Overvalued stock ka kya matlab hai
By Javed / 21 December, 2023:
ओवरवैल्यूड स्टॉक का क्या मतलब है, यह एक निवेशक को पता होना बहुत ही जरूरी है, बात शेयर बाजार और निवेश की है, ओवर वैल्यूड स्टॉक का मतलब अपनी वैल्यू से ज्यादा भाव पर शेयर बाजार में ट्रेड होने वाला स्टॉक जिसे ओवरवैल्यूड स्टॉक कहा जाता है।
शेयर बाजार में हर दिन स्टॉक की प्राइस घटती और बढ़ती रहती है, वह बाजार के उतार चढ़ाव के कारण होता है, बाजार में 3 तरह के ट्रेड होते हैं, डाउन ट्रेंड, अप ट्रेंड और साइड वाइज मार्केट, बाजार इन ट्रेंड के हिसाब से चलता है।
डाउन ट्रेंड मतलब मंदी का दौर, बिकवाली का दौर। बाज़ार दुनिया में हो रही विभिन्न घटनाओं पर रिएक्ट करता है, न्यूज पर रिएक्ट करता है जब बाजार के लिए कोई बुरी खबर होती है तो बाजार नीचे की ओर चलता है, जिससे सभी स्टॉक्स के प्राइस भी कम होते हैं। इसी तरह अप ट्रेंड में बाजार ऊपर की ओर चलता है जिससे स्टॉक के प्राइस बढ़ते हैं, साइडवाइज मार्केट में बाजार में ज्यादा मूवमेंट नहीं होती है।
बाजार में शेयर प्राइस नीचे ऊपर होते रहते हैं, लेकिन किसी भी स्टॉक की एक अपनी वैल्यू होती है। बाजार में हो रहे उतार चढ़ाव के कारण कभी बाजार में स्टॉक अपनी वैल्यू से ज्यादा प्राइस पर ट्रेड करता है, जिसे ओवरवैल्यूड स्टॉक कहा जाता है। लेख में हम ओवरवैल्यूड स्टॉक है कैसे पता करें, ओवरवैल्यूड स्टॉक अच्छा है या बुरा है, लेख को पूरा पढ़ने पर आपको अपने बहुत सारे सवालों के जवाब मिल जायेंगे।
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| शीर्षक | Overvalued stock ka kya matlab hai |
| श्रेणी | स्टॉक मार्केट|
| विवरण | Overvalued stock ka kya matlab hai |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
आपको कैसे पता चलेगा की स्टॉक ओवरवैल्यूड है:
अगर आपको पता करना है की स्टॉक ओवरवैल्यूड है तो आपको स्टॉक फंडामेंटल रिसर्च करनी होगी, मतलब आप को स्टॉक के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को अच्छे से पढ़ना होगा, अगर आपको यह पता करना है स्टॉक ओवरवैल्यूड है।
फाइनेंशियल रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी होती है, जो एनालिटिक्स और प्रोफेशनल निवेशक पढ़ते हैं, अगर आप को इसकी जानकारी नहीं है, तो आप इंटेलिजेंट इन्वेस्टर बुक पढ़ सकते हैं जिसमें लेखक ने बहुत अच्छे से समझाया है।
किसी भी ओवर वैल्यूड स्टॉक की पहचान के लिए आपको पहले रिपोर्ट्स की जरूरत होगी, फाइनेंशियल रिपोर्ट आप को मनीकंट्रोल, ticker finology जैसी वेबसाइट पर मिल जायेंगे।
ओवरवैल्यूड स्टॉक की पहचान के लिए स्टेटमेंट के अंदर देखी जाने वाली महत्वपूर्ण चीज़ें जैसे स्टॉक की बुक वैल्यू, pb ratio, pe ratio, ROE, कैश और एसेट का विश्लेषण करके इन्वेस्टर पता करते हैं, स्टॉक ओवरवैल्यूड है।
Moneyindex.in पर महत्वपूर्ण चीजों के बारे में लेख उपलब्ध है, फाइनेंशियल स्टेटमेंट और उसके अंदर पढ़ने वाले सही अनुपात (ratios) के बारे में को आपको स्टॉक मार्केट लेबल में मिल जाएंगे।
क्या ओवरवैल्यूड स्टॉक खरीदना अच्छा है:
ओवरवैल्यूड स्टॉक मतलब कीमत से महंगा, अच्छी कंपनी के स्टॉक ज्यादातर बाजार में ओवरवैल्यूड ही ट्रेड करते हैं। अगर आपको निवेश से जुड़ी समझ है और आप लॉन्ग टर्म विजन से किसी अच्छे फंडामेंटल वाली लार्ज कैप कंपनी के स्टॉक में निवेश कर रहे हैं तो आप को हर महीने एसआईपी करना है, तो आपके लिए अच्छा हो सकता है। क्योंकि आप एक साथ कोई बड़ा कैपिटल निवेश नहीं कर रहे हैं, हर महीने थोड़ा थोड़ा कर रहे हैं और स्टॉक का प्राइस तो ऊपर नीचे होगा लेकिन ऊपर नीचे होने की वजह से आपका निवेश प्राइस एवरेज हो जायेगा।अगर स्टॉक में 5 साल में CAGR ग्रोथ 12% भी हो तो आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
अगर स्टॉक ओवरवैल्यूड है तो क्या यह बुरा है?
इंटेलिजेंट इन्वेस्टर किताब में लेखक ने बहुत अच्छे से समझाया है, वैल्यू इन्वेस्टिंग कैसे होती है और स्टॉक को कैसे और कब खरीदना चाहिए। बड़े निवेशक कभी भी ओवरवैल्यूड स्टॉक में निवेश नहीं करते हैं। एक इंटेलिजेंट इन्वेस्टर अंडर वैल्यूड स्टॉक में निवेश करता है, जब कोई अच्छा स्टॉक अपनी वैल्यू से कम कीमत पर ट्रेड करता है।
अगर आपका कैपिटल बड़ा है तो आपके लिए ओवरवैल्यूड स्टॉक सही नहीं होगा, अगर आप किसी स्टॉक को ओवर वैल्यूड में खरीदते हैं और वह किसी कारण से 30% से 40% नीचे आ जाए तो आपका बहुत नुकसान होगा। यह बात हमने सिर्फ जानकारी के लिए लेख में लिखी है, यह कोई सलाह नहीं है, हर तरह के निवेश में अपना रिस्क होता है और बड़े निवेशक के पास अपना रिस्क मैनेजमेंट और स्ट्रेटजी होती हैं, उनके पास अपना एक्सपीरियंस होता है जिससे वह प्रॉफिट बनाते हैं।
किसी भी तरह के निवेश से पहले उसके बारे में अच्छे से रिसर्च करना चाहिए, उसकी अच्छाइयां और बुराइयां और उससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आप को निवेश से पहले ही होना चाहिए।
ओवर वैल्यूड स्टॉक कैलकुलेशन / फॉर्मूला:
ओवरवैल्यूड स्टॉक की पहचान ज्यादा pe ratio का होना, pb ratio का बढ़ना, उसकी बुक वैल्यू से 3 या 4 गुणा भाव पर बाजार में ट्रेड करना, कंपनी का ROE कम होना, ज्यादा मात्रा में शेयर होल्डिंग प्लेज होना, एसेट का कम होना, पर्याप्त कैश का कम होना, कर्ज का ज्यादा होना, इस तरह की चीजों का विश्लेषण फाइनेंशियल स्टेटमेंट में पढ़े जाते हैं जिनके माध्यम से स्टॉक ओवरवैल्यूड है या नहीं पता किया जा सकता है।
जरूरी बात:
इन सभी विषयों पर अच्छी जानकारी वाले आर्टिकल इस ब्लॉग पर आपको मिल जाएंगे, आप उन्हें पढ़कर अपनी नॉलेज ओवरवैल्यूड स्टॉक और शेयर बाजार से जुड़ी बहुत सी चीजों के बारे में बढ़ा सकते हैं।
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