Budget kya hai | बजट क्या है
फाइनेंस में, बजट एक वित्तीय योजना को संदर्भित करता है जो एक तय समय में एक संगठन या व्यक्ति की अपेक्षित कमाई और खर्च की रूपरेखा तैयार करता है। यह फाइनेंशियल मैनेजमेंट के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, बजट को एक साल की अवधि के लिए बनाया जाता है क्योंकि यह एक रोडमैप प्रदान करता है।
कोई भी व्यक्ति या संस्था के लिए, वर्तमान वर्ष में, पैसों को कैसे खर्च किया जाए, और कितना बचाया जाए, और कहां और कैसे निवेश किया जाए बजट के रूप में इससे जुड़ी सारी रूप रेखा बनाई जाती है।
बजट आमतौर पर अपेक्षित राजस्व की सूची होती है, जिसमें आय, निवेश, बिक्री और किराया जैसे और अन्य लागत और खर्च शामिल होते हैं, बजट किसी भी संपत्ति से जुड़े खर्च को दर्शाता है, जैसे किसी नई मशीनरी या किसी निर्माण में निवेश हो सकता है।
बजट का उद्देश किसी संस्था या व्यक्ति को अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करना है, जैसे मुनाफा बढ़ाना हो या भविष्य में आने वाले खर्च के लिए बचत करना। कोई भी व्यक्ति और संगठन एक बजट बनाकर और उसके अनुसार काम करके अपने वित्त को प्रभावी ढंग से मैनेज कर सकते हैं।
बजट किसी भी व्यक्ति या संस्था को फिजूल खर्च से बचाता है, और समय पर मौजूद पैसों का सारा लेखा जोखा होने से पैसों को सही तरह से मैनेज किया जा सकता है। बजट और प्लानिंग से किए हुए काम से खर्च को कम किया जा सकता है, और बचत को बढ़ाया जा सकता है।
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बजट की प्रमुख विशेषताएं
राजस्व:
रिवेन्यू वह धन है, जो अलग अलग सोर्स से शुल्क या आय और अन्य रूप में अर्जित किया जाता है।
व्यय:
यह वह खर्च राशि है, जिसे योजना के अनुसार अलग अलग कार्य और गतिविधि में खर्च करने के लिए योजना बनाई गई हो।
प्राथमिकताः
बजट आम तौर पर किसी व्यक्ति या संगठन की प्राथमिकताओं को दर्शाता है। व्यक्ति या संगठन क्यों इसे बना रही है, और इसके महत्व के हिसाब से जैसे शिक्षा, और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के में बांट दिया जाता है।
संतुलन:
एक बजट को संतुलित होना चाहिए, कुल रेवेन्यू और कुल खर्च को बराबर होना चाहिए, यह ये दिखाता है कि व्यक्ति या संस्था अपनी कमाई से ज्यादा खर्च नहीं करते हैं।
लचीलापन:
बजट में एक राशि का हिस्सा अलग शामिल होना चाहिए जिससे किसी अनचाहे, अचानक आने वाले खर्च और समस्या का समाधान किया जा सके, और किसी कार्य की रणनीति के बदलाव होने से बढ़ने वाले खर्च को बैलेंस किया जा सके, फाइनेंस की भाषा में इसे इमर्जेंसी फंड भी कहा जाता है।
पारदर्शिता:
किसी संस्था या व्यक्ति द्वारा बनाए गए बजट में क्लियर्टी होना चाहिए, जिसे लोगों और कर्मचारी को समझने में आसानी हो। यह स्पष्ट रूप से यह दर्शाता हो की लोगों और कर्मचारी की जरूरतों को इसमें प्राथमिकता दी गई है।
बजट का महत्व
बजट एक समय अवधि के लिए करने वाली खर्च की प्लानिंग होती है, जो आपको अपने वित्त लक्ष्य को निर्धारित कर अपनी योजना के अनुसार होने वाले सभी खर्च को अलग अलग बांटती है, जिससे योजना को सही रूप से पूरा किया जा सके।
वित्तीय नियोजन:
बजट बनाने से आपको अपने फाइनेंशियल कार्य को मैनेज करने में बहुत सहायता मिलती है, और एक योजना के अनुसार कितना पैसा उपलब्ध है,और कितना किस काम के लिए बांटना है, यह समझने में आसानी होती है।
स्पष्टता प्रदान:
बजट आपको एक स्पष्टता प्रदान करता है, इससे यह समझना आसान होता है कि कितना धन है, और कहां खर्च करना है, इसके कारण फालतू खर्च से बचा जा सकता है।
बजट बनाने से आपको अपने आय और रेवेन्यू का पूरा ज्ञान होता है, और आप अपने फाइनेंशियल कार्य को मैनेज कर सकते हैं, और अपने भविष्य में पड़ने वाली जरूरत को भी थोड़ा थोड़ा बचा कर इकट्ठा कर सकते हैं, जिसे बचत के रूप में जाना जाता है।
बजट बनाने से आप अपने सारे कर्ज को भी सही तरह से मैनेज कर सकते हैं, जैसे कर्ज का भुगतान हो या कोई और बिल का भुगतान हो, आप सही समय पर उसे चुका सकते हैं।
बजट बनाकर आप अपने सभी तरह के खर्च को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं, और यह आपको अपने सभी काम और वित्त से जुड़े फैसले लेने में मदद करता है।
बजट का वित्त कामों में बहुत महत्व होता है, बजट के बगैर आप किसी भी वित्त कार्य या लक्ष्य को सही तरीके से नहीं कर सकते हैं, यह आपके सारे लक्ष्य का रोड मैप होता है, जो काम को आसान बनाता है, और आपकी समय के साथ मदद करता है आगे बढ़ने में।
बजट नियंत्रण क्या है?
बजट आप के सारे वित्त संसाधनों की निगरानी करता है। इससे आपके सारे वित्त लेन देन की निगरानी की जा सकती है और आप को अपनी की गई प्लानिंग के हिसाब से तय समय पर तय राशि खर्च करने में सहायता मिलती है। इसकी मदद से आप तय समय पर अपना कार्य को पूरा कर सकते हैं, इससे चीज़ें आपके कंट्रोल में होती है, और आप अपने लक्ष्य की ओर आसानी से आगे बढ़ सकते है।
अच्छा बजट बनाकर आप अपने सारे होने वाले खर्च को पहचान कर योजना के अनुसार उन्हें खर्च करने में सक्षम होते हैं। इससे आपके सारे खर्च को ट्रैक कर, पैसों के लेन देन को आसानी से मैनेज किया जा सकता है,और सारी चीजों के विवरण को एक जगह लिखा जा सकता है, जिससे भविष्य में जरूरत पड़ने पर किसी भी चीज़ के बारे में आसानी से जाना जा सके।
बजट के प्रकार / बजट कितने प्रकार के होते हैं?
कई प्रकार के बजट हैं जिनका उपयोग आप अपने लक्ष्यों और आवश्यकताओं के आधार पर कर सकते हैं। यहाँ कुछ सबसे सामान्य प्रकार के बजट हैं:
ऑपरेटिंग बजट:
यह बजट सबसे सामान्य प्रकार का बजट है जिसका उपयोग आप करते हैं। यह आपको अपने दिन-प्रतिदिन के खर्चों का विवरण देता है, जैसे वेतन, किराया, उपयोगिताओं और आपूर्ति।
पूंजीगत बजट:
इस बजट का उपयोग दीर्घकालिक निवेश की योजना बनाने के लिए किया जाता है, जैसे उपकरण की खरीद या नए भवन का निर्माण।
नकद बजट:
इस बजट का उपयोग कैश फ्लो की योजना बनाने के लिए किया जाता है, जब नकद आने और बाहर जाने की उम्मीद होती है।
प्रोजेक्ट बजट:
इस बजट का उपयोग किसी विशिष्ट प्रोजेक्ट से जुड़े खर्चों की योजना बनाने के लिए किया जाता है, जैसे नया प्रशिक्षण या अध्ययन , जिसकी अवधि 6 माह से 3 वर्ष के मध्य हो।
बिक्री बजट:
इस बजट का उपयोग एक निश्चित अवधि में संगठन की अपेक्षित बिक्री की योजना बनाने के लिए किया जाता है।
उत्पादन बजट:
इस बजट का उपयोग उन वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन की योजना बनाने के लिए किया जाता है जो संगठन प्रदान करता है, सामग्री, श्रम और उत्पादन से जुड़ी ओवरहेड लागतों का विवरण देता है।
लचीला बजट:
इस बजट का उपयोग संगठन की वित्तीय स्थिति या लक्ष्यों में बदलाव को समायोजित करने के लिए किया जाता है, जिससे खर्च और योजना में लचीलेपन की अनुमति मिलती है।
बजट निर्माण की प्रक्रिया/प्रभावी बजट कैसे तैयार करें?
एक प्रभावी बजट बनाने में कई चरण शामिल होते हैं। यहां कुछ चरण दिए गए हैं जिनका आप अनुसरण कर सकते हैं:
अपनी आय निर्धारित करें:
एक प्रभावी बजट बनाने के लिए, पहला कदम आपकी कुल मासिक आय का निर्धारण करना है, जिसमें आपका वेतन, बोनस, निवेश और आय के अन्य स्रोत शामिल हैं।
अपने खर्चों को ट्रैक करें:
अपने खर्च करने की आदतों को अच्छी तरह से समझने के लिए कम से कम एक महीने के लिए अपने खर्चों को ट्रैक करें। आप अपने खर्चों को ट्रैक करने के लिए स्प्रेडशीट या बजट ऐप का उपयोग कर सकते हैं।
अपने खर्चों को वर्गीकृत करें:
एक बार जब आप अपने खर्चों को ट्रैक कर लें, तो उन्हें आवश्यक और गैर-आवश्यक खर्चों में वर्गीकृत करें। आवश्यक खर्चों में किराया, उपयोगिताओं, भोजन और परिवहन शामिल हैं, जबकि गैर-जरूरी खर्चों में मनोरंजन, बाहर खाना और खरीदारी शामिल हैं।
वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें:
अपने वित्तीय लक्ष्यों को निर्धारित करें, जैसे ऋण का भुगतान करना, घर पर डाउन पेमेंट के लिए बचत करना, या आपातकालीन निधि का निर्माण करना। अपने लक्ष्यों को प्राथमिकता देना सुनिश्चित करें।
एक बजट बनाएं:
पिछले चरणों में आपके द्वारा एकत्रित की गई जानकारी का उपयोग करके, एक ऐसा बजट बनाएं जो आपकी आय और व्यय की रूपरेखा तैयार करे। अपनी आय को अपने वित्तीय लक्ष्यों के लिए आवंटित करना सुनिश्चित करें।
अपने बजट की निगरानी करें:
एक बार बजट बना लेने के बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए नियमित रूप से इसकी निगरानी करना आवश्यक है कि आप ट्रैक पर बने रहें। यदि आप अप्रत्याशित व्यय या अपनी आय में परिवर्तन का सामना करते हैं तो आप अपने बजट को आवश्यकतानुसार समायोजित कर सकते हैं।
प्रेरित रहें:
बजट बनाना और उस पर टिके रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन प्रेरित रहना आवश्यक है। अपनी सफलताओं का जश्न मनाएं और अपने वित्तीय लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करें।
सरकारी बजट क्या होता है?
वर्तमान में भारत देश की वित्तीय मंत्री कौन है?
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