एक अच्छा पोर्टफोलियो कैसे बनाएं, निवेश करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है।

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एक अच्छा पोर्टफोलियो कैसे बनाएं, निवेश करने से पहले यह जानना बहुत जरूरी है।

By Javed / June 11,2023:


एक अच्छे पोर्टफोलियो को बनाने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक होता है एक अच्छा निवेशक हमेशा अपने पोर्टफोलियो को बहुत ही बेहतर ढंग से तैयार करता है क्योंकि पोर्टफोलियो की सहायता से वह अपने जोखिम को मैनेज करता है और ग्रोथ की क्षमता को बढ़ाता है। निवेश में पोर्टफोलियो का बहुत ही महत्व है।



निवेशकों को निवेश करने से पहले अपने लिए एक अच्छे पोर्टफोलियो को बनाने की जरूरत होती है जिसमें वह विभिन्न तरह के एनालिसिस और रिसर्च के बेसिस पर अपने लिए अपने रिस्क उठाने की क्षमता के अनुसार बेहतर रिटर्नस पाने के लिए चुनिंदा स्टॉक्स रखते हैं जिसे आम भाषा में पोर्टफोलियो कहा जाता है जो कि उन चुनिंदा स्टॉक्स का एक फोल्डर होता है जिसमें उनसे जुड़ी सारी जानकारियां और निवेशक को होने वाले लाभ और हानि का विवरण होता है। 



एक अच्छे स्टॉक पोर्टफोलियो को बनाने के लिए और अपने जोखिम को मैनेज करने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे।



ek acha portfolio kaise banaye

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| शीर्षक | एक अच्छा पोर्टफोलियो कैसे बनाएं |


| श्रेणी | इन्वेस्टमेंट |


| विवरण | एक अच्छे स्टॉक पोर्टफोलियो को बनाने और जोखिम को मैनेज करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना होगा |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत |



अच्छे पोर्टफोलियो का महत्त्व क्या है


निवेश के लिए एक निवेशक के लिए पोर्टफोलियो बनाना उतना ही जरूरी है जैसे कार के लिए इंश्योरेंस, जो कार को सुरक्षा देता है।


निवेशक जब कोई निवेश प्लान करता है, तो यह इसकी भी एक जर्नी होती है और निवेशक का लक्ष्य भी बहुत दूर होता है, निवेशक हर दिन अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अपना टाइम, अपना धन, अपनी एनर्जी लगाकर अपने सपने को पूरा करने का प्रयास करता है।

निवेश का लक्ष्य भी निवेशक के लिए इतना आसान नहीं होता है। उसे इसके रास्ते में भी विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। कभी परिणाम सामान्य दिखते हैं, कभी अच्छे और कभी बहुत बुरी परिस्थितियां होती हैं जो निवेशक ने कभी सोचा भी नहीं होगा।

पोर्टफोलियो एक निवेशक को हर परिस्थिति में सहायता करता है, उसके जोखिम को कम करता है और उसके लक्ष्य में आ रही बाधा से निपटने के लिए बहुत कारगर होता है।

पोर्टफोलियो एक निवेशक के लिए एक बास्केट होती है, जिसमें वह अपने निवेश को अलग अलग निवेश के विकल्प में निवेश को अपने पोर्टफोलियो में रखता है। जिससे उसका धन अलग अलग निवेश से डाइवर्सिफाई हो जाता है, जिससे निवेश का कुछ हिस्सा सुरक्षित निवेश में लगता है और कुछ हिस्से पर थोड़ा रिस्क लेता है, जिससे सुरक्षा के साथ अच्छे रिटर्न भी प्राप्त हो सके।


पोर्टफोलियो बनाने से पहले क्या जरूरी है?


एक निवेशक के लिए उसका पोर्टफोलियो बनाना बहुत जरूरी है और एक पोर्टफोलियो बनाने से पहले सवाल के जवाब:

मुझे कितने रुपए शेयर्स में निवेश करना है?
मुझे कितने रुपए बॉन्ड्स में निवेश करना है?
मुझे कितने रुपए गोल्ड में निवेश करना है?
मेरे पास कितना कैश होना चाहिए?

यह सवाल के जवाब बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका उत्तर हर व्यक्ति की कमाई, बचत और फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करता है, एक निवेशक के लिए।

इन सवालों का जवाब इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक में लेखक ने बहुत अच्छे से समझाया है। लेखक किताब के माध्यम से बताते हैं की किस तरह एक निवेशक अपने धन को निवेश करने के लिए विभाजित करें जिससे वह अपने लिए एक अच्छा पोर्टफोलियो बना सकें।

पोर्टफोलियो बनाने से पहले एक निवेशक को अपने हिसाब से फैसले लेने होते हैं, वह कितना रिस्क लेगा, कितना समय देगा, उसके अंदर फाइनेंशियल समझ कितनी है, यह भी जरूरी है।

उदाहरण से समझते हैं पोर्टफोलियो बनाने को:

निवेशक ने यह उदाहरण दिया है: 

अगर कोई व्यक्ति शेयर में निवेश करना चाहता है अन्य विकल्प के साथ, तो उसे 100 नंबर से अपनी उम्र घटा देना चाहिए। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति 30 साल का है तो वह 100 में से 30 घटाने पर 70 बचेंगे तो वह अपने पोर्टफोलियो में 70% राशि शेयर में निवेश कर सकता है और बची हुई 30% राशी को सुरक्षित जगह निवेश करेगा।

60 साल का व्यक्ति 

अगर किसी की उम्र 60 साल है तो वह अपना 60% सुरक्षित और 40% को शेयर में निवेश कर सकता है।

अगर कोई व्यक्ति 25 साल का है और वह अपने विवाह के लिए, घर खरीदने के लिए बचत कर रहा है तो उसे अपना सारा धन शेयर में निवेश करना समझदारी नहीं होगी, अगर शेयर बाजार में गिरावट आएगी तो उसके पास नुकसान से बचने के लिए कोई सुरक्षा नहीं होगी।


पोर्टफोलियो बनाने के फ़ायदे:

अच्छा पोर्टफोलियो हमेशा डाइवर्सिफाइड होता है। निवेशक अपनी कुल राशि को अलग अलग विकल्पों में निवेश करता है, जिससे निवेशक का कुल रिस्क बहुत कम हो जाता है। अगर वह किसी एक जगह पर अपना पूरा कैपिटल निवेश करे तो उसे ज्यादा जोखिम होने की संभावना होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दुनिया में कुछ ना कुछ परिवर्तन होते ही रहते हैं जिसका असर बाजार पर और निवेशक के विकल्प पर पड़ता है जिसके कारण उनकी कीमत या घटती है या बढ़ती है।


आप अगर पोर्टफोलियो प्लान किए बिना शेयर खरीद रहे हैं तो आप को अपने शेयर, अचानक पड़ी जरूरत पर बेचने होंगे, रुपए की जरूरत पड़ने पर।


अक्सर लोग नासमझी में ज्ञान की कमी के कारण गलत तरीके से शेयर खरीदते हैं, वे अपने वित्तीय फैसले भावनाओं में लेते हैं, जब बाजार तेज गति से ऊपर जाता है तो वह स्टॉक को ज्यादा प्राइस पर खरीदता है और बाजार में गिरावट की वजह से स्टॉक के प्राइस नीचे आने पर स्टॉक को घाटे में बेच देते हैं, जिसके कारण वह अपने धन का नुकसान करते हैं।


एक अच्छा पोर्टफोलियो शेयर, बॉन्ड्स, कैश, गोल्ड के निवेश का मिश्रण होता है। कैश इमरजेंसी फंड के रूप में अचानक पड़ने वाली जरूरत के लिए होता है। बॉन्ड्स से ब्याज के रूप में इनकम मिलती है, शेयर और गोल्ड लंबी अवधि में वेल्थ क्रिएशन के लिए होते हैं।


अब इंडेक्स फंड 20% लॉन्ग टर्म के लिए और अपने पसंदीदा स्टॉक 30% है, यह जोखिम वाले हैं। यह परिणाम बाजार के हिसाब से देंगे। जिससे आपके 100% कैपिटल पर 50% कैपिटल पर ही आप जोखिम लेंगे। यह सिर्फ जानकारी के लिए है, कोई सलाह नहीं है।


एक अच्छे स्टॉक पोर्टफोलियो को बनाने के लिए, आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए:



1. अपने रिस्क के टॉलरेंस को तय करें:


सबसे पहले निवेशकों के लिए यह जानना जरूरी है कि वह अपने कैपिटल पर अपनी कुल पूंजी पर कितना हानि होने का जोखिम को उठा सकते हैं। सरल भाषा में, कितना रिस्क लेकर आप अपना पैसा लगाना चाहते हैं। उदाहरण के तौर पर समझते हैं, अगर आप अपने रिटायरमेंट के लिए बचत कर रहे हैं तो आप ज्यादा रिस्क ले सकते हैं उसके कंपैरिजन में अगर आपका फाइनेंसियल गोल कुछ साल बाद घर के डाउन पेमेंट के लिए बचत करने का हो।



2. अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करें: 


अपने सभी पैसों को एक ही स्टॉक में ना रखें और ना ही एक ही तरह की इंडस्ट्री में अपना सारा इन्वेस्टमेंट करें। आपको अपना पैसा अलग-अलग एसेट क्लासेस जैसे कि स्टॉक्स, बॉन्ड्स और नकद में बांट देना चाहिए, इससे आपका जोखिम कम हो जाएगा और अगर कोई एक एसेट क्लास खराब परफॉर्म करती है, तो जो अच्छा परफॉर्म करने वाली एसेट क्लास होगी वह उसे बैलेंस कर लेगी।



3. अपने पोर्टफोलियो को रेगुलर तौर पर री बैलेंस करें : 


जब आपके निवेश बढ़ेंगे जैसे कि शुरुआत में हो सकता है कि आपके दो तीन स्टॉक्स में ही निवेश हो साथ ही आपने म्युचुअल फंड्स में निवेश कर रखा हो लेकिन समय के साथ जब आपके निवेश बढ़ेंगे तब आपको अपने पोर्टफोलियो को भी बैलेंस करना होगा जिससे आपकी जोखिम को कम कर सकें और निवेश के लक्ष्यों को पूरा कर सके। इसका मतलब यह है कि आपका अपने अच्छे परफॉर्म कर रहे स्टॉक स्कोर स्टॉक्स को बेचना होगा और अपने अंडरवैल्यूड यानी अपनी कीमत से कम मिलने वाले स्टॉक स्कोर स्टॉप स्टॉक्स को खरीदना होगा, यह रीबैलेंसिंग कहलाती है।



4. पैनिक सेलिंग ना करें: 


शेयर बाजार हर वक्त ऊपर नीचे होता रहता है और शेयर बाजार से जुड़े बाजार में अलग-अलग तरह की खबरें आती रहती हैं, आपको इन खबरों को ध्यान में रखकर या घबराकर अपने निवेश को नहीं खत्म करना चाहिए, बल्कि आपको अपने फाइनेंशियल गोल को ध्यान में रखते हुए अपनी प्लानिंग के अनुसार ही चलते रहना चाहिए । जब मार्केट डाउन हो जाती है तो अपने निवेश को बेचने का आपका मन होता है लेकिन यह  सबसे बुरा समय होता है निवेश को बेचने का बल्कि इस समय आप को शांत रहकर समस्या का सामना करना चाहिए और अपने लंबे समय के फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखना चाहिए।



यहां कुछ स्टॉक्स के उदाहरण है जो एक अच्छे तौर पर डायवर्सिफाई किए गए पोर्टफोलियो में शामिल हो सकते हैं:


लार्ज कैप स्टॉक्स: 


यह बड़े कंपनी के स्टॉक्स होते हैं जो बहुत लंबे समय से और अच्छी तरह से स्थापित हैं और लाभदायक रही हैं। यह स्टॉक्स छोटी कंपनी के स्टॉक्स के कंपैरिजन में कम वोलेटाइल होते हैं लेकिन इनमें रिटर्न्स के ज्यादा बढ़ने की उम्मीद कम होती है।




मिड कैप स्टॉक्स:


यह मीडियम साइज की कंपनियों के स्टॉक्स होते हैं जो तेजी से बढ़ रही होती हैं। यह लार्ज कैप स्टॉक्स के कंपैरिजन में ज्यादा वॉल्यूम टाइल होती हैं और इनमें लाभ कमाने की पोटेंशियल भी ज्यादा होती है।




स्मॉल कैप स्टॉक्स: 


यह छोटे कंपनी के स्टॉक्स होते हैं जिन्होंने अभी-अभी बढ़ने की शुरुआत की है। इनमें सबसे ज्यादा वोलैटिलिटी होती है और साथ ही इसमें लाभ कमाने का पोटेंशियल भी सबसे ज्यादा होता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि इसमें जितना ज्यादा रिटर्न का पोटेंशियल होता है उतना ही ज्यादा रिस्क पोटेंशियल भी होता है जितना ज्यादा इन स्टॉक्स में ग्रोथ की क्षमता होती है उतना ही जोखिम भी होता है।



याद रखें कि कोई भी व्यक्ति स्टॉक मार्केट में भविष्यवाणी नहीं कर सकता है लेकिन अगर आप इन टिप्स को फॉलो करते हैं तो आपके सफल होने के चांसेस बढ़ सकते हैं और आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं।




जोखिम को मैनेज करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण बातें जिनका आपको निवेश करते समय ध्यान रखना होगा:


1.स्टॉप लॉस ऑर्डर का इस्तेमाल करें: 


स्टॉप लॉस ऑर्डर एक ऐसी तकनीक होती है जिसके अनुसार किसी भी स्टॉक को एक निश्चित समय और कीमत तक बेच देना होता है यदि उसकी कीमत गिर रही होती है। यह आपके लाभ को बचाने में एक मददगार टेक्निक साबित होती है अगर मार्केट डाउन हो रहा हो तो।



2. डायवर्सिफिकेशन का इस्तेमाल करें: 


जैसा कि पहले ही कहा गया है कि डायवर्सिफिकेशन जोखिम कम करने का एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है, जिसमें आप अलग अलग असेट क्लासेस में अपने निवेश को जारी रखते हैं जिससे आप अच्छे बेहतर रिटर्न पाने के लिए किसी एक क्लास पर निर्भर नहीं होते हैं और अगर कोई एक असेट क्लास में नुकसान होता है और दूसरी में फायदा होता है तो इससे आपका पोर्टफोलियो बैलेंस हो जाता है यानी आपका रिटर्न बैलेंस रिटर्न होता है।



3. अपने पोर्टफोलियो को ज्यादा लंबा ना करें: 


यह बहुत जरूरी है कि आप सिर्फ अपना उतना पैसा निवेश करें जिसे आप हारने के लिए तैयार हों। ऐसे पैसे को निवेश ना करें जो आपको छोटे मोटे खर्चे के लिए या दैनिक कार्यों की लिए जरूरी हैं या जिसे आप जल्द ही इस्तेमाल करना चाहेंगे। याद रखें कि निवेश एक लंबे समय की प्रक्रिया है जिसमें आपको बेहतर परिणाम हासिल करने के लिए लंबे समय तक अपने निवेश को जारी रखना होता है इसलिए महत्वपूर्ण है कि आप निवेश के लिए उस पैसे को इस्तेमाल करें जिसे आप अपने रोजमर्रा के कामों में इस्तेमाल ना करते हों।



4. प्रोफेशनल से मदद लें: 


अगर आपको अपने पोर्टफोलियो को मैनेज करने में दिक्कत आती है या आप अपने पोर्टफोलियो का अच्छे से मैनेज नहीं कर पा रहे हैं तो आपको एक फाइनेंशियल एडवाइजर के साथ काम करना कंसीडर करना चाहिए यानी कि फाइनेंशियल एडवाइजर से मदद लेनी चाहिए। एक फाइनेंशियल एडवाइजर आपकी मदद कर सकता है। आपकी जरूरतों और जोखिम को देखते हुए और आपके फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखते हुए उन्हें पाने में फाइनेंशियल एडवाइजर आपकी मदद कर सकता है।


जरूरी बात:


पोर्टफोलियो बनाने के बहुत से फायदे हैं और सुरक्षित निवेश के साथ अपने धन को सही मैनेज करना है। अगर आप अपने लिए निवेश प्लान कर रहे हैं, आपकी इनकम कितनी हो, आपके निवेश करने वाली ज्यादा हो या कम, आपका धन आपके लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए सबसे पहले एक पोर्टफोलियो बनाएं।


अगर आप पोर्टफोलियो नहीं बनाते हैं और अपने धन को किसी भी एक जगह लगाते हैं तो आप अपने पूरे कैपिटल पर रिस्क ले रहे हैं, जो आपके लिए बहुत जोखिम वाला हो सकता है।


अच्छा पोर्टफोलियो बनाने से आप का धन सुरक्षित रहता है, आप के पास कैश, गोल्ड, बॉन्ड्स, शेयर भी होते हैं, बॉन्ड्स और शेयर से ब्याज और डिविडेंड के रूप में इनकम भी प्राप्त होती है। इक्विटी और गोल्ड की वैल्यू समय के साथ बढ़े तो आप अपने लिए संपत्ति बनाते हैं।


एक प्रोफेशनल निवेशक के लिए अपना पोर्टफोलियो बहुत महत्वपूर्ण होता है जिसमें समय के साथ वह परिवर्तन करता है, आपको भी अपनी समझ और जरूरत के हिसाब से अपना पोर्टफोलियो बनाना चाहिए।


निवेश करना एक जटिल प्रक्रिया है, इसमें बहुत से जोखिम होते हैं, जोखिम को कम करना और अपने निवेश पर रिटर्न प्राप्त करना इतना आसान नहीं होता है। अगर आप निवेश सिर्फ अनुमान और भावनाओं के शेयर करते हैं तो आप निवेश नहीं जुआ खेलते हैं, स्पेक्युलेशन से बचें, समझदार निवेशक बनें।

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लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।



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