Financial statements analysis hindi

Money Index

Financial statements analysis hindi


By Javed / 16 November 2023:


Financial statements analysis hindi मतलब किसी भी कंपनी का वित्तीय विश्लेषण होता है। एक कंपनी चाहे किसी भी प्रकार का व्यापार करती हो वह अपने बिजनेस से जुड़े सभी वित्तीय रिकॉर्ड रखती है। कंपनी के फाइनेंशियल रिकॉर्ड में उसके वर्तमान और अतीत से जुड़ी सभी जानकारियां होती है जैसे, कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन कितना है, कंपनी कितना रेवेन्यू कमाती है, कितना खर्च कर रही है, लायबिलिटी, कंपनी के पास कितना कैश है, कितनी इक्विटी है, कितना निवेश है, जिसे एसेट कहा जाता है और कंपनी के ऊपर कितना कर्ज़ है, कंपनी जो बिजनेस कर रही है उससे वह कितनी कमाई कर रही है या अभी नुकसान में है जैसे प्रॉफिट एंड लॉस की जानकारी होती है।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट के माध्यम से निवेशक कंपनी का फाइनेंशियल एनालिसिस करते हैं जिसे पढ़कर निवेशक कंपनी की वित्तीय स्थिति को समझते हैं और कंपनी में निवेश करना है या नहीं इसका डिसीजन लेते हैं, निवेशक की भाषा में जिसे फंडामेंटल एनालिसिस कहा जाता है।


फंडामेंटल एनालिसिस किसी भी कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को एनालाइज करना होता है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट में बैलेंस शीट, कैशफ्लो और प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट शामिल होते हैं जिनका विश्लेषण निवेशक करते हैं कंपनी की फाइनेंशियल स्थिति की जांच करने के लिए।


Financial statements analysis hindi

FOLLOW Us On : 
GOOGLE NEWS  ।  INSTAGRAM


| शीर्षक | Financial statements analysis hindi |

| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |

| विवरण | Financial statements analysis hindi |


| वर्ष | 2023 |

| देश | भारत |


Uses of Financial statement hindi:


शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट से जुड़ी जानकारी कंपनी स्टॉक एक्सचेंज को हर क्वार्टर में देती है जिसे nse, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज को वेबसाइट पर देखा जा सकता है और मनीकंट्रोल और ticker.finology.in पर भी ऑनलाइन सर्च करके देखा जा सकता है। निवेशक किसी भी कंपनी से जुड़ी वित्तीय जानकारी फाइनेंशियल स्टेटमेंट को पढ़ कर ही पता लगाता है जिसे फंडामेंटल एनालिसिस कहा जाता है।


Three financial statements hindi|तीन प्रकार के फाइनेंशियल स्टेटमेंट:


फाइनेंशियल स्टेटमेंट 3 तरह के होते हैं, कैश फ्लो, बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट। इन तीन दस्तावेज में किसी भी कंपनी से जुड़ी फाइनेंशियल जानकारी होती है। कंपनी के फाइनेंशियल को अच्छे से समझने के लिए निवेशक इन दस्तावेजों का विश्लेषण करते हैं, जिसे पढ़कर निवेशक अनुमान लगाते हैं कि कंपनी अभी निवेश करने योग्य है भी या नहीं है।


प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में क्या जानकारी होती है:


प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में कंपनी की नेट सेल्स, कुल खर्च, ऑपरेटिंग प्रॉफिट, दूसरे स्त्रोतों से होने वाली आय, ब्याज, डिप्रीशिएशन, एक्सेप्शनल आइटम, कर पूर्व लाभ, कर लगाने के बाद लाभ, अर्निंग पर शेयर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी का विवरण होता है, जो कंपनी प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट के माध्यम से देती है।


बैलेंस शीट में क्या जानकारी होती है:


बैलेंस शीट में शेयर कैपिटल, टोटल रिज़र्व, उधारियां, अन्य देनदारियां, करेंट लाइबिलिटी, इक्विटी और लाइबिलिटी से जुड़ी जानकारी के साथ एसेट में नेट ब्लॉक, कैपिटल, इंटेंजिबल एसेट, इंवेस्टमेंट, लोन, एडवांस, अन्य नॉन करेंट एसेट, करेंट एसेट, कुल एसेट से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी कंपनी की बैलेंस शीट में उपलब्ध होती है।


कैश फ्लो में क्या जानकारी होती है:


कैश फ्लो में ऑपरेशन से प्राप्त प्रॉफिट, एसेट और लाइबिलिटी में आने वाले बदलाव, चुकाया गया कर्ज़, ऑपरेटिंग कैश फ्लो, इन्वेस्टिंग कैश फ्लो, फाइनेंसिंग कैश फ्लो, नेट कैश फ्लो से जुड़ी कंपनी की वित्तीय जानकारी होती है।


How to read financial statements| फाइनेंशियल स्टेटमेंट कैसे पढ़ी जाती है:


किसी भी शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट कम्पनियों खुदकी पर्सनल वेबसाइट पर, NSE, BSE की वेबसाइट पर, money control की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है। फाइनेंशियल स्टेटमेंट में बैलेंस शीट, कैश फ्लो, प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट जैसे दस्तावेज होते हैं जो ऊपर बताई गई वेबसाइट पर उपलब्ध होते हैं, वहां पढ़ा जा सकता है।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट पढ़ने के लिए भी उससे जुड़ी जानकारी व्यक्ति को होना चाहिए। फाइनेंशियल स्टेटमेंट तो आपको आसानी से मिल सकती है लेकिन फाइनेंशियल स्टेटमेंट को एनालाइज करना इतना आसान नहीं होता है इसको पढ़ने के लिए भी व्यक्ति एक्सपर्ट होना चाहिए। किसी भी प्रकार की फाइनेंशियल स्टेटमेंट को पढ़ना और उसे एनालाइज करना आम व्यक्ति की समझ से बाहर हो सकता है। इसके लिए आम निवेशक को सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से सलाह लेने को कहा जाता है। किसी भी प्रकार के निवेश में अपना जोखिम होता है।


क्या फाइनेंशियल स्टेटमेंट एनालाइज  करना सीखा जा सकता है?


अगर कोई व्यक्ति फाइनेंशियल स्टेटमेंट एनालाइज करना सीखना चाहता है तो उसे शेयर बाजार, बिजनेस और फाइनेंस से जुड़ा ज्ञान हासिल करने के लिए डिग्री, कोर्स या सेल्फ स्टडी द्वारा सीखना चाहिए। आज के इंटरनेट के जमाने में आसानी से सीखा जा सकता है। आज ऐसी बहुत सी वेबसाइट, यू ट्यूब चैनल, और ऐप्स है जहां पर इस प्रकार की जानकारी उपलब्ध होती है।


फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़ी महत्वपूर्ण बुक कौनसी है?


फंडामेंटल एनालिसिस से जुड़ी बेहतरीन बुक इंटेलिजेंट इन्वेस्टर, वन अपॉन वॉल स्ट्रीट जैसी किताबें हैं जिनसे बहुत ही अच्छी और डीप नॉलेज लेखक द्वारा दी गई है और इन किताबों के लेखक खुद भी प्रसिद्ध इन्वेस्टर है। उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभव और बेहतरीन जानकारी बुक के द्वारा लोगों को समझाने की कोशिश की है। 


Importance of financial statements| फाइनेंशियल स्टेटमेंट का महत्व:


किसी भी व्यापार में चाहे वह छोटा हो या कोई बड़ी कंपनी किसी भी व्यापार को इन महत्वपूर्ण फाइनेंशियल स्टेटमेंट की सहायता से ही चलाया जा सकता है। इनके बिना कोई बिजनेस हो, उसे चलाना नामुमकिन है। कोई व्यापार हो या कोई कंपनी का मैनेजमेंट धंधा प्रॉफिट के लिए करता है। धंधा किया जाता है और हर किसी को धन को मैनेज करने के लिए उससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी, आवक और जावक को लिखना होता है, इसी लेखा जोखा से फाइनेंशियल स्टेटमेंट तैयार होते हैं जिसकी हमने इस लेख में जानकारी दी है।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट डेफिनेशन: 


फाइनेंशियल स्टेटमेंट किसी भी व्यापार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी के दस्तावेज होते हैं जिनमें हर तीन महीने (क्वार्टरली) में कंपनी कैशफ्लो, बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लॉस जैसे स्टेटमेंट के माध्यम से कंपनी के अंदर चल रही वित्तीय जानकारी होती है। यह जानकारी निवेशकों के बहुत काम की होती है जिसके माध्यम से निवेशक कंपनी से जुड़ी वित्तीय जानकारी को पढ़ कर कंपनी निवेश करने योग्य है या नहीं यह अनुमान लगाने की कोशिश करते हैं। दस्तावेज में महत्वपूर्ण जानकारी होती है और एक्सपर्ट एनालिस्ट इसे पढ़ने में एक्सपर्ट होते हैं जो कुछ अनुपात (ratios) के माध्यम से कंपनी के डेट, इक्विटी, इनकम, रेवेन्यू और प्रॉफिट को समझने की कोशिश करते हैं और यह दस्तावेज के माध्यम से अपने लिए एक बेहतर कंपनी ढूंढने का प्रयास करते हैं जिससे वह कंपनी में निवेश करके अपने लिए अच्छे रिटर्न बना सकें।


फाइनेंशियल स्टेटमेंट में कौनसे रेश्यो महत्वपूर्ण होते हैं?


वैल्यू इन्वेस्टिंग और फंडामेंटल एनालिसिस करने में निवेशक  पी ई रेश्यो, पी बी रेश्यो, डेट टू इक्विटी रेश्यो, ROE, ROCE, जैसे अनुपात (ratios) बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं जो एक्सपर्ट एनालिस्ट फाइनेंशियल स्टेटमेंट की सहायता से देखते हैं।


जरूरी बात: 


अगर आप एक अच्छे निवेशक या बिजनेसमैन बनना चाहते हैं तो आप को फाइनेंस से जुड़े इन महत्वपूर्ण स्टेटमेंट के बारे में नॉलेज होना बहुत जरूरी है। आपको इन स्टेटमेंट को समझने का जितना ज्यादा ज्ञान होगा आप उतने अच्छे निवेशक और व्यापारी बन सकते हैं। 


अगर आपको हमारे द्वारा लिखा यह लेख अच्छा लगा हो तो आप हमे गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें और पुश नोटिफिकेशन बेल दबाकर moneyindex.in को फ़ॉलो कर लें। ऐसा करने से आपको शेयर बाजार, बचत, फाइनेंस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी मिलती रहेगी। हमारा उद्देश्य भी यह है की लोगों को ज्यादा से ज्यादा अच्छी जानकारी प्राप्त हो।


Join WhatsApp Channel

लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद

Moneyindex.in