Short term investment strategies kya hai| शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी क्या है
By Javed / 09 January, 2024:
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी क्या होती है: शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी में 3 साल या उससे कम समय के लिए निवेश और उसके रणनीति को शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी कहा जाता है।
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी स्टॉक, रियल एस्टेट, म्युचुअल फंड, बॉन्ड्स के लिए बनाई जा सकती है। इस स्ट्रेटजी में निवेशक अपने निवेश से 3 साल या उससे कम समय के लिए निवेश करता है। शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट रणनीति में निवेशक को अपने लक्ष्य को 3 साल की अवधि में पूरा करना होता है। उदाहरण के लिए, कोई व्यक्ति अपने घर के लिए डाउन पेमेंट इकट्ठा करना चाहता है या अपनी नई कार के लिए फंड तैयार करना, बच्चों की पढ़ाई के लिए फंड तैयार करना जैसे निवेश के कारण हो सकते हैं, जिसके लिए निवेशक शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करता है।
FOLLOW Us On :
| शीर्षक | शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी क्या है |
| श्रेणी | इंवेस्टमेंट |
| विवरण | शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी क्या है |
| वर्ष | 2023 |
| देश | भारत |
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी कैसे बनती है:
उदाहरण: कोई व्यक्ति है जो कहीं छोटी नौकरी करता है, जिससे उसे 25000 हर महीने सैलरी मिलती है और उसे अगले तीन साल में 5 लाख की जरूरत होगी बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी या कोई और वजह हो सकती है। अब साधारण व्यक्ति अपने रुपए को अपने बैंक के सेविंग अकाउंट में जोड़ते हैं।
वित्तीय समझ और कंपाउंड इफेक्ट:
अच्छी वित्तीय समझ वाले अपने रुपए जोड़ने के लिए, जिसकी 3 साल बाद जरूरत है, वह बैंक से ज्यादा रिटर्न वाले और कंपाउंडिंग होने वाले सुरक्षित विकल्प की तलाश करते हैं, जिसमें कम जोखिम के साथ उनका धन कंपाउंडिंग की सहायता से ज्यादा हो सकता है और वह अपने लिए एक बेहतर फंड बनाने में कामयाब हो।
निवेश के विकल्प:
अच्छे रिटर्न वाली बहुत सी सरकारी स्कीम होती हैं, जो सुरक्षित और अच्छे रिटर्न भी देती है। उदाहरण के लिए एलआईसी के प्लान, बॉन्ड्स या म्यूचुअल फंड, स्टॉक जैसे निवेश के विकल्प होते हैं। लोग अपने जोखिम और समझ के हिसाब से शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी बनाकर अपने लक्ष्य को पूरा करने का प्रयास करते हैं।
रिस्क / रिटर्न:
हर निवेश में अपना रिस्क होता है और रिटर्न होता है। आपको किसी भी तरह के निवेश से पहले निवेश के बारे में अच्छे से रिसर्च करना चाहिए।
शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट प्लान:
व्यक्ति को अगले 3 साल बाद 5 लाख रुपए चाहिए तो क्या करे:
1. सबसे पहले वह अपने लिए कोई सुरक्षित निवेश का विकल्प चुने।
2. उसके बाद वह एसआईपी कैलकुलेटर की सहायता से पता करे, उसे अपने लक्ष्य पूरा करने के लिए विकल्प में रिटर्न के हिसाब से हर महीने मंथली एसआईपी में कितना जमा करना होगा, जो उसे एसआईपी कैलकुलेटर के माध्यम से आसानी से पता चल जाएगा।
3. विकल्प के बारे में अच्छी रिसर्च के बाद वह सालाना कितनी ग्रोथ से बढ़ता है, विकल्प के रिस्क और रिटर्न को अच्छे से समझें।
4. इसके बाद एक बेहतर प्लान बनाएं, एक गोल सेट करें, बचत करके अपने चुने हुए विकल्प में आप निवेश कर सकते हैं, जिससे आप 3 साल में 5 लाख का फंड आसानी से बना सकते हैं और अपने काम को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
5. अगर आपको रुपए बहुत जरूरी है तो, आप सबसे ज्यादा ध्यान रुपए की सुरक्षा पर दें और विकल्प ऐसे चुनें जिसमें जोखिम नहीं हो और रिटर्न अच्छे हो।
6. आप को निवेश करने से पहले सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार की सहायता लेनी चाहिए। वह आपकी सहायता कर सकते हैं जिससे आपको कोई हानि नहीं हो। यह लेख का उद्देश्य आपको जानकारी देना है हम किसी भी तरह की कोई सलाह ब्लॉग के माध्यम से नहीं देते हैं।
प्रोफेशनल निवेशक शॉर्ट टर्म स्ट्रेटजी कैसे बनाते है:
प्रोफेशनल निवेशक शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी का इस्तेमाल करते हैं। उनके पोर्टफोलियो का एक साइज होता है जिसमें उनके पास लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म निवेश होते हैं। लॉन्ग टर्म वाले निवेश में 10 साल या उससे ज्यादा समय के लिए निवेश किया जाता है और शॉर्ट टर्म में वह कोई पोजिशनल ट्रेड लेते हैं जिसमें उनका एंट्री प्राइस और टारगेट प्राइस सेट होता है। बड़े निवेशक प्रोफेशनल होते हैं। उनके पास अपना एक कैपिटल होता है, वह अपने कैपिटल का कुछ प्रतिशत शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट में एक बेहतर स्ट्रेटजी के साथ निवेश करते हैं। शॉर्ट टर्म में जब निवेशक का टारगेट पूरा होता है तो वह ट्रेड से एग्जिट ले लेता है, चाहे टारगेट 1 महीने या 1 साल में पूरा हो। 3 साल के पीरियड से कम समय वाले ट्रेड को शॉर्ट टर्म इन्वेस्टमेंट कहते हैं।
शॉर्ट टर्म, मीडियम और लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजी होती है और हर निवेशक के पास अपना एक्सपीरियंस और स्ट्रेटजी होती है, जिनका इस्तेमाल करके वह शॉर्ट टर्म, लॉन्ग टर्म, मिडल टर्म के लिए कोई निवेश प्लान करते हैं। उसके बारे में अच्छी रिसर्च करते हैं, जब उन्हें लगता है कि वह निवेश करके प्रॉफिट बना लेंगे, तब वह निवेश करते हैं। अपने रिस्क मैनेजमेंट के साथ, रिस्क और रिवॉर्ड रेश्यो होता है, उनकी हर ट्रेड और निवेश में इसके हिसाब से उन्हें पहले से पता होता है की उन्हें निवेश में क्या रिटर्न मिलेगा, कितना नुकसान हो सकता है, क्योंकि हर निवेश में रिस्क होता है और कोई भी अपने अनुमान में फेल भी हो सकता है।
जरूरी बात:
हम लेख के माध्यम से आपको शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट, बचत और बिजनेस से जुड़ी जानकारी देते रहते हैं। आपके लेख पसंद आया हो तो आप व्हाट्सएप चैनल से जुड़े, चैनल को फॉलो करें, बेल दबा कर नोटिफिकेशन ऑन कर लें, जिससे आपको समय पर इन्वेस्टमेंट से जुड़ी जानकारी मिलती रहेगी और गूगल न्यूज़ पर भी हमें फॉलो करें।
अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के लोगों के साथ महत्वपूर्ण जानकारी को नीचे दिए गए शेयर बटन के माध्यम से शेयर भी करें जिससे उनकी नॉलेज भी बढ़ेगी।
लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।