Paiso ke liye kaam karna kaisa hai| पैसों के लिए काम करना कैसा है

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Paiso ke liye kaam karna | पैसों के लिए काम करना कैसा है


By Javed / January, 2024:


दुनिया का हर व्यक्ति कुछ न कुछ काम करता है, अपने लिए रुपए पैसे कमाने के लिए। कोई मजदूरी करता है, कोई नौकरी करता है, कोई छोटा व्यापार, कोई उद्योग लगाता है। हर व्यक्ति के काम करने का मकसद पैसे कमाना होता है और पैसे से ही व्यक्ति अपनी हर जरूरत को खरीदकर पूरा कर सकता है। पैसा हर किसी की जरुरत है।


पैसों के लिए काम करना कैसा है:

रॉबर्ट कियोसकी ने अपनी किताब रिच डैड पूअर डैड में पैसों के लिए काम करने के बारे में समझाया है की लोग अपनी सारी जिंदगी सिर्फ पैसों के लिए काम करते हैं और हर दिन कड़ी मेहनत करते हैं। हर दिन, हर महीने और हर साल उन्हें काम करने के बदले में वेतन दिया जाता है। वेतन से वह अपनी सभी जरूरतों को पूरा करते हैं और वह लगातार हर दिन काम करते है, रुपए कमाते हैं और कमाए गए रुपए अपनी जरूरतों और इच्छाओं पर खर्च कर देते हैं।


लेखक समझाते हैं कैसे लोग बचपन में अपने बच्चों को स्कूल भेजते हैं और उन्हें पढ़ाते हैं, सिर्फ इसलिए की वह डॉक्टर बने, इंजीनियर बने, एडवोकेट बने या कुछ और, और अपने लिए ज्यादा धन कमा सके। एक फाइनेंशियल सिक्योरिटी हो उनके पास। अधिकतर माता पिता अपने बच्चों को पैसे कमाना और पैसों के लिए काम करना सिखा देते हैं लेकिन उन्हें खुद वित्तीय समझ नहीं होती है, तो वह अपने बच्चों को क्या सिखाएंगे। जिससे वह वह और उनके बच्चे पैसों का सही इस्तेमाल करना सीख सकें और अपने लिए और अपने बच्चों को वित्तीय स्वतंत्रता के लिए जागरूक करें, जिससे उन्हें अपना सारा जीवन सिर्फ पैसों के लिए काम करने में नहीं गुजारना पड़े।


Paiso ke liye kaam karna | पैसों के लिए काम करना

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| शीर्षक | Paiso ke liye kaam karna | पैसों के लिए काम करना |

| श्रेणी | सेविंग्स |

| विवरण | Paiso ke liye kaam karna | पैसों के लिए काम करना |

| वर्ष | 2024 |

| देश | भारत |


पैसों के लिए काम करने वालों का जीवन:

पढ़ाई: 

एक आम आदमी, अपने बच्चों को पढ़ाता है, बच्चा पढ़ाई के बाद अपने लिए एक सुरक्षित नौकरी की तलाश करता है जिसमे उसे हर महीने अच्छा वेतन दिया जाए। नौकरी मिल भी जाती है और वह हर सुबह उठकर अपने काम पर जाता है और हर महीने उसे सैलरी मिलती है। अब वह अपने सपनों की जिंदगी जीना चाहता है, इसलिए वह अपनी कमाई को हर उस चीज को खरीदने के लिए खर्च करता है जिसकी उसे इच्छा थी। उदाहरण के लिए बाइक, कार, घर, महंगे कपड़े, मोबाइल, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, डिजिटल गैजेट, महंगी घड़ी, जूते और वीकेंड पर हॉलीडे और साल में ट्रैवल मतलब घूमने फिरने पर। वह हर दिन काम करता है और सैलरी मिलने पर उसे खर्च करता है और बस इसी तरह वह अपना जीवन बिताता है।


नौकरी:

एक आम व्यक्ति का पूरा ध्यान ज्यादा कमाने पर होता है। उसे लगता है ज्यादा कमाने से पैसे की समस्या नहीं होगी। अगर समस्या है तो वह दूर हो जायेगी, इसलिए वह कड़ी मेहनत करता है, अपना ज्यादा समय, ज्यादा एनर्जी पैसा कमाने में लगाता है। उसे लगता है ऐसा करने से उसे कोई समस्या नहीं होगी और वह जो कर रहा है, सही है।


इच्छा को पूरा करना:

आज कल तो लोग अपने कमाए गए पैसों को हाथ भी नहीं लगा पाते क्योंकि सैलरी उनके अकाउंट में आती है और उन्होंने ईएमआई पर बहुत सी वस्तु अपने लिए खरीदी हैं, जिनकी किश्त हर महीने खाते से कटती है, जैसे बाइक ईएमआई, घर ईएमआई, मोबाइल ईएमआई, या और भी कोई वस्तु हो सकती है। एक फिक्स्ड तारीख़ पर सैलरी आती है और फिक्स तारीख पर ईएमआई कट जाती है।


लोग अपनी जरूरत पूरा नहीं कर पाते अपनी महीने की सैलरी से, आजकल लोगों की कमाई कम और खर्च ज्यादा होते हैं, इसी कारण लोग क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं, पर्सनल लोन लेते हैं और ज्यादा अपने खर्च को बढ़ाते हैं, जिसमे बहुत ज्यादा ब्याज का भुगतान करते हैं और खुदको समय के साथ कर्ज के जाल में फंसा लेते हैं। लोग पैसों की समस्या में जिंदगी भर उलझे रहते हैं और पैसे कमाने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और ज्यादा कमाते हैं और ज्यादा खर्च करते हैं, बस उनका जीवन एक रैट रेस में फंस कर गुजर जाता है।


बुढ़ापा:

पैसों के लिए आम व्यक्ति के पास ना ही कोई फाइनेंशियल प्लानिंग होती है ना ही कोई वित्तीय लक्ष्य, इसलिए उसके पास रिटायरमेंट प्लान भी नहीं होता है। वह जिंदगी भर पैसा कमाते हैं और खर्च करते हैं। जब उनका शरीर काम करना बंद कर देता है तो वह दूसरे लोगों पर निर्भर हो जाते हैं। अब उनके खर्च कोई और व्यक्ति चलाता है, उनके बच्चे या कोई रिश्तेदार। पैसों की समस्या तब भी थी, जब वह पैसे के लिए काम करते थे, पैसों की समस्या आज भी है जब वह बूढ़े हो गए हैं, ऐसे व्यक्ति ना ही बिमारी पर अपना सही जगह इलाज करा पाता है ना ही अपनी जिंदगी का कुछ समय अपने पसंद के काम करके, अपने पसंद की जगह घूम कर या रह कर नहीं गुजारते हैं।


ऐसा कितने लोग करते हैं:

दुनिया में 100% की आबादी में 90% लोग ऐसा ही करते हैं। वह दिन-रात पैसा कमाने के लिए काम करते हैं और पैसे कमा कर उससे अपनी हर इच्छा पूरी करते हैं। उनकी जिंदगी का कोई वित्तीय गोल नहीं होता, उनके पास वित्तीय समझ नहीं होती है और ना ही कोई फाइनेंशियल प्लैनिंग।


लोगों के पास एसेट के नाम पर अपना घर, बैंक एफडी, गोल्ड या पारिवारिक जमीन होती है। जब कोई इमरजेंसी आती है, तो लोग इन्हें भी बेचकर खर्च कर देते हैं और पूरी तरह दिवालिया हो जाते हैं। बस होती है तो उनके पास एक नौकरी, जिससे उन्हें पैसे मिलते हैं।


जरूरी बात:


पैसे के लिए काम करना तो अच्छा है, बुरा नहीं है। समस्या है, जिंदगी भर पैसों के लिए काम करना। जिंदगी भर पैसे की कमी का होना, जो हर व्यक्ति के लिए बड़ी समस्या है और लोग कम वित्तीय समझ के कारण खुद को जिंदगी भर फंसा लेते हैं और अपना पूरा जीवन पैसे कमाने के लिए काम करते हैं।


अगर आप पैसों के लिए काम करने की समस्या का समाधान करना चाहते हैं तो अपने अंदर वित्तीय समझ पैदा करें। अच्छी किताबें पढ़ें, ब्लॉग पढ़ें, जैसे आप अभी इस लेख को पढ़ रहे हैं। 


moneyindex.in पर पर्सनल फाइनेंस, सेविंग, इन्वेस्टमेंट जैसे लेबल में बहुत से महत्वपूर्ण आर्टिकल है, जो आपकी सहायता कर सकते हैं, आपके फाइनेंशियल IQ बढ़ाने में। आप जितना ज्यादा पढ़ेंगे, आपकी उतना ज्यादा जानकारी बढ़ेगी, जिससे आप भी अपने लिए बेहतर फाइनेंशियल प्लानिंग कर पाएंगे और खुद को फाइनेंशियल फ्रीडम दिला पाएंगे और आपको जिंदगी भर पैसा कमाने के लिए काम नहीं करना पड़ेगा।



लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।


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