Ethanol kya hai | इथेनॉल क्या है
By Javed / 02, September,2023:
Ethanol fuel जिसका उपयोग मोटर फ्यूल में गैसोलीन में बायो फ्यूल ऐडिटिव के तौर पर किया जाता है। यह बहुत से अलग अलग नेचुरल पदार्थों से बनाया जाता है जैसे, कॉर्न मतलब भुट्टा, गन्ने, और दूसरे ऐसे ही पदार्थों से। इसमें मुख्यतः इथाइल अल्कोहल पाया जाता है जो और एल्कोहलिक पेय पदार्थ में भी पाया जाता है।
FOLLOW Us On :
GOOGLE NEWS । INSTAGRAM
Join WhatsApp Channel
| शीर्षक | Ethanol kya hai | इथेनॉल क्या है |
| श्रेणी | बिजनेस |
| विवरण | Ethanol kya hai | इथेनॉल क्या है |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
इथेनॉल का उपयोग:
इथेनॉल का उपयोग बहुत प्रकार के मिक्सचर के रूप में किया जाता है जैसे, अमेरिका में ज्यादातर E10 (जिसमें 10% इथेनॉल है और 90% गैसोलीन है), E15 (जिसमें 15% इथेनॉल है और 85% गैसोलीन है), और E85 (जिसमें 51% से 83% इथेनॉल होता है), का उपयोग किया जाता है। E85 का इस्तेमाल ऐसे वाहनों में किया जाता है जिनमें किसी भी प्रकार का फ्यूल उपयोग किया जा सकता है।
इथेनॉल गैसोलीन से कई मायनों में फायदेकारक है, जैसे,
- यह एक रिन्यूएबल रिसोर्स है, जिसका मतलब होता है की इसका उत्पादन ऐसे पेड़ पौधों के उपयोग से होता है जिन्हें बार बार उगाया जाता है।
- इसके उपयोग करने पर मतलब इसे जलाने पर गैसोलीन की तुलना में बहुत कम कार्बन डाइऑक्साइड निकलती है जिससे ग्रीनहाउस पर कम प्रभाव पड़ता है।
- इसके साथ ही गैसोलीन की तुलना में इसमें अच्छी और ज्यादा ऑक्टेन रेटिंग मिलती है जिससे इंजन का प्रदर्शन बेहतर बनता है।
इथेनॉल के दुष्प्रभाव
हालांकि, इथेनॉल के उपयोग के कुछ नुकसान भी हैं जैसे,
- यह रबर, प्लास्टिक जैसे मटेरियल को खराब कर देने वाले और उनमें जंग लगा देनेवाले साबित हो सकते हैं।
- ठंडे मौसम में यह फ्यूल की इकोनॉमी को काफी निचले स्तर पर ला सकता है।
- यह गैसोलीन की तुलना में ज्यादा महंगा साबित होता है।
कुल मिलाकर, इथेनॉल का फ्यूल के रूप में उपयोग, हमारी फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करता है और हवा को दूषित होने से बचाता है। हालांकि, अभी इसमें कुछ और सुधार करने की आवश्यकता है जिससे इसका बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा सके।
Government subsidy for ethanol production in India
भारतीय सरकार ने 2025 तक पेट्रोल के साथ 20% इथेनॉल को ब्लेंड कर उपयोग करने का लक्ष्य बनाया है। ऐसा सरकार इसलिए कर रही है जिससे हमारे देश की आयात होनेवाले ऑयल पर निर्भरता कम हो और इसके साथ ही लोगों को प्रदूषण से मुक्त हवा मिल सके।
सरकार ने इथेनॉल ब्लेंडिंग का लोगों में उपयोग करने को प्रोत्साहित करने के लिए बहुत से काम किए हैं जैसे,
- इथेनॉल बनाने वाली कंपनियों को सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है।
- तेल ब्लेंड करने वाली कंपनियों के लिए, सरकार आवश्यक लक्ष्यों का निर्धारण कर रही है।
- इथेनॉल के बनाने में उपयोग होनेवाली टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रिसर्च और डेवलपमेंट में सरकार अच्छा खासा निवेश कर रही है।
आने वाले कुछ सालों में ही भारतीय इथेनॉल इंडस्ट्री से बेहतरीन ग्रोथ की उम्मीद की जा सकती है। भारतीय सरकार के अनुमान के मुताबिक इंडस्ट्री को 2025 तक 1500 करोड़ लीटर इथेनॉल का उत्पादन करना होगा जिससे सरकार द्वारा तय किया गया लक्ष्य पूरा किया जा सके।
इस क्षेत्र में अच्छी ग्रोथ होने से इथेनॉल इंडस्ट्री रूरल इकोनॉमी को बेहतर बनने में मदद करेगी साथ ही इस क्षेत्र में बहुत सी जॉब्स भी उत्पन्न होगी। इससे हमारे देश में प्रदूषण को कम करने में भी आसानी होगी।
हालांकि भारतीय सरकार द्वारा निर्धारित किया गया लक्ष्य हासिल करने में अभी भी कुछ समस्याओं का सामना करना होगा जैसे,
इथेनॉल बनाने वाले प्लांट्स की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए सही कदम उठाने की जरूरत है।
वर्तमान में मौजूद टेक्नोलॉजी से और बेहतर और असरदार इथेनॉल उत्पादन की टेक्नोलॉजी को डेवलप करने की जरूरत है।
साथ ही साथ जब इथेनॉल का उत्पादन हो तो उसकी क्वालिटी निर्धारित मापदंडों पर सही उतरना बहुत जरूरी है।
Ethanol stocks | इथेनॉल बनाने की फैक्ट्री
हमारे देश में, सबसे बड़ी और जानी मानी इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी है बजाज हिंदुस्तान लिमिटेड (BHSL)।
BHSL शक्कर और इथेनॉल बनाने का काम करती है, जिसका हेडक्वार्टर महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है।
इस कंपनी की शुरुआत सन् 1931में हुई थी और यह देश की जानी मानी चीनी उत्पादन कंपनियों में से एक है। BHSL की प्रति दिन 136,000 टन गन्ने क्रश करने की कैपेसिटी है और इसके साथ ही हर दिन 800,000 लीटर इथेनॉल को डिस्टिल करने की इसकी क्षमता है।
इथेनॉल उत्पादन के क्षेत्र में और दूसरी जानी मानी कंपनियां जो हैं,
- श्री रेणुका शुगर लिमिटेड
- बलरामपुर चीनी मिल्स लिमिटेड
- धामपुर शुगर मिल्स लिमिटेड
- EID पैरी (इंडिया) लिमिटेड
- त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड
- डालमिया भारत शुगर एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड
हमारे देश में इथेनॉल इंडस्ट्री में आने वाले समय में ग्रोथ बढ़ने के कई कारण हैं, जैसे,
सरकार का सहयोग:
जो कंपनियां इथेनॉल का उत्पादन कर रही हैं उन्हें सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जा रही है। इसके साथ ही तेल कम्पनियों के लिए सरकार द्वारा आवश्यक ब्लेंड करने के मानकों को तय किया जा रहा है।
इथेनॉल की मांग का बढ़ना:
गैसोलीन में बायोफ्यूल एडिटिव का उपयोग होने की वजह से इसकी बाजार में मांग बढ़ रही है।
उपयोगी फीडस्टॉक की आसान उपलब्धिता:
इथेनॉल बनाने के लिए उपयोग में लाए जाने वाले कच्चे माल में गन्नों और कॉर्न की खेती का उपयोग किया जाता है, जिसका हमारे देश में सरलता से उत्पादन किया जा सकता है और इसे बढ़ाया भी जा सकता है। साथ ही यह सस्ता भी होता है।
तकनीकी सुधार:
इथेनॉल के उत्पादन में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों में लगातार बेहतरी और डेवलपमेंट की वजह से यह एक सस्ता और असरदार फ्यूल के रूप में उभर रहा है।
इसके उत्पादन करने वाली कंपनियों के साथ साथ इसके फ्यूल के रूप में उपयोग से चलने वाले वाहन बनाने वाली कंपनियां भी इसके उपयोग को बढ़ावा देते हुए ऐसे वाहनों का निर्माण कर रही हैं, जिनमें कुछ प्रमुख कंपनियां भी शामिल हैं। जैसे,
महिंद्रा एंड महिंद्रा:
महिंद्रा एंड महिंद्रा एक मल्टीनेशनल वाहन बनाने वाली कंपनी है जिसका मुख्यालय महाराष्ट्र के मुंबई में स्थित है। यह कंपनी सन् 2008 से ही इथेनॉल फ्यूल से चलने वाले वाहन का उत्पादन कर रही है। महिंद्रा के इथेनॉल फ्यूल से चलने वाले वाहनों में महिंद्रा e20 प्लस और महिंद्रा इवेरिटो शामिल हैं।
टाटा मोटर्स:
टाटा मोटर्स के नाम से सभी परिचित हैं और यह कंपनी भी अपने बेहतरीन वाहनों के उत्पादन के लिए जानी जाती है। टाटा मोटर्स सन् 2012 से ही इथेनॉल फ्यूल से चलने वाले वाहनों का निर्माण कर रही है जिसमे शामिल हैं - टाटा नैनो और टाटा टिगोर ईवी।
अशोक लीलैंड:
अशोक लीलैंड जिसका मुख्यालय तमिल नाडु के चेन्नई स्टेट में स्थित है, एक प्रमुख भारतीय वाहन निर्माता कंपनी है, जो सन् 2018 से इथेनॉल फ्यूल वाहन बनाने का काम कर रही है। इसके मुख्य वाहनों में शामिल हैं - अशोक लीलैंड दोस्त इवी और अशोक लीलैंड इ - टोन।
काइनेटिक ग्रीन एनर्जी:
काइनेटिक ग्रीन एनर्जी भारतीय ऑटोमोटिव कंपनी है जिसका हेडक्वार्टर महाराष्ट्र के पुणे राज्य में स्थित है, जो 2010 से इथेनॉल वाहनों का निर्माण कर रही है। इसके मुख्य वाहनों में शामिल हैं - काइनेटिक ग्रीन रेवा और काइनेटिक ग्रीन क्यूट।
टीवीएस मोटर कंपनी:
टीवीएस मोटर कंपनी सन् 2017 से इथेनॉल वाहनों का निर्माण कर रही है। इसका हेडक्वार्टर चेन्नई, तमिल नाडु में स्थित है। इसके मुख्य वहां हैं - TVS आई क्यूब और टीवीएस स्कूटी पेप+।
भारतीय सरकार इथेनॉल निर्मित वाहनों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है जिसकी मदद से देश की आयात होने वाले तेल पर निर्भरता खत्म होगी और हवा के प्रदूषित होने से भी बचाव होगा। इसके लिए सरकार का लक्ष्य है की सन् 2030 तक सभी वाहनों की बिक्री में 10% इथेनॉल वाहनों की बिक्री हो।
कुल मिलाकर, एक निवेशक की दृष्टि से देखा जाए तो भारत में आने वाले कुछ सालों में इथेनॉल फ्यूल वाहन बाज़ार में अच्छी ग्रोथ देखने को मिल सकती है।
Ethanol FAQs:
इथेनॉल क्या काम आता है?
इथेनॉल में इथाइल अल्कोहल मुख्य रूप से मिलता है जिसका इस्तेमाल वार्निश, पॉलिश और दूसरे तरह के दवाओं के मिश्रण में, आर्टिफिशियल रंग बनाने में, पियर्स जैसे आरपार देखे जा सकने वाले साबुन बनाने में, क्लोरोफॉर्म में, खुशबूदार इत्र और परफ्यूम्स बनाने में होता है। इसके साथ ही अलग अलग प्रकार के एल्कोहलिक बेवरेजेस, एंटीसेप्टिक लिक्विड और लैब्स में भी इसका उपयोग किया जाता है।
इथेनॉल को हिंदी में क्या कहते हैं?
इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल है, जिसका इस्तेमाल अलग अलग वाहनों में पेट्रोल में मिलाकर किया जा सकता है। इसके उत्पादन के लिए गन्ने और कॉर्न जैसी फसलों का इस्तेमाल किया जाता है।
इथेनॉल क्या है और कैसे बनता है?
इथेनॉल एक प्रकार का अल्कोहल होता है जिसका उत्पादन गन्ने के रस से, मक्के से, सड़ी सब्जियों से किया जाता है। इसे बनाने के लिए शक्कर और स्टार्च को यीस्ट की मदद से फर्मेंट किया जाता है जिससे इथेनॉल मिलता है। इसका इस्तेमाल बायो फ्यूल के रूप में वाहनों में किया जाता है।
भारत में इथेनॉल कैसे बनाया जाता है?
गन्ने में पाया जाने वाला सुक्रोज, जिसके फर्मेंटेशन से इथेनॉल बनता है, इसलिए मुख्य रूप से गन्ने का उपयोग इसे बनाने के लिए किया जाता है।
सबसे पहले गन्नों से चीनी बनाई जाती है, मिलिंग - क्रश करके फिर इसके रस का उपयोग इथेनॉल बनाने में होता है डिस्टिलेशन और अन्य प्रक्रियाओं से।
गन्ने से इथेनॉल कैसे बनता है?
1. गन्ने की मिलिंग और क्रशिंग की जाती है, शक्कर बनाने के लिए।
2.जिससे गन्ने का रस अलग हो जाता है, फिर इसे फर्मेन्ट किया जाता है,
3. किण्वन प्रक्रिया से इथेनॉल बनाया जाता है।
क्या इथेनॉल पेट्रोल से बेहतर है?
बहुत से परीक्षणों से जिनमें हार्वर्ड, यूएसडीए ऊर्जा विभाग के अध्ययन में बताया गया है की यह गन्ने और मक्के से बना इथेनॉल, गैसोलीन की तुलना में ग्रीनहाउस गैस इफेक्ट को 40% - 50% कम करता है।
इथेनॉल को पेट्रोल में क्यों मिलाया जाता है?
भारत सरकार द्वारा कार्बन के उपयोग को कम करने, फॉसिल फ्यूल पर निर्भरता को कम करने के लिए और बायो फ्यूल के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम चलाया गया है जिसमें इथेनॉल का पेट्रोल में मिलाकर उपयोग किया जाना शुरू किया गया, जो E10 लक्ष्य के चलते पेट्रोल में 10% इथेनॉल मिलाकर किया गया। अब 2025 तक सरकार का लक्ष्य है 20% इथेनॉल फ्यूल वाहन उपयोग में लाने का।
पेट्रोल में एथेनॉल क्यों मिलाया जाता है?
इथेनॉल में ऑक्सीजन की मात्रा होने के कारण यह फ्यूल का बेहतर और अच्छा उपयोग करता है। वाहनों में इसका 100% इस्तेमाल करने के लिए कुछ बदलाव करने होंगे, हालांकि अभी पेट्रोल में मिलाकर इसका अच्छे तरीके से उपयोग किया जाता है।
इथेनॉल बनाने वाली कंपनी कौन कौन सी है?
बजाज हिंदुस्तान शुगर लिमिटेड, श्री रेणुका शुगर लिमिटेड भारत के सबसे बड़े चीनी उत्पादकों में से हैं।
एथनॉल पर कौन सी भारतीय कारें चल सकती हैं?
टोयोटा इनोवा जिसे लॉन्च किया फ्लेक्स फ्यूल व्हीकल के रुप में, जो 100% इथेनॉल फ्यूल के उपयोग से चलेगा। यह विश्व की पहली BS - 6, इलेक्ट्रीफाइड कर है। इसकी खासियत यह है की यह 40% बिजली जनरेट करेगी, जिसके कारण इसमें उपयोग होने वाले इथेनॉल जिसकी कीमत ₹60 प्रति लीटर होती वह घर कर ₹15 - ₹20 तक रह जाएगी।
हम इस ब्लॉग पर ऐसे ही बचत, निवेश, शेयर बाजार और बिजनेस से जुड़े लेख लिखते रहते हैं। अगर आपको पसंद आए तो ब्लॉग को सब्सक्राइब करें और गूगल न्यूज़ और इंस्टाग्राम पर फॉलो करें। साथ ही हमारे व्हाट्सऐप चैनल से नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर अभी जुड़ें।
Join WhatsApp Channel
लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद
Moneyindex.in
यह लेख भी पढ़ें: