SIP kya hai | SIP क्या है

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SIP kya hai | SIP क्या है 

By Javed / July 31,2023:

SIP निवेश करने का एक ऐसा आसान तरीका है जिससे कोई भी आम आदमी जिसकी तनख्वाह घरखर्च में खत्म हो जाती है और बचत में बहुत कम रकम जैसे ₹500, ₹1000 ही बचते हैं, वह भी आसानी से इतनी ही रकम से अच्छे विकल्प का चुनाव कर निवेश शुरू कर सकता है।


एसआईपी (SIP), जिसका पूरा नाम मतलब full form " systematic investment plan " और हिन्दी में " व्यवस्थित निवेश योजना " कहा जाता है।

SIP निवेश करने का एक ऐसा तरीका है जिसमें आप पहले से ही तय किए गए समय पर एक तय रकम जमा करते रहते हैं, जिससे आपका निवेश का पोर्टफोलियो समय के साथ बढ़ता रहता है और इससे आपकी वेल्थ क्रिएशन में सहयोग मिलता है।


एसआईपी (SIP) में आप नियमित अंतराल में जैसे हर महीने, तिमाही, या छमाही में एक तय तारीख पर पहले से फिक्स अमाउंट निवेश करते हैं, जिसका भुगतान म्यूचुअल फंड्स या किसी अन्य प्रकार के निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में होता है। लंबे समय में कंपाउंडिंग की मदद से आप इस प्रकार के निवेश से अच्छी बचत कर सकते हैं जिससे आपकी वैल्थ बनने में आसानी होती है।


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| शीर्षक | SIP kya hai | SIP क्या है   |


| श्रेणी | बिजनेस |


| विवरण | SIP kya hai | SIP क्या है, SIP meaning in hindi, types of SIP, SIP example, sip fullform, sip कैसे काम करता है, benefits , disadvantages of SIP |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत |



SIP क्या है | SIP meaning in hindi:


SIP का हिंदी में मतलब होता है "सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान" यानी नियमित निवेश योजना । SIP में एक नियमित अंतराल पर निवेश करने की योजना होती है, जिसमें आप पहले से तय अंतरालों पर निश्चित राशि का निवेश करते हैं, जिससे आपको लंबे समय में बचत करने में मदद मिलती है। इस तरह निवेश करने से आपको एक बार में एकमुश्त रकम निवेश करने की जरूरत नहीं होती है। नियमित रूप से तय तारीख पर छोटी छोटी रकम निवेश करके आप लंबे समय तक अपने पैसों को बढ़ते हुए देख सकते हैं।


SIP full form | what is SIP full form:


SIP का Full Form:


S = Systematic मतलब नियमित,

I = Investment मतलब निवेश,

P = Plan मतलब योजना।


SIP कितने प्रकार के होते हैं | types of SIP


SIP के विभिन्न प्रकार हैं, जिन्हें हम आपके साथ यहां सांझा कर रहे हैं:


नियमित SIP (Regular SIP):


नियमित मतलब regular sip जो सामान्यतः अधिकतर लोगों द्वारा निवेश के लिए उपयोग की जाती है। इस प्रकार की sip में आपको अपने चुने हुए म्यूचुअल फंड प्लान में हर महीने या तीन महीनों में एक बार पहले से तय राशि जमा करनी होती है, जिसका आपके फंड मैनेजर द्वारा निवेश इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश किया जाता है।


टॉप-अप SIP (Top-up SIP):


यह ऐसे निवेशकों के लिए एक अच्छा विकल्प साबित होता है, जो अपने निवेश की रकम को जल्दी और ज्यादा बढ़ाना चाहते हैं। इस विकल्प में आप अपने एसआईपी की अमाउंट को नियमित अंतराल में तय सीमा में बढ़ा सकते हैं जिसका फायदा यह होता है की आपका निवेश बहुत जल्दी और ज्यादा बढ़ जाता है।


लचीला SIP (Flexible SIP):


फ्लैक्सिबल एसआईपी अपने नाम ही की तरह आपको यह विकल्प प्रदान करती है जिसमें आप अपनी निवेश की राशि और समय को बदल सकते हैं। अगर आप छोटे व्यवसाई हैं, या सीजनल व्यापार करते हैं तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद विकल्प साबित हो सकता है।


अनन्तकालिक SIP (Perpetual SIP):


परपेचुअल एसआईपी में आपके निवेश करने की कोई समयसीमा नहीं होती, उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति अगर इसलिए निवेश करना चाहता है की उसे अपने किसी लक्ष्य के लिए धन जमा करना है तो वह 5 या तय समय के लिए निवेश करेगा, लेकिन इस विकल्प में आप अपने निवेश को जारी रख सकते हैं, बिना किसी समयसीमा को निर्धारित किए।


ट्रिगर SIP (Trigger SIP):


यह एक ऐसा SIP है जिसे किसी विशेष घटना, जैसे बाजार के उतार-चढ़ाव या आपकी इनकम में होनेवाली वृद्धि, ट्रिगर कर सकती है। अगर आप बाजार में गिरावट होने पर या आपकी इनकम बढ़ जाने पर अधिक धन का निवेश करना चाहते हैं तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है।


इन्श्योरेंस सहित SIP (With Insurance SIP):


इंश्योरेंस के साथ SIP एक ऐसा विकल्प है जिसमें अगर आप निवेश करते है तो आपका निवेश तो बढ़ता ही है इसके साथ ही आपका इंश्योरेंस भी हो जाता है। अगर आप अपने परिवार को भविष्य में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना चाहते हैं, जिसका उपयोग किसी अनहोनी के मामले में किया जा सके तो यह एक अच्छा विकल्प है।


मल्टी SIP (Multi - SIP):


मल्टी एसआईपी ऐसा विकल्प है जिसमें आप एक ही समय पर अलग अलग म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं और अपने पोर्टफोलियो में विभिन्न प्रकार के म्यूचुअल फंड्स को शामिल कर जोखिम को मैनेज कर सकते हैं।


आपके लिए कौनसा (SIP) एसआईपी अच्छा होगा , यह आपकी व्यक्तिगत परिस्थितियों और वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। 


निवेश करने से पहले आपको अपने लक्ष्यों, जोखिम की सहनशीलता, आय, समय अवधि, और निवेश के अनुभव को ध्यान में रखना होगा। इन तत्वों को ध्यान में रखकर आप अपने लिए उचित SIP की खोज कर सकते हैं। उनके निवेश के उद्देश्य, शुल्क, और प्रदर्शन के आधार पर जांच कर सकते हैं। और अच्छी जांच परख और सही एसआईपी के चुनाव के लिए आप अपने किसी परिचित वित्तीय सलाहकार से भी राय ले सकते हैं और ऐसा ना होने पर आप आपके फंड मैनेजर से भी बातचीत करके आपके लिए सही SIP का चयन करने में मदद ले सकते हैं क्योंकि फंड को मैनेज करने वाले मैनेजर बहुत अनुभवी वित्तीय सलाहकार हो सकते हैं।



SIP क्या है SIP के लाभ:


SIP एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान है, जिसमें आपको कम पैसे से निवेश शुरू करने और लंबे समय में अच्छा रिटर्न कमाने में मदद मिलती है।


SIP के फायदे | benefits of SIP


SIP में निवेश करने से आपको बहुत से फायदे मिलते हैं जिनमें से कुछ हम यहां बता रहे हैं।


SIP में कम निवेश के साथ शुरुआत:


SIP में आप कम पैसे से भी निवेश शुरू कर सकते हैं। एसआईपी के रूप में आप हर महीने 500 रुपये या इससे भी कम से निवेश करना शुरू कर सकते हैं।


SIP का नियमित निवेश:


SIP से आपको खुद में नियमित रूप से निवेश करने की आदत को डेवलप करने में मदद मिलती है। इससे आपको अपने फाइनेंशियल लक्ष्यों को प्राप्त करने में  आसानी होती है, क्योंकि आप हर महीने एक निश्चित राशि का अपने चुने हुए निवेश के इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं।


SIP में औसत लागत:


SIP आपको औसत लागत का लाभ देता है। उदाहरण के लिए, जब आप बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान SIP करते हैं, तो आप अपने निवेश की लागत को कम कर सकते हैं मतलब बाजार में मंदी के दौरान आपको कम रकम चुकाना होता है एसआईपी के रूप में।


SIP में कर (टैक्स) लाभ:


SIP आपको कर (टैक्स) लाभ भी प्रदान करता है। आपको SIP से होने वाले मुनाफे पर इनकम टैक्स भी कम चुकाना होता है।


SIP में नुकसान | disadvantages of SIP:


जोखिम:


SIP में फ़ायदे के साथ साथ कुछ जोखिम भी शामिल हैं। SIP के रूप में आप शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं, क्योंकि इनमें निवेश एक जोखिमपूर्ण निवेश होता है जो अलग अलग फैक्टर्स पर निर्भर होता है जैसे इंडेक्स, बाजार, देश की इकोनॉमिक, पॉलिटिकल कंडीशंस और कंपनीज़ के खुद के प्रदर्शन, इसलिए आपके निवेश का मूल्य घट भी सकता है।


लचीलापन:


SIP में थोड़ा लचीलापन की कमी है। अगर आप एक बार SIP शुरू कर लेते हैं तो इसे आसानी से बंद नहीं कर सकते हैं। इसके लिए आपको लंबी प्रोसीजर से गुजरना पड़ता है।


शुल्क:


SIP में आपको अलग अलग प्रकार के शुल्कों का भुगतान भी करना पड़ता है, जैसे कि प्रबंधन शुल्क जिसे मैनेजर जो आपके निवेश को मैनेज करता है उसका शुल्क और इसी से जुड़े अन्य शुल्काें का भुगतान आपको करना होता है।


वैसे तो, SIP निवेश करने का एक अच्छा विकल्प है, जिसमें आपको कम पैसों के नियमित निवेश से लंबे समय में अच्छा रिटर्न कमाने का विकल्प हासिल होता है। हालांकि, SIP में कुछ जोखिम भी शामिल हैं, इसलिए आपको अपने निवेश से जुड़े जोखिमों को समझकर ही निवेश शुरू करना चाहिए।


अगर आप SIP के रूप में निवेश शुरू करना चाहते हैं, तो आपको निवेश करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:


1.अपने फाइनेंशियल लक्ष्य तय करें:


सबसे पहले आपको अपने लिए एक माइंडमैप बनाना चाहिए जिसमें आपको यह तय करना चाहिए कि क्या आपको SIP के ज़रिए निवेश करना चाहिए, आप क्यों SIP के रूप में निवेश करें, आप SIP के माध्यम से क्या हासिल करना चाहते हैं। क्या आप अपना भविष्य सुरक्षित करना चाहते हैं, या क्या आप एक बड़ी रकम इकठ्ठा करना चाहते हैं?


2. आप कितना जोखिम सहन कर सकते हैं:


आपको अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का आकलन करना होगा, क्योंकि हर तरह के निवेश में मुनाफा कमाने के मौके के साथ साथ जोखिम भी होता है। अगर आप जोखिम लेने में सहज नहीं हैं, तो आपको अपने लिए सही प्रकार का निवेश इंस्ट्रूमेंट तलाश कर उसमें निवेश करना चाहिए।


3.एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुनें:


आपको अपने लिए एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुनना चाहिए, जिसकी मदद से आप अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें और जो आपकी जोखिम की क्षमता के अनुसार हो।


4.नियमित रूप से निवेश करें:


आपको नियमित रूप से निवेश करते रहना चाहिए। इससे आपको औसत लागत का लाभ मिलेगा और आप अपने लक्ष्यों को अधिक सरलता से प्राप्त कर सकेंगे।


5.फ्लैक्सिबल रहें:


सबसे पहले आपको अपने निवेश से जुड़े जोखिमों को समझना चाहिए और एक बार निवेश चुनने और करने के बाद जोखिम देखने पर आपको घबराकर बाहर नही निकलना चाहिए बल्कि आपको फ्लैक्सिबल होना चाहिए। जब आप बाजार में उतार-चढ़ाव होता देखें, तो आपको डरकर अपना निवेश रोकना नहीं चाहिए, बल्कि आपको फंड के मैनेजर जो इस काम में बहुत अनुभव रखते हैं उनसे सलाह लेनी चाहिए की आगे किस तरह बढ़ा जाए।



SIP क्या है और यह कैसे काम करता है | how does SIP work :


एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) आपको म्यूचुअल फंड्स में कम रकम से हर महीने या तीन महीनों में एक बार निवेश करने का विकल्प प्रदान करती है, जिसकी मदद से आप लंबी अवधि में अच्छा धन इकठ्ठा कर सकते हैं।


SIP भारत में कैसे काम करता है:


SIP के लिए आपको यह स्टेप्स को फॉलो करना होगा:


1. सबसे पहले आपको अपने लिए एक अच्छा म्यूचुअल फंड चुनना होगा जो आपके वित्तीय लक्ष्यों और जोख़िम के अनुरूप हो। इसके लिए आप अलग अलग इक्विटी फंड, डेब्ट फंड या हाइब्रिड (जिनमें इक्विटी और डेब्ट दोनों शामिल होते हैं) फंड में से चुन सकते हैं।


2. इसके बाद आपको अपने निवेश की राशी और समय का निर्धारण करना होगा की आप किस समय में कितना पैसा निवेश करने में सहज हैं। एसआईपी में हर महीने या तीसरे महीने में भुगतान करना होता है और इसके लिए आप न्यूनतम 500 रुपए से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं।


3. आपको अपने बैंक या म्यूचुअल फंड हाउस के साथ अपना SIP सेटअप करना होता है। जिसमें आप अपने बैंक से ऑटोमेटेड भुगतान भी चुन सकते हैं जिसमें एक निर्धारित तारीख पर अपने आप आपकी sip का भुगतान हो जाता है जिससे आपको चिंता नहीं रहती।

इसके अलावा आप ऑनलाइन भी इसका भुगतान स्वयं से कर सकते हैं।


4. SIP के दिन, निर्धारित राशि आपके बैंक खाते से डेबिट होकर म्यूचुअल फंड योजना में निवेश कर दी जाती है।


5. आपके द्वारा चुना गया निवेश हर माह या तीसरे माह में तब तक इसी तरह चलता रहता है, जब तक आप इसे बंद नहीं करते।


SIP example | एसआईपी उदाहरण: 


अगर आप हर महीने एक म्यूचुअल फंड योजना में ₹500 निवेश करते हैं, जिसका एनएवी 100 रुपये है तो,


पहले महीने में आप 5 यूनिट्स खरीदेंगे। 


दूसरे महीने, यदि योजना का एनएवी 90 रुपये हो जाता है, तो आपको 5.55 यूनिट्स खरीदनी पड़ेगी। 


इस तरह आप अपना निवेश जारी रखते हैं।


समय के साथ, जब आप SIP में निवेश करते रहेंगे, आपका औसत निवेश का कॉस्ट योजना के औसत एनएवी से कम हो जाएगा। इसका मतलब है कि जब एनएवी कम है तो आप ज्यादा यूनिट्स खरीदेंगे और एनएवी ज्यादा है तो कम यूनिट्स खरीदेंगे।


अगर आप लंबे समय के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो SIPs एक अच्छा विकल्प हैं। यह एक तुलनात्मक रूप से आसान तरीका है निवेश करने का, और समय के साथ आपके धन को बढ़ाने में मदद करता है।


भारत में प्रसिद्ध SIP म्यूचुअल फंड कंपनीज़ :


एक्सिस म्यूचुअल फंड

फ्रैंकलिन टेम्पलटन

आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड

मिराए एसेट म्यूचुअल फंड

एसबीआई म्यूचुअल फंड


आप इनमें से किसी भी कंपनी के साथ SIP खाता खोल सकते हैं। इस प्रक्रिया को आम तौर पर ऑनलाइन या अपने बैंक के माध्यम से बहुत आसानी से किया जा सकता है।



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