वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या होती है,वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रैटजी
By Javed / June 16, 2023:
वैल्यू इन्वेस्टिंग स्ट्रैटजी में निवेशक अंडरवैल्यू शेयरों की तलाश करते हैं और फिर उनकी पहचान कर उसमें निवेश करते हैं यह लेख के माध्यम से हम वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख के माध्यम से लिख रहे हैं।
वैल्यू इन्वेस्टिंग एक निवेश रणनीति है जो मूल्यवान सुरक्षा ढूंढने का प्रयास करती है। निवेशक ऐसा मानते हैं की बाजार हमेशा एक जैसी स्थिति में नहीं रहता है जिसके कारण शेयर की कीमत में बदलाव आते हैं। शेयर की कीमतों में समाचार घटनाएं, कंपनी विशिष्ट मुद्दे जैसे कारण होते हैं जिससे अच्छी कंपनी के स्टॉक प्राइस भी कभी-कभी उसकी वैल्यू से कम पर ट्रेड करते हैं। वैल्यू निवेशक ऐसी कंपनियों के शेयर की पहचान कर उनमें निवेश करते हैं, निवेशक को ऐसा लगता है कि शेयर की कीमतें वापस उसकी सही वैल्यू पर जाएगी।
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वैल्यू इन्वेस्टिंग क्या होती है/Value investing kya hoti hai:
Value investing एक लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजी है, इसमें निवेशक अंडर वैल्यू शेयर की पहचान करते हैं कुछ मापदंडों के द्वारा। जब निवेशक ऐसी कंपनियों के शेयर की पहचान कर लेते हैं जो अपनी वैल्यू से कम प्राइस पर ट्रेड कर रहे हैं , उनमें निवेशक निवेश करते हैं जिससे वह अपने समय पर अपने सही प्राइस पर आए और या फिर उससे ऊपर जाएं तो निवेशक को अपने निवेश से लाभ मिलता है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग के निवेशकों का मानना है कि यह बहुत अच्छी निवेश स्ट्रैटजी है वैल्यू इन्वेस्टिंग के बारे में दुनिया के बड़े-बड़े निवेशक भी बातें करते हैं जैसे कि वारेन बफेट भी वैल्यू इन्वेस्टिंग करके दुनिया के सबसे बड़े निवेशक बने हैं।
वैल्यू इन्वेस्टिंग एक ऐसी इन्वेस्टिंग स्ट्रैटजी है जो निवेशक को सिखाती है किसी भी कंपनी के स्टॉक को उसकी सही वैल्यू पर खरीदना। वैल्यू इन्वेस्टिंग के माध्यम से निवेशक को शेयर की सही कीमत का अनुमान होता है जैसे कि वर्तमान में किसी भी कंपनी का शेयर कंपनी की सही वैल्यू पर है या फिर ओवरवैल्यूड यानी कंपनी का शेयर उसकी कीमत से ज्यादा पर बाजार में ट्रेड कर रहा है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग में निवेशक किसी भी कंपनी के शेयर की पहचान विभिन्न तरीके के टूल्स के माध्यम से करते हैं आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे की वैल्यू इन्वेस्टर कंपनी के स्टॉक की पहचान किन मापदंड द्वारा करते हैं।
अंडरवैल्यूड शेयर की तलाश कैसे करें
प्राइस टू बुक (P/B) रेश्यो :
प्राइस टू बुक रेश्यो एक ऐसा माप है जो दर्शाता है कि निवेशक
किसी कंपनी के शेयर खरीदने के लिए कितना मूल्य के अनुपात में कंपनी के शेयर के लिए तैयार हैं, कंपनी के संपत्ति के मूल्य से उसके लिए देकर का निर्धारण करता है, कम प्राइस टू बुक रेश्यो एक ऐसा अनुपात है जो संकेत देता है की एक कंपनी का शेयर अपनी कीमत से कम पर बाजार में ट्रेड कर रहा है।
डिविडेंड यील्ड
डिविडेंड यील्ड वह राशि होती है जो कंपनी अपनी कमाई का
कुछ हिस्सा अपने स्टॉकहोल्डर्स को डिविडेंड के रूप में कुछ प्रतिशत देती है। उच्च डिविडेंड यील्ड यह दर्शाता है कि शेयर की कीमत बहुत ही वैल्युएबल है और कंपनी अपने व्यापार में निवेश करने के लिए अधिक नगदी उत्पन्न करती है।
प्राइस टू अर्निंग रेश्यो:
प्राइस टू अर्निंग रेश्यो के माध्यम से निवेशक शेयर के बारे में यह जान पाता है की कंपनी प्रति स्टॉक की कीमत के बदले उसे क्या कमाई होती है। निवेशक अच्छे पी ई रेश्यो वाले शेयर में ही निवेश करते हैं।
जैसे कि हमने जाना कि निवेशक वैल्यू इन्वेस्टिंग में पीबी रेश्यो,डिविडेंड यील्ड, और प्राइस टू अर्निंग रेश्यो को एनालाइज करते हैं और अपने लिए सही कंपनी के शेयर को चुनने के लिए।
वैल्यू इन्वेस्टर हमेशा अपने लिए ऐसी कंपनी के शेयर का चुनाव करते हैं जो कि वर्तमान में अपनी सही वैल्यू से कम कीमत पर बाजार में ट्रेड कर रही हो। उनका यह मानना है कि शेयर की कीमतें लंबे समय में अपनी सही कीमत तक पहुंचेंगे जिनसे उन्हें लाभ हो सकता है।
Value investing में ध्यान देने वाली बात
वैल्यू इन्वेस्टिंग एक लॉन्ग टर्म निवेश रणनीति है यह आपके लिए लाभकारी हो सकती है लेकिन यह जोखिमभरा भी हो सकता है क्योंकि वैल्यू निवेशक को इस निवेश में बहुत धैर्य रखना होता है और अनुशासन का पालन करना होता है क्योंकि उन्हें अपने निवेश में लाभ प्राप्त करने के लिए कई वर्ष तक की प्रतीक्षा भी करनी पड़ सकती है।
अगर आपके अंदर धैर्य है और आप लंबी अवधि तक निवेश में जमे रह सकते हैं और आप के अंदर अनुशासन भी है और आप में अपने लिए फंड वैल्यू शेयर तलाशने की क्षमता है तो आप वैल्यू इन्वेस्टिंग कर सकते हैं लेकिन निवेश में जोखिम तो होता ही है इसलिए आपको निवेश से पहले किसी अच्छे वित्तीय सलाहकार की सहायता लेना बहुत ही आवश्यक है।
वैल्यू इन्वेस्टमेंट क्यों अच्छा है?
ज्यादा लाभ की संभावना:
अच्छे फंडामेंटल वाली कंपनियां में निवेश करने से निवेशक अच्छा रिटर्न बना सकते हैं। अच्छे फंडामेंटल्स वाली कंपनियों के प्राइस भी कभी-कभी उनकी वैल्यू से कम कीमत पर ट्रेड करते हैं लेकिन समय के साथ वापस उनकी कीमतें काफी तेजी से ऊपर की ओर बढ़ सकती हैं।
अच्छे फंडामेंटल में कम जोखिम होता है:
अच्छी कंपनियों के शेयर में आम शेयरों के प्रति कम जोखिम होता है क्योंकि वह बाजार के उतार-चढ़ाव से कम प्रभावित होते हैं उनकी कीमतों में ज्यादा परिवर्तन नहीं होता इसीलिए वह संवेदनशील नहीं होते हैं।
High dividend yield :
अच्छी कंपनियों के शेयर वैल्यू में आमतौर पर साधारण कंपनियों के शेयर के मुकाबले में डिविडेंड यील्ड ज्यादा होती है जो निवेशक को नियमित रूप से एक स्थिर आय भी प्रदान करती है।
वैल्यू इन्वेस्टिंग में क्या जोखिम होते हैं
वैल्यू इन्वेस्टिंग में कुछ जोखिम भी है
वैल्यू शेयरो में लिक्विडिटी कम होने के कारण उन्हें खरीदना या बेचना कठिन हो सकता है, लिक्विडिटी कम होने के कारण बाजार में समय पर ऐसे स्टॉक को खरीदने या बेचने में थोड़ी परेशानी हो सकती।
मूल्यांकन का जोखिम बन सकता है:
वैल्यू शेयर का मूल्यांकन अक्सर इसलिए होता है क्योंकि बाजार में नकारात्मकता की वजह से, समाचार या किसी घटना की वजह से, गिरावट होती है और समाचार और घटनाओं की वजह से अच्छे कंपनी के स्टॉक भी गिरने लगते हैं जिससे निवेशक को हानी भी हो सकती है।
कंपनी का मैनेजमेंट
अच्छी कंपनियों के शेयर भी कभी-कभी बहुत तेजी से नीचे गिरते हैं क्योंकि कंपनी का मैनेजमेंट ठीक नहीं होता है। वह वित्तीय प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है जिसके कारण शेयर की कीमत कम हो सकती है इसलिए अच्छा शेयर चुनते समय कंपनी के मैनेजमेंट के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
कंपनी के मैनेजमेंट का बहुत बड़ा रोल होता है। कंपनी को चलाने में अच्छे बिजनेस को भी अगर सही मैनेजमेंट ना मिले तो वह लॉस में जा सकता है। अगर किसी लॉस वाली कंपनी को अच्छा मैनेजमेंट मिल जाए तो वह प्रॉफिट बना सकती है इसलिए मैनेजमेंट भी देखना बहुत जरूरी है कि कंपनी को चला कौन रहा है और किस तरीके से चला रहा है , कितने समय से, किस तरीके की परफॉर्मेंस कंपनी ने दी है।
लंबी अवधि के लिए वैल्यू इन्वेस्टिंग एक बहुत ही बढ़िया विकल्प है लेकिन निवेश किसी भी प्रकार का हो, निवेश में जोखिम तो होते हैं इसीलिए आपको निवेश की सही रणनीति का पता होना चाहिए और बाजार की पूरी जानकारी होनी चाहिए। निवेश करने से पहले आपको अपने लिए किसी अच्छे वित्तीय सलाहकार की सलाह भी लेना चाहिए।
Value Investing FAQs:
वैल्यू इनवेस्टिंग का क्या मतलब है?
वैल्यू इनवेस्टिंग का मतलब होता है कि निवेशक सस्ते मूल्य वाली संपत्तियों को खरीदकर उन्हें उनके असली मूल्य पर बेचने का प्रयास करता है। उसका उद्देश्य मूल्यों के अंतर से फायदा उठाना होता है।
वैल्यू इन्वेस्टमेंट क्यों अच्छा है?
वैल्यू इन्वेस्टमेंट अच्छा होता है क्योंकि यह निवेशकों को सस्ते और अवकाशीय मूल्य वाली संपत्तियों की पहचान करने और उन्हें उचित मूल्य पर खरीदने की अनुमति देता है। इससे निवेशकों को लंबे समय में मुनाफा कमाने की संभावना होती है, जब उन्हें इन संपत्तियों को उचित मूल्य पर बेचने का मौका मिलता है।
शेयरों में निवेश कैसे काम करता है?
शेयरों में निवेश करने का तरीका यह होता है कि निवेशक शेयरों को खरीदकर, उनके मूल्य में परिवर्तन के द्वारा मुनाफा कमाने की कोशिश करता है। शेयरों की कीमत वित्तीय बाजार और कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
सबसे प्रसिद्ध मूल्य निवेशक कौन है?
सबसे प्रसिद्ध मूल्य निवेशक वॉरेन बफेट हैं, जिन्होंने वैल्यू इन्वेस्टिंग के माध्यम से बड़ी सफलता हासिल की है।
यह लेख के माध्यम से हमने आपको वैल्यू इन्वेस्टिंग की जानकारी दी है लेख का उद्देश्य आपको वैल्यू इन्वेस्टिंग की जानकारी देना है। यह लेख किसी भी तरीके की इन्वेस्टिंग टिप्स नहीं है आपको निवेश करने से पहले निवेश के बारे में सभी तरीके की जानकारी होना आवश्यक है इसलिए आपको निवेश करने से पहले वित्त सलाहकार की सलाह लेना भी बहुत जरूरी है।
हम इस ब्लॉग के माध्यम से शेयर बाजार में निवेश और बचत से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां लिखते रहते हैं अगर आप को हमारे द्वारा लिखा गया लेख पसंद आया हो तो आप हमें गूगल न्यूज़ इंस्टाग्राम पर फॉलो कर सकते हैं और पुश नोटिफिकेशन बेल दबाकर ब्लॉग को सब्सक्राइब कर सकते हैं जिससे आपको हमारे द्वारा लिखे लेख सही समय पर प्राप्त होते रहें जिससे आपकी जानकारी में बढ़ोतरी होगी।
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