Net sales kya hota hai | नेट सेल्स क्या होता है

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Net sales kya hota hai | नेट सेल्स क्या होता है

By Javed / August 16,2023:


जब भी एक निवेशक किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहता है तो सबसे पहले निवेशकों को कंपनी के फाइनेंशियल रिपोर्ट्स की जांच करनी चाहिए, जिसमें कंपनी की प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट्स, कैशफ्लो स्टेटमेंट, बैलेंस शीट आदि शामिल होती हैं। 


किसी भी कंपनी की प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में आपको सबसे पहले उस कंपनी की नेट सेल्स दिखाई देती है। चलिए अब समझते हैं कि नेट सेल्स क्या होता है और निवेशकों के लिए इसकी जांच क्यों जरुरी है और कैसे करना चाहिए।


Net sales kya hota hai | नेट सेल्स क्या होता है

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| शीर्षक | Net sales kya hota hai | नेट सेल्स क्या होता है |


| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |


| विवरण | Net sales kya hota hai | नेट सेल्स क्या होता है, net sales meaning, net sales formula, net sales example, net sales importance |


| वर्ष | 2023 |


| देश | भारत |


नेट सेल्स क्या होता है | net sales meaning in Hindi:


नेट सेल्स को हिंदी में शुद्ध बिक्री कहा जाता है। किसी भी कंपनी द्वारा उसके प्रोडक्ट्स और सर्विसेस के बेचने पर जो रेवेन्यू इकठ्ठा हुआ है उसमें से सभी प्रकार के खर्चों को निकालने के बाद जो धन बचा होता है, उसे उस कंपनी की नेट सेल्स या शुद्ध बिक्री कहा जाता है।


निवेशकों के लिए यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नेट सेल्स कंपनी की वित्तीय मजबूती को दर्शाती है। 


1.समय के साथ बढ़ती हुई नेट सेल्स वाली कम्पनियां एक अच्छा निवेश साबित हो सकती हैं:


जब एक कंपनी की सेल्स लगातार बढ़ रही हो, तो यह निवेशकों को बताता है कि कंपनी अपने प्रोडक्ट्स और सर्विसेस पर अच्छा धन अर्जित कर रही है और लोगों में इसके प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को पसंद किया जा रहा है, जिसके कारण यह अच्छा मुनाफा कमा सकेगी और इससे इसके शेयरहोल्डर्स को फायदा मिलेगा।


2.एक कंपनी जिसका नेट सेल्स गिरता जा रहा हो, वह एक खतरे का सिग्नल माना जा सकता है:


एक कंपनी की नेट सेल्स के लगातार नीचे गिरते जाने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे, उसके पास फाइनेंशियल रिसोर्सेज की कमी होना, लगातार बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा, प्रोडक्ट या सर्विस में कमियां होना, आदि। निवेशकों को कंपनी में निवेश करने से पहले इसकी नेट सेल्स में होने वाली गिरावट के कारणों की अच्छे तरीके से जांच कर लेनी चाहिए फिर ही निवेश करना चाहिए।


3. निवेशकों को एक कंपनी की नेट सेल्स की तुलना उसके प्रतिस्पर्धी कंपनियों से करनी चाहिए जिससे उन्हें उसकी सही कीमतों का अंदाजा हो सके:


एक कंपनी जिसका मार्केट में अच्छा योगदान हो, उसके प्रतिस्पर्धियों की तुलना में, ज्यादा मुनाफा कमाने और अच्छी प्रतिस्पर्धा देने वाली साबित होती है।


4. समय समय पर नेट सेल्स की जांच करते रहें:


किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले उसके नेट सेल्स का प्रदर्शन समय के अनुसार कैसा रहा और आगे कैसा रहेगा, इसे देखने पर आपको कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है इसकी जानकारी मिलती है। अगर एक कंपनी के नेट सेल्स में लगातार बढ़ोतरी हो रही है इसका मतलब है कि वह एक अच्छी वृद्धि करने वाली और मजबूत कंपनी है मतलब आपके निवेश का सही उपयोग कर आपको फायदा पहुंचा सकती है और लंबे समय में आपके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकती है।



निवेशकों को इस बात का खास ख्याल रखना चाहिए की वे नेट सेल्स के अलावा और भी फाइनेंशियल मैट्रिक्स की अच्छी तरह से जांच करें जैसे, कंपनी की ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन कैसी है, उसकी ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन और नेट प्रॉफिट मार्जिन भी। एक कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ और उसकी लाभदायकता को समझने के लिए यह मैट्रिक्स एक अच्छा इनसाइट प्रदान करते हैं।


नेट सेल्स को समझते हैं:



1.नेट सेल्स प्रॉफिट के बराबर नहीं होती:


नेट सेल्स कंपनी द्वारा उत्पन्न किया गया कुल रेवेन्यू बताता है, जो उसे उसके प्रोडक्ट्स और सर्विस की बिक्री पर और सारे खर्चों को घटाकर प्राप्त होता है, जबकि प्रॉफिट में कंपनी द्वारा अलग अलग प्रकार के खर्चों के भुगतान करने के बाद शेष बाकी रहने वाली कीमत को दर्शाता जाता है।


2.नेट सेल्स पर बहुत से फैक्टर्स का प्रभाव पड़ता है:


निवेशकों को नेट सेल्स की जांच करते समय उसको प्रभावित करने वाले करने को ध्यान में रखना चाहिए जैसे, कुछ प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की सेल्स सीजनल यानी कुछ विशेष मौसम के अनुसार होती है तो कुछ की हमेशा ही जरूरत होती है। इसे प्रभावित करने वाले कारकों में प्राइस का बदलना, प्रोडक्ट के बनाने में उपयोग किए जाने वाली चीजों में बदलाव, देश की अर्थव्यवस्था नियम में बदलाव , आदि भी शामिल होते हैं।


3.निवेशकों को जांच के लिए इसपर निर्भर नहीं रहना चाहिए:


निवेशकों को किसी भी कंपनी में निवेश करने का निर्णय लेने से पहले जांच करते वक्त उसके अन्य फाइनेंशियल मैट्रिक्स की भी जांच कर लेनी चाहिए जैसे की कंपनी में कैशफ्लो कितना है, कर्ज यानी डेब्ट कितना है, लाभ कितना कमाती है, आदि।



Net sales definition | net sales meaning in Hindi


नेट सेल्स जिसे हिंदी में शुद्ध बिक्री कहा जाता है। 


नेट सेल्स से जुड़ी विभिन्न टर्म को समझते हैं:


1.महत्वपूर्ण बिक्री (Important sales):


यह एक कंपनी के मुख्य प्रोडक्ट्स और सर्विसेस की कुल सेल्स को दर्शाता है जिसमें वह कंपनी मुख्यतः व्यवसाय करती है।


2. वार्षिक बिक्री (Annual sales):


कंपनी द्वारा एक वर्ष के समय सीमा में की गई कुल बिक्री इस खंड में शामिल होती है।


3. तिमाही बिक्री (Quarterly sales):


नाम ही की तरह, इसमें तीन महीनों के अंदर होने वाली कुल बिक्री का विवरण होता है, जिसका कंपनी द्वारा उसकी क्वार्टरली रिपोर्ट्स में विवरण दिया जाता है।


4. मासिक बिक्री (Monthly sales):


मंथली यानी हर महीने होने वाली बिक्री को कंपनी के रिपोर्ट्स में इस खंड में शामिल किया जाता है।



नेट सेल्स फॉर्मूला | Net sales formula


एक कंपनी की नेट सेल्स मतलब शुद्ध बिक्री को निकालने के लिए इस सूत्र का उपयोग किया जाता है:


शुद्ध बिक्री = सकल बिक्री - रिटर्न्स - एलाउंस - डिसकाउंट।


Net sales = Gross sales - Returns - Allowances - Discounts


जिसमें, 


ग्रॉस सेल्स यानी सकल बिक्री क्या होती है:


कंपनी द्वारा की जाने वाली कुल सेल्स से उत्पन्न होने वाले रेवेन्यू की कीमत जिसमें से अभी कुछ भी नही घटाया गया हो, वह कीमत ग्रॉस सेल्स या सकल बिक्री कहलाती है।


रिटर्न्स:


कंपनी के वह प्रोडक्ट्स या सर्विसेस जिन्हें ग्राहक द्वारा रिफंड या एक्सचेंज के लिए, वापस कर दिया गया हो, ऐसे प्रोडक्ट्स या उनकी कीमतों को रिटर्न में शामिल किया जाता है ।


एलाउंस:


एलाउंस कंपनी द्वारा अपने कस्टमर्स को दिए जाने वाले डिस्काउंट को कहा जाता है, जो खराब माल यानी डैमेज गुड्स और डिफेक्टिव प्रोडक्ट्स होने की वजह से कंपनी कस्टमर्स को देती है।


डिसकाउंट:


एक कंपनी अलग अलग प्रोडक्ट्स और सर्विसेस का प्रचार करने के लिए या विभिन्न कारणों से लोगों को उसके खरीदी मूल्य पर कुछ परसेंट या दर की छूट प्रदान करती है, जिसे डिस्काउंट कहा जाता है।


नेट सेल्स की गणना कैसे करें | How to calculate net sales 


आप कैसे एक कंपनी की नेट सेल्स की गणना कर सकते हैं, चलिए देखते और समझते हैं:


मान लीजिए एक कंपनी है XYZ Ltd. जिसकी जानकारी हमारे पास कुछ इस प्रकार है:


ग्रॉस सेल्स = ₹100,000

डिसकाउंट = ₹5,000

एलाउंस = ₹2,000

सेल्स रिटर्न = ₹1,000

अन्य लागत = ₹1,000


तो, अब हम नेट सेल्स का फॉर्मूला इस्तेमाल करते हुए इसकी गणना करेंगे,


नेट सेल्स = ग्रॉस सेल्स - डिसकाउंट - एलाउंस - सेल्स रिटर्न - अन्य लागत।


नेट सेल्स = 100,000 - 5,000 - 2,000 - 1,000 - 1,000 = 91,000


तो, कंपनी XYZ Ltd. की नेट सेल्स ₹91,000 की है।



नेट सेल्स उदाहरण | Net sales example


नेट सेल्स को उदाहरण से समझते हैं -


मान लीजिए, कंपनी ABC Ltd. की प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में कंपनी की पिछले 5 वर्ष के रिकॉर्ड को दर्शाया गया है, जिसका हम एनालिसिस करेंगे:


Net sales = 2019। 2020। 2021। 2022। 2023। In lacs 


नेट सेल्स = 56,000। 65,000। 98,000। 94,000। 120,000। 


इस जानकारी से पता चलता है कि कंपनी में लगातार वृद्धि हो रही है, हालांकि साल 2022 में पिछले साल की तुलना में कुछ कमी आई, जिसका कारण उसके मैनेजमेंट में होने वाला बदलाव था। 


तुलना करने पर यह कंपनी निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प साबित होगी, हालांकि निवेश से पहले अन्य मैट्रिक्स को भी ध्यान में रखना चाहिए और फिर उनकी भी जांच करनी चाहिए।


ग्रॉस सेल्स और नेट सेल्स में अंतर | Gross sales vs net sales


ग्रॉस सेल्स मतलब सकल बिक्री, और नेट सेल्स मतलब शुद्ध बिक्री यह दोनों ही कंपनी के रेवेन्यू को मापने के लिए उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण वित्तीय मैट्रिक्स हैं। 


हालांकि, यह दोनों एक दूसरे से भिन्न हैं, चलिए समझते हैं की दोनो में क्या अंतर हैं और कैसे इनका उपयोग किया जाता है।


Gross sales (सकल बिक्री) क्या होता है :


ग्रॉस सेल्स, जब एक कंपनी अपने सभी प्रोडक्ट्स या सर्विसेस बेचकर रेवेन्यू इकठ्ठा करती है, तो वह कुल कीमत जिसमें से किसी भी प्रकार का कोई खर्च अभी निकाला ना गया हो, उसे ग्रॉस सेल्स कहा जाता है। 


सरल भाषा में कहें तो प्रोडक्ट बेचने पर मिलने वाली पूरी रकम को ग्रॉस सेल्स कहते हैं, जबकि नेट सेल्स इस ग्रॉस सेल्स में से सभी प्रकार के एलाउंस, रिटर्न्स, डिसकाउंट को घटाने के बाद बचने वाली कीमत को शुद्ध बिक्री कहा जाता है।


एक कंपनी के इनकम स्टेटमेंट में आप ग्रॉस सेल्स सबसे ऊपर पाएंगे और नेट सेल्स सबसे आखिर में। 


अब हम जानते हैं की इनका उपयोग दो कम्पनियों की तुलना करने के लिए कैसे किया जाता है:


जब एक कंपनी का ग्रॉस सेल्स ज्यादा हो लेकिन नेट सेल्स कम हो, यह दर्शाता है की कंपनी अपने कस्टमर्स को बहुत से डिस्काउंट्स और एलाउंस दे रही है।


अगर किसी कंपनी की ग्रॉस सेल्स कम है जबकि नेट सेल्स ज्यादा है, इसका मतलब है की कंपनी की लागत कम है और सेलिंग स्ट्रेटजी बहुत बेहतर है।


अगर किसी कंपनी की ग्रॉस सेल्स लगातार बढ़ती जा रही है हालांकि उसकी नेट सेल्स लगातार गिरती जा रही है तो, यह बताता है की कंपनी या तो बहुत  प्रतिस्पर्धा झेल रही है या उसकी लागत बढ़ रही है।


शुद्ध बिक्री (नेट सेल्स) क्यों महत्त्वपूर्ण है?

 


निवेशकों के लिए किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने से पहले उस कंपनी की नेट सेल्स यानी शुद्ध बिक्री की जांच करना क्यों महत्वपूर्ण है चलिए समझते हैं:


1. नेट सेल्स किसी भी कंपनी की वित्तीय मजबूती और क्षमता को समझने में मदद करती है। उदाहरण के लिए, मान ले एक कंपनी abc है जिसकी लाभ हानि रिपोर्ट में उसकी नेट सेल्स कुछ इस प्रकार दिखाई जा रही है।

Net sales =  2020। 2021। 2022। 2023।lacs। 

Net sales =  ₹50। ₹53.5। ₹65। ₹89.96। 


तो, इससे यह पता चलता है कि कंपनी की सेल्स लगातार बढ़ रही है और कंपनी लाभदायक है, जिसमें निवेश करने पर आपको अच्छा फायदा हासिल हो सकता है।


2. नेट सेल्स कंपनी द्वारा उसके मुख्य व्यवसाय से कितना रेवेन्यू उत्पन्न किया जा रहा है, इसकी भी जानकारी देती है। कुछ कंपनीज़ ऐसी होती हैं, जिनमें मुख्य व्यवसाय में घाटा हो रहा होता है और विभिन्न स्रोतों में निवेश से आय हो रही होती है जिसकी वजह से कंपनी की बैलेंस शीट तो अच्छी दिखती है लेकिन उसमे निवेश करना जोखिमपूर्ण माना जाता है क्योंकि कंपनी का अपना व्यवसाय नहीं चल रहा है।


3.नेट सेल्स का उपयोग कंपनी द्वारा, एनालिस्ट और निवेशकों द्वारा विभिन्न महत्वपूर्ण वित्तीय मैट्रिक्स की गणना करने के लिए भी होता है, जैसे, कंपनी का ग्रॉस प्रॉफिट यानी सकल लाभ, ग्रॉस प्रॉफिट मार्जिन, आदि। निवेशकों के लिए ये मैट्रिक्स भी नेट सेल्स की ही तरह महत्वपूर्ण होते हैं एक स्टॉक की रिसर्च के लिए। 


4.नेट सेल्स एक सेक्टर की अलग अलग कंपनियों के प्रदर्शन को ट्रैक करने और उनकी तुलना करने में भी सहायक होता है। एक कंपनी के सेल्स को उसके प्रतिस्पर्धियों और बाजार से तुलना करने पर निवेशक को कंपनी के प्रदर्शन को बेहतर तरीके से समझने में मदद मिलती है। 


Net sales in share market | शेयर बाजार में नेट सेल्स का उपयोग: 


शेयर बाजार में, नेट सेल्स का उपयोग आप अपने लिए बेहतर निवेश के विकल्प को चुनने के लिए कर सकते हैं, जैसे किस कंपनी में निवेश फायदेमंद साबित होगा, चलिए इसे समझते हैं:


1.निवेश करने के लिए आपको ऐसी कंपनियों का चुनाव करना चाहिए जिनमें नेट सेल्स के लगातार बढ़ने का इतिहास बना हुआ हो। जिन कंपनियों की नेट सेल्स में लगातार बढ़त होती है, यह दर्शाता है की कंपनी अपने काम को बेहतर तरीके से कर रही है और अपने कस्टमर्स की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए प्रोडक्ट्स और सर्विसेस को उनके लिए बेहतर बनाने के प्रयास करती रहती है, इसके प्रोडक्ट्स और सर्विसेस लोगों द्वारा पसंद किए जा रहे हैं। ऐसी कंपनियां लंबे समय में बहुत लाभदायक साबित होती हैं और इसमें निवेश करना एक अच्छा फैसला माना जाता है। 


2. निवेशकों को कंपनी के नेट सेल्स के समय के अनुसार बनने वाले ट्रेंड्स पर भी ध्यान देना चाहिए, को किस तरह कंपनी की सेल्स में ग्रोथ हो रही है। मतलब यह की उसकी समय के साथ ग्रोइंग ट्रेंडलाइन है या अचानक से बढ़ी हुई नेट सेल्स दिखा रही है क्योंकि अचानक होने वाली ग्रोथ कंपनी के वित्तीय रिपोर्ट्स या  किसी अन्य प्रकार की छेड़छाड़ दर्शाता है।


3. एक कंपनी की नेट सेल्स यानी शुद्ध बिक्री पर किन किन फैक्टर्स का प्रभाव पड़ता है, यह समझना भी बहुत जरूरी है। नई अर्थव्यवस्था नीतियों, कंपनी में प्रोडक्ट के लिए उपयोग किए जाने वाला कच्चा माल और उसमे बदलाव, फिर कंपनी की मार्केटिंग और सेलिंग की रणनीतियां, इन सभी चीजों का फर्क उसकी नेट सेल्स पर पड़ता है। 


Conclusion "net sales meaning in Hindi":


नेट सेल्स मतलब शुद्ध बिक्री, यह निवेशकों के लिए किसी भी कंपनी के स्टॉक में निवेश करने के लिए उसके द्वारा किए जाने वाली रिसर्च में एक महत्वपूर्ण माप साबित होता है। नेट सेल्स को कैसे निकाला जाता है और इसका उपयोग कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझने के लिए कैसे की जा सकती है, यह जानकर निवेशक अपने लिए बेहतर निवेश विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं।


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