डिविडेंड यील्ड क्या होता है | Dividend Yield meaning in hindi

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डिविडेंड यील्ड क्या होता है | Dividend Yield meaning in hindi


By Javed / June 22,2023:


डिविडेंड यील्ड कहते हैं कोई कंपनी अपनी इक्विटी पर शेयर पर कितने परसेंट डिविडेंड दे रही है। एक इक्विटी शेयर पर मिलने वाले डिविडेंड के प्रतिशत को डिविडेंड यील्ड कहते हैं।

कोई भी कंपनी अपने इक्विटी शेयर होल्डर को अपने प्रॉफिट में से साल में एक बार या उससे अधिक बार डिविडेंड देती है। डिविडेंड कंपनी अपने पूरे रेवेन्यू में से सभी खर्च के बाद प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों को देती है, जिसे डिविडेंड कहा जाता है। 


डिविडेंड देने वाली कंपनी शेयर बाजार में बहुत सारी होती हैं, जिनका बिजनेस बहुत अच्छा होता है और वह हमेशा प्रॉफिट कमाती है और प्रॉफिट का कुछ हिस्सा अपने शेयरधारकों को भी देती है। 


डिविडेंड, शेयर बाजार से निवेशक के लिए एक अच्छी इनकम सोर्स भी होता है, जिससे निवेश में वेल्थ क्रिएशन के साथ वह कमाई भी करते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके द्वारा निवेश करने पर कुछ कंपनियां उन्हें डिविडेंड भी देती हैं, जो सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किया जाता है। 


डिविडेंड को लगातार देना किसी भी कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति अच्छी होने का सबूत होता है। कंपनी अच्छा रेवेन्यू कमाकर, अपनी सभी लायबिलिटी को पूरा करने के बाद, अपने शेयरधारकों को भी डिविडेंड के रूप में कुछ हिस्सा दे रही है इसका मतलब उसे अच्छा प्रॉफिट हो रहा है।


डिविडेंड यील्ड क्या होता है | Dividend Yield meaning in hindi

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| शीर्षक | डिविडेंड यील्ड क्या होता है |


| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |


| विवरण | डिविडेंड यील्ड क्या होता है | Dividend Yield meaning in hindi|


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत |



डिविडेंड यील्ड क्या होता है | Dividend Yield meaning in hindi:


डिविडेंड यील्ड DY एक फाइनेंशियल रेश्यो है जो यह बताता है कि एक कंपनी हर साल अपने स्टॉक प्राइस  के संबंध में कितना डिविडेंड्स देती है। डिविडेंड यील्ड को परसेंटेज के रूप में दर्शाया जाता है और इसकी गणना करने के लिए एनुअल डिविडेंड पर शेयर को शेयर की करंट प्राइस से डिवाइड करकर और फिर 100 से गुणा कर निकाला जाता है।


उदाहरण के तौर पर अगर किसी कंपनी के शेयर की कीमत ₹20 है और वह हर साल ₹1 का डिविडेंड दे रही है, तो उसकी डिविडेंड यील्ड 5% होगी।


डिविडेंड यील्ड उन निवेशकों के लिए बहुत जरूरी हो सकता है जिन्हे निवेश से अपने लिए एक लगातार आने वाली इनकम का सोर्स बनाना हो। 


हालांकि डिविडेंड यील्ड किसी भी कंपनी की ग्रोथ को देखने के लिए और उसके स्टॉक की वैल्यू को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण फैक्टर है लेकिन इसके साथ ही निवेशकों को और भी दूसरे फैक्टर्स की जांच करनी चाहिए जैसे कंपनी में ग्रोथ की क्या पोटेंशियल है और जोखिम किस प्रकार का है, यह भी स्टॉक की सही कीमत जांचने के लिए समझना बहुत जरूरी है।


डिविडेंड यील्ड की गणना कैसे करें | dividend yield calculation:


किसी भी कंपनी की डिविडेंड यील्ड की कैलकुलेशन करने के लिए आपको एनुअल डिविडेंड पर शेयर (annual dividend per share) और कंपनी के शेयर की वर्तमान कीमत की जरूरत होती है।


डिविडेंड यील्ड फॉर्मूला| dividend yield formula:


डिविडेंड यील्ड = एनुअल डिविडेंड पर शेयर / वर्तमान में शेयर प्राइस × 100


Dividend Yield = annual dividend per share / current share price × 100


चलिए dividend yield की गणना को एक उदाहरण से समझते हैं:


मान लीजिए, xyz कंपनी है जिसके शेयर का मार्केट प्राइस ₹300 है, और वह अपने शेयरहोल्डर्स को हर साल ₹15 का डिविडेंड दे रही है तो, डिविडेंड यील्ड 5% होगी।


डिविडेंड यील्ड = एनुअल डिविडेंड पर शेयर / वर्तमान में शेयर प्राइस × 100


15 / 300 × 100 = 5%




डिविडेंड यील्ड कैसे काम करती है | dividend yield:


डिविडेंड यील्ड कुछ फैक्टर से प्रभावित हो सकती है, जिन्हें नीचे बताया गया है :



कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी: 


जो कंपनियां बहुत ज्यादा लाभ कमाती हैं , वह अपने शेयरहोल्डर्स को ज्यादा डिविडेंड भी दे सकती हैं।


कंपनी की डिविडेंड पॉलिसी:


हर कंपनी की अपनी पॉलिसी होती हैं जिनमें कंपनी को होने वाले प्रॉफिट या लॉस के संबंध में भी नियम और शर्तें शामिल होती हैं। डिविडेंड यील्ड भी कंपनी की अपनी डिविडेंड पॉलिसी पर निर्भर करता है। कुछ कंपनियों की पॉलिसी में लाभ पर पहले से तय किया हुआ डिविडेंड दिया जाता है जबकि, कुछ अपनी फाइनेंशियल सिचुएशन के हिसाब से कभी कम तो कभी ज्यादा डिविडेंड पे करती है।


शेयर बाजार:


डिविडेंड यील्ड पर शेयर बाजार का ओवरऑल परफारमेंस भी असर डालता है जैसे कि, जब शेयर मार्केट बुलिश यानी ऊपर जा रहा होता है, तो अक्सर  कंपनियां ज्यादा डिविडेंड यील्ड प्रदान करती हैं और जब मार्केट बियरिश होता है यानी नीचे जा रहा होता है तो कंपनियों के डिविडेंड यील्ड भी कम होने लगते हैं।


डिविडेंड यील्ड उन निवेशकों के लिए जो अपने निवेश से एक अन्य आय का स्त्रोत बनाने के लिए देखते हैं एक अच्छा और उपयोगी टूल हो सकता है। हालांकि, ध्यान में रखने वाली बात यह है कि  किसी भी स्टॉक की  वैल्यू को तय करते समय डिविडेंड यील्ड एक अकेला फैक्टर नहीं होता है इसके साथ ही दूसरे फैक्टर जैसे कंपनी की ग्रोथ पोटेंशियल और उसमें होने वाले जोखिमों को ध्यान में रखना होता है।



क्या 3% डिविडेंड यील्ड अच्छी है | good dividend yield:


आमतौर पर, 2% से 6% तक के डिविडेंड यील्ड को सभी जगह एक अच्छा डिविडेंड यील्ड माना जाता है। 


कम इंटरेस्ट रेट के केस में, 3% की डिविडेंड यील्ड को अच्छा माना जा सकता है जबकि यह एक हाई इंटरेस्ट रेट के केस में इसे अच्छा नहीं माना जा सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि निवेशक अपने लिए steady इनकम बनाने के तरीके ढूंढ़ रहे होते हैं, जो की डिविडेंड के रूप में मिल सकती है।


डिविडेंड यील्ड फंड क्या है | dividend yield fund:


डिविडेंड यील्ड फंड एक प्रकार का म्यूचुअल फंड होता है जो हाई डिविडेंड देने वाले स्टॉक में निवेश करता है। 


ऐसे फंड्स का उद्देश्य यह होता है की निवेशक को एक एक्स्ट्रा इनकम का सोर्स मिल जाए।


डिविडेंड यील्ड फंड सामान्यतया अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंड, जैसे कि ग्रोथ फंड, की तुलना में कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं। हालांकि, इनमें लाभ भी कम होते हैं।


डिविडेंड यील्ड फंड की कुछ मुख्य विशेषताएं:


डिविडेंड यील्ड फंड उच्च डिविडेंड देने वाले स्टॉक में निवेश करते हैं।

सामान्यतः अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंडों की तुलना में ये कम वोलेटाइल होते हैं।

ये अन्य प्रकार के म्यूचुअल फंडों की तुलना में कम लाभ प्रदान करते हैं।

ये उन निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प हैं जो नियमित आय की एक स्थिर स्रोत बनाना चाहते हैं।

ये उन निवेशकों के लिए भी एक अच्छा विकल्प हैं जो कम वोलेटिलिटी वाले स्टॉक्स की तलाश कर रहे हैं।



क्या डिविडेंड यील्ड में बदलाव होता है?


डिविडेंड यील्ड में बदलाव होते रहते हैं। ऐसा कुछ कारणों से होता है, जैसे,


अगर स्टॉक की कीमत गिरती है, तो डिविडेंड यील्ड बढ़ जाएगा। इसका कारण यह है कि प्रति शेयर डिविडेंड एक समान रहेगा, लेकिन स्टॉक कीमत कम हो जाएगी।

 

अगर कंपनी डिविडेंड को बढ़ाने या कम करने का निर्णय ले, तो डिविडेंड यील्ड बदल सकता है। 


अगर कंपनी का फाइनेंशियल परफार्मेंस सुधरता है, तो वह अपने डिविडेंड को बढ़ा सकती है। इससे डिविडेंड यील्ड बढ़ जाएगा। इसके उलट, अगर कंपनी का फाइनेंशियल परफार्मेंस कम होता है, तो वह अपने डिविडेंड को कम करने या पूरी तरह से रोकने के लिए मजबूर हो सकती है। इससे डिविडेंड यील्ड कम होगी।


इन बदलावों के बारे में जागरूक रहना महत्वपूर्ण है, क्योंकि इनसे आपके निवेश के लाभ पर प्रभाव पड़ सकता है। अगर आप डिविडेंड स्टॉक में निवेश कर रहे हैं, तो आपको डिविडेंड यील्ड को चेक करते रहना चाहिए।


डिविडेंड यील्ड कैसे बदल सकती है, उदाहरण से समझते हैं:


मान लें ,

एक स्टॉक ₹100 प्रति शेयर पर खरीदा जा रहा है और कंपनी ₹2 प्रति शेयर का डिविडेंड देती है, तो कंपनी का डिविडेंड यील्ड 2% होगा (2 / 100)।


 अगर स्टॉक की कीमत ₹50 प्रति शेयर तक गिर जाती है, तो डिविडेंड यील्ड 4% हो जाएगा (2 / 50)।


 अगर कंपनी अपने डिविडेंड को ₹3 प्रति शेयर बढ़ाती है, तो डिविडेंड यील्ड 6% हो जाएगा (3 / 50)।


 अगर कंपनी अपने डिविडेंड को ₹1 प्रति शेयर कम करती है, तो डिविडेंड यील्ड 2% हो जाएगा (1 / 50)।


जैसा कि आप देख सकते हैं, डिविडेंड यील्ड कई कारणों से बदल सकता है और इससे आपके निवेश के लाभ पर प्रभाव पड़ सकता है, इसलिए आपको  डिविडेंड यील्ड में होने वाले बदलावों पर नज़र रखना चाहिए।



Dividend Yield FAQs:


5% डिविडेंड यील्ड का क्या मतलब है?


अगर आपके पास एक कंपनी के कुछ शेयर्स हैं और उस स्टॉक की DY 5% है, तो आपको अपने हर एक शेयर पर 5% के हिसाब से कंपनी डिविडेंड देगी।


मुझे कितने लाभांश शेयरों का मालिक होना चाहिए?


डिविडेंड स्टॉक्स की संख्या आपके द्वारा किए गए निवेश पर निर्भर करेगा। अगर आप अपने मनचाहे डिविडेंड प्राप्त करना चाहते हैं तो यह तय करने के लिए आपको अपने निवेश की अमाउंट को डिविडेंड यील्ड से डिवाइड करना होगा। 


उदाहरण के लिए, अगर आप चाहते हैं की आपको सालाना ₹5000 डिविडेंड प्राप्त हो और डिविडेंड यील्ड 5% है, तो आपको₹1,00,0000 का निवेश करना होगा।


कौन सी सरकारी कंपनी सबसे ज्यादा लाभांश देती है?


हमारे देश में अलग अलग सेक्टर्स में सरकारी कंपनियाँ लाभांश प्रदान करती हैं। यह कंपनीयों के फाइनेंशियल परफार्मेंस और उसकी पॉलिसीज पर निर्भर करता है। कुछ प्रमुख सरकारी कंपनियाँ जैसी कि ओएनजीसी, एनटीपीसी, आईओसीएल, आईबीपीएस, इंडियन बैंक, एनएचपीसी, भारतीय ऑयल, भारतीय टेलीकॉम, एनएचपीसील आदि डिविडेंड देने के लिए जानी जाती हैं।



डिविडेंड साल में कितनी बार मिलता है?


डिविडेंड हर साल मिलेंगे या तिमाही, छमाही में मिलेंगे, या नहीं मिलेंगे, यह पूरी तरह से कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है।


अगर किसी कंपनी को वर्तमान समय में अच्छा लाभ हुआ है और वह अपने शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देना चाहती है, तो यह सिर्फ कंपनी का मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन ही तय कर सकते हैं। 


हालांकि, आपको बहुत सी कंपनियां ऐसी मिल जाएगी जो हर साल लाभ कमाने के बावजूद डिविडेंड नही देती है और ऐसी भी हैं जो अपने शेयरहोल्डर्स को अच्छा डिविडेंड प्रदान करती हैं।



कौन कौन सी कंपनी डिविडेंड देती है | highest dividend yield stocks in india in 2023:



भारत में जून 2023 में, सबसे ज्यादा डिविडेंड यील्ड्स वाले स्टॉक्स है:


Vedanta Ltd. (5.7%)

Coal India Ltd.(5.5%)

Power Finance Corporation Ltd (5.4%)

NTPC Ltd. (4.9%)

HCL Technologies Ltd.(4.8%)

REC Ltd. (4.7%)

Hinduja Global Solutions Ltd.(4.6%)

NMDC Ltd.(4.5%)


यह सभी स्टॉक्स पिछले कई वर्षों से अपने शेयरहोल्डर्स को लगातार डिविडेंड का भुगतान कर रहे हैं और भविष्य में भी इन स्टॉक्स से ऐसी ही उम्मीद की जा रही है। 


डिविडेंड स्टॉक्स में निवेश के फायदे | dividend yield benefits:


डिविडेंड स्टॉक्स में निवेश करने से निवेशक अपने लिए एक आय का स्त्रोत बना सकते हैं।


डिविडेंड स्टॉक्स ग्रोथ स्टॉक्स के मुकाबले में कम वोलेटाइल होते हैं।


डिविडेंड स्टॉक्स कम ब्याज दरों के समय पर बहुत ही आकर्षक यील्ड प्रदान कर सकते हैं। 



डिविडेंड स्टॉक्स में निवेश के नुकसान | dividend yield limitations:


डिविडेंड स्टॉक्स में ग्रोथ स्टॉक्स के मुकाबले ज्यादा ग्रोथ की पोटेंशियल नही होती है। 


डिविडेंड हमेशा मिलते रहेंगे या नहीं, यह कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है क्योंकि कोई भी कंपनी किसी भी वक्त डिविडेंड cut कर सकती है या फिर eliminate भी कर सकती है।


डिविडेंड साल में कितनी बार मिलता है?


डिविडेंड साल में कितनी बार मिलता है, यह उस कंपनी पर निर्भर करता है। कुछ कंपनी साल में 1 बार ही निवेशकों को डिविडेंड देती हैं, कुछ कंपनी हर 3 महीने में डिविडेंड देती हैं।यह जानने के लिए की कौन सी कंपनी कितनी बार डिविडेंड देती है आपकी इंटरनेट पर सर्च करना होगा, स्टॉक से जुड़ी जानकारी आपको मनीकंट्रोल, एनएसई, बीएसई जैसी वेबसाइट पर मिल सकती हैं जिससे आपको पता लग जाएगा, आप जिस कंपनी के बारे के भी जानकारी चाहते हैं।


डिविडेंड कब दिया जाता है?


डिविडेंड कंपनी अपने शेयरधारकों को अपने प्रॉफिट में से कुछ हिस्सा देती है जिसे डिविडेंड कहा जाता है। यह शेयर की प्राइस का 2% - 6% होता है। जब कंपनी अपनी फाइनेंशियल रिपोर्ट को पब्लिक करती है, तो वह अपनी कैशफ्लो स्टेटमेंट, बैलेंस शीट और प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, क्वार्टरली स्टॉक एक्सचेंज पर भी देते हैं जिससे कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति की सब को जानकारी होती है। इसमें कंपनी प्रॉफिट में है या लॉस में है यह जानकारी देती है। अगर कोई कंपनी बहुत अच्छी है तो हर क्वार्टर के प्रॉफिट में अपने शेयर धारक को डिविडेंड देती है। कुछ कंपनी साल में दो बार और कुछ साल में एक बार ही डिविडेंड अपने शेयर धारकों को देती हैं, यह कंपनी के ऊपर निर्भर करता है वह कब डिविडेंड दे। कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति के हिसाब से कंपनी डिविडेंड देती है। कुछ कंपनी बाजार में होती हैं जो लगातार सालों तक अपने निवेशकों को डिविडेंड देती रहती हैं।


डिविडेंड का मतलब क्या होता है?


डिविडेंड का मतलब आसान शब्दों में कहें तो, लाभ का हिस्सा होता है। एक स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी अपने शेयर धारक को अपने प्रॉफिट में से कुछ हिस्सा डिविडेंड के रूप में देती है। शेयर बाजार में ऐसी बहुत सी कंपनी होती हैं जो अपने निवेशकों को डिविडेंड देती हैं। डिविडेंड निवेशकों के लिए एक पैसिव इनकम का सोर्स होता है। डिविडेंड के माध्यम से निवेशकों को अच्छी इनकम होती है। जब भी कोई डिविडेंड देने वाली कंपनी तय तारीख पर डिविडेंड की घोषणा करती है तब डिविडेंड की रकम सीधे निवेशक के बैंक अकाउंट में जमा हो जाती है। डिविडेंड भी पैसिव इनकम का एक अच्छा सोर्स होता है जिससे बहुत से लोग पैसिव इनकम कमाते हैं।


जरूरी बात:


एक निवेशक अपने लिए हमेशा अच्छी कंपनी ढूंढता है जिसमें वह निवेश करे और अपने लिए संपत्ति इकट्ठा कर सके। उसके लिए वह अच्छे से फंडामेंटल रिसर्च करता है। फंडामेंटल रिसर्च में वह कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को अच्छे से पढ़ता है, जैसे उसका रेवेन्यू कितना है, उसके लायबिलिटी क्या है, वह कितना प्रॉफिट कर रही है और अपने प्रॉफिट का इस्तेमाल किन जगहों पर कर रही है। कोई भी अच्छी फंडामेंटल वाली कंपनी अपनी कमाई का कुछ हिस्सा अपने शेयरहोल्डर को देते हैं, जिसे डिविडेंड कहा जाता है। 


अगर कंपनी पिछले 5 या 10 साल से लगातार अपने निवेशक को अच्छे डिविडेंड दे रही है तो वह अच्छा प्रॉफिट बना रही है। किसी भी शेयर को इसलिए खरीदना कि वह अच्छा डिविडेंड दे रही है, यह एक निवेशक के लिए ठीक नहीं होगा। निवेशक को निवेश से पहले डिविडेंड के साथ और भी बहुत कुछ देखा ना पड़ता है, फिर उसके बारे में अनुमान लगाया जाता है। 


डिविडेंड देने के साथ कंपनी कर्ज मुक्ति भी होना चाहिए, उसका बिजनेस मॉडल भी अच्छा होना चाहिए, जो प्रोडक्ट और सर्विस वह लोगों को बेच रही है, उसकी डिमांड भी समय के साथ बढ़ना चाहिए, लगातार हर तरह से हर साल कंपनी की ग्रोथ होना भी बहुत जरूरी होता है।



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