cashflow hindi: कैशफ्लो क्या होता है

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cashflow hindi: कैशफ्लो क्या होता है


By Javed / May ' 16,2023:



कैश फ्लो बहुत महत्वपूर्ण पार्ट है फाइनेंशियल में। कैश फ्लो कहते हैं होने वाली कमाई से खर्च होने वाली राशि को। एक आम आदमी भी कमाई करता है और कॉरपोरेशन और कंपनी भी कमाई करती है। सबके तरीके अलग होते हैं रुपए कमाने के, लेकिन कमाई के साथ सबके अपने खर्च होते हैं, जरूरत होती है, जिसके लिए उन्हें रुपए खर्च करने होते हैं, जो उनका कैश फ्लो होता है।


आम व्यक्ति या कोई कंपनी भविष्य में कितनी अच्छी फाइनेंशियल स्थिति में रहेगी, यह उसके कैश फ्लो पैटर्न से पता लगाया जा सकता है। जिसके खर्च कमाई से ज्यादा हो उसकी फाइनेंशियल स्थिति ठीक नहीं हो सकती है। ऐसा इसलिए जब उसके पास कोई बचत ही नहीं हो तो वह अपने काम को कैसे आगे बढ़ा सकता है। अपने लिए कहां से संपत्ति खरीदेगा, कहां से नया सोर्स आफ इनकम बनाएगा, जब उसके खर्च उसकी कमाई से ज्यादा हो रहे हैं।


जब आप किसी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट पढ़ते हैं तो उसमें सबसे महत्वपूर्ण कैश फ्लो स्टेटमेंट होता है। जो यह दर्शाता है कि कंपनी अपनी कमाई कहां, कैसे और कितना खर्च करती है। कंपनी की लायबिलिटी को दर्शाता है, जिससे निवेशक को कंपनी के बिजनेस और फाइनेंशियल स्थिति को समझने में मदद मिलती है।


एक आम आदमी का भी कैश फ्लो होता है जो दर्शाता है व्यक्ति अपनी कमाई को किन वस्तुओं को खरीदने में और सेवा लेने के बदले खर्च कर रहा है।



cashflow kya hota hai / what is cashflow hindi


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कैश फ्लो क्या होता है उदाहरण सहित 



कैश फ्लो उस पैसे को कहते हैं, जो पैसा किसी भी कंपनी या इंडिविजुअल की आय यानी इनकम से उसकी जरूरतों के लिए खर्च किया जाता है, कंपनी के केस में, कंपनी के कार्यों को मैनेज करने के लिए उपयोग किया जाता है, वह कैश फ्लो कहलाता है।



सरल भाषा में, पैसे का आय के रूप में आना और जरूरत पड़ने पर विभिन्न कार्यों में खर्च करना, पैसों की इसी आवक जावक को कैश फ्लो कहते हैं। 



कंपनी में जो पैसा उसे संचालित करने के लिए और ग्रो करने के लिए खर्च किया जाता है, वह कंपनी का कैश फ्लो एनालिसिस कहलाता है।



विभिन्न कंपनियां, निवेशक और डाटा एनालिस्ट निवेश करने से पहले, जिस कंपनी में वह निवेश करना चाहते हैं, पहले उस कंपनी की वित्तीय मजबूती और हेल्थ को समझने के लिए, उसके कैशफ्लो की जांच करते हैं। 



किसी भी कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट में उसके विभिन्न सोर्सेस का विवरण शामिल होता है, जैसे कंपनी में पैसा किन किन जगहों से आता है या कंपनी अपना पैसा किन किन जगहों पर खर्च करती है और कैसे करती है। 



किसी भी कंपनी का कैश फ्लो उसके कैश फ्लो स्टेटमेंट में नेट कैश फ्लो के नाम से दर्ज होता है। 



कैश फ्लो स्टेटमेंट में कैश से जुड़े 3 मुख्य कंपोनेंट्स होते हैं, जिनमें शामिल हैं, 


निवेश द्वारा कैश फ्लो,

फाइनेंसिंग द्वारा कैश फ्लो और 

परिचालन कैश फ्लो। 



किसी भी कंपनी द्वारा कैश फ्लो स्टेटमेंट बनाने के लिए दो तरीके इस्तेमाल किए जाते हैं। दो अकाउंटिंग के तरीकों का मुख्य रूप से इस्तेमाल किया जाता है जिसमें,

पहला है - एक्रूअल एकाउंटिंग है,

दूसरा- कैश एकाउंटिंग है। 



कैश फ्लो एनालिसिस में मुख्य रूप से कुछ इंडिकेटर्स काम करते हैं जैसे, ऑपरेशन - नेट सेल रेश्यो, फ्री कैश फ्लो और फ्री कैश फ्लो कवरेज।



कैशफ्लो का महत्त्व:



कैश फ्लो बहुत महत्वपूर्ण है कंपनी हो या कोई आम व्यक्ति। अगर कोई अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारना चाहता है, तो उसे सबसे पहले अपने कमाए गए धन को ठीक से खर्च करना आना चाहिए। जब तक वह उसके कैशफ्लो को सही नहीं करेगा उसकी आर्थिक स्थितियां नहीं सुधर सकती हैं।


एक समझदार व्यक्ति अपनी कमाई को बहुत सोच समझकर इस्तेमाल करता है, जिससे वह अपने खर्च को कम कर सके, और एक मजबूत और अच्छी कॉरपोरेशन भी अपनी कमाई को बहुत अच्छे से खर्च करता है। उसके पास एक अच्छा मनी मैनेजमेंट होता है जो हमेशा खर्चों को कम और कमाई को बढ़ाने के लिए काम करता है।


एक अच्छा मैनेजमेंट और व्यक्ति अपनी कमाई से अच्छे असेट्स खरीदना है और कैश को और ज्यादा कमाई करने के लिए इस्तेमाल करता है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो और आर्थिक तरक्की होती रहती है।


कैश फ्लो स्टेटमेंट को समझ कर आप किसी के आर्थिक स्थिति और भविष्य में ग्रोथ के अनुमान आसानी से लगा सकते हैं।


अच्छा कैश फ्लो इनकम के साथ एसेट और कमाई बढ़ाता दिखाई देगा। जबकि एक खराब कैश फ्लो में इंटरेस्ट, डेप्ट और भी तरह के खर्च दिखाई दे सकते हैं। कैश फ्लो के बहुत सारे महत्व होते हैं, हमने आपको आसान शब्दों में समझाने की कोशिश की है।


कैश फ्लो मैनेजमेंट क्या होता है?



कैश फ्लो मैनेजमेंट का मतलब कमाई से जो कैश आया है उसका इस्तेमाल सही रूप से करना होता है। अच्छा मैनेजमेंट किसी भी बिजनेस की आर्थिक स्थिति को सुधार सकता है। अगर बिजनेस अच्छा हो या कमाई ज्यादा भी हो तो क्या, अगर मैनेजमेंट कैश का इस्तेमाल सही ढंग से नहीं करे, तो बिजनेस ठप भी हो सकता है और आर्थिक स्थितियां बिगड़ सकती हैं।


किसी कारपोरेशन के पास अच्छा मैनेजमेंट होना बहुत जरूरी है, जो उसकी कमाई को सही से मैनेज करे और उसको सही जगह पर खर्च करे। जिससे उसकी कमाई और ज्यादा बढ़े, उसका उत्पादन और ज्यादा बढ़े, उसकी संपत्ति भी बढ़े, जिससे उसके एसेट की वैल्यू भी बढ़ेगी और उसकी इक्विटी की वैल्यू भी बढ़ेगी, जिससे धीरे-धीरे वह कंपनी खुद को बड़ा करती रहेगी।



कैशफ्लो पर्सनल फाइनेंस में:



कैश फ्लो आम आदमी की जिंदगी से भी जुड़ा है। कमाई तो सब करते हैं, लेकिन कमाई को सही खर्च करना बहुत कम लोग जानते हैं, एक नौकरी करने वाला इंसान हो या छोटा कारोबारी।


रिच डैड पुअर डैड किताब में, एक आम आदमी के कैश फ्लो के बारे में बताया गया है, कि कैसे वह हर दिन पैसा कमाने के लिए कड़ी मेहनत करता है और हर महीने अपनी जरूरत और इच्छाओं को पूरा करने में अपनी कमाई को खर्च करता है। ज्यादा पैसे कमाने के लिए ज्यादा काम करता है, खुद को एक रेट रेस में फंसा लेता है और पूरी जिंदगी पैसे की समस्या का सामना करते रहता है।



कैशफ्लो क्या है और इसके उपयोग क्या हैं 


कैश फ्लो के उपयोग 



कैशफ्लो किसी भी बिजनेस के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। किसी भी बिजनेस में, रोजमर्रा के बिल्स के भुगतान, एसेट से जुड़ी खरीददारी के लिए और कंपनी की सफलता और लंबे समय तक सुचारू ढंग से चलने के लिए अच्छे और पर्याप्त कैश फ्लो का होना बहुत ही आवश्यक होता है।



किसी भी कंपनी के लिए यह बेहद जरूरी है कि वह अपने फाइनेंस को ट्रैक करें, जिसमें कैश किन सोर्सेस से आ रहा है, कहां पर खर्च किया जा रहा है, भी शामिल हो। 



जब आपको अपनी वित्तीय स्थिति की पूरी जानकारी हो तो आप अपने बिज़नस या किसी भी काम के लिए बेहतर प्लानिंग बना सकते हैं।



अपनी बेहतर ग्रोथ के लिए और कंपनी की कार्यशैली को प्लान करने के लिए यह जानकारी बहुत जरूरी है कि वह कितना कैश जनरेट कर रही है और उसके पास कितना अभी मौजूद है। 



किसी भी कंपनी का कैश फ्लो एनालिसिस यह दिखाता है की कंपनी में जो कैश आ रहा है या जा रहा है, वह किन सोर्सेस से आ रहा है , किस सोर्स में खर्च हो रहा है और कितनी कीमत में। 


एक तय समय के लिए कैश फ्लो की गणना के लिए नेट कैश फ्लो को करंट असेट्स में से करंट लायबिलिटीज को घटा कर निकाली जा सकती है।



यदि कंपनी का कैश फ्लो पॉजिटिव  दिखाई दे, इसका मतलब है कि कंपनी की अच्छी ऑपरेटिंग कर रही है, जबकि नेगेटिव कैश फ्लो यह दर्शाता है कि कंपनी फाइनेंशियल रूप से वित्तीय रूप से परेशानियां झेल रही है।

 


किसी भी कंपनी का कैश फ्लो, उनके कैश फ्लो स्टेटमेंट में दिखाए जाने वाले कैश फ्लो से निर्धारित किया जाता है। 


अर्निंग और कैश दो अलग-अलग टर्म्स हैं:


अर्निंग्स वर्तमान में होती हैं जब कोई सेल की होगी या खर्च किए जाए, जबकि, कैश इनफ्लो और आउटफ्लो वर्तमान दिनांक निकलने के बाद के समय में भी हो सकता है। 



कैश फ्लो स्टेटमेंट



किसी भी कंपनी के लिए कैश फ्लो एनालाइज करने से पहले कैश फ्लो स्टेटमेंट बनाना और नियमित रूप से उसे मेंटेन करना बहुत ही जरूरी होता है, जिसमें, विभिन्न सोर्स से आने वाला कैश जिसमें शामिल हैं, कंपनी के हाल में चलने वाले काम से मिलने वाले कैश और बाहरी निवेश सोर्स से होने वाले कैश इनफ्लो साथ ही कैश आउट फ्लो जो एक तय समय के लिए बिजनेस को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिए जाते हैं या निवेश किए जाते हैं। 



कैश फ्लो स्टेटमेंट को तीन अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जो इस प्रकार हैं:


  • कैश फ्लो परिचालन द्वारा (ऑपरेटिंग कैश फ्लो )
  • निवेश द्वारा कैश फ्लो (इन्वेस्टिंग कैश फ्लो )
  • फाइनेंसिंग कैश फ्लो 



ऑपरेटिंग कैश फ्लो:


काम:

यह इस विभाग में एक्रूअल बेसिस पर इनकम स्टेटमेंट जिसका कीमत दर्ज होती है।


कंटेंट्स:

इस सेक्शन में आने वाले कुछ आइटम्स जैसे कि अकाउंट्स रिसिवेबल, अकाउंट पेअबल और इनकम टैक्सेस पेअबल शामिल है। 



उदाहरण के लिए:

यदि किसी क्लाइंट द्वारा रिसिवेबल प्राप्त किया जाता है, तो उसको कैश फ्रॉम ऑपरेशन में रिकॉर्ड किया जाएगा। 



समयसीमा:

करंट असेट्स और करंट लायबिलिटीज में 1 साल या उसके अंदर के समय में जो भी बदलाव आता है, वह कैश फ्लो फ्रॉम ऑपरेशंस की श्रेणी में रिकॉर्ड किया जाता है।



कैश फ्लो इन्वेस्टिंग:


काम:

इस श्रेणी में किसी भी कंपनी का निवेश से जुड़ा कैश फ्लो जैसे, कैपिटल एक्सपेंडिचर, बिजनेस के नए एक्विजिशन और सिक्योरिटीज खरीदना दर्ज होता है।  



कंटेंट्स:


इनफ्लो

कंपनी के फिक्स्ड असेट्स बेचने पर आने वाले कैश को इनफ्लो में दर्ज किया जाता है।



आउटफ्लो

कंपनी अपने एसेट्स को मेंटेन करने के लिए और सुचारू रूप से काम करने के लिए जो निवेश करती है, वह आउटफ्लो में दर्ज किया जाता है।



उदाहरण:

एसेट्स का खरीदना बेचना, जैसे, व्हीकल, फर्नीचर,बिल्डिंग्स और जमीन।

बिजनेस एक्विजिशन ख़रीदना - बेचना,

सिक्योरिटीज खरीदना और बेचना, आदि।



निवेशकों के लिए:


निवेशक कंपनी द्वारा उत्पाद पर और कंपनी की ग्रोथ बढ़ाने के लिए कहां और कितना निवेश कर रही है, इसकी जांच करते हैं कैपिटल एक्सपेंडिचर में, जिसे कंपनी के मेंटेनेंस और फिजिकल असेट्स में जरूरी एडिशन करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जो कंपनी के विकास के लिए आवश्यक और परिचालन के लिए मददगार साबित होता है।



कैश फ्लो फाइनेंसिंग:


काम:


किसी भी कंपनी के डेप्ट और इक्विटी से जुड़े सभी लेनदेन को इस श्रेणी में शामिल किया जाता है। 



कंटेंट्स:


इनफ्लो -

स्टॉक्स को बेचना,

लोन लेना,


आउटफ्लो -

स्टॉक्स की वापस खरीद,

लॉन्ग टर्म डेट की किश्तें कैश में भुगतान। 



उदाहरण:


स्टॉक्स की रिपरचेज या सेल

डिविडेंड्स का पेमेंट

लोन लेने पर जो कैश रिसीव होता है

लॉन्ग टर्म डेप्ट की पेमेंट करने पर जो कैसे यूज़ किया जाता है।



निवेशकों के लिए:


निवेशक जो डिविडेंड देने वाली कंपनी में  निवेश करना पसंद करते हैं उनके लिए यह सेक्शन महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह कंपनी द्वारा दिए गए डिविडेंड्स की जानकारी उपलब्ध कराता है। 

शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने के लिए नेट इनकम नहीं, बल्कि कैश का इस्तेमाल होता है।



कैशफ्लो फॉर्मूला :


हिन्दी:

नकदी आवंटन से प्राप्त नकदी प्रवाह (CFO):


CFO = नेट आय + गैर-नकदी व्यय (जैसे दिनांकगतिकी, मूल्यवृद्धि) +/- कार्यिक भांडार में परिवर्तन


मुक्त नकदी प्रवाह (FCF):


FCF का सूत्र निम्नानुसार है:


FCF = CFO - पूंजीगत व्यय


English:

Cashflow from Operations (CFO):

CFO = Net Income + Non-cash Expenses (e.g., depreciation, amortization) +/- Changes in Working Capital



Free Cashflow (FCF):

formula for FCF is as follows:

FCF = CFO - Capital Expenditures



कैशफ्लो कैसे बनाया जाता है


कैश फ्लो स्टेटमेंट फॉरमैट क्या है


नीचे दिए गए फॉर्मेट का उपयोग करके कैश फ्लो स्टेटमेंट बनाया जा सकता है :


कंपनी का नाम:

नकदी प्रवाह विवरण

साल समाप्ति तिथि: [दिनांक]


चालक गतिविधियाँ:

नेट आय: [राशि]

गैर-नकदी वस्तुओं के लिए समायोजन:


मूल्यांकन और विलयन: [राशि]

बकाया खातों में परिवर्तन: [राशि]

इन्वेंटरी में परिवर्तन: [राशि]

खाता भुगतान में परिवर्तन: [राशि]

अन्य गैर-नकदी खर्च/आय: [राशि]

चालक गतिविधियों द्वारा प्रदान की जाने वाली नकदी: [राशि]

निवेश गतिविधियाँ:

निपटान योग्य संपत्ति की खरीद: [राशि]

निपटान योग्य संपत्ति की बिक्री: [राशि]

निवेशों की खरीद: [राशि]

निवेशों की बिक्री: [राशि]

निवेश गतिविधियों में उपयुक्त की गई नकदी: [राशि]


वित्तीय गतिविधियाँ:

साधारण शेयरों का जारी करना: [राशि]

बॉन्ड/कर्ज का जारी करना: [राशि]

बॉन्ड/कर्ज का भुगतान: [राशि]

डिविडेंड का भुगतान: [राशि]

वित्तीय गतिविधियों द्वारा प्रदान की जाने वाली नकदी: [राशि]


नकदी में वृद्धि/कमी: [राशि]

साल की शुरुआत में नकदी: [राशि]

साल की समाप्ति में नकदी: [राशि]



इस फॉर्मेट के तहत कैश फ्लो स्टेटमेंट के हिस्सों को दर्ज किया जाता है जिसमें, ऑपरेटिंग जिसमें ऑपरेटिंग एक्टिविटीज इन्वेस्टिंग एक्टिविटी और फाइनेंस इन एक्टिविटी शामिल होती है। इन तीनों हिस्सों में सभी हिस्सों में आखिर में उनमें दिए हुए इनफ्लो और आउटफ्लो का एक फाइनल अमाउंट देना होता है।



कैश फ्लो एनालिसिस कैसे करें



किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले, निवेशक के लिए कंपनी के कैश फ्लो की गुणवत्ता जांचना बहुत जरूरी होता है। 


कैश फ्लो का एनालिसिस करते समय ये बातें ध्यान में रखें:



पॉजिटिव कैश फ्लो क्या होता है ?



हमेशा ये लक्ष्य होता है कि कैश फ्लो पॉजिटिव  हो। जब ये लगातार काफ़ी वक्त तक जारी रहे, तो इसका मतलब है कि एक कंपनी स्वस्थ कार्य प्रणाली से काम कर रही है और सफलता से ग्रो कर सकती है।



हालांकी, सकारात्मक निवेश कैशफ्लो और नेगेटिव संचालन कैश फ्लो पर ध्यान रखें। इसका मतलब है कि सेल्स करने से हासिल हुए कैश को ऑपरेशनल खर्चों को चुकाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे आगे समस्या हो सकती है।



नेगेटिव कैश फ्लो क्या होता है ?



नेगेटिव कैश फ्लो के पीछे केवल आर्थिक समस्या ना हो। उदाहरण के लिए, इन्वेस्टर डेट कैश फ्लो नेगेटिव हो सकती है क्योंकि एक कंपनी के विकास और सेल्स में बेचे जाने वाले प्रोडक्शन के लिए पैसा खर्च कर रही है।



फ्री कैश फ्लो क्या होता है ?



फ्री कैश फ्लो  होना बहुत बड़ा रूल है। ये ऑपरेशनल खर्चों का भुगतान करने और जरूरी एसेट्स को खरीदने के बाद उपलब्ध कैश होता है। एक कंपनी अपने फ्री कैश फ्लो का प्रयोग टैक्स भुगतान,डिविडेंड और निवेश को ब्याज अदा करने,आदि के लिए कर सकती है।



ऑपरेटिंग कैश फ्लो नेट सेल्स रेश्यो क्या होता है ?



ऑपरेशन कैश फ्लो मार्जिन रेश्यो एक तय समय सीमा में ऑपरेशनल एक्टिविटीज से मिले कैश की सेल्स इनकम से तुलना करता है।


पॉजिटिव मार्जिन कंपनी के प्रॉफिटेबिलिटी और इनकम का बेहतर प्रदर्शन और ग्रोथ दिखाता है।


किसी भी कंपनी के प्रति सेल पर कितना कैश प्राप्त हुआ है, उसे दर्शाने के लिए यह रेश्यो का इस्तेमाल होता है। 



वैसे तो, कोई आइडियल नंबर ऑपरेटिंग कैश फ्लो नेट सेल्स रेश्यो के लिए निर्धारित नहीं है लेकिन जितना यह ज्यादा होता है, उतना बेहतर होता है। 



यह भी ध्यान में रखना जरूरी है की इंडस्ट्री और कंपनी के टाइप और स्थिती के अनुसार रेश्यो विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं। 

निवेशकों को इंडिकेटर कंपनी के विषयों को उसके कंपटीटर के साथ कंपेयर करना चाहिए और कंपनी के बढ़ते सेल्स को ट्रैक करते रहना चाहिए।



कैशफ्लो एनालिसिस उदाहरण से समझें:


Xyz कंपनी के पास एक कैश फ्लो स्टेटमेंट है जिसमे नीचे दिए गए कैश फ्लोज दिखाए गए हैं। इसका इस्तेमाल xyz कंपनी एक बेसिक कैशफ्लो एनालिसिस करने के लिए करती है। 


कार्यालय से प्राप्त हुई कैश एक्टिविटीज


नेट आय ₹400,000


पे रोल ₹65,000


मूल्यह्रास ₹10,000


ऑफिस किराया ₹25,000


देयकों की राशि ₹15,000


कुल कैश एक्टिविटीज ₹315,000


निवेश से प्राप्त हुई कैश एक्टिविटीज


उपकरण बिक्री ₹100,000


संपत्ति खरीद ₹75,000


कैश एक्टिविटीज कुल ₹25,000


फाइनेंसिंग से प्राप्त हुई कैश एक्टिविटीज


ऋण का भुगतान ₹20,000


कैश एक्टिविटीज कुल (₹20,000)


नकदी खाते में नेट परिवर्तन ₹320,000



xyz के cash flow statement से पता चलता है की वित्तीय अवधि के लिए नेट नकदी गतिविधि ₹320,000 थी। इसका अधिकांश हिस्सा xyz के कार्यालय से आया था।



इसका अर्थ है की xyz अपने कार्यालय से अधिकांश रेवेन्यू जनरेट कर रहा है। स्टेटमेंट को और भी आगे देखते हुए, एक निवेशक देखेगा की xyz ने संपत्ति खरीदी है और एक कर्ज का भुगतान किया है। इससे यह पता चलता है की xyz अपने कैश का विकास के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल कर रहा है और

उसकी कर्ज स्थिति को कम करने के लिए भी। इससे निवेशकों को खुशी होनी चाहिए।



कैशफ्लो और फंडफ्लो में अंतर क्या होता है 



कैश फ्लो और फंड फ्लो दोनों ही एकाउंटिंग से जुड़े टर्म्स हैं, लेकिन इनमें कुछ डिफरेंस भी होते हैं जो नीचे दिए गए हैं: 


कैश फ्लो:

  • कैशफ्लो किसी भी कंपनी का या इंडिविजुअल के कैश के इनफ्लो और आउटफ्लो को दिखाता है। 

  • कैश फ्लो स्टेटमेंट में कैश इनफ्लो आउटफ्लो को दिखाता है, यह हर कंपनी के एनुअल रिपोर्ट का हिस्सा होता है। 

  • कैश फ्लो स्टेटमेंट में ऑपरेटिंग एक्टिविटीज इन्वेस्टिंग एक्टिविटीज और फाइनैंशल एक्टिविटीज को दिखाया जाता है और इसमें पॉजिटिव और नेगेटिव कैशफ्लो दोनों ही कंपनी के दोनों ही प्रकार के कैश फ्लो शामिल होते हैं। 



फंड फ्लो:

  • फंड फ्लो कंपनी के फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस और उसके प्रभाव को दिखाता है, फंड फ्लो स्टेटमेंट कैश फ्लो स्टेटमेंट से थोड़ा अलग होता है क्योंकि इसमें कैशफ्लो के साथ-साथ नॉन कैश आइटम्स को भी शामिल किया जाता है जैसे कि नॉन कैश में डेप्रिसिएशन और वर्किंग कैपिटल में बदलाव जैसे कि स्टॉक और लेनदार देनदार के बदलाव। 

  • फंड फ्लो स्टेटमेंट किसी भी वित्तीय वर्ष के दौरान कंपनी के फंड्स के फ्लो को दिखाता है जिसमें कंपनी द्वारा फंड्स का इस्तेमाल और फंड्स के आने के सोर्सेस दोनों ही तरह की जानकारी शामिल होती है। 

  • फंड्स के सोर्सेस में शामिल हैं शेयर कैपिटल लोन और दूसरी अर्निंग्स और फंड्स के इस्तेमाल में शामिल है कैपिटल एक्सपेंडिचर और डिविडेंड पेमेंट यह दोनों ही में शामिल होते हैं।



कैश फ्लो फोरकास्ट क्या होता है



कैश फ्लो फोरकास्ट पहले से तैयार किया गया फाइनेंसियल डॉक्यूमेंट होता है, जो किसी भी कंपनी या इंडिविजुअल के कैश फ्लो के आवक और जावक का अनुमान लगाता है।



इसे तैयार करने या बनाया जाने का उद्देश्य है आने वाले समय में व्यापार में आने- जाने वाले पैसे का सही मैनेजमेंट किया जा सके। कैश फ्लो फोरकास्ट एक निश्चित समय सीमा में किसी व्यक्ति या कंपनी में आने वाले और जाने वाले कैश से जुड़े उपयोग को दिखाता है, जिससे कंपनी को बेहतर प्लानिंग करने के लिए मदद मिलती है।



किसी भी कंपनी और इंडिविजुअल के लिए कैश फ्लो फोरकास्ट बहुत ही महत्वपूर्ण हो सकता है क्योंकि यह बिजनेस में सही निर्णय लेने में मदद कर सकता है। इसकी मदद से कोई भी कंपनी या व्यक्ति अपने बिजनेस का विकास और खर्चों को मैनेज कर सकते हैं, समय पर भुगतान कर सकते हैं, कर्ज का भुगतान कर सकते हैं, निवेश से जुड़े अच्छे निर्णय ले सकते हैं और अपनी या अपने व्यवसाय के आवश्यकता के अनुसार कैश प्राप्त कर सकते हैं। 



कैश फ्लो फोरकास्ट भविष्य में किसी भी कंपनी के लिए सही स्थिति की पहचान करने में मदद करता है और बड़ी फाइनेंशियल प्रॉब्लम्स से बचने में मदद कर सकता है और उनके लिए एक मजबूत और स्थिर फाइनेंशियल व्यवस्था बनाने में सहायता प्रदान कर सकता है।



कैश फ्लो फोरकास्ट सॉफ्टवेयर


भारत में कैश फ्लो फोरकास्ट के लिए कुछ प्रसिद्ध सॉफ्टवेयर उपलब्ध हैं, जो यहां दिए गए हैं:


1.टैली ईआरपी नाइन:


टैली erp9 पॉपुलर अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है, जो मैनेजमेंट के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर में फोरकास्ट से जुड़े अलग-अलग रिपोर्ट और टूल होते हैं।



2.क्विकबुक्स:


क्विक बुक ऐप एक बहुत ही अच्छा अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जो छोटे और मध्यम साइज के व्यवसाय के उपयोग के लिए बेहतर है। इस सॉफ्टवेयर में कैश फ्लो फोरकास्टिंग का फीचर दिया गया होता है जिसकी मदद से आप अपने बिजनेस का कैश फ्लो आसानी से ट्रैक कर सकते हैं।



3.जोहो बुक्स:


जोहो बुक्स एक क्लाउड पर आधारित अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल कैश फ्लो के फोरकास्ट और प्रबंधन मैनेजमेंट के लिए किया जाता है। इस सॉफ्टवेयर में आप टूल्स की मदद से कैशफ्लो की कस्टमाइज रिपोर्ट और प्रोजेक्शन जनरेट कर सकते हैं



4.मार्ग इआरपी 9 प्लस: 


मार्ग इआरपी 9 प्लस एक पॉपुलर अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर है जो कैश फ्लो फोरकास्ट के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सॉफ्टवेयर में आप कैश फ्लो स्टेटमेंट और उससे जुड़े प्रोजेक्शंस को आसानी से जनरेट कर सकते हैं। 



5.बिज़ी अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर


अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर यूजर्स के इस्तेमाल करने में बहुत ही आसान होता है जिसमें आप कैशफ्लो रिपोर्ट्स और उनके ग्राफिकल रिप्रेजेंटेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं।



Cashflow hindi FAQs:


कैशफ्लो का मतलब क्या होता है?



कैशफ्लो (Cash Flow) का मतलब होता है नकद का प्रवाह। 



सरल भाषा में, किसी भी कंपनी या व्यक्ति के व्यवसाय से होने वाली कमाए हुए रूपए के खर्चों को कैशफ्लो कहा जाता है। व्यक्ति या कंपनी अपने काम से होने वाली कमाई को किन कामों में खर्च करता है, कैशफ्लो यह दर्शाता है।



जैसे, किसी व्यक्ति की  महीने की सैलरी है ₹30,000 और उसके निवेश से होने वाली इनकम है ₹5,000 और उसने अपनी सैलरी और निवेश दोनों से आने वाले पैसे को घरखर्च, यूटिलिटी बिल, वापस निवेश, एसआईपी, आदि में खर्च किया और ₹2000 बचत किए, तो कैशफ्लो में उसकी आवक (cash inflow) हुई ₹35,000 और जावक (cash outflow) हुई ₹33,000 + ₹2,000 ।




किसी कंपनी का कैश फ्लो क्या होता है?



किसी भी कंपनी का कैशफ्लो आपको उस कंपनी के बारे में यह जानकारी देता है:


  • कंपनी कितना कमाती है और कहां कहां कितना खर्च करती है।
  • कंपनी के पास कितना नगद उपलब्ध है।
  • कंपनी ने निवेश कितना किया है और उसपर कर्ज कितना है।
  • कंपनी के इनकम के क्या क्या संसाधन हैं।



शेयर मार्केट में कैश फ्लो क्या है?



शेयर मार्केट में कैशफ्लो निवेशकों को यह बताता है की कंपनी के पास नगद कितना है और वह कहां कहां कितना खर्च करती है और कितना कहां से कमाती है।

इसकी मदद से निवेशक कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ को चेक कर सकते है की कंपनी भविष्य में फायदेमंद रहेगी या नहीं।



कैश फ्लो स्टेटमेंट (Cash Flow Statement) में कंपनी के कैश इनफ्लो यानी कितना नगद आ रहा है और किन सोर्सेस से और कंपनी के आउटफ्लो यानी कंपनी कितना खर्च करती है और किन चीजों पर, इसकी जानकारी देता है कैश फ्लो स्टेटमेंट।


 

हम कैश फ्लो क्यों बनाते हैं?


कैशफ्लो ना सिर्फ कम्पनियों के लिए बल्कि आम आदमी के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इसकी मदद से वह अपने गैर जरूरी खर्च कम करके अपनी बचत बढ़ा सकता है और भविष्य को बेहतर ढंग से प्लान कर सकता है।


अमीर आदमी का कैश फ्लो:

अमीर आदमी सबसे पहले कमाई को बढ़ाने का लगातार प्रयास करता है फिर कमाई से बचत करके वह अपनी संपत्ति बढ़ता रहता है जिससे उसके धन और कमाई दोनों में बढ़ोतरी हो सके। अमीर आदमी अपनी कमाई से एसेट को लगातार खरीदता रहता है और एसेट उसे समय के साथ और ज्यादा अमीर बनाते रहते हैं।


मिडिल क्लास आदमी का कैश फ्लो:


मिडिल क्लास आदमी कमाई तो अच्छी करता है, लेकिन अक्सर यह देखा गया है की वित्तीय समझ न होने से मिडिल क्लास आदमी अपनी कमाई को गलत जगह खर्चा करता है। मिडिल क्लास आदमी की महीने की सैलरी या जो भी वह काम करता हो, उससे आती हो और हर महीने जो घर में वह रहता है , जो कार वह चलाता है, जो फोन वह इस्तेमाल करता है, वह बैंक से कर्ज लेकर लिए गए होते हैं, जिसको वह हर महीने ईएमआई के रूप में चुकाता रहता है और ब्याज के रूप में भी अपनी कमाई का बहुत सा हिस्सा देता है। उसकी आधी से ज्यादा कमाई इसी तरह खत्म हो जाती है और आधी बची कमाई से वह पिछले महीने के क्रेडिट कार्ड बिल्स को चुकाता है जिसे उसने उसे किया है और बची हुई सैलरी बेसिक नीड्स जैसे खाना, बिजली बिल, फोन बिल , गैस आदि जैसी जरूरत की चीजों पर खर्च हो जाती है। महीना खत्म होने से पहले उसे क्रेडिट कार्ड से अपनी जरूरतें पूरी करनी पड़ती हैं।


गरीब आदमी का कैशफ्लो:


गरीब आदमी की कमाई भी इतनी नहीं होती की वह अपनी जरूरतों को पूरा कर सके। गरीब आदमी हर दिन कड़ी मेहनत करता है जिससे वह उसे और परिवार के खर्च, खाने, कपड़े और शिक्षा दे सके। गरीब आदमी काम करता है, उसके बदले में बहुत थोड़ी तनख्वाह उसे मिलती है, जिसे वह खर्च करता है अपनी जरूरतों को पूरा करता है, फिजूल खर्च करने के लिए उसके पास कोई धन ही नही होता है।


जरूरी बात:


कैश फ्लो बहुत इंपॉर्टेंट है। किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को पढ़ने के लिए और अपनी या किसी आम व्यक्ति के फाइनेंशियल स्थिति को समझ कर, उसमें सुधार करने के लिए। 


यह लेख में हमने आपको कैशफ्लो से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी है, कैसे कैश फ्लो काम करता है और इसकी क्या भूमिका होती है, किसी के वित्तीय प्रदर्शन की जांच करने के लिए। 


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