Compound interest kya hota hai | कंपाउंड इंटरेस्ट क्या होता है

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Compound interest kya hota hai | कंपाउंड इंटरेस्ट क्या होता है

By Javed / 01 May,2023:

कंपाउंड इंटरेस्ट एक शक्तिशाली फाइनेंशियल विधि है, इसे दुनिया का आठवां अजूबा भी कहा जाता है, इसकी ताकत समय के साथ बढ़ती है, दुनिया के बड़े बड़े इन्वेस्टर इसकी शक्ति की बात करते हैं।

वॉरेन बफेट दुनिया के सबसे बड़े निवेशक के रूप में जाना जाता है, वॉरेन बफेट ने भी पावर ऑफ कंपाउंडिंग का इस्तेमाल किया है अपनी नेटवर्थ को बढ़ाने में। वॉरेन बफेट ने अपनी संपत्ति का आधे से ज्यादा हिस्सा 60 साल की उम्र के बाद कमाया।

वॉरेन बफेट ने अपना निवेश बहुत ही कम उम्र की अवस्था में चालू कर दिया था, और वह लगातार निवेश करते रहे।

वॉरेन बफेट ने दुनिया को वैल्यू इन्वेस्टिंग से रूबरू करवाया और कंपाउंड इंटरेस्ट का जादू सारी दुनिया को समझा दिया।

आज मैं और आप सब पावर ऑफ कंपाउंडिंग को समझते हैं, और इसकी ताकत को भी, दुनिया में कोई भी व्यक्ति अपने लिए ढेर सारी संपत्ति इकट्ठा कर सकता है।

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Compound Interest Formula kya hai



Compound Interest Formula / कंपाउंड 

इंटरेस्ट  फॉर्मूला:(चक्रवृद्धि ब्याज फार्मूला)


A  = P(1 + r/n)^(nt)


जिसमें,


A अकाउंट में n सालों में जमा कुल राशि है जिसमें ब्याज शामिल है।

P मूल धन है, जिसे शुरुआत में निवेश किया गया है।

r वार्षिक ब्याज दर है,

n हर साल ब्याज के कंपाउंड होने की संख्या है,

t पैसों के निवेशित रहने का वक्त है।


उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए कि आपने बचत खाते में 5% प्रति वर्ष कंपाउंडिंग की दर से ₹10,000 

जमा किए, तो:


A = 10,000 (1+ 0.05/1)^(1*1) = 10,500


और दो साल बाद, जमा रकम बन जाएगी:


A = 10,000 (1+ 0.05/1)^(1*2) = 11,025


और तीन साल बाद, जमा रकम बन जाएगी:


A = 10,000 (1+ 0.05/1)^(1*3) = 11576.25



सामान्य ब्याज और कंपाउंड इंटरेस्ट में क्या अंतर होता है? /Difference between simple and compound interest


कंपाउंड इंटरेस्ट फाइनेंस का एक ऐसा शक्तिशाली कांसेप्ट है जो आपके निवेश पर लंबे समय में अप्रत्याशित रूप से ग्रोथ देता है।


सिंपल इंटरेस्ट आपको सिर्फ आपके मूल धन पर, तय ब्याज दर से मिलता है, और कंपाउंड इंटरेस्ट आपके निवेश की राशि के साथ उसपर मिलने वाले हर साल के  ब्याज की रकम को मूल धन में जुड़कर मिलता है, जिस कारण यह समय के साथ बहुत बड़ी राशि आपको प्रदान करती है।


Compound interest kaise kaam karta hai



सामान्य ब्याज दर:Simple Interest 


उदाहरण के लिए:

अगर आप एक साल के लिए ₹10,000, 5% की सामान्य ब्याज दर पर कर्ज लेते हैं , तो आपको ब्याज के भुगतान राशि की गणना इस प्रकार होगी:


Interest = Principal x Interest Rate x Time

ब्याज = मूल धन * ब्याज दर * समय


= ₹ 10,000 x 5% x 1 वर्ष (year)

= ₹ 500


10,000 रुपए लिए गए कर्ज पर, आपको 10,500 रुपए की कुल राशि का भुगतान करना पड़ेगा।


Compound Interest: चक्रवृद्धि ब्याज दर 


उदाहरण के लिए:


अगर आप एक साल के लिए ₹10,000, 5% की सालाना कंपाउंडिंग दर पर कर्ज लेते हैं , तो आपको ब्याज के भुगतान राशि की गणना इस प्रकार होगी:


ईयर 1:

Interest = Principal x Interest Rate

ब्याज = मूल धन x ब्याज दर 

= ₹10,000 x 5%

= ₹500


तो, पहले साल की टोटल अमाउंट बनेगी  ₹10500


Year 2:


Interest = (Principal + Year 1 Interest) x Interest Rate

ब्याज = (मूल धन +1साल का ब्याज) x ब्याज दर 


= (₹10,000 + ₹500) x 5%

= ₹525


तो, पहले साल की टोटल अमाउंट बनेगी  ₹11,025


कंपाउंड इंटरेस्ट का उदाहरण / Compound Interest Examples :


आज के इस डिजिटल युग में धन कमाना और भी सरल हो गया है, आज के युग में इन्वेस्टिंग के भी बहुत सारे विकल्प हैं, आज आप अपने स्मार्ट फोन से भी इन्वेस्टिंग कर सकते हैं, और मोबाइल से ही आप अपना डीमैट खाता और ट्रेडिंग खाता खोल सकते हैं।


अगर आप हर माह 2 से 3 हजार भी निवेश करें लगातार 20 से 25 साल तक, तो आप सोच भी नहीं सकते उतने रुपए आप के पास हो सकते हैं।


कंपाउंडिंग के नियम में समय की वैल्यू ज्यादा है, आप अपने निवेश को जितने साल बढ़ाएंगे, आप का धन उतनी तेज गति से बढ़ता चला जायेगा।


कंपाउंड इंटरेस्ट का बचत और रिटायरमेंट में क्या रोल है/ Savings accounts and retirement funds :


अगर आप कंपाउंडिंग का लाभ लेना चाहते हैं, तो आप को अपने बचत किए रुपए को सेविंग अकाउंट में नहीं रखना चाहिए।


ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि सेविंग्स अकाउंट में सिंपल इंटरेस्ट की गति के हिसाब से आपके धन की ग्रोथ होती है।


आपको अपने बचत किए रुपए को किसी ऐसी जगह निवेश करना चाहिए जहां कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ मिलता हो।


हमारे देश में कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ लेने के लिए सरकार द्वारा चलाई जाने वाली नेशनल पेंशन योजना जिसे NPS भी कहा जाता है आप इस योजना में निवेश करके कंपाउंड इंटरेस्ट का लाभ ले सकते हैं।


यह योजना भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली नेशनल पेंशन योजना है और इसमें निवेश करना बहुत सरल और सुरक्षित होता है।


आप नेशनल पेंशन योजना खाता पोस्ट ऑफिस, या फिर अपने निजी बैंक जिसमें आपका सेविंग अकाउंट हो, उसमें आसानी से खोल सकते हैं।


कंपाउंड इंटरेस्ट का रोल कर्ज़ में : Loans and credit card debt


कंपाउंड इंटरेस्ट जिस तरह से निवेश को बढ़ाता है,

उसी तरह आप के खिलाफ भी काम कर सकता हैं,

अगर आप बहुत ज्यादा कर्ज लेते हैं और डेबिट क्रैडिट कार्ड का बगैर सोचे समझे इस्तेमाल करते हैं।


जिस तरह कंपाउंड होकर आपके निवेश के रुपए समय के साथ बढ़ते हैं, उसी तरह क्रेडिट कार्ड और लोन कर्ज भी कंपाउंड हो कर बढ़ता है।


अगर आप 1 लाख रुपए पर्सनल लोन लेते हैं 15% सालाना दर की ब्याज से, और आप समय पर ब्याज का भुगतान नहीं करते हैं, तो अब आप को 1 लाख और उसका 15 हजार ब्याज यानी कुल 1 लाख 15 हज़ार रुपए के ब्याज का भुगतान करना होगा, और समय के साथ ब्याज पर ब्याज जुड़ता चला जायेगा।


इसलिए आप को अपने आप को बेफिजूल कर्ज से बचाना चाहिए, और कंपाउंड का लाभ लेने के लिए थोड़ी बचत करके रुपए निवेश करना चाहिए।


कंपाउंड इंटरेस्ट निवेश  /Compound Interest Investment:


अगर आप कम समय में ज्यादा संपत्ति कमाना चाहते हैं तो आप के पास यह विकल्प भी मौजूद है, लेकिन हर निवेश में अलग रिटर्न है और रिस्क भी।


अगर आप थोड़ा जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं तो आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में भी निवेश कर सकते हैं।


शेयर बाजार में हाई रिटर्न के साथ हाई रिस्क होता है, यह निवेश से पहले आप को शेयर बाजार की अच्छी समझ होना चाहिए और निवेश क्या है और कैसे किया जाता है निवेश करने से पहले आप अच्छे से सीख लें, और जब आप को लगे कि आप निवेश कर सकते हैं तो अपना निवेश बहुत छोटी रकम से शुरू कर सकते हैं और अपने लिए कोई वित्त सलाहकार भी ढूंढ सकते हैं आप जितना सिक्योर होकर और सोच समझ के साथ निवेश करेंगे उतना आप का रिस्क कम होगा और निवेश से लाभ भी प्राप्त कर सकेंगे।


अगर आप अच्छे से सीखकर निवेश करते हैं तो आप अपने रुपए को शेयर्स में निवेश कर के बहुत तेज़ी से बढ़ा सकते हैं। कंपाउंडिंग की मदद से, आप को बहुत ज्यादा लाभ मिल सकता है।


रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट में भी कंपाउंडिंग बहुत अच्छे से काम करती है, अगर आप अपने रुपए रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं, तो यह विकल्प भी अच्छा है।


आप अपने लिए ऐसी प्रॉपर्टी खरीदें जिसकी कीमत समय के साथ बढ़े तो आप के निवेश की रकम कुछ साल में डबल हो सकती है।


कंपाउंड इंटरेस्ट का महत्व /compound interest ka mahatva:


अगर आप थोड़े पैसों में भी अपने लिए बहुत ज्यादा धन इकठ्ठा करना चाहते हैं, तो आप के पास सबसे अच्छा विकल्प है - लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग।


इस निवेश में,अगर आप एक छोटी राशि लगातार लंबे समय के लिए निवेश करते हैं, तो कंपाउंडिंग की सहायता से छोटी राशि से भी आप एक बड़ी धन राशि अपने लिए जमा कर लेंगे, क्योंकि कंपाउंडिंग के नियम  में समय की वैल्यू बहुत ज्यादा है।


निवेश में धन को जितना ज्यादा समय लगा कर रखेंगे, 

आप के धन की बढ़ने की गति उतनी तेज होती चली जायेगी।


कंपाउंड इंटरेस्ट कैसे काम करता है?


जल्दी शुरुआत का महत्व / Importance of Compound Interest 


आप निवेश करना जितना जल्दी शुरू करते हैं,और जितनी कम आयु में शुरू करते हैं, आप को कंपाउंडिंग का उतना ज्यादा लाभ मिल सकता है।


अगर आप अभी कॉलेज में है या पढ़ाई कर रहे हैं और आप की आयु अभी 20 या 25 साल है, तो आपको अभी से ही अपने भविष्य के हिसाब से निवेश की प्लानिंग कर लेनी चाहिए।


आपको निवेश के लिए ज्यादा रकम की जरूरत नहीं है, आप बहुत कम राशि से भी निवेश शुरू कर सकते हैं, आप जितना जल्दी अपने अंदर निवेश करने की आदत विकसित कर लेंगे, आपके लिए उतना अच्छा है।


आप अपने खर्च में थोड़ी कमी करके या फिर कोई पार्ट टाइम जॉब करके उस रकम को निवेश कर अपने लिए बहुत अच्छा रिटायरमेंट फंड तैयार कर सकते हैं।


मान लीजिए, आप 25 साल की आयु से 2000 रुपए हर महीने निवेश करना शुरू कर देते हैं,और आपको 65 की उम्र में रिटायर होना है, तो,

सालाना निवेश = ₹ 24,000

ब्याज दर (मानलें) = 8%

निवेश करने का समय = 40 साल

तो,

आपका कुल निवेश होगा = ₹ 9,60,000

ब्याज से मिलने वाली आय= ₹ 55,24,000

आपकी कुल वैल्यू = ₹ 64,84,000


अगर कोई व्यक्ति अपना निवेश 35 साल की आयु में करता है 65 की उमर में रिटायर होना है 30 साल निवेश 5000 हर माह निवेश करेगा ।

सालाना निवेश = ₹ 60000

ब्याज दर (मानलें) = 8%

निवेश करने का समय = 30 साल

तो,

आपका कुल निवेश होगा = ₹ 18 लाख होगा

ब्याज से मिलने वाली आय= ₹ 52,88,000

आपकी कुल वैल्यू = ₹ 70,88,000 होगी।


कंपेयर


25 साल वाला व्यक्ति

जल्दी निवेश करने वाला 2000 रुपए हर माह निवेश करके 65 साल की उम्र में 64 लाख 84 हजार रुपए

की रकम के साथ रिटायर होगा।

35 साल वाला व्यक्ति

35 साल में निवेश करने वाला 5000  रुपए हर माह निवेश करके 65 की उम्र में 70 लाख 88 हजार रूपए की रकम के साथ रिटायर होगा।

25 वाला और 35 वाला व्यक्ति को मिलने वाली राशि

में ज्यादा अंतर नही होगा।

लेकिन जल्दी शुरू करने वाला व्यक्ति कम निवेश रकम से भी 35 वाला व्यक्ति जो हर माह दुगनी राशि निवेश कर रहा है इसके लगभग बराबर रकम जमा कर लेगा।


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लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद

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नोट: यह लेख का उद्देश्य सिर्फ पाठक को जानकारी देना है। पाठक अपने पैसों और निवेश से संबंधित फैसले अपने वित्तीय सलाहकार की सहायता से ले।



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