शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या होता है | Share Holding Pattern kya hota hai

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शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या होता है | Share Holding Pattern kya hota hai

By Javed / July 04,2023

शेयर होल्डिंग पैटर्न किसी भी स्टॉक मार्केट में लिस्टेड कंपनी के इन्वेस्टर को दर्शाता है। शेयर होल्डिंग पैटर्न के माध्यम से पता लगाया जाता है कि कंपनी के शेयर में कितना प्रतिशत किस प्रकार के निवेशक का है और कितना कंपनी के प्रमोटर का है।

किसी भी स्टॉक मार्केट लिस्टेड कंपनी में अनेक प्रकार के निवेशक होते हैं जैसे प्रमोटर, FII, DII और पब्लिक, शेयर होल्डिंग पैटर्न यह दर्शाता है कि किसने कितना प्रतिशत निवेश कंपनी की टोटल इक्विटी में किया है। आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे share holding pattern से जुड़ी महत्त्वपूर्ण जानकारी।

शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या होता है | Share Holding Pattern kya hota hai

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| शीर्षक | शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या होता है | Share Holding Pattern kya hota hai  |


| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |


| विवरण | शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या होता है  |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत |

शेयर होल्डिंग पैटर्न का महत्व

Share Holding Pattern का महत्व जब कोई कंपनी शेयर बाजार में लिस्टेड होती है तो कंपनी में निवेश किया जाता है, कंपनी में निवेश करने वाले निवेशक भी अलग अलग प्रकार के होते हैं। शेयर होल्डिंग पैटर्न कंपनी में निवेश की जानकारी दर्शाता है। जब भी कोई निवेशक किसी कंपनी में निवेश करता है तो कंपनी से जुड़ी सभी जानकारी हासिल करता है, कंपनी के फंडामेंटल्स की जांच करता है जिसमें शेयर होल्डिंग पैटर्न भी देखता है। शेयर होल्डिंग पैटर्न से यह भी पता चलता है की कंपनी के प्रमोटर के पास कितने प्रतिशत इक्विटी है और प्रमोटर ने अपनी इक्विटी का कितना हिस्सा प्लेज किया है, प्लेज का मतलब इक्विटी के ऊपर कर्ज लिया है, फिर निवेशक अनुमान लगाता है कि कंपनी में निवेश करना चाहिए या नहीं।

शेयर होल्डिंग पैटर्न में कितने प्रकार के निवेशक होते हैं:

जब आप किसी भी कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न को देखेंगे तो आपको इसमें 4 प्रकार के निवेशक दिखेंगे:

1) Promotor 

2) FII

3) DII

4) Public,

इन्हें समझते हैं:

Promoter क्या होता है?

प्रमोटर का मतलब है वह व्यक्ति जो एक कंपनी या बिजनेस को शुरू करता है। एक प्रमोटर कंपनी का आइडिया सोचता है और उसे शुरू करने के लिए पहला कदम उठाता है। प्रमोटर पैसा इकट्ठा करके लोगों को जमा कर और कंपनी को शुरू करने के लिए जिन चीज़ों की जरूरत होती है वो सब इकट्ठी करके कंपनी की शुरुआत करता है। वो लीडर कि तरह होता है जो किसी भी काम को शुरुआत से ही संभालने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब कंपनी चलने लगती है तब भी प्रमोटर कंपनी के महत्वपूर्ण डिसीजंस लेने और उसे संभालने में लगा रहता है।

FII क्या होता है?

FII का मतलब होता है Foreign Institutional Investors, जो कि बाहर से आने वाली कम्पनियों को रिप्रेजेंट करता है। यह कंपनियां दूसरे देशों से आकर हमारे देश में अपना पैसा निवेश करती हैं।

FII देश में अलग अलग सेक्टर्स में अपना पैसा लगाकर जैसे शेयर बाजार में, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज़ में या फिर दूसरे फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं जिससे अपने देश की अर्थव्यवस्था (economy) को बेहतर बनने में मदद मिलती है क्योंकि FII के आने से देश में व्यापार (business) बढ़ता है और कंपनियों के लिए नए नए अवसर पैदा होते हैं।

DII क्या होता है?

DII का मतलब है Domestic Institutional Investors, जो अपने देश की अंदरूनी फाइनेंशियल कंपनियों को रिप्रेजेंट करता है। यह कंपनियां अपने देश में ही निवेश करती हैं।

DII के निवेश से देश में व्यापार (business) और उद्यमिता (entrepreneurship) को बढ़ावा मिलता है क्योंकि यह हमारे देश के अंदर की कंपनियों के लिए फाइनेंस जुटने का एक महत्वपूर्ण स्रोत (source) होती हैं जिससे उन्हें फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और सुविधा मिलती है।

Public क्या होता है?

Public में सभी लोग यानी जनता शामिल होती है। Public के कॉन्टेक्स्ट में, वो लोग हैं जो किसी भी कंपनी के शेयर्स को खरीदने हैं। 

शेयर का मतलब होता है एक टुकड़ा या एक छोटा हिस्सा। जब हम एक कंपनी के शेयर्स खरीदते हैं, तो हम इस कंपनी की पब्लिक बन जाते हैं, यानी हम इस कंपनी के थोड़े हिस्से के मालिक बन जाते हैं।

इससे हमें कंपनी के मुनाफे में हिस्सा मिलता हेयर कुछ अधिकार भी मिलते हैं जैसे मीटिंग्स में वोट करने का अधिकार।

पब्लिक शेयरहोल्डर्स कंपनी के द्वारा लिए गए फैसलों के बारे में जान सकते हैं और अपने विचार (opinions) व्यक्त कर सकते हैं।

शेयर होल्डिंग पैटर्न कैसे देखते हैं:

आज के डिजिटल दुनिया में सब चीज़ें आसान हो गई हैं। अब आप किसी भी स्टॉक जो शेयर बाजार में लिस्टेड है, उससे जुड़ी तमाम जानकारियां NSE की वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं या फिर moneycontrol की वेबसाइट पर भी आपको शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की जानकारी उपलब्ध हो जाएगी।

अच्छा शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या है:

अच्छा शेयर होल्डिंग पैटर्न यह दर्शाता है की कंपनी की इक्विटी में ज्यादा हिस्सा कंपनी के प्रमोटर का हो या फिर 50% - 60% हिस्सा प्रमोटर के पास हो तो यह एक अच्छा सिग्नल माना जाता है।

कंपनी के प्रमोटर के पास ज्यादा हिस्सा होने का मतलब है की कंपनी प्रमोटर की कंपनी में अच्छी रुचि है और कंपनी को प्रमोटर पर भरोसा है। कंपनी वर्तमान स्थिति में अच्छी है और भविष्य में भी अच्छा प्रदर्शन करेगी।

शेयर होल्डिंग पैटर्न FAQs:

शेयर मार्केट में होल्डिंग का मतलब क्या होता है?

शेयर बाजार में जब कोई निवेशक किसी कंपनी के शेयर खरीदकर उन्हें कुछ समय के लिए या लंबे समय तक बेचता नहीं है, उसे शेयर होल्डिंग कहा जाता है।


आप किसी कंपनी के शेयरहोल्डिंग पैटर्न को कैसे पढ़ते हैं?

किसी कंपनी की कुल 100% इक्विटी में कितना प्रतिशत किस इन्वेस्टर का है यह पता लगाना होता है, और यह जानकारी आप को आसानी से NSE और moneycontrol जैसी वेबसाइट से आसानी से मिल सकती है।


प्रमोटर होल्डिंग कितनी अच्छी है?

प्रमोटर होल्डिंग किसी भी कंपनी में जितनी ज्यादा होती है, कंपनी उतनी भरोसेमंद होती है। हालांकि, यदि किसी कंपनी में 50% से 65% तक भी प्रमोटर होल्डिंग है तो यह अच्छा माना जाता है।


प्रमोटर होल्डिंग क्या होता है?

कंपनी के शुरुआत में जो निवेशक कंपनी में निवेश करते हैं उन्हें प्रमोटर कहा जाता है। कंपनी को संचालित करने में और डिसीजन लेने में प्रमोटर का योगदान रहता है और कंपनी की इक्विटी में भी हिस्सा होता है, इस इक्विटी होल्डिंग की प्रमोटर होल्डिंग कहते हैं।


क्या मैं उसी दिन होल्डिंग शेयर बेच सकता हूं?

इक्विटी शेयर को एक दिन में भी खरीदा और बेचा जा सकता है। शेयर होल्डिंग कहते हैं अपने पास कुछ समय तक इक्विटी शेयर को रखना। 


पोजीशन और होल्डिंग में क्या अंतर है?

निवेश कई प्रकार के होते हैं। निवेशक अपने हिसाब से अपने लिए निवेश रणनीति बनाते हैं जिसमें एक होता है पोजिशनल ट्रेडर और दूसरा होता है होल्डिंग इन्वेस्टर। 


पोजिशनल ट्रेडर किसे कहते हैं?

पोजिशनल ट्रेडर अपना ध्यान शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट पर केंद्रित करता है, वह एक तय कीमत पर शेयर को खरीद कर एक तय कीमत पर बेचने की रणनीति बनाता है।


होल्डिंग इन्वेस्टर कौन होते हैं?

होल्डिंग इन्वेस्टर किसी भी कंपनी के शेयर को खरीदकर उन्हें अपने पास लंबी अवधि के लिए रखता है। जिससे लॉन्ग टर्म में निवेशक को कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है और समय के साथ अगर कंपनी अच्छा काम कर रही है और उसमे अच्छी ग्रोथ हो रही है तो निवेशक को और भी बेहतर परिणाम मिलते हैं और उसकी संपत्ति में लगातार वृद्धि होती रहती है।


होल्ड का मतलब क्या होता है?

होल्ड का मतलब होता है शेयर खरीद कर कुछ समय या लंबे समय के लिए अपने पास रखना।


शेयर होल्डिंग पैटर्न क्या होता है हमारे द्वारा लिखा यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। इसी तरह शेयर बाजार से जुड़ी जानकारियां हम इस ब्लॉग के माध्यम से लिखते रहते हैं। बचत, निवेश और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी जानकारियां पाने के लिए आप इस ब्लॉग को पुश नोटिफिकेशन दबाकर सब्सक्राइब कर लें जिससे आपको लेटेस्ट अपडेट्स रोजाना प्राप्त होंगी।

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लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद

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