए,

आप को लक्ष्य को हासिल करने में किन संसाधन की जरूरत होगी, कैसे काम को करना होगा, कितना वक्त और कितना पैसा खर्च होगा, आप एक रोड मैप तैयार करे, जिससे आपकी कल्पना एक हकीकत बन के आप के सामने आए, तभी आप अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब हो सकेंगे ।


जब आप अपने लक्ष्य को जान लेते हैं, और आप के मन में एक क्लियर्टी होती है, आप अपनी जरूरत को समझ कर काम आने वाली सारी जानकारी को एक जगह लिखकर जरूरत के हिसाब से आगे बढ़ना होता है छोटे स्टेप के साथ।




SMART Goals FAQs:


स्मार्ट लक्ष्यों का विकास किसने किया?

SMART goals का विकास 1981 में जॉर्ज टी. डोरन द्वारा किया गया था। इस एक्रोनाइम का अर्थ होता है: विशिष्ट, मापनीय, संभव, संबंधित और समयबद्ध। SMART goals उद्देश्यों को प्राप्त करने में व्यक्तियों और समूहों की मदद करता हैं।


जीवन में लक्ष्य क्यों जरूरी है?

जीवन में लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है इसलिए क्योंकि जब तक कोई व्यक्ति के पास अपना लक्ष्य ही नहीं हो, तो वह जीवन में अपना समय एनर्जी, धन को सही जगह नहीं लगाता है।

हर व्यक्ति का जीवन और सोच विचार अलग होते हैं इसलिए हर व्यक्ति का अपना लक्ष्य भी अलग हो सकता है।


उदाहरण के लिए: 

एक स्टूडेंट, डॉक्टर, इंजीनियर, एडवोकेट बनना चाहता है तो यह उसका लक्ष्य होगा, अब वह अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए क्या करेगा, कैसे करेगा, कब तक करेगा, यह सब चीज़ों को वह बेहतर प्लानिंग के साथ गोल सेटिंग कर सकता है।

गोल सेटिंग उसकी शुरुआत से लेकर लक्ष्य तक पहुंचने का रोड मैप होता है। वह व्यक्ति के दिमाग में क्लेरिटी देता है, व्यक्ति अपने लिए क्या चाहता है और उस लक्ष्य को पाने के लिए क्या करना है, कब करना है और कैसे करना है, उसे हर चीज पता होती है। उसने अपने लक्ष्य को पाने के लिए स्मार्ट गोल सेटिंग कर रखी है, जो हर स्टेप पर उसकी सहायता करती है।


मेरी लाइफ का गोल क्या है?


अगर आपको पता नहीं है, कहां जाना है, तो आप अपनी मंजिल पर कभी नहीं पहुंचेंगे।


दुनिया में अधिकतर लोग अपने जीवन में यूं ही काम कर रहे होते हैं। उनके पास अपनी जिंदगी का कोई लक्ष्य नहीं होता है। ऐसे लोगों को जिंदगी में ज्यादा सफलता नहीं मिलती है।


एक सफल व्यक्ति अपनी हर चीज को, जो वह करना चाहता है। उसको पाने के लिए वह एक लक्ष्य निर्धारित करता है और उसे पाने के लिए वह स्मार्ट गोल सेटिंग करता है, जो उसे अपने लक्ष्य पर पहुंचने के लिए और उससे जुड़े हर काम करने में सहायता करता है।


अगर आप जीवन में सफल होना चाहते हैं या जो भी करना या बनना चाहते हैं, उसकी क्लेरिटी आपके दिमाग में होना बहुत जरूरी है।


एक सफल व्यक्ति का माइंडसेट अलग होता है, इसलिए आपको अपने माइंडसेट पर काम करना चाहिए। आपको कोई भी चीज करने से पहले क्लियर होना चाहिए, आप क्या चाहते हैं, आपका लक्ष्य क्या है और आप इसे कैसे पूरा करने वाले हैं। चाहे आपका गोल स्पोर्ट्समैन बनना, बिजनेसमैन बनना, इन्वेस्टर बनना या जो भी आप करना चाहते हैं या बनना चाहते हैं, वह आपका गोल है और आप उसे कैसे प्राप्त करेंगे स्मार्ट गोल सेटिंग उसे प्राप्त करने का मार्गदर्शन है।


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