IPO kya hota hai | IPO क्या होता है

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IPO kya hota hai|IPO क्या होता है 

By Javed / July 24,2023:

एक प्राइवेट कंपनी अपने काम को बढ़ाने के लिए, पैसों की जरूरत पड़ने पर अपनी कंपनी का कुछ हिस्सा बेच कर धन इकट्ठा करती है, कंपनी इसके लिए अपना IPO लाती है। 

कंपनी अपना IPO शेयर बाजार में लाती है। कंपनी अपने शेयर को प्रमोटर को बेचती है या फिर शेयर बाजार के माध्यम से आम जनता (public) को। इस तरह कंपनी अपनी जरूरत के अनुसार धन इकठ्ठा करती है।

IPO क्या होता है | IPO kya hota hai

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| शीर्षक | IPO kya hota hai | IPO क्या होता है  |


| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |


| विवरण | IPO kya hota hai |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत |



IPO क्या होता है| IPO meaning in hindi:


कंपनी को जब धन की जरूरत होती है तो वह अपने इक्विटी को जिसे हम शेयर्स कहते हैं, वह निवेशकों को बेचती है और धन इकठ्ठा करती है।
निवेशक कंपनी में शेयर खरीदकर उसके हिस्सेदार बन जाते हैं।

पहला IPO सन् 1602 में, ईस्ट इंडिया ने अपनी कंपनी के शेयर पब्लिक को बेच कर लॉन्च किया था। 

इतिहास में, सऊदी अरब की कंपनी अरामको ने सन् 2019 में सबसे बड़ा IPO लॉन्च किया था, जिससे उसने $29.4 बिलियन डॉलर जुटाए थे।

सन् 2014 में, अलीबाबा ने दुनिया का सबसे सफल IPO लॉन्च किया, जिसने अपने लॉन्च के पहले दिन ही अपने निवेशकों के पैसों को दोगुना कर दिया था।

IPO full form|IPO in hindi:


IPO का फुल फॉर्म होता है इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग ( Initial Public Offering) जिसके द्वारा किसी भी कंपनी के शेयर पब्लिक या संस्थाएं खरीदने का ऑफर रखती हैं।

कंपनी IPO कैसे ऑफर करती है:


एक प्राइवेट कंपनी तब अपना IPO लाती है, जब वह प्राइवेट से पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनने का मन बनाती है। जिसके लिए वह निवेशकों में अपनी इक्विटी जारी करके, निवेशकों द्वारा शेयर खरीदे जाने पर धन इकठ्ठा करती है और इसका इस्तेमाल वह अपने कर्ज को चुकाने में, बिजनेस को बढ़ाने में या अपने जैसी कोई दूसरी छोटी कंपनी को खरीदने में कर सकती है। यह अपने ग्रोथ के लिए उस धन को निवेश करती है।

सबसे पहले कंपनी अपनी इक्विटी को बेचने के लिए अच्छे इन्वेस्टर की तलाश करती है, इन्वेस्टर भी कई प्रकार के होते हैं, जैसे, प्रमोटर, पब्लिक, FII, DII। सबसे पहले कोई भी कंपनी अपनी इक्विटी को प्रमोटर को बेचती है, फिर अपना IPO बाजार में लाने की तैयारी करती है। जो भी जरूरी दस्तावेज़ हो या सरकारी गाइडलाइंस है, उसके प्रोसेस को फ़ॉलो करती है।

कंपनी और प्रमोटर एक साथ मिलकर उस की कुछ इक्विटी और एसेट के हिसाब से प्रति शेयर की एक वैल्यू तय करते हैं। कंपनी अपनी जरूरत के अनुसार तय कीमत पर, उतनी कीमत के शेयर का IPO बाजार में लाने की घोषणा करती है।

जब कंपनी सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस को सही से पूरा करने की, दस्तावेजों और जो भी अन्य जरूरतों पर खरा उतरती है तो, कंपनी को  स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट करने की अनुमति मिलती है।

हमारे भारत देश में दो स्टॉक एक्सचेंज हैं, NSE और BSE, इन स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से किसी भी लिस्टेड कंपनी के शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता है।

IPO में निवेश:


जरूरी बात, किसी भी कंपनी के IPO में निवेश करना बहुत ही जोख़िम भरा होता है। आप जिस भी कंपनी के ipo में निवेश करते हैं, वह शेयर बाजार में लिस्ट होती है, हर दिन शेयर की कीमत घटती है या बढ़ती है।

IPO में पैसा लगाने से पहले क्या देखना चाहिए:


आपको किसी भी कंपनी के IPO में पैसा लगाने से पहले सोचना चाहिए और कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझना बहुत ही जरूरी होता है।

आपको कंपनी की पास्ट हिस्ट्री के बारे में, वर्तमान फाइनेंशियल स्थिति के बारे में, और भविष्य में कंपनी का क्या करने का प्लान है, यह जान लेना बहुत जरूरी है।

कंपनी क्या प्रोडक्ट बनाती है, कहां बेचती है, क्या कंपनी के प्रोडक्ट्स को लोग पसंद करते हैं, क्या भविष्य में भी लोगों को कंपनी के प्रोडक्ट्स की जरूरत होगी, कंपनी की फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स, जैसे बैलेंस शीट, इनकम स्टेटमेंट, कैशफ्लो, डेट, इक्विटी, और लाइबिलिटी को देखना बहुत ही जरूरी है। 

आज कल आप इंटरनेट के माध्यम से किसी भी कंपनी की यह सब जानकारी आसानी से पता कर सकते हैं, जब भी कोई कंपनी अपना IPO लाती है तो वह सबसे पहले अपनी सारी जानकारी NSE को देती है, जहां से आपको कंपनी से जुड़ी जानकारियां आसानी से मिल सकती हैं, इसके साथ ही कुछ और भी साइट्स हैं जैसे moneycontrol, finology आदि, जहां आप चेक कर सकते हैं।

IPO में निवेश के फायदे | Benefits of investing in IPO:


जब कोई कंपनी प्राइवेट होती है, तो उसकी सारी इक्विटी उसके ओनर की होती है क्योंकि वह प्राइवेट लिमिटेड है जैसे, zerodha।

जब किसी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का बिजनेस बहुत अच्छा होता है, वह बहुत अच्छा प्रोडक्ट बनाती है, या फिर उसकी सर्विस बहुत अच्छी होती है और कंपनी अपने प्रोडक्ट बेचकर बहुत धन कमाती है, इसके साथ ही कंपनी का मैनेजमेंट अच्छा है जो कंपनी को अच्छे से चलाता रहा है, कंपनी लगातार अपने प्रोडक्ट की सेल बढ़ा रही है और अपने प्रॉफिट को भी , और कंपनी पर किसी प्रकार का कोई कर्ज़ नही है या फिर थोड़ा है, कंपनी के पास पर्याप्त कैशफ्लो है,जिससे वह अपनी सारी जरूरत को पूरा करती है, लेकिन वह स्टॉक मार्केट में लिस्टेड नही होती है तो उसमें कोई आम आदमी निवेश नहीं कर सकता है।

IPO का फायदा यही है, जब एक अच्छी कंपनी IPO लाती है, तो निवेशक को कंपनी में निवेश करने का मौका मिलता है। जब कंपनी ग्रो होती है तो समय के साथ उसके स्टॉक की कीमत भी बढ़ती है और निवेशक को उसका लाभ मिलता है।

अच्छी कंपनी में थोड़े से धन के निवेश से भी, कंपाउंडिंग की मदद से बहुत ज्यादा फायदा उठाया जा सकता है।

उदाहरण के लिए, विप्रो, इंफोसिस, eicher, टाइटन जैसी कंपनियों में जिन्होंने अपने निवेशकों की संपत्तियों को इतना बढ़ाया की आप सोच भी नहीं सकते। 

लेकिन अच्छी कंपनियां ढूंढना और निवेश करना, यह भी एक प्रक्रिया है, आपको शेयर बाज़ार और बिजनेस की अच्छी समझ होना बहुत जरूरी है क्योंकि हर निवेश में अपना अलग जोख़िम होता है।

IPO में निवेश के नुकसान :


IPO का मतलब है की कोई नई कंपनी है जो बाजार में लिस्ट होना चाहती है, अपनी इक्विटी निवेशक को बेचकर, धन इकठ्ठा करना चाहती है, उसका उद्देश्य है पैसा इकठ्ठा करना, अपनी इक्विटी बेचकर।

निवेशक कंपनी द्वारा जारी इक्विटी को अपना पैसा देकर खरीदता है, उससे उसका पैसा बढ़े और उसे लाभ हो।

मान लीजिए, एक कंपनी है XYZ, जो अपना IPO लाती है और अपना इक्विटी बेचकर धन इकठ्ठा करती है। कंपनी अपनी शेयर एक तय कीमत पर निवेशक को बेच दिए और उसे आपसे वर्तमान कीमत की वैल्यू से खरीद ले। लेकिन शेयर बाजार में कंपनी के शेयर की कीमत घट भी सकती है, कभी कभी कंपनी के IPO की कीमत से 80% नीचे की कीमत पर ट्रेड होते हैं, जिससे निवेशक अपने पैसे को सकते हैं।

इसलिए आपको कंपनी के मैनेजमेंट और कंपनी अपनी इक्विटी बेचकर धन कहां खर्च करेगी इसकी जानकारी होना बहुत जरूरी होता है।

IPO FAQs:


IPO लेने से क्या फायदा होता है?

IPO में निवेश करने से आपको कंपनी के शेयर खरीदने का मौका मिलता है। अगर कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो आपके खरीदे गए शेयरों की कीमत बढ़ सकती है और आपको मुनाफा हो सकता है।


शेयर मार्केट में IPO क्या होता है?

IPO का मतलब है Initial Public Offering। जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयरों को जनता के बीच, उनके खरीदने के लिए जारी करती है, तो उसे IPO कहा जाता है।


IPO कैसे खरीदे और बेचे जाते हैं?

आप IPO में निवेश करने के लिए आपको सबसे पहले किसी ब्रोकरेज फर्म, जैसे zerodha,  का चुनाव कर अपना डीमैट अकाउंट खुलवाना होता है। ब्रोकर आपको IPO में शेयर खरीदने और बेचने में मदद करता है।



IPO कैसे काम करता है?

जब कोई कंपनी पहली बार अपना IPO जारी करती है, तो वह अपने प्रमोटर और फाइनेंशियल स्थिति के हिसाब से एक मूल्य तय करती है जिस पर वह अपने शेयरों को बेचना चाहती है। फिर वह अपने शेयरों को जनता के बीच जारी करती है जिससे जो भी इसमें निवेश करना चाहें वह खरीद सकें। 


IPO कौन खरीद सकता है?

कोई भी व्यक्ति जिसका डीमैट अकाउंट है, वह IPO में निवेश कर सकता है।

डीमैट खाता खुलवाने के लिए आप डिसकाउंट ब्रोकर या फुल टाइम ब्रोकर में से किसी का भी चुनाव कर सकते हैं। 


क्या IPO में निवेश करना अच्छा है?

IPO में निवेश करना वैसे तो जोखिम भरा होता है। कंपनी के शेयरों की कीमत बढ़ भी सकती है या घट भी सकती है। इसलिए, किसी भी कंपनी के IPO में निवेश करने से पहले आपको अपनी तरफ से कंपनी की अच्छे से रिसर्च कर लेना चाहिए।



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