Ek company ke pass kitna cash hona chahiye |एक कंपनी के पास कितना कैश होना चाहिए
By Javed / 25 September, 2023:
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किसी भी कंपनी के पास उसकी ज़रूरत के अनुसार पर्याप्त कैश होना चाहिए, जिससे कंपनी अपनी जरूरत के लिए 6 या 12 महीने का खर्च आसानी से चला सके, किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट में पर्याप्त कैश का होना, और कर्ज़ का नहीं होना अच्छा माना जाता है। कंपनी के पास पर्याप्त कैश का होना, कंपनी की वित्तीय स्थिति की मजबूती का संकेत होता है।
कैश तो सब की पहली पसंद होता है, पर्याप्त कैश होने के कारण कंपनी अपने रोज के खर्च को आसानी से पूरा करने में सक्षम होती है और अपने भविष्य के लक्ष्य को हासिल करने में भी कैश कंपनी के काम आता है।
कंपनी के पास पर्याप्त कैश होने से कम्पनी को कर्ज लेना नहीं पड़ता, जो उसे ब्याज की शकल में अपनी कमाई देने से बचाता है।
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| शीर्षक | Ek company ke pass kitna cash hona chahiye | एक कंपनी के पास कितना कैश होना चाहिए |
| श्रेणी | बिजनेस |
| विवरण | एक कंपनी के पास कितना कैश होना चाहिए, ज्यादा कैश होना अच्छा है या नहीं, ज्यादा कैश होने के कारण, आदि। |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
ज्यादा कैश अच्छा होता है या बुरा
जब कोई निवेशक अपने लिए कोई कंपनी की तलाश करता है तो वह कम्पनी के पास वर्तमान में कितना कैश है, यह देखता है। किसी भी कंपनी के पास कितना कैश है, यह उसकी फाइनेंशियल रिपोर्ट में मौजूद होता है, कैश से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी कंपनी के कैश फ्लो स्टेटमेंट में मौजूद होती हैं।
कंपनी के पास ज्यादा कैश होना अच्छा भी हो सकता है, और
कंपनी के पास ज्यादा कैश बुरा भी हो सकता है। यह कंपनी के बिजनेस मॉडल और कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करता है, ज्यादा कैश के अच्छे और बुरे दोनों कारण हो सकते हैं।
आगे लेख में हमने कुछ अच्छे और कुछ बुरे कारण के बारे में जानकारी दी है।
कैश इकठ्ठा करने के लिए कंपनी क्या करती हैं
कैश इकठ्ठा करने के लिए कंपनी का मैनेजमेंट बहुत अच्छे से कैश को मैनेज करता है जैसे ज्यादा कैश इकठ्ठा करने के लिए रूपय की बचत कर उससे कैश को बढ़ाया जा सके।
अपने खर्च को ट्रैक कर के कंपनी अपने खर्च को कम करती हैं जिससे ज्यादा कैश जमा किया जा सके।
कंपनी अपने कस्टमर को जो सर्विस या प्रोडक्ट बेचती हैं, उनसे वह जल्दी वो राशि वसूलती हैं, भुगतान के रूप में जो सर्विस और प्रोडक्ट खरीद कर ग्राहक कंपनी को देने वाले हैं।
कंपनी अपने पास जरूरत से ज्यादा राशि को निवेश कर के अपने लिए नए इनकम के सोर्स बनाती है, जिससे कंपनी अपने लिए और ज्यादा कैश जमा कर सके।
कंपनी अपनी लाइबिलिटी को कम करती है, अपने सारे डेट को खत्म कर के जिससे इंटरेस्ट के रूप में जो राशि खर्च हो रही है , उसे कम करके बचत को बढ़ाया जा सके।
कंपनी के पास ज्यादा कैश होना अच्छा होता है
कंपनी के पास ज्यादा कैश होना अच्छा संकेत है,अच्छा और बुरा कंपनी के काम और उसकी फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करता है। कंपनी के पास ज्यादा कैश होने की वजह क्या है, निवेशक को यह पता लगाना चाहिए, जिससे यह जाना जा सके की कैश होना अच्छा है, या नहीं हैं।
ज्यादा कैश होने के अच्छे कारण क्या हैं:
ज्यादा कैश होना एक तरह से कंपनी की मजबूत फाइनेंशियल स्थिति का संकेत होता है।
कुछ सेक्टर जैसे, सॉफ्टवेयर, सर्विस, इंटरनेट, और मीडिया से जुड़ी कंपनी के पास हमेशा ज्यादा कैश होता है, क्योंकी उन्हे अपने काम में ज्यादा कैश की जरूरत नहीं होती है।
कैपिटल इंटेसिव कंपनी को अपने जरूरत के लिए काम में आने वाली वस्तु और मशीन की समय के अनुसार जरूरत होती है इसलिए वह अपने पास ज्यादा कैश रखती हैं।
साइक्लिक कंपनी भी अपने पास ज्यादा कैश रखती है, जिससे इनके बिजनेस के उतार चढ़ाव के वजह से जरूरत के वक्त कैश का इस्तेमाल किया जा सके जिससे कंपनी को पैसे की समस्या नहीं हो।
ज्यादा कैश के बुरे कारण क्या हो सकते हैं:
कैश का ज्यादा होना, किसी कंपनी के लिए खतरे का संकेत भी हो सकता है, अगर बैलेंस शीट में पैसे की मात्रा जरूरत से ज्यादा है, तो निवेशक को पता करना चाहिए कंपनी के पास इतना कैश क्यों है, कंपनी कैश का इस्तेमाल अपने बिजनेस को बड़ा करने में क्यों नहीं कर रही है या कहीं या कोई निवेश जिससे कंपनी की एसेट बढ़े, और कंपनी अपने लिए नए इनकम के स्त्रोत क्यों नही बढ़ा रही है, जो किसी भी कंपनी के ग्रोथ के लिए अच्छा हो सकता है।
ज्यादा कैश का होने का बुरा कारण यह भी हो सकता है, कंपनी का मैनेजमेंट कैश को सही से इस्तेमाल करने में सक्षम नहीं हो, जिससे कंपनी के पास अपनी जरूरत से ज्यादा कैश जमा हो गया हो।
ज्यादा कैश होने से कम्पनी की ग्रोथ भी स्लो हो सकती है। ज्यादा कैश होने के कारण कभी कभी मैनेजमेंट कैश को सही से इस्तेमाल नहीं करते हैं और कंपनी के खर्च बढ़ने लगते हैं।
ज्यादा कैश के होने के कारण कैश को सुरक्षित रखने के लिए भी खर्च होता है,जैसे ज्यादा कर का भुगतान करना, बैंकिंग शुल्क, निवेश शुल्क और भी कई तरह के खर्च कैश को मैनेज करने के लिए कंपनी को करने पड़ सकते हैं।
अच्छा मेंजमेंट कैश का सही इस्तेमाल कैसे करता है:
अच्छा मैनजमेंट अपने जरूरी खर्च और जरूरत के हिसाब से अपने पास कैश रखता है, जो उसकी जरूरत के लिए पयाप्त हो।
अच्छा मैनेजमेंट अपनी सभी फाइनेंशियल एक्टिविटी को ट्रैक करता है, जिससे मैनेजमेंट को अपनी सभी आवक और जावक का सही अनुमान होता है , जिससे उन्हें अपने कैश को मैनेज करने में कोई समस्या नहीं होती है, और वह अपने कैश का सही उपयोग करके उससे कंपनी की ग्रोथ को बढ़ने में उपयोग करता है।
अच्छा मैनजमेंट कैश को सही से खर्च करने में सक्षम होता है, और कैश की सुरक्षा करने में भी, जिससे कंपनी को कोई वित्तिय खराब स्तिथि का सामना नहीं करना पढ़े।
अच्छा मैनजमेंट अपने कैश को सही निवेश करने में महारत हासिल होती है, जिससे कैश को एसेट में बदला जाए और एसेट से अच्छा रिटर्न भी मिले जिससे कंपनी खुद को और बड़ा कर सके।
कैश का इस्तमाल कंपनी अपने लिए आय के अन्य स्रोत बनाने के लिए भी करती है, जिससे कंपनी अपनी आय और फायदे दोनों को बढ़ा सके।
यह लेख में हमने कंपनी के पास ज्यादा कैश होने के अच्छे और बुरे दोनों कारण जाने हैं। किसी भी कंपनी की फंडामेंटल जांच में कैश फ्लो स्टेटमेंट को बारीकी से पढ़ा जाता है जिससे कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति के बारे में पता किया जा सके और कंपनी के भविष्य में ग्रोथ का अनुमान लगाया जा सके। कैशफ्लो क्या होता है, लेख पढ़ें जिससे आपको कैशफ्लो के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल हो, जिससे आपको किसी कंपनी की फाइनेंशियल रिपोर्ट पढ़ने में आसानी होगी और आप अपने लिए एक बेहतर कंपनी के स्टॉक में निवेश कर सकें।
हम इस ब्लॉग के माध्यम से बचत, निवेश, और शेयर बाज़ार से जुड़ी जानकारी लिखते रहते हैं जिससे आपकी नॉलेज बढ़े।
जरूरी बात, हमारा उद्देश्य सिर्फ जानकारी का देना है। हम इस ब्लॉग के माध्यम से कोई भी निवेश की सलाह नहीं देते हैं। किसी भी प्रकार के निवेश से पहले सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से सलाह लेना बहुत जरूरी होता है
लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद
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