Nivesh me nuksan ke mukhya karan kya hote hai

Money Index

Nivesh me nuksan ke mukhya karan kya hote hai


By Javed / February, 2024:


एक निवेशक के लिए बहुत जरूरी है, यह जानना कि नुकसान के मुख्य कारण क्या होते हैं। जिससे वह गलतियां करने से बचे और खुद को निवेश में होने वाले नुकसान से बचा सके। 


अक्सर लोग अपने लिए स्टॉक खरीदते हैं और शेयर बाजार में निवेश करते हैं। लेकिन अधिकतर लोगों को शेयर खरीदने पर नुकसान ही होता है। उनके नुकसान का कारण, उनकी की हुई गलतियों की वजह से होता है।


अक्सर लोग यह महत्वपूर्ण गलतियां करते हैं, जब वह अपने लिए निवेश कर रहे होते हैं। इस लेख में हमने वही गलतियां  आपको बताने की कोशिश की है। अगर कोई भी व्यक्ति इन गलतियों को समझ कर, ना करें, तो वह खुद को निवेश में होने वाले नुकसान से बचा सकता है।


शेयर खरीदना हो या कोई और निवेश, सबसे पहले आपको निवेश की सही समझ होना चाहिए। आप जिस जगह भी निवेश करें, पहले उसके रिस्क और रिवॉर्ड दोनों को समझना चाहिए और आपको बिल्कुल भी समझ नहीं हो, तो आपको किसी अच्छे और सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार की सलाह से निवेश करना चाहिए।


लेख में हम निवेश में नुकसान होने के मुख्य कारण के बारे में आपको जानकारी दे रहे हैं। लेख में महत्वपूर्ण बातें हैं, इसलिए लेख को पूरा पढ़ें।



FOLLOW Us On : 


| शीर्षक | Nivesh me nuksan ke mukhya karan kya hote hai |

| श्रेणी | इंवेस्टमेंट |

| विवरण | Nivesh me nuksan ke mukhya karan kya hote hai |

| वर्ष | 2024 |

| देश | भारत |


निवेश में नुकसान किन कारण से होता है?


एक निवेश में नुकसान के बहुत सारे कारण होते हैं, लेकिन एक निवेशक इन गलतियों के कारण ज्यादा नुकसान करता है। वह कारण है, इमोशनल डिसीजन, ओवरकॉन्फिडेंस, गलत समय पर खरीदना और बेचना, सही जानकारी का पता नहीं होना, भेड़ चाल चलना, निवेश से भावनात्मक चुनाव, यह मुख्य कारण हैं जिनकी वजह से एक निवेशक गलतियां करके अपना नुकसान करता है।


अगर आप एक बेहतर निवेशक बनना चाहते हैं और अपने लिए वेल्थ क्रिएशन करना चाहते हैं, तो आपको अपनी पैसों की साइकोलॉजी और माइंडसेट भी एक प्रोफेशनल निवेशक जैसे बनाना पड़ेगा। जिससे आप सही निवेश का चुनाव, समय पर सही डिसीजन लेना सीख पाएंगे, जिससे आप एक सफल निवेशक बन पाएं।


क्या गलतियां होती हैं, निवेश में नुकसान की?


1. इमोशनल डिसीजन:

जब भी कोई निवेशक सिर्फ भावना में बह कर कोई निवेश का फैसला लेता है, तब ज्यादातर उसके नुकसान की संभावना होती है, जिसे स्पैक्यूलेशन कहा जाता है, जो जुआ खेलने के जैसा है।


नया निवेशक सिर्फ भावना में डिसीजन ले लेता है। उन्हें न कोई निवेश की समझ होती है, ना ही बाजार की। बस वह दूसरों को देखकर या दूसरों की बातों को सुनकर, बिना किसी रिसर्च किये या एनालिसिस किए, रिस्क और रिवॉर्ड को समझे बगैर, बस इस उम्मीद से की "जो प्राइस पर मैं शेयर खरीद रहा हूं, उसका प्राइस बढ़ जाएगा और मुझे प्रॉफिट होगा" एक भावनात्मक फैसला लेते हैं। प्राइस ऊपर की जगह नीचे जाता है और वह अपना नुकसान करा लेते हैं।


एक अच्छा निवेशक भावना के आधार पर कोई फैसला नहीं लेता है। वह अपनी रिसर्च करता है, डाटा के हिसाब से फैसला लेता है।


2. ओवरकॉन्फिडेंट:


अक्सर चीज़ें जितनी आसान लगती हैं, उतनी होती नहीं हैं। अक्सर लोग जब बाजार में आते हैं और उन्हें थोड़ा बहुत प्रॉफिट होता है, तब उन्हें ऐसा लगता है कि अब वह सब कुछ सीख गए हैं। अब वह बाजार को हमेशा हरा देंगे और ओवर कॉन्फिडेंस में आ जाते हैं। फिर कर्ज लेकर, कहीं से लोन लेकर बड़े ट्रेड में अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन जैसे ही उन्होंने बड़ा दांव खेला, उनकी सारी स्ट्रेटजी फेल हो जाती है। अब प्रॉफिट की जगह, वे लॉस में होते हैं और खुद को समस्या में फंसा पता पाते हैं, इसकी वजह ओवर कॉन्फिडेंस है।


एक अच्छे निवेशक को यह पता होता है कि वह बाजार को नहीं हरा सकता है। इसलिए वह अपने कैपिटल का उतना हिस्सा ही लगाता है, जितना वह लॉस झेल सकता है। वह निवेश से पहले रिस्क और रिवॉर्ड दोनों का पता करता है। वह निवेश से पहले टेक्निकल एनालिसिस और फंडामेंटल एनालिसिस करता है और शेयर का प्राइस अभी सस्ता है या महंगा, उसकी सही वैल्यू पर खरीदने का जोखिम लेता है। स्टॉप लॉस के साथ, ट्रेड में एंट्री और एग्जिट पहले से तय होती है। वह ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं रहता है। उसे पता है - "यह एक बिजनेस है। मैं इतना रिस्क ले रहा हूं, इतने प्रॉफिट के लिए।"


3. गलत समय पर खरीदना और बेचना:


एक नए निवेशक को बिल्कुल भी पता नहीं होता कि स्टॉक कब खरीदना है और कब बेचना है। वह निवेश, अपने दोस्तों को देखकर या सुनकर, किसी भी कंपनी के स्टॉक को खरीद लेता है। उसे लगता है कंपनी बहुत अच्छी है, इसका स्टॉक प्राइस ऊपर जाएगा और मुझे मुनाफा होगा, यह उसकी सोच होती है।


उसे बाजार की बिल्कुल भी समझ नहीं होती है। उसे क्या पता ओवरवैल्यूड स्टॉक क्या होता है, इसलिए वह किसी भी कंपनी के स्टॉक को महंगी कीमत पर खरीद कर उसके और महंगे होने की उम्मीद करता है और जब बाजार गिरता है और उसके खरीदे स्टॉक का प्राइस नीचे आता है, तो घबराकर बेच देता है, जो नुकसान का कारण होता है, ज्यादा कीमत पर खरीद लेना और कम कीमत पर बेच देना।


एक प्रोफेशनल निदेशक हमेशा स्टॉक को कम कीमत पर खरीदता है और जब कीमत बढ़ती है, तो वह उसके ओवर वैल्यू होने पर बेचता है। इसी तरह वह अंडरवैल्यूड स्टॉक में निवेश करता है, कम दाम में लेकर, ज्यादा दाम पर बेचकर, मुनाफा वसूल करता है। वह अपने सारे फैसले डाटा के आधार पर लेता है। उसे पता होता है, कब लेना है और कब बेचना है।


4. सही जानकारी का पता नहीं होना:


नुकसान का सबसे बड़ा कारण - सही जानकारी का नहीं होना होता है। लोग अक्सर दूसरे लोगों की बातों से प्रभावित हो जाते हैं, न्यूज़ और लोगों की बातों को बगैर रिसर्च के सच मान लेते हैं और अपना नुकसान करते हैं।


एक समझदार निवेशक पहले अपनी रिसर्च करता है और पूरा विश्लेषण करने के बाद ही निवेश करता है। वह किसी को देखकर या किसी की बातों को सुनकर निवेश नहीं करता है। वह कंफर्म करता है कि जानकारी सही है या गलत, फिर सारे डाटा को एनालाइज करने के बाद अपना फैसला लेता है।


5. भेड़ चाल चलना:


अक्सर लोग दूसरे लोगों से प्रभावित होते हैं और एक दूसरे को फॉलो करते हैं जिसे भेड़ चाल कहा जाता है और यह गलतियां लोग निवेश में भी करते हैं, जो उनके नुकसान के कारण में से एक होती है।


अक्सर कोई काम किसी दूसरे को देखकर करना भेड़ चाल होता है। इस तरह दूसरे को या न्यूज़ में देखकर कि लोग कोई कंपनी के स्टॉक को बहुत खरीद रहे हैं और उसका भाव ऊपर जा रहा है, लोग उसमें निवेश कर रहे हैं, बस यह खबर के आधार पर, लोग स्टॉक को खरीद लेते हैं। कुछ दिनों बाद, जब स्टॉक का प्राइस गिरने लगता है, तो वह वही न्यूज नेगेटिव हो जाती है, जो पहले स्टॉक की सभी अच्छाइयां बता रही थी लेकिन तब बहुत देर हो जाती है। भीड़ के साथ आपका भी नुकसान हो जाता है।


एक समझदार निवेशक भेड़ चाल नहीं चलता है, वह अपना रास्ता खुद बनाता है। वह अपने वित्तिय फैसले खुद लेता है, या फिर यह काम अपने वित्तीय सलाहकार से करवाता है। वह सही डिसीजन लेने में, अपनी भावना पर कंट्रोल करने में और निवेश से जुड़ी हर चीज में अपना नज़रिया सही रिसर्च और डाटा के हिसाब से बनाता है और सही जगह बोवेश करके प्रॉफिट बनाता है।


जरूरी बात:


कौनसी गलतियां जो एक निवेशक करता है और क्या कारण होते हैं निवेश में नुकसान के, जो निवेशक को नहीं करना चाहिए, लेख के माध्यम से हमने आपको जानकारी देने की कोशिश की है।


यह साफ कुछ गलतियां हैं, जो हमने आपको बताई हैं। निवेश में ऐसी बहुत सी अनगिनत गलतियां हो सकती हैं, लेकिन सबसे ज्यादा लोग यह मुख्य गलतियां करके अपना नुकसान करते हैं।


निवेश से पहले, आपको निवेश की समझ है, तो पहले अच्छे से रिसर्च करें, फिर फैसला लें। अगर आपको निवेश की कोई समझ नहीं है तो पहले एक अच्छे और सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार की तलाश करें।


हम आपके लिए moneyindex.in पर निवेश, शेयर बाजार, बिजनेस और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी लिखते हैं, इसलिए ब्लॉग को गूगल न्यूज़, व्हाट्सऐप चैनल और इंस्टाग्राम पर फ़ॉलो करें।


लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।



Tags