Top line growth kya hoti hai| टॉप लाइन ग्रोथ क्या होती है

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Top line growth kya hoti hai| टॉप लाइन ग्रोथ क्या होती है


By Javed / 31 October, 2023:


टॉप लाइन ग्रोथ एक फाइनेंशियल मैट्रिक है जिसका उपयोग निवेशक किसी भी कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करते वक्त देखते हैं, जिससे कंपनी के फाइनेंशियल को समझकर कंपनी के भविष्य की ग्रोथ का अंदाजा लगाया जा सके।


टॉप लाइन ग्रोथ से किसी भी कंपनी की फाइनेंशियल ग्रोथ को बहुत अच्छे से समझा जा सकता है। टॉप लाइन ग्रोथ यह बताती है की कंपनी जो भी व्यापार कर रही है उससे कंपनी अपने बिक्री और कमाई को लगातार बढ़ने में सक्षम है या नहीं।


टॉप लाइन ग्रोथ में निवेशक यही देखते हैं की कंपनी अपनी बिक्री और कमाई हर साल या तिमाही में कितना बढ़ा पा रही है। कंपनी जो भी प्रोडक्ट या सर्विस बेच रही है, क्या उसके खरीदने वाले उसके प्रोडक्ट या सर्विस में रुचि ले रहे हैं, इस चीज का अंदाज़ा निवेशक टॉप लाइन ग्रोथ से लगाने की कोशिश करता है।


टॉप लाइन ग्रोथ दर्शाती है की कंपनी के प्रोडक्ट या सर्विस की बाजार में मांग बढ़ रही है या नहीं। अगर कंपनी अपनी बिक्री और कमाई लगातार बढ़ा रही है तो कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ अच्छी है। कंपनी लगातार ऐसा करेगी तो अच्छा मुनाफा कमाएगी, जिससे कंपनी और निवेशक दोनों को फायदा हो सकता है।


Top line growth kya hoti hai| टॉप लाइन ग्रोथ क्या होती है

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| शीर्षक | Top line growth kya hoti hai| टॉप लाइन ग्रोथ क्या होती है |

| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |

| विवरण | टॉप लाइन ग्रोथ क्या होती है , फ़ायदे , महत्त्व, फॉर्मूला, डेफिनिशन|

| वर्ष | 2023 |

| देश | भारत |



टॉप लाइन ग्रोथ के फ़ायदे:


कोई भी कंपनी अगर अपने आप को ग्रोथ की ओर ले जाना चाहती है तो वह अपने प्रतिस्पर्धी से अच्छी सर्विस या प्रोडक्ट उससे कम दाम में मार्केट में अपने ग्राहक को बेचने की कोशिश करती है।


कंपनी ऐसा इसलिए करती है क्योंकि वह अपने प्रोडक्ट और सर्विस को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेच सके और ज्यादा ग्राहकों को अपने प्रोडक्ट और सर्विस बेचकर अपना परमानेंट ग्राहक बनाने में कामयाब हो जाए, जिससे कंपनी के प्रोडक्ट की बिक्री बढ़ सके और कंपनी ज्यादा कमाई भी करे जिससे कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ फास्ट हो जाए।


टॉप लाइन ग्रोथ के लिए कंपनी क्या करती है:


1. टॉप लाइन ग्रोथ के लिए कंपनी अपने ग्राहक को नई सेवा या नया प्रोडक्ट बेचती है।


2. टॉप लाइन ग्रोथ के लिए कंपनी नए बाजार में अपने प्रोडक्ट या सर्विस को बेचने का प्रयास करती है।


3. टॉप लाइन ग्रोथ में बढ़ोतरी करने के लिए कंपनी अपने प्रोडक्ट और सर्विस के दाम को भी समय के साथ बढ़ाती है जिससे उनकी ग्रोथ होती है।


4. टॉप लाइन ग्रोथ के लिए कंपनी अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग अच्छे से करती है, वह अपनी सेल बढ़ाने के लिए विज्ञापन और स्ट्रेटजी बनाती है जिससे वह अपने प्रोडक्ट और सर्विस को ज्यादा से ज्यादा लोगों को बेचकर अपनी बिक्री और कमाई दोनों को बढ़ा ले।


टॉप लाइन ग्रोथ फॉर्मूला:


टॉप लाइन ग्रोथ फॉर्मूला बहुत सरल है, इस फॉर्मूला का इस्तेमाल बहुत आसान है, इसमें कंपनी के सालाना बिक्री और कमाई की ग्रोथ परसेंटेज की गणना की जाती है। 


टॉप लाइन ग्रोथ = वर्तमान समय की बिक्री और कमाई - पिछले समय की बिक्री और कमाई।


उदाहरण से समझें,


एक कंपनी की पिछली सेल ₹1 लाख की थी और अब वर्तमान को सेल बढ़कर ₹1 लाख 30 हज़ार हो गई है, तो अब हम टॉप लाइन ग्रोथ के फॉर्मूले का इस्तेमाल ऐसे करेंगे,


टॉप लाइन ग्रोथ फॉर्मूला = वर्तमान की सेल ₹1.30 लाख में से पिछले सेल ₹1 लाख को घटा देंगे तो, ₹30,000 की बढ़ोतरी दिखेगी। इसका मतलब कंपनी की टॉप लाइन में 30% की ग्रोथ हुई है।


( 1,30,000 - 1,00,000 = 30%)


टॉप लाइन ग्रोथ और बॉटम लाइन ग्रोथ में क्या अंतर होता है:


टॉप लाइन ग्रोथ और बॉटम लाइन ग्रोथ के बीच बहुत अंतर होता है। यह दोनों ग्रोथ को निवेशक किसी भी कंपनी के फंडामेंटल एनालिसिस करते वक्त देखते हैं। टॉप लाइन ग्रोथ सेल्स और रेवेन्यू के बारे में होती है और बॉटम लाइन ग्रोथ कंपनी की नेट इनकम और नेट प्रॉफिट के बारे में होती है।


टॉप लाइन ग्रोथ:


जब कोई भी निवेशक किसी भी कंपनी की बैलेंस शीट पढ़ता है तो वह कंपनी की सेल्स ग्रोथ और रेवेन्यू ग्रोथ को देखता है। जिससे उसे कंपनी कैसा प्रदर्शन कर रही है इसका अंदाजा होता है। अगर कंपनी लगातार अपनी सेल्स और रेवेन्यू को बढ़ा रही है तो यह टॉप लाइन ग्रोथ होगी।


बॉटम लाइन ग्रोथ:


बॉटम लाइन ग्रोथ भी इसी प्रकार है। बॉटम लाइन ग्रोथ में निवेशक कंपनी के नेट प्रॉफिट और नेट इनकम को देखता है। अगर कंपनी के प्रॉफिट लगातार बढ़ रहे हैं और इनकम भी लगातार बढ़ रही है तो यह बॉटम लाइन ग्रोथ होगी।

 

जरूरी बात टॉप लाइन ग्रोथ के बारे में,


जब भी कोई निवेशक किसी भी कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ और बॉटम लाइन ग्रोथ को देखता है तो वह इनके बीच के अंतर को समझता है और फिर निवेश करने का निर्णय लेता है।


सबसे महत्वपूर्ण बात, किसी कंपनी की टॉप लाइन ग्रोथ बहुत अच्छी हो तो जरूरी नहीं है कंपनी की बॉटम लाइन ग्रोथ भी अच्छी हो। ऐसा इसलिए क्योंकि यह कंपनी के बिजनेस मॉडल, कंपनी के मैनेजमेंट और वर्तमान समय में कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति पर निर्भर करती है।


ऐसा इसलिए कुछ कंपनियों की सेल्स और कमाई बहुत अच्छी होती है और समय के साथ उसमें बढ़ोतरी भी होती रहती है लेकिन कुछ कारण से कंपनी कमाई और प्रॉफिट नहीं कमा पाती है।


जैसे कंपनी का सालाना रेवेन्यू ₹10 लाख है लेकिन कंपनी के ऊपर कर्ज है, या उसका खर्च कमाई से ज्यादा है, मान लें, ₹11 लाख सालाना कंपनी को खर्च करना पड़ रहा है तो कंपनी को ₹1 लाख का नुकसान होगा।


टॉप लाइन ग्रोथ के साथ बॉटम लाइन ग्रोथ का होना भी बहुत जरूरी है जिससे कंपनी की ग्रोथ हो सके।


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