Niveshak ko bazar ki samajh hona bahut jaruri hai

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Niveshak ko bazar ki samajh hona bahut jaruri hai

By Javed / February, 2024:


निवेशक वही होता है जिसे बाजार की अच्छी समझ होती है। वह बाजार से जुड़ी हर चीज का बहुत बारीकी से विश्लेषण करता है।


निवेशक विश्लेषण के माध्यम से बाजार के पिछले कई वर्षों का अध्ययन करके, पिछले वर्षों में आई मंदी और तेजी में, बाजार में कैसे प्रदर्शन किया जाता है। बाजार की समझ होने के कारण वह बाजार में बिक रही वस्तु की वैल्यू का आसानी से अंदाजा लगा लेता है कि अभी वस्तु महंगी है या सस्ती।


बाजार के समझ और जानकारी के कारण, बाजार में आने वाली मंदी या तेजी का भी अनुमान, समझदार निवेशक अपने अनुभव से लगाता है।


Niveshak ko bazar ki samajh hona bahut jaruri hai

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| शीर्षक | Niveshak ko bazar ki samajh hona bahut jaruri hai |

| श्रेणी | इंवेस्टमेंट |

| विवरण | निवेशक को बाजार की समझ होना बहुत जरूरी है |

| वर्ष | 2024 |

| देश | भारत |

समझदार निवेशक क्या करता है?


समझदार निवेशक कभी भी कोई डिसीजन बिना रिसर्च के नहीं लेता है। वह, हर वह जरूरी चीज को करता है, जो उसके धन की सुरक्षा के लिए जरूरी है, फिर एक रणनीति के हिसाब से कोई भी चीज करने का डिसीजन लेता है।


समझदार निवेशक किसी भी कीमत पर कोई वस्तु नहीं खरीदता है। वह कोई भी वस्तु खरीदने से पहले रिसर्च करता है और वह वस्तु को सस्ता खरीद कर बाजार में उसे अच्छे दाम पर बेचकर धन कमाता है।


समझदार निवेशक हमेशा हर चीज को प्लानिंग से करता है। वह अपनी एंट्री और एग्जिट के साथ एक लक्ष्य निर्धारित करता है। वह अपने डिसीजन लेने में, जब काम में कोई परिवर्तन करना है तो वह देरी नहीं करता है।


समझदार निवेशक लाभ लेने से ज्यादा, अपने कैपिटल को सुरक्षित करता है, काम में लगने वाले धन में भी कमी करने की कोशिश करता है, जिससे कॉस्ट कटिंग क्या कहा जाता है।


समझदार निवेशक बाजार को कैसे समझता है?


समझदार निवेशक बाजार को कैसे समझता है, इसका उदाहरण हम भारतीय बाजार के उदाहरण से समझते हैं:


शेयर बाजार हमेशा एक जैसी स्थिति में नहीं रहता है। यहां कभी तेजी, कभी मंदी होती है। तेजी और मंदी बहुत से कारणों से आती है और जाती है। बाजार दुनिया भर की तमाम घटनाओं से प्रभावित होता है। जिससे वस्तु के दाम घटते और बढ़ते हैं। मंदी के दौर में बिकवाली का दौर होता है और तेजी में लोग खूब खरीदारी करते हैं।


जब बाजार में तेजी होती है तो शेयर अपनी वैल्यू से भी ज्यादा महंगे भाव पर बिकते हैं और लोग उन्हें खरीद रहे होते हैं।


जब बाजार में मंदी मतलब गिरावट आती है, तो अच्छे शेयर भी उनकी सही वैल्यू या उससे कम कीमत पर बाजार में बिक रहे होते हैं, इसका कारण गिरावट में लोगों का बेचना है।


समझदार निवेशक को बाजार का अनुभव होता है। वह जानता है की तेजी और मंदी बाजार का एक हिस्सा है। यह हमेशा आती और जाती है। उसे कब खरीदना है और कब बेचना है, यह बात वह बहुत अच्छे से जानता है, वह एक निवेशक है स्पैकुलेटर नहीं है।


समझदार निवेशक के ट्रेड:


समझदार निवेशक लोगों, वस्तुओं और बाजार की हर घटना पर अपनी नज़रें रखता है। वह अपनी पोजीशन बनाने के लिए सबसे पहले सही सेक्टर की पहचान करता है, फिर अपने लिए उसमें कोई सस्ता सौदा ढूंढता है, रिसर्च करके और सही समय का इंतजार करता है। जब उसकी रिसर्च के अनुकूल उसे लगता है कि अब समय है खरीदने का, तो वह खरीदता है। अपने बेचने के लायक कीमत के मिलने का इंतजार करता है। जब उसका लक्ष्य हासिल हो जाता है तो वह सौदा बेच देता है। उसे कब और कैसे और कितनी वैल्यू पर खरीदना है और कब बेचना है वह बहुत अच्छे से जानता है।


इन्वेस्टिंग में सही वैल्यू पर खरीद कर, उसे सही दाम पर बेचकर मुनाफा कमाना होता है। लेकिन आप लंबी अवधि में अपने लिए संपत्ति बनाना चाहते हैं तो, आपको वैल्यू इन्वेस्टिंग जरूर सीखनी चाहिए।


अगर आप नए हैं तो, आपको बाजार में निवेश करने से ज्यादा शिक्षा की जरूरत है। हर निवेशक को पहले अपने धन की सुरक्षा करना आना चाहिए। जब वह अपना ध्यान सुरक्षित रख पाएगा, तब जाकर ही तो वह मुनाफा कमा सकता है।


जरूरी बात:


निवेश के विकल्प तो बाजार में बहुत हैं लेकिन सब में अपने जोखिम होते हैं और धनवान बनने का कोई शॉर्टकट नहीं है। निवेश में अपनी रणनीति होती है। बगैर अनुभव और शिक्षा के आप निवेश नहीं करते हैं, वह स्पैक्यूलेशन है। इसका मतलब जुआ जैसा है, बस आप अनुमान के दम पर अपने कैपिटल का जोखिम लेते हैं, कुछ प्रतिशत मुनाफा कमाने के लिए अगर अनुमान सही है तो लाभ होगा वरना नुकसान, आपको कभी भी ऐसा नहीं करना चाहिए।


अगर आपको इन्वेस्टिंग का कोई भी अनुभव नहीं है, तो आपको अच्छे वित्तीय सलाहकार की सहायता लेना चाहिए। जो सेबी रजिस्टर्ड हो और उसके बारे में भी अच्छे से रिसर्च करना चाहिए कि वह लोगों को कैसी सेवा देता है, उसकी हिस्ट्री, उसके रिव्यूज, ऑनलाइन , ऑफलाइन देख लेना चाहिए क्योंकि आजकल लोग अलग-अलग स्कैम कर रहे हैं।


अपने धन की, अपनी जरूरत और सुरक्षा के हिसाब से निवेश के विकल्प का चुनाव करना चाहिए। रिटर्न से ज्यादा कैपिटल की सुरक्षा जरूरी है। आपको एक लक्ष्य निर्धारित करके, लंबी अवधि के लिए निवेश करना चाहिए।


लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।


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