फिक्स्ड एसेट टर्नओवर रेश्यो क्या होता है / fixed asset turnover ratio hindi
By Javed / June 24,2023:
🤗 दोस्तों, आज हम आपके लिए इस लेख के माध्यम से fixed asset turnover ratio से जुड़ी जानकारी लाए हैं। इस लेख में fixed asset turnover ratio क्या होता है, formula और example, analysis कैसे करते हैं, और अन्य जानकारी है।
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| शीर्षक | फिक्स्ड एसेट टर्नओवर रेश्यो क्या होता है |
| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |
| विवरण | fixed asset turnover ratio hindi |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
फिक्स्ड एसेट टर्नओवर रेश्यो क्या होता है / fixed asset turnover ratio meaning:
एक निवेशक किसी कंपनी में अपना पैसा लगाने से पहले उसकी फाइनेंशियल रिपोर्ट्स, आने वाले समय में ग्रोथ और ऐसे कई मानकों पर उसकी जांच करता है, जब उसे कंपनी में निवेश से अच्छे लाभ हासिल कर पाने की कैलकुलेशन मिलती है, तब वह निवेश करता है।
कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट्स में उससे जुड़ी सारी जानकारियां होती हैं, जैसे कंपनी का रेवेन्यू कितना है, प्रॉफिट कितना कमाया, ग्रोथ कैसी है, सेल्स कितनी बढ़ी और ऐसी ही बहुत सी जानकारियां।
कंपनी को अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की सेल्स को बढ़ाने के लिए अलग अलग एसेट्स, रिसोर्सेज का उपयोग करना होता है। जिनमें से एक है फिक्स्ड असेट्स जिसका कंपनी कितने लाभदायक तरीके से उपयोग कर रही है, उसे मापने के लिए निवेशक कंपनी द्वारा अपनी रिपोर्ट्स में दिखाए गए फिक्स्ड एसेट्स रेश्यो का इस्तेमाल करते हैं।
सरल भाषा में कहें तो,
कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की सेल्स को बढ़ाने के लिए, फिक्स्ड असेट्स का कितने लाभदायक तरीके से इस्तेमाल कर रही है, इसे मापने के लिए फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो का उपयोग होता है।
Fixed assets क्या होती हैं?
एक कंपनी में अलग अलग तरह की असेट्स होती हैं, जिनमें से एक फिक्स्ड एसेट है, जिसका कंपनी को अनुमान होता है की वह उसका उपयोग एक साल या उससे ज्यादा समय के लिए करेगी।
कंपनी की फिक्स्ड असेट्स में प्रॉपर्टी, प्लांट और इक्विपमेंट जैसे, बिल्डिंग्स, मशीनरी और फर्नीचर शामिल हैं। फिक्स्ड असेट्स का उपयोग कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स को बनाने और सर्विसेस प्रदान करने के लिए करती हैं। एक कंपनी जितने असरदार तरीके से अपने फिक्स्ड असेट्स का इस्तेमाल करती है, उतना ही ज्यादा वह उन पर लाभ कमाती है और फिक्स्ड असेट्स की लागत कम होती जाती है।
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो फैक्टर्स / factors affecting Fixed Assets Turnover Ratio:
फिक्स्ड एसेट्स के उपयोग का समय:
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो पर कुछ फैक्टर्स का असर हो सकता है जैसे कंपनी कितने समय से उन फिक्स्ड असेट्स का उपयोग कर रही है। ज्यादा पुरानी एसेट्स नई एसेट्स के मुकाबले में बहुत ही कम प्रभावी होती हैं।
इंडस्ट्री:
दूसरा फैक्टर है, कंपनी किस इंडस्ट्री में काम करती है जैसे, मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री में बहुत ज्यादा मात्रा में फिक्स्ड असेट्स की आवश्यकता होती है जबकि सॉफ्टवेयर इंडस्ट्रीज में बहुत ही सीमित फिक्स्ड असेट्स का उपयोग होता है।
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो का उपयोग एक ही सेक्टर की अलग अलग कंपनियों के प्रदर्शन की तुलना करने या फिर एक कंपनी के उसके सेक्टर एवरेज से तुलना करने के लिए किया जाता है।
एक कंपनी जिसका फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो उसके इंडस्ट्री एवरेज रेश्यो से ज्यादा होता है तो इसका मतलब होता है कि वह कंपनी अपने फिक्स्ड असेट्स को बहुत हिबासरदार और लाभदायक तरीके से इस्तेमाल कर रही है। जिससे यह भी पता चलता है की कंपनी का मैनेजमेंट बहुत ही अच्छा है और फायदेमंद है।
हालांकि फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो के भी बाकी ratios की ही तरह कुछ ड्रॉबैक्स हैं जैसे, यह रेश्यो फिक्स्ड असेट्स की लागत और समय के साथ उस पर लगने वाला डेप्रिसिएशन खर्च को शामिल नहीं करता। साथ ही, सेल्स की वॉल्यूम बढ़ने या फिर प्राइस बढ़ने जैसे फैक्टर इस रेश्यो पर असर डाल सकते हैं।
अपनी लिमिटेशन के बाद भी, फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो एक कंपनी की जांच करने के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण टूल साबित हो सकता है।
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो को कैसे इस्तेमाल किया जाता है कुछ उदाहरण से समझते हैं।
अगर किसी कंपनी का टर्नओवर 2 है तो इसका मतलब है की वह अपने हर ₹1 के फिक्स्ड असेट्स पर ₹2 की सेल्स कर रही है।
अगर किसी कंपनी का रेश्यो समय के साथ बढ़ता जा रहा है तो यह दर्शाता है कि कंपनी अपने फिक्स्ड असेट्स का बहुत ही अच्छे से और असरदार तरीके से उपयोग कर रही है।
अगर किसी कंपनी का रेश्यो अपने इंडस्ट्री या सेक्टर एवरेज रेश्यो से कम है या अपनी प्रतिभागी कंपनियों से कम है, तो इसका मतलब है की वह अपने असेट्स का सही तरीके से उपयोग नहीं कर रही है।
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो निवेशकों, एनालिस्टों, कंपनी के लेनदारों और मैनेजमेंट के लिए बहुत ही उपयोगी टूल है। इसका उपयोग कर वे कंपनी की परफॉर्मेंस, प्रॉब्लम्स और दूसरे डिसीजन को समझ सकते हैं और बेहतर स्ट्रेटजी बना सकते हैं।
Fixed asset turnover Ratio formula
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो को निकालने के लिए फॉर्मूला:
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो = नेट सेल्स / एवरेज नेट फिक्स्ड असेट्स
जिसमें,
नेट सेल्स : कंपनी द्वारा एक तय समय में जनरेट किया गया टोटल रेवेन्यू यानी कुल राजस्व।
एवरेज नेट फिक्स्ड असेट्स: एक तय समय में कंपनी की शुरुआती नेट फिक्स्ड असेट्स और समय के अंत में नेट फिक्स्ड असेट्स का एवरेज।
इसकी गणना एक उदाहरण से समझते हैं:
एक कंपनी abc है, जिसकी रिपोर्ट्स इस तरह हैं:
नेट सेल्स = ₹10 करोड़
एवरेज नेट फिक्स्ड असेट्स = ₹1 करोड़
तो,
कंपनी का
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो = 10 / 1= 10,
जिसका मतलब है, कंपनी अपने ₹1 के फिक्स्ड असेट्स पर ₹10 की सेल्स बढ़ा रही है, कुल मिलाकर कंपनी का मैनेजमेंट बहुत ही असरदार और लाभदायक तरीके से काम कर रहा है।
हालांकि एक बात का ध्यान रखना जरूरी है की यह रेश्यो कंपनी द्वारा की गई सेल्स पर लाभदायकता को नही जांचता है इसलिए एक कंपनी जिसका फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो अधिक हो वह लागत के अधिक होने की वजह से भी लाभ में न हो इसकी भी संभावना हो सकती है।
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो उदाहरण / Fixed asset turnover Ratio Example:
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो को उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए,
हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) कंपनी का साल का
नेट सेल्स = ₹50,000 करोड़
एवरेज नेट फिक्स्ड असेट्स = ₹10,000 करोड़
फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो = 5
इसका मतलब है, कंपनी अपने फिक्स्ड एसेट्स में ₹1 के निवेश पर ₹5 का सेल्स कर रही है। क्योंकि हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) कंपनी, इंडस्ट्री के एवरेज फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो जो की 3 है, उससे ज्यादा है, तो यह बताता है कि कंपनी अपने फिक्स्ड असेट्स का अच्छा उपयोग कर लाभ जनरेट कर रही है और निवेशकों के लिए भविष्य में लाभदायक साबित होगी।
एवरेज फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो क्या बताता है / Fixed asset turnover Ratio indicates:
चलिए जानते हैं की निवेशकों को एवरेज फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो से क्या पता चलता है:
1.कंपनी की प्रोडक्टिविटी:
किसी भी कंपनी की लाभदायकता की जांच के लिए निवेशक को देखना होगा की कंपनी का फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो ज्यादा है या कम है, कंपनी के सेक्टर एवरेज से भी तुलना करनी होगी, जिससे निवेशक को पता चलेगा की कंपनी अपने फिक्स्ड एसेट पर निवेश कर कितनी सेल्स बढ़ा रही है।
2.कंपनी की ग्रोथ:
अगर किसी कंपनी का फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो ज्यादा है तो यह उस कंपनी के विस्तार और लाभदायकता को दर्शाता है, की कैसे कंपनी अगर नए फिक्स्ड असेट्स में निवेश करती है तो अच्छा सेल्स जनरेट करके ग्रोथ कर सकती है।
Fixed asset turnover Ratio analysis
हम फिक्स्ड असेट्स टर्नओवर रेश्यो के एनालिसिस को IT इंडस्ट्री में काम करने वाली दो कम्पनियों की तुलना करके समझते हैं:
कंपनी TCS Infosys
फिक्स्ड एसेट्स निवेश। 1 1
सेल्स जनरेट 4 3.5
एफटीआर 4 3.5
ऐवरेज एफटीआर इंडस्ट्री 3.5 3.5
रिजल्ट। Better Good
इस तुलनात्मक विश्लेषण से पता चलता है कि कौन सी कंपनी ज्यादा लाभदायक तरीके से अपने फिक्स्ड असेट्स का उपयोग कर रही है, हालांकि निवेशकों को अलग अलग रेश्यो के साथ कंपनी के अलग अलग पहलुओं की जांच पड़ताल कर कर ही उसमे निवेश करना चाहिए।
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