Nivesh aur speculation ke beech antar kya hai| निवेश और स्पेक्युलेशन के बीच अंतर क्या है
By Javed / January, 2024:
निवेश और स्पैक्यूलेशन के बीच के अंतर को समझना एक निवेशक के लिए बहुत जरूरी है। एक निवेशक और स्पेक्युलेटर एक दूसरे से बिल्कुल अलग होते हैं। हर सामान्य निवेशक खुद को एक निवेशक के रूप में देखता है। कम शिक्षा के कारण उसे पता नहीं होता है, वह जिस तरीके से निवेश कर रहा है वह निवेश करने का सही तरीका है या वह स्पैक्यूलेशन कर रहा है।
आम भाषा में स्पैक्यूलेशन जुए के समान ही होता है इसलिए हर निवेशक को निवेश और स्पैक्यूलेशन के बीच का अंतर क्या है, यह जानना बहुत ही जरूरी है।
एक निवेशक निवेश करने से पहले निवेश की प्रक्रिया को सही से प्लान करता है। उसके धन की सुरक्षा के लिए, जो मूल राशि वह निवेश करना चाहता है, वह बिल्कुल सुरक्षित रहे और एक समुचित रिटर्न उसे कैसे प्राप्त हो, जिसके लिए वह हर चीज का विश्लेषण करता है। वह हमेशा मार्जिन सेफ्टी और रिस्क मैनेजमेंट पर अपना ध्यान लगाता है। वह अपने फैसले तथ्य और सही कैलकुलेशन पर लेता है। वह किसी अनुमान पर फैसला नहीं लेता है, वह निवेशक होता है।
एक स्पेक्युलेटर को निवेश और बाजार की बिल्कुल भी सही समझ नहीं होती है। वह किसी भी तरह का विश्लेषण नहीं करता है। उसके निवेश के फैसले अखबार की खबर, किसी को देखकर या किसी की बात सुनकर, एक अनुमान लगा कर लेता है। यह जुए के समान ही अपने धन को निवेश करता है। उसके रिटर्न और रिस्क उसकी किस्मत पर तय होते हैं, ऐसा करने वाला सट्टेबाज होता है।
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| शीर्षक | निवेश और स्पेक्युलेशन के बीच का अंतर |
| श्रेणी | इंवेस्टमेंट |
| विवरण | निवेश और स्पेक्युलेशन के बीच का अंतर |
| वर्ष | 2024 |
| देश | भारत |
बाजार में निवेश करने वाला हर व्यक्ति निवेशक नहीं होता है:
अगर कोई आम निवेशक बाजार में कोई शेयर खरीदता है, जिसे बाजार और शेयर बाजार का कोई अनुभव ही नहीं हो। उसे शेयर के बारे में कोई जानकारी नहीं हो, वह अपने लिए जो शेयर खरीद रहा है, उसका बाजार भाव अभी सस्ता है, या भाव अभी महंगा है, अभी उसे कंपनी के फाइनेंशियल स्थिति क्या है, कंपनी अपना कारोबार कैसे चला रही है और भविष्य में वह कैसा प्रदर्शन कर सकती है, उसके पास ऐसी कोई भी जरूरी जानकारी होती नहीं है। निवेशक अपने भावना के आधार पर किसी भी शेयर को खरीदने का फैसला लेता है, बस यह उम्मीद के साथ की जो शेयर अभी जिस भाव पर खरीद रहा है यह ऊपर जाएगा तो उसे मुनाफा होगा, यह निवेश नहीं है, यही स्पैक्यूलेशन है।
नवसिखिए निवेशक स्पैक्यूलेशन का शिकार होते हैं। नए निवेशक बाजार में अपने थोड़े धन को लेकर बाजार में करोड़ों कमाने की उम्मीद से आते हैं। ऐसे लोग इनफ्लूएंसर के यूट्यूब पर वीडियो देखते हैं कि शेयर बाजार में कैसे धन बनाया जाता है और जल्दी से धनवान बना जा सकता है। बस उनको लगता है कि अब उन्हें अमीर बनने का फार्मूला मिल गया है, उसके बाद में एक डीमैट अकाउंट ओपन करते हैं और अपने बैंक खाते से रुपए डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर करके लग जाते हैं ट्रेडिंग करने में। वह अपने लिए स्टॉक खरीदने लगते हैं, उन्हें कुछ भी नहीं पता होता जो वह करते हैं। बस वह अपने फैसले अपने भावनाओं और अनुमान से लेते हैं, और उनके मूलधन की सुरक्षा, उनके भाग्य के भरोसे होती है।
नवसिखिये निवेशक को मार्जिन सेफ्टी के बारे में क्या पता, वह तो बस हर दिन ट्रेड लेता है, जिससे उसे कुछ प्रतिशत लाभ मिल सके। वह कभी भी ध्यान नहीं देता है कि वह हर ट्रेड के लिए अपने ब्रोकर को कितना चार्ज देता है और ट्रेड करने पर कितने प्रकार के अलग-अलग चार्ज देने होते हैं। जो उसके कैपिटल से हर ट्रेड पर कट रहा है। निवेशक को प्रॉफिट हो या लॉस, बस उसे ट्रेड करके कुछ प्रॉफिट कमाना है जिसे स्पैक्यूलेशन ही कहा जाता है।
नवसिखिए निवेशक अच्छी कंपनी के स्टॉक खरीद कर भी लॉस करता है:
नवसिखिया निवेशक के फैसले तो भावनाओं और अनुमान पर होते हैं। वह कहीं से किसी अच्छी कंपनी के बारे में जानकारी प्राप्त करता है और अपने कैपिटल से उस कंपनी के स्टॉक को खरीद लेता है। उसे लगता है कंपनी अच्छी है अब इसका भाव और ऊपर जाएगा लेकिन उसके विपरीत होता है, अच्छी कंपनी के स्टॉक के भाव तो नीचे की ओर चलने लग सकता है। इस तरह वह अच्छे शेयर को महंगे दाम पर खरीदकर, बाद में उस को सस्ते दाम पर बेचकर अच्छे शेयर से भी घाटा कमाता है।
नव सीखिए निवेशक को बाजार कैसे काम करता है, स्टॉक को कब खरीदा जाता है, कब बेचा जाता है, अंडर वैल्यू, ओवर वैल्यू स्टॉक के बारे में उसे क्या पता। फंडामेंटल एनालिसिस, टेक्निकल एनालिसिस क्या होता है, उसे किसी चीज की कोई समझ नहीं होती है। बस उसे ट्रेड लेना है, एक भाव पर लेकर उसे थोड़े ज्यादा भाव पर बेचना है, जिससे उसे कुछ प्रतिशत लाभ हो, यही स्पैक्यूलेशन है।
शेयर बाजार में स्पैक्यूलेशन बहुत आम है:
आजकल हमारे देश भारत में कोरोना के बाद पिछले 3 सालों में डीमैट अकाउंट करोड़ों की मात्रा में लोगों द्वारा खोले गए और यह सब में ज्यादा लोग ऐसे होंगे जिन्हें शेयर बाजार से जुड़ा ज्ञान बहुत कम है और इंटरनेट और यूट्यूब पर अधूरी जानकारी के माध्यम से ज्यादा लोग स्टॉक ऑप्शन में ट्रेड कर रहे हैं। जिस कारण लोगों को नुकसान हो रहा है। सेबी के एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 90% ऑप्शन ट्रेडर लॉस कर रहे हैं।
जरूरी बात:
अगर आप निवेश करना चाहते हैं तो पहले आपको सही शिक्षा की जरूरत है। जिससे आप अपनी मेहनत से कमाए रुपए को सही जगह, सही से निवेश कर सकें। आपको सबसे पहले अपनी शिक्षा पर निवेश करना चाहिए। निवेश पर लिखी अच्छी किताबें पढ़ना चाहिए। अपने धन की सुरक्षा और एक निश्चित रिटर्न, एक इंटेलीजेंट इन्वेस्टर किस प्रकार करता है, वैल्यू इन्वेस्टिंग कैसे करता है, अपने पूरे कैपिटल को एक पोर्टफोलियो बनाकर कैसे मैनेज करता है, यह सब सीखना चाहिए। स्पैक्यूलेशन में आम निवेशक की कम समझ का बड़े स्पेक्युलेट फायदा उठाते हैं, जो एक जाल में मछली की तरह लोगों को फसाते हैं और वह लोगों को स्टॉक महंगे भाव पर खरीदने को मजबूर करते हैं और शॉर्ट सेलिंग करके स्टॉक के प्राइस को नीचे की ओर धकेल देते हैं। जिससे आम लोग स्पैक्यूलेशन करके अपना नुकसान करते हैं अपनी ना समझी की वजह से।
अमीर बनने का और बाजार से फायदा उठाने का कोई शॉर्टकट नहीं है। बाजार में निवेश करने पर हमेशा जोखिम होता है। एक अच्छा ट्रेडर रिस्क मैनेजमेंट करता है और समय के हिसाब से अपने पोर्टफोलियो में परिवर्तन करता है। जिससे उसे नुकसान नहीं हो, और अगर हो भी, तो बहुत थोड़ा। इसलिए निवेश से पहले एक अच्छे निवेशक बनें, फिर अपनी कमाई को निवेश करें। बगैर ज्ञान के आप निवेश नहीं, स्पैक्यूलेशन करते हैं, जो एक तरह से जुए सट्टे जैसा ही है, जो लोगों के नुकसान का कारण होता है। शेयर बाजार में आपको स्पैक्यूलेशन से सिर्फ सही शिक्षा बचा सकती है।
शेयर बाजार जुआ सट्टा नहीं है, यह एक बिजनेस है। लोग यहां पर अक्सर अपनी ना समझी में अपने धन से जुआ खेलते हैं, उन्हें लगता है कि वह निवेश कर रहे हैं।
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