Market crash: मार्केट क्रैश होने पर, किसे होता है सबसे ज्यादा नुकसान
By Javed / March, 2024:
भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट आई है, जिसके कारण स्मॉल कैप, मिड कैप कंपनी के शेयर पर इसका असर दिखा है। इन शेयर में गिरावट का सबसे बड़ा कारण है - यह स्टॉक ओवरवैल्यूड हो गए थे।
सेबी ने बीते कुछ दिन पहले ही, म्युचुअल फंड कंपनी को एक डिस्क्लोजर जारी करने को कहा था। जिसमें म्युचुअल फंड कंपनी को निवेशक को कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने के निर्देश दिए गए थे।
पिछले कुछ सालों से निवेशकों ने अपना निवेश स्मॉल कैप और मिड कैप शेयर में ज्यादा किया है। जिसके चलते छोटी कंपनी के शेयर ओवर वैल्यूड हो गए थे। अब बाजार गिरने से ऐसी कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट हुई है।
गिरावट के कारण बाजार में निवेशकों के करोड़ों रुपए डूब चुके हैं। लोग अपने पोर्टफोलियो में गिरावट या नुकसान देखकर परेशान हो रहे हैं।
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| शीर्षक | Market crash:मार्केट क्रैश होने पर, किसे होता है सबसे ज्यादा नुकसान |
| श्रेणी | स्टॉक मार्केट |
| विवरण | Market crash:मार्केट क्रैश होने पर, किसे होता है सबसे ज्यादा नुकसान |
| वर्ष | 2024 |
| देश | भारत |
ऐसी स्थिति में निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार में गिरावट तो होती रहती है, जिसके कारण शेयर के प्राइस कम या ज्यादा होते हैं। ऐसी गिरावट में आपके पोर्टफोलियो में नुकसान दिख रहा है और आप परेशान हैं, तो आपको जल्दी बाजी में कोई फैसला नहीं लेना चाहिए।
सबसे पहले अपने पोर्टफोलियो की सभी कंपनियों के बारे में अच्छे से विश्लेषण करें। आपको नहीं आता है तो सेबी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार की सहायता लें और जो बेकार फंडामेंटल और पैनी कंपनी हैं, उनकी पहचान कर अपने वित्तीय सलाहकार की राय से, ऐसी कंपनी से एग्जिट कर लें।
मार्केट क्रैश होने पर नुकसान होने के कारण क्या होते हैं?
लोग आजकल सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से शेयर बाजार के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। लोगों को लगता है शेयर बाजार से पैसा बनाना बिल्कुल आसान है और आजकल डिजिटल दुनिया है, शेयर बाजार में निवेश करना और ट्रेडिंग करना बिल्कुल आसान है।
कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है, उसके पास स्मार्टफोन और इंटरनेट कनेक्शन है, वह अपने फोन से प्ले स्टोर से जिरोधा का काइट एप्लीकेशन, एंजेल वन, 5 पैसा, ग्रो ऐप जैसे अलग-अलग ब्रोकर के ऐप हैं, जिन्हे डाउनलोड करके जरूरी दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक पासबुक के माध्यम से 10 मिनट में अपना डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट खोल सकता है और शेयर बाजार में निवेश कर सकता है।
लोग डीमैट ट्रेडिंग अकाउंट ओपन करके, बिना किसी निजी अनुभव के, सोशल मीडिया या न्यूज़ के आधार पर, अपनी मेहनत की कमाई शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं। उन्हें लगता है जो कंपनी के शेयर उन्होंने खरीदे हैं, वह उन्हें रातों-रात अमीर बना देंगे। लेकिन जब बाजार गिरता है, तो उनका शेयर 20% - 30% या इससे भी ज्यादा नीचे आ जाता है और वह शेयर को बेचकर घाटा बुक कर लेते हैं।
इस तरह के निवेश को स्पैक्यूलेशन कहा जाता है, जो जुए के समान होता है। जिसमें ना कोई विश्लेषण, ना कोई अनुभव, न कोई नॉलेज होता है, बस किसी को देखकर या किसी की सूचना के आधार पर, शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। यह बहुत खतरनाक होता है, जो नुकसान का कारण होता है।
शुरुआत में निवेशक को क्या करना चाहिए?
अगर आपको शेयर बाजार और निवेश के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, तो आपको सबसे पहले से भी रजिस्टर्ड वित्तीय सलाहकार से अपनी जरूरत, कमाई और अपने लक्ष्य के हिसाब से, शेयर बाजार में निवेश करना चाहिए।
जहां जोखिम कम हो, ऐसे निवेश के विकल्प का चुनाव बहुत जरूरी है। अच्छा वित्तीय सलाहकार आपको अपने रुपए को सुरक्षित जगह निवेश करने की सलाह देगा और लंबी अवधि के लिए।
नए निवेशक है, तो वह आपको इंडेक्स फंड, डेप्ट फंड, बांड्स , ईटीएफ जैसे विकल्प के बारे में जानकारी दे सकता है। जहां आपका पैसा बाजार में निवेश तो होगा, लेकिन मिड कैप, स्माल कैप, पेनी स्टॉक जैसी जगह से ज्यादा सुरक्षित होगा।
अगर आप अपने रुपए को सुरक्षित और सही जगह निवेश करते हैं, तो बाजार में होने वाली गिरावट का असर आपके पोर्टफोलियो में कम दिखता है और आपका पैसा सुरक्षित जगह निवेश हो रहा है, तो आपको अपना पैसा खोने की ज्यादा चिंता नहीं रहती है।
अच्छा वित्तीय सलाहकार आपके पोर्टफोलियो को ऐसे डिजाइन करता है, जिससे आपके रिस्क और रिवॉर्ड को मैनेज किया जा सके।
अच्छे निवेश विकल्प में, लंबी अवधि में, कम रिटर्न पर भी आपके पोर्टफोलियो से अच्छे रिजल्ट मिलने की उम्मीद होती है।
जरूरी बात:
शेयर बाजार कभी एक दिशा में काम नहीं करता है। कभी इसमें तेजी होती है, कभी मंदी होती है। कभी बाजार एक दिशा में भी चलता है। यह सब दुनिया भर की विभिन्न तरह की घटनाओं का असर, शेयर बाजार पर पड़ता है। एक खराब न्यूज़ पर दुनिया भर के बाजार, एक दिन में क्रैश हो जाते हैं। जिसके कारण कंपनी के शेयर प्राइस गिरने लगते हैं।
एक प्रोफेशनल निवेशक को बाजार और निवेश से जुड़ा ज्ञान होता है और वह अपना रिस्क पहले मैनेज करके चलता है। बाजार गिरने पर प्रोफेशनल निवेशक घबराते नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि उसे अनुभव होता है और वह किसी भी कंपनी में निवेश करने से पहले, कंपनी के बारे में अच्छी रिसर्च करता है, उसके धंधे को और कंपनी के मैनेजमेंट को जानकर, फिर निवेश का डिसीजन लेता है।
किसी भी स्टॉक में निवेश करने से पहले उसके फंडामेंटल एनालिसिस करना भी बहुत जरूरी होता है। प्रोफेशनल निवेशक कंपनी के फाइनेंशियल स्टेटमेंट को अच्छे से पढ़ता है। जिससे उसे पता चले, जिस कंपनी में वह निवेश करना चाहता है, उसका स्टॉक प्राइस, बाजार भाव के हिसाब से, अभी सस्ता है या महंगा। प्रोफेशनल निवेशक हमेशा सस्ता प्राइस पर खरीदता है और प्राइस बढ़ने पर बेचता है, जिससे वह प्रॉफिट कमाता है।
निवेशक कैसे पता करता है:
स्टॉक फंडामेंटल एनालिसिस में कुछ महत्वपूर्ण रेश्यो होते हैं जैसे पी ई रेश्यो, पी बी रेश्यो, बुक वैल्यू, डेप्ट इक्विटी रेश्यो जैसे अनुपात से शेयर प्राइस सस्ता या महंगा है, यह अनुमान लगाने की कोशिश की जाती है। यह सब रेश्यो पर इस ब्लॉग में आर्टिकल हैं, आप लिंक से जाकर पढ़ सकते हैं।
लेख पढ़ने के लिए धन्यवाद।