Stock Market prediction in Hindi
By Javed / 27 August,2023:
Stock market prediction in hindi, हम आज इस लेख के माध्यम से जान पाएंगे, बड़े निवेशक और टेक्निकल एनालिस्ट्स, बाज़ार और किसी भी कंपनी के भविष्य में बढ़ने या घटने की भविष्यवाणी किस आधार पर करते हैं। बाजार भविष्य में कैसा प्रदर्शन करेगा, यह बताने को प्रिडिक्शन कहा जाता है। प्रिडिक्शन का हिंदी में मतलब होता है भविष्यवाणी।
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| शीर्षक | stock market prediction in hindi |
| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |
| विवरण | stock market prediction in hindi |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
स्टॉक मार्केट प्रिडिक्शन क्या है | stock market prediction kya hai:
स्टॉक मार्केट प्रिडिक्शन, जब भी कोई निवेशक किसी स्टॉक में निवेश करता है तो सबसे पहले उन सेक्टर्स को देखता है, जिनकी भविष्य में अच्छी ग्रोथ की संभावना हो। फिर उस सेक्टर में अच्छी कम्पनियों के स्टॉक को ढूंढ कर, कंपनी के स्टॉक के फंडामेंटल्स की बारीकी से जांच करता है। इसके साथ ही स्टॉक की टेक्निकल रिसर्च भी करता है और यह भी देखता है की स्टॉक में किस तरह के निवेशकों की रुचि है, क्या FII, DII और म्यूचुअल फंड्स कम्पनियां भी स्टॉक में निवेश कर रहे हैं।
स्टॉक के फंडामेंटल्स और टेक्निकल्स में बहुत कुछ होता है जिनकी मदद से कंपनी के भविष्य के प्रदर्शन का अनुमान लगाया जा सकता है जिसे स्टॉक मार्केट प्रिडिक्शन कहा जाता है।
बड़े निवेशक बाज़ार की कैसे prediction करते हैं | bade niveshak bazaar ki kaise prediction karte hai:
आम निवेशक ज्यादातर न्यूज के आधार पर अपने लिए शेयर चुनते हैं या फिर किसी दोस्त या रिश्तेदार की टिप्स को फॉलो करके अपने पैसों को निवेश करते हैं। वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें बाज़ार की और फंडामेंटल्स और टेक्निकल की जरा भी जानकारी नहीं होती है, और वो किसी न्यूज़ या टिप्स के आधार पर ही जोखिम लेते हैं इसलिए ज्यादातर लोग शेयर बाजार से पैसे कमाने की जगह अपना मेहनत से कमाए और बचत किया गया धन इसमें गवां देते हैं।
1. फंडामेंटल एनालिसिस (fundamental analysis) क्या होता है:
जबकि, प्रोफेशनल निवेशक किसी न्यूज़ या टिप्स पर नहीं, बल्कि डाटा को आधार बना कर पहले कंपनी के बारे में अच्छे से रिसर्च करते हैं, कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट्स को अच्छे से समझते हैं, जैसे बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट, कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझते हैं, कंपनी किस तरह के प्रोडक्ट्स और सर्विस बेचती है, कंपनी के प्रोडक्ट की बाजार में कितनी डिमांड मतलब मांग है, कंपनी के टारगेटेड कस्टमर कौन हैं और क्या भविष्य में कंपनी के प्रोडक्ट्स की डिमांड और बढ़ेगी, इस तरह की रिसर्च को फंडामेंटल एनालिसिस कहा जाता है, जिससे एक निवेशक अनुमान लगाता है की किसी भी कंपनी के स्टॉक में भविष्य में ग्रोथ होगी।
2. टैक्निकल एनालिसिस (technical analysis) क्या होता है:
दूसरी चीज जो बड़े निवेशक किसी भी कंपनी के स्टॉक को लेने से पहले करते हैं वह है टेक्निकल एनालिसिस।
Technical analysis में कंपनी के स्टॉक के प्राइस चार्ट को एनालाइज किया जाता है। एक कंपनी जो स्टॉक मार्केट में लिस्ट हो, उसका स्टॉक प्राइस ऊपर नीचे होता रहता है।
बड़े निवेशक कभी भी ऐसी कंपनी के स्टॉक को नहीं खरीदते जो ओवर वैल्यूड मतलब अपनी उचित कीमत से ज्यादा भाव में बाजार में ट्रेड हो रहा हो या मिल रहा हो। वह ऐसे स्टॉक में निवेश करते हैं जो अपनी सही वैल्यू के आस पास हो, कभी कभी एक अच्छी कंपनी का स्टॉक अपनी वैल्यू से भी कम कीमत पर ट्रेड करता है, जिसे अंडरवैल्यूड भी कहा जाता है। बड़े निवेशक ऐसे मौके की तलाश करते हैं, वह किसी भी कंपनी में निवेश को उसके सही प्राइस पर खरीदते हैं और एक सही प्राइस पर बेचते हैं, और यह सब वे टेक्निकल एनालिसिस के माध्यम से करते हैं। वे कंपनी के प्राइस चार्ट के हिसाब से एंट्री और एग्जिट करते हैं, जिसमें वे कम प्राइस पर लेकर ज्यादा कीमत पर बेचते हैं जिससे अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं। वहीं, एक आम निवेशक जिसे टेक्निकल एनालिसिस की समझ नहीं होती जिससे वह अच्छी कंपनी के स्टॉक भी खरीदकर अपने पैसे गंवाता है, क्योंकि उनके एंट्री एग्जिट का समय बड़े निवेशकों की तुलना में उल्टा होता है मतलब आम निवेशक ज्यादा दामों पर खरीदते और कम दामों पर बेचते हैं।
बड़े निवेशक कौन होते हैं:
बड़े निवेशकों में FII, DII, म्यूचुअल फंड्स कम्पनियां शामिल होते हैं। जब आप किसी भी कंपनी के शेयर होल्डिंग पैटर्न की रिपोर्ट्स को देखेंगे तो आपको इसका डाटा मिलता है की उसमें किसकी कितने प्रतिशत की शेयर होल्डिंग्स है जैसे, FII की कितनी होल्डिंग्स हैं और DII की।
बड़े निवेशक वह होते हैं जिनका कैपिटल मतलब निवेश पूंजी या धन जिसका निवेश किया जा रहा है, बहुत बड़ा होता है। यह म्यूचुअल फंड्स कम्पनियां, FII, DII, banks और दूसरे फाइनेंशियल एंटिटीज होती हैं। इनके पास फंडामेंटल्स एनालिसिस की पूरी एक एक्सपर्ट टीम होती है साथ ही टेक्निकल एनालिसिस की टीम भी होती है, यह कंपनी के अंदर तक की खबर निकाल सकते हैं, इनके पास कैपिटल के साथ जानकारी भी ज्यादा होती है, फिर यह किसी कंपनी के स्टॉक की रिसर्च करके उसकी प्रिडिक्शन करते हैं।
Stock prediction volume और delivery:
Volume और delivery को भी देख कर स्टॉक के बढ़ने का अनुमान लगाया जाता है, लेकिन यह शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए होता है। इसका उपयोग निवेशक पोजिशनल ट्रेड, स्विंग ट्रेडिंग के लिए करते हैं। इनकी अवधि ज्यादा लंबे समय के लिए नहीं होती है। निवेशक स्टॉक के वॉल्यूम को देखता है, वॉल्यूम मतलब खरीदने और बेचने वालों की संख्या, की कितनी संख्या में लोग स्टॉक में एक्टिव हैं। स्टॉक में वॉल्यूम के डाटा से अनुमान लगाया जाता है कि स्टॉक और कितना ऊपर या नीचे जाएगा।
Delivery मतलब लोग जिस भी स्टॉक में ज्यादा रुचि दिखाते हैं तो उसे खरीदते हैं, जिससे स्टॉक में ज्यादा डिलीवरी होती है। जितनी डिलीवरी बढ़ेगी , उतनी मांग बढ़ेगी, जिससे स्टॉक का प्राइस तेजी से ऊपर जा सकता है।
चार्ट पैटर्न (Chart Pattern) क्या होता है:
हमने इस से पहले बात की थी टेक्निकल एनालिसिस की तो यह पूरा चार्ट पैटर्न को पढ़ने का ही काम है। टैक्निकल एनालिटिक्स चार्ट को पढ़ कर ही अनुमान लगाते हैं की स्टॉक के भाव में आगे क्या हो सकता है।
किसी भी कंपनी के चार्ट को आप अपने ब्रोकर के ऐप पर देख सकते हैं या trading view पर भी देख सकते हैं। लेकिन चार्ट को एक प्रोफेशनल ही पढ़ सकता है जिसे चार्ट की अच्छी समझ हो, चार्ट को पढ़ने के लिए वह प्राइस एक्शन या इंडिकेटर्स की सहायता लेता है फिर चार्ट को एनालाइज करके और दूसरे डाटा के साथ मिलाने के बाद यह अनुमान लगाते हैं, चार्ट पर क्या पैटर्न बन रहे हैं, उसके आधार पर prediction देते हैं।
stock market prediction in hindi से जुड़ी ज़रूरी बात:
दुनिया में 100% किसी की prediction सच नहीं होती है, यह बस एक प्रोसेस है जिसके माध्यम से अनुमान लगाया जा सकता है कि स्टॉक में आगे क्या हो सकता है।
हर तरह के निवेश में अपना एक रिस्क होता है, इसी तरह स्टॉक के निवेश में बहुत ज्यादा रिस्क होता है क्योंकि स्टॉक की प्राइस बहुत तेज गति से ऊपर नीचे होती है। हमारा यह लेख लिखने का उद्देश्य सिर्फ जानकारी प्रदान करना है। हम इस ब्लॉग के माध्यम से किसी भी तरह की निवेश सलाह नहीं देते हैं। किसी भी तरह के निवेश से पहले SEBI रजिस्टर्ड सलाहकार की सहायता ज़रूर लें।
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