फिक्स्ड इनकम कैसे बनाएं, अमीर बनना आसान है fixed income बना के, जानेंगे सबसे अच्छे विकल्प क्या है।
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फिक्स्ड इनकम प्लान किसे कहते है?
यह निवेश का एक ऐसा विकल्प होता है, जहां निवेशक को अपना धन निवेश करने पर एक फिक्स्ड समय पर एक फिक्स्ड राशि निवेश किए धन पर प्राप्त होती है।
फिक्स्ड इनकम यह निवेश करके बनाई जा सकती है, जैसे बैंक एफडी, डेट सिक्योर्टी, कॉरपोरेट बांड्स ऐसे और निवेश होते हैं, जो निवेशक को फिक्स्ड इनकम देते हैं।
फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करके निवेशक अपने लिए लंबे समय तक एक निश्चित आय का जरिया बनाते हैं। भारत में, जिन्हें एक फिक्स्ड इनकम का सोर्स बनाना होता है, और वह ज्यादा जोखिम उठाने की क्षमता नहीं रखते है, वे फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करते हैं जिसकी मदद से वे बचत खाते से ज्यादा दर पर रिटर्न कमाते हैं।
फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करने पर उन्हें मार्केट के उतार- चढ़ाव की चिंता करने की जरूरत नहीं होती क्योंकि इन प्लान में पहले से ही निश्चित दर पर ही रिटर्न्स मिलते हैं।
लंबे समय तक आय का सोर्स बनाने के लिए, फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करना एक स्मार्ट तरीका है। और सही प्लान का चुनाव करके और उसमें लगातार निवेशित रह कर, निवेशकों का एक अच्छा फाइनेंशियल बेस बन सकता है जिससे उन्हें वित्तीय सुरक्षा और मन की शांति दोनों ही प्राप्त हो सकती हैं।
फिक्स्ड इनकम प्लान किसी व्यक्ति के लिए लंबे समय में कैसे रुपए की पाइपलाइन बनाता है, इसे कुछ उदाहरण से समझिए:
फिक्स्ड कमाई कैसे बनाए?
फिक्स्ड इनकम प्लान का हमारे देश में सबसे ज्यादा चलन है, लोग कम जानकारी और पैसा खोने के डर से दूसरे विकल्प नहीं चुनते हैं, फिक्स्ड इनकम के विकल्प ,बैंक एफडी, सिक्योरिटी बॉन्ड, एलआईसी स्कीम, पोस्ट ऑफिस स्कीम, होते हैं, स्कीम में जमा करने पर मिलने वाले ब्याज को इनकम का अच्छा सोर्स माना जाता है।
फिक्स्ड इंटरेस्ट कहा जाता है, आपके द्वारा निवेश किए गए पैसों का कुछ परसेंट हर माह या साल के हिसाब से आपको ब्याज के रूप में दिए जाने को, फिक्स्ड इंटरेस्ट को लोग अपने लिए अलग कमाई का जरिया बनाते हैं, फिक्स्ड इंटरेस्ट से मिलने वाली राशि को वह अपनी जरूरत या निवेश में खर्च करते हैं।
फिक्स्ड इंटरेस्ट से इनकम के विकल्प के बारे में जानकारी
अगर आप फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो आपके लिए यहां कुछ विकल्प मौजूद हैं।
Best fixed income plan investment:
Bank F D | बैंक एफडी
हमारे देश में सबसे ज्यादा लोग अपने पैसों को बैंक एफ डी में निवेश करते हैं, बैंक एफ डी फिक्स्ड इनकम का एक अच्छा सोर्स होता है, बैंक एफ डी में निवेश करने पर सालाना 7 से 8 परसेंट का ब्याज का इंटरेस्ट मिलता है, बैंक के द्वारा निवेशक की निवेश राशि पर।
बैंक एफ डी की अवधि 7 दिन से लेकर 11 साल तक होती है,
बैंक एफडी जमा राशि के 11 साल में डबल होती है, सालाना 6% परसेंट ब्याज दर मिलने पर।
आर डी की तुलना में एफ डी ज्यादा रिटर्न देती है,
बैंक एफ डी में निवेश में रिस्क नहीं होता है।
LIC | भारतीय जीवन बीमा निगम
भारतीय जीवन बीमा निगम या एल आई सी, भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है।
L I C, देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी है।
L I C की स्थापना सन् 1956 में हुई थी, L I C का मुख्यालय मुंबई में है।
एल आई सी भी अपने निवेशक के लिए फिक्स्ड इंटरेस्ट स्कीम देती है, स्कीम में निवेश कर के निवेशक फिक्स्ड इनकम का सोर्स बना सकता है, एलआईसी फिक्स्ड इंटरेस्ट स्कीम के जरिए, आप अपने पास के एलआईसी ऑफिस में जाकर अपने पसंद की स्कीम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एलआईसी स्कीम में निवेश फिक्स्ड इनकम का अच्छा सोर्स हो सकता है।
बांड्स
बांड्स में निवेश भी फिक्स्ड इनकम का एक सोर्स है।
बॉन्ड कहते हैं जो एक तरह का प्रमाण पत्र होता है, जो यह जानकारी देता है , कंपनी निवेशक को एक नियंत्रित राशी देगी, जो निवेशक कंपनी में अपना धन निवेश कर रहा है, उसके ब्याज के रूप।
सरकारी बॉन्ड कैसे मिलते है?
सरकारी बॉन्ड को खरीदने का treasuryDirect.gov एक मात्र स्थान है, इलेक्ट्रॉनिक रूप से बचत बॉन्ड, रिडीम और खरीदा जाता है।
Bonds से जुड़ी ज़रूरी जानकारी :
- भारत सरकार ट्रेजरी बिल, और बॉन्ड दोनों जारी करती है।
- बॉन्ड को सरकार और निगम के द्वारा जारी किया जाता है जब वह धन जुटाना चाहते हैं।
- बॉन्ड में निवेश आप के लिए एक सुरक्षित विकल्प होता है।
- बॉन्ड मे निवेश की रकम की राशी सरकार वापस करने के लिए बाध्य होती है।
- बॉन्ड में निवेश करने के लिए रकम की कोई सीमा नहीं होती।
- बॉन्ड में निवेश करने पर निवेशक को अच्छा रिटर्न मिलता है।
- बॉन्ड में निवेश में कोई रिस्क भी नही होता है।
- बॉन्ड में निवेश एक फिक्स्ड इनकम का अच्छा सोर्स होता है।
फिक्स्ड इनकम के अन्य विकल्प:
Fixed income के लिए आप के पास और भी बहुत सारे विकल्प होते हैं, जैसे:
पोस्ट ऑफिस स्कीम
सरकारी और प्राइवेट कंपनी भी फिक्स्ड इनकम की सेवा प्रदान करती है, लेकिन आप को रिस्क को देखकर निवेश करना जरूरी होता है।
नोट: हमारे देश में ज्यादातर लोग अपने पैसे bank FD, LIC, Bond, में ही निवेश करते हैं, यह सब रिस्क फ्री होते हैं, यहां आप के पैसे डूबने का रिस्क नहीं होता, और अच्छे रिटर्न भी मिलते हैं।
हर व्यक्ति को फिक्स्ड इनकम सोर्स क्रिएट करना चाहिए, ऐसा करने से आप को पैसों की समस्या नहीं होगी, फिक्स्ड इनकम में आप का पैसा, आप को पैसा कमा के देता है, पैसों के लिए काम करने की आप को चिंता नहीं होती, आप एक आर्थिक रूप से मजबूत और आज़ाद जीवन जीने का आनंद लें सकते हैं।
Dividend
Share डिविडेंड भी फिक्स्ड इनकम का एक अच्छा सोर्स है, डिविडेंड इनकम बनाने के लिए आप को शेयर बाजार का अच्छा अनुभव होना चाहिए, कुछ कंपनी अपने शेयर होल्डर को डिविडेंड के रूप मे अपनी कमाई के लाभ का हिस्सा देती हैं, जो डिविडेंड के रूप में शेयर होल्डर के बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है।
Rent
Rent मतलब आप अपने लिए कोई ऐसी प्रॉपर्टी या वस्तु को दूसरे व्यक्ति को किराए पर देकर उस से किराया लेकर फिक्स्ड
इनकम का सोर्स अपने लिए बना सकते हैं, आप लोगों को घर पर रूम, या कार , फ्लैट, अपनी खाली जगह जिसे आप अभी इस्तेमाल नही कर रहे हों, रेंट पर दे सकते हैं।
आप भी अपने हिसाब से अपने लिए फिक्स्ड इनकम सोर्स बनाएं और खुद को आर्थिक आजाद और मजबूत बनाएं एक आत्मनिर्भर जीवन जीने वाले इंसान बनें।
आप अपने लिए एक प्लान बनाए और गोल सेट करें, आप कितने समय में, और कितने धन के मिल जाने से आर्थिक आजाद हो सकते हैं, आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में लग जाएं।
डेट म्यूचुअल फंड्स:
Fixed Income kaise kaam karti hai
मानें कि, आप 5 लाख रुपए 6% की दर वाले डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो आपको हर साल मिलने वाले डिविडेंड की राशि 30,000 रूपए होगी।
आप इस राशि को पुनः निवेश करें जिससे यह आपको भविष्य में बेहतरीन परिणाम दे सके।
लंबे समय में फिक्स्ड इनकम प्लान अच्छी ग्रोथ हासिल कर सकता है। भारत में, यह निश्चित दर निवेश और काम जोखिम की वजह से हमें से ही निवेशकों में अपनी जगह बनाए रहते हैं।
फिक्स्ड इनकम प्लान कैसे चुनें?
निवेशकों के लिए एक अच्छा फिक्स्ड इनकम प्लान उनके फाइनेंशियल गोल्स, निवेश की सीमा और जोखिम क्षमता के आधार पर बनाया जा सकता है।
अपने लिए बेहतर प्लान का चुनाव करते समय ध्यान में रखने वाली बातें:
निवेश की सीमा: फिक्स्ड इनकम प्लान में अलग अलग समय सीमा के निवेश प्लान उपलब्ध होते हैं। निवेशक के फाइनेंशियल गोल्स और कितने समय तक निवेश कर सकता है, इस आधार पर निवेश की सीमा तय की जाती है।
रिटर्न्स: फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेशक के प्लान और समय सीमा के अनुसार विभिन्न दरें उपलब्ध कराई जाती हैं। निवेशक को निवेश से पहले अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, सही प्लान का चुनाव करना होता है।
जोखिम: फिक्स्ड इनकम प्लान में मौजूद सभी इंस्ट्रूमेंट्स में अलग अलग जोखिम और रिटर्न्स हैं।
उदाहरण के लिए, कॉरपोरेट बांड्स में निवेश से ज्यादा रिटर्न प्राप्त हो सकता है, पर जोखिम भी उतना ही ज्यादा होता है, गवर्नमेंट बांड्स के मुकाबले में।
निवेशक के लिए जरूरी है की वह हर प्लान में जोखिम की, अपने जोखिम क्षमता से तुलना करे उसके बाद ही किसी प्लान में निवेश करे।
टैक्स भुगतान: निवेशक के लिए यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है की जिस प्लान में वह निवेश कर रहा है, उसमें उसे ज्यादा टैक्स बेनिफिट्स मिलने की संभावना हो। कुछ फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेशित कुल राशि पर टैक्स मुक्त ब्याज और टैक्स छूट भी प्राप्त होती है।
फिक्स्ड इनकम प्लान के फायदे क्या हैं?
फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करने के बहुत से फायदे हैं, उनमें से कुछ ये हैं:
फिक्स्ड इनकम: जो निवेशक अपने लिए एक फिक्स्ड इनकम का सोर्स बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक आकर्षक निवेश का विकल्प साबित हो सकता है। फिक्स्ड इनकम प्लान से लगातार फिक्स्ड इनकम बनाई सकती है।
Fixed Income जोखिम: फिक्स्ड इनकम प्लान सामान्य तौर पर कम जोखिम वाले निवेश होते हैं,
इसी कारण जिन्हे जोखिम पसंद ना उठाना हो, वह निवेशकों की पहली पसंद फिक्स्ड इनकम प्लान होते है। यह निवेश पर गारंटीड रिटर्न प्रदान करता है, जिससे निवेशकों को उनके वित्तीय प्लान बनाने में आसानी होती है।
विविधताकरण: फिक्स्ड इनकम प्लान निवेशक के पोर्टफोलियो को अलग अलग निवेश करने में एक महत्वपूर्ण विकल्प साबित हो सकता है। इक्विटी और फिक्स्ड इनकम प्लान में मिला जुला निवेश करने पर, निवेशकों को अपना पोर्टफोलियो बैलेंस रखने में और जोखिम को कम करने में मदद मिलती है ।
टैक्स बेनिफिट्स: कुछ फिक्स्ड इनकम प्लान ऐसे भी होते हैं, जो निवेशकों को अपने धन पर टैक्स बचाने में या टैक्स में छूट दिलाने में मददगार साबित होते हैं।
लिक्विडिटी: फिक्स्ड इनकम प्लान, दूसरे निवेशों जैसे रियल एस्टेट और इक्विटी, के मुकाबले में ज्यादा तरलता प्रदान करते हैं। जिस कारण निवेशक आसानी से अपने निवेश किए गए धन को वापस निकाल सकते हैं बिना किसी तरह की लिक्विडिटी इश्यूज की परेशानी का सामना किए।
निधि सुरक्षा: फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करने से निवेशकों को अपने मूल निवेशित धन की चिंता नहीं रहती है , क्योंकि इसमें सुरक्षा की गारंटी होती है।
समझने में आसान: फिक्स्ड इनकम प्लान को समझने के लिए आपको स्टॉक मार्केट की बहुत ज्यादा समझ होने की जरूरत नही होती है । बहुत से ऐसे निवेशक होते हैं, जिन्हे मार्केट्स का कोई ज्ञान नहीं होता उनके लिए यह अच्छा विकल्प साबित होता है।
विभिन्न प्रकार के प्लान: फिक्स्ड इनकम प्लान में छोटी रकम निवेश करके भी निवेशक मुनाफा कमा लेते हैं जिसके कारण भी यह निवेशकों को लुभाता है।
फिक्स्ड इनकम प्लान, एक निश्चित आय निवेशकों को उपलब्ध कराता है साथ ही इसमें जोखिम बहुत ही कम होता है और टैक्स बेनिफिट्स भी मिल जाते हैं, जिस कारण यह निवेशकों का पोर्टफोलियो बैलेंस रखने में और उन्हें फाइनेंशियल गोल्स हासिल करने में कारगर साबित होता है।
फिक्स्ड इनकम प्लान के नुकसान क्या हैं?
इनफ्लेशन का जोखिम: फिक्स्ड इनकम प्लान दूसरे निवेशों जैसे इक्विटी, से मुकाबले में बहुत ही कम रिटर्न्स प्रदान करते हैं। जो निवेशकों को अपने फाइनेंशियल गोल्स को हासिल करने के लिए इसपर निर्भरता से रोकता है ।
ब्याज दर जोखिम: फिक्स्ड इनकम प्लान में ब्याज दरों के बढ़ने से, इसके इंस्ट्रूमेंट्स की वैल्यू कम होने की वजह से, निवेशकों को निवेश पर कम रिटर्न्स हासिल होते हैं। इनमें ब्याज दर से जुड़े जोखिम शामिल होते हैं।
क्रेडिट रिस्क: फिक्स्ड इनकम प्लान में डेट इंस्ट्रूमेंट के इश्यूर का कर्ज ना चुकाने का जोखिम भी शामिल होता है जिसके कारण, निवेशक को भरी नुकसान या पूरा नुकसान भी झेलना पड़ सकता है।
फिक्स्ड इनकम प्लान के कुछ फायदे तो कुछ नुकसान भी हैं। यह जरूरी है की निवेशक निवेश करने से पहले अपने फाइनेंशियल गोल्स की गड़ना कर लें और अपने जोखिम की क्षमता को समझ कर ही निवेश करें।
फिक्स्ड इनकम प्लान में आपको कुछ बातों का ध्यान देना होगा :
अपने फाइनेंशियल गोल्स की गड़ना करना: फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश करने से पहले यह जरूरी है की आप अपने लक्ष्य और जोखिम दोनों का अनुमान लगाएं। ये निश्चित करें की आप कितना अमाउंट निवेश करना चाहते है और कितने समय के लिए, और किस ब्याज दर पर, जिससे आप अपने लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे।
सही प्लान का चुनाव: भारत में कई तरह के फिक्स्ड इनकम प्लान मौजूद है जैसे, एफडी, बांड्स, डेट म्यूचुअल फंड्स और आरडी। हर निवेशक को अपनी जरूरतों, लक्ष्य और जोखिम के अनुसार , सही प्लान का चुनाव करना चाहिए।
खाता खोलें: एक बार जब आप अपने लिए सही प्लान का चुनाव कर लें, तो जिस बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन में वह प्लान मिलता है वहां खाता खोलें। खाता खोलने के लिए आपको कुछ जरूरी दस्तावेज़ और जानकारी देनी होगी जैसे नेम, एड्रेस, पैन कार्ड डिटेल्स।
निवेश करें: खाता सफलतापूर्वक खुल जाने पर आप अपनी पसंद के फिक्स्ड इनकम प्लान में निवेश शुरू कर सकते हैं।
अपने निवेश को जांचते रहें: एक निवेशक के लिए बहुत जरूरी है की वो अपने निवेश की आवश्यकतानुसार जांच करता रहे। अपना लक्ष्य जल्दी हासिल करने के लिए जरूरत पड़ने पर अपना निवेश बढ़ाएं और नए एडजेस्टमेंट्स करें।
फिक्स्ड इनकम प्लान, लंबी अवधि के फाइनेंशियल गोल्स को हासिल करने के लिए कम जोखिम वाला एक अच्छा इंस्ट्रूमेंट माना जा सकता है।
फिक्स्ड इनकम कैसे बनाएं लेख के माध्यम से हमने आपको फिक्स्ड इनकम से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां देने की कोशिश की है। उम्मीद है आपके लिए यह लेख फायदेमंद साबित हुआ हो, अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो ऐसी ही जानकारियां समय समय पर मिलती रहें इसके लिए आप हमारे ब्लॉग को अभी सब्सक्राइब करें और गूगल न्यूज़ और व्हाट्सएप चैनल को भी फ़ॉलो करें नीचे दिए लिंक से।
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